पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर पानी और संसाधनों को लेकर केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि BBMB को दी जा रही रकम का अब ऑडिट कराया जाएगा, क्योंकि यह बोर्ड राज्य के हिस्से के जल संसाधनों का अनुचित इस्तेमाल कर रहा है। मान ने तीखे लहजे में पूछा, “जब BBMB हमारे ही पानी पर डाका डाल रहा है, तो हम उन्हें पैसे क्यों दें?” मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पंजाब को मिलने वाली ग्रामीण विकास निधि (RDF) की राशि रोक दी गई है, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस निर्णय को “पंजाब विरोधी साजिश” करार दिया। जानें क्या है विवाद BBMB यानी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को जल और ऊर्जा आवंटित करता है। यह बोर्ड भाखड़ा नांगल बांध, पोंग डैम, और ब्यास-सतलुज लिंक (BSL) जैसी परियोजनाओं को संचालित करता है। BBMB का गठन 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद हुआ था, जब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। मुख्य विवाद इस बात को लेकर है कि – मुख्यमंत्री मान ने इस मुद्दे को राज्य की “जल-आधारित संप्रभुता” से जोड़ते हुए कहा कि पंजाब अब अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि BBMB का संचालन अगर पारदर्शी और निष्पक्ष नहीं होता, तो पंजाब को दिए गए धन और संसाधनों की पूरी फोरेंसिक ऑडिट कराई जाएगी। विवाद ले चुका है राजनीति रंग यह मुद्दा केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। इससे पहले भी शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस की पंजाब इकाई ने BBMB को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन भगवंत मान की सरकार इसे एक “राज्य के अधिकार बनाम केंद्र के नियंत्रण” की लड़ाई बता रही है। इससे पंजाब और केंद्र के बीच पहले से चले आ रहे फेडरल स्ट्रक्चर पर टकराव और तेज हो सकते हैं। मुख्यमंत्री मान ने साफ किया कि अगर केंद्र और BBMB ने पंजाब के हक में सुधार नहीं किया, तो सरकार इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट और संसद तक ले जाएगी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर पानी और संसाधनों को लेकर केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि BBMB को दी जा रही रकम का अब ऑडिट कराया जाएगा, क्योंकि यह बोर्ड राज्य के हिस्से के जल संसाधनों का अनुचित इस्तेमाल कर रहा है। मान ने तीखे लहजे में पूछा, “जब BBMB हमारे ही पानी पर डाका डाल रहा है, तो हम उन्हें पैसे क्यों दें?” मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पंजाब को मिलने वाली ग्रामीण विकास निधि (RDF) की राशि रोक दी गई है, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस निर्णय को “पंजाब विरोधी साजिश” करार दिया। जानें क्या है विवाद BBMB यानी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को जल और ऊर्जा आवंटित करता है। यह बोर्ड भाखड़ा नांगल बांध, पोंग डैम, और ब्यास-सतलुज लिंक (BSL) जैसी परियोजनाओं को संचालित करता है। BBMB का गठन 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद हुआ था, जब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। मुख्य विवाद इस बात को लेकर है कि – मुख्यमंत्री मान ने इस मुद्दे को राज्य की “जल-आधारित संप्रभुता” से जोड़ते हुए कहा कि पंजाब अब अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि BBMB का संचालन अगर पारदर्शी और निष्पक्ष नहीं होता, तो पंजाब को दिए गए धन और संसाधनों की पूरी फोरेंसिक ऑडिट कराई जाएगी। विवाद ले चुका है राजनीति रंग यह मुद्दा केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले चुका है। इससे पहले भी शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस की पंजाब इकाई ने BBMB को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन भगवंत मान की सरकार इसे एक “राज्य के अधिकार बनाम केंद्र के नियंत्रण” की लड़ाई बता रही है। इससे पंजाब और केंद्र के बीच पहले से चले आ रहे फेडरल स्ट्रक्चर पर टकराव और तेज हो सकते हैं। मुख्यमंत्री मान ने साफ किया कि अगर केंद्र और BBMB ने पंजाब के हक में सुधार नहीं किया, तो सरकार इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट और संसद तक ले जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
