शिमला में तीन दिन बाद सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म:महापौर ने वेतन वृद्धि का दिया आश्वासन, कल से काम पर लौटेंगे कर्मचारी

शिमला में तीन दिन बाद सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म:महापौर ने वेतन वृद्धि का दिया आश्वासन, कल से काम पर लौटेंगे कर्मचारी

शिमला में तीन दिनों से चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। सैहब सोसायटी के कर्मचारी कल से काम पर लौट रहे हैं। यह निर्णय शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान के आश्वासन के बाद लिया गया। दरअसल, कर्मचारियों के वेतन में हर साल 10 फीसदी वृद्धि होती है। लेकिन नगर निगम ने इस साल वृद्धि नहीं की थी, जिसके बाद कर्मचारी सालाना वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर थे और शहर में तीन दिनों से कूड़ा नही उठ रहा था। रविवार कर्मचारियों ने महापौर सुरेंद्र चौहान से मुलाकात की। महापौर ने उनकी मांग जल्द पूरी करने का वादा किया है। उन्होंने बताया कर्मचारियों को बताया कि नगर निगम सफाई कर्मचारियों के हित में काम कर रहा है। निगम ने पहले ही कर्मचारियों के ग्रुप इंश्योरेंस का प्रस्ताव हाउस में पास कर दिया है और इस विषय में भी जल्द ही फैसला किया जाएगा। हड़ताल के दिनों का वेतन देने की मांग
वहीं मंजूर संगठन CITU के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मैहरा ने कमिश्नर पर तानाशाही का आरोप लगाया है। उन्होंने हड़ताल के दिनों का वेतन देने की मांग की है। साथ ही सैहब सोसायटी के कर्मचारियों को नियमित करने और समान काम के लिए समान वेतन की मांग भी रखी है। मैहरा ने QR कोड से हाजिरी लगाने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एक कर्मचारी तीन गुना काम कर रहा है। नियम के अनुसार दो साल बाद सैहब में नियमित होने का प्रावधान है। लेकिन कई कर्मचारी 8-10 साल से आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं। कर्मचारी संगठन ने ESI (भारतीय कर्मचारी राज्य बीमा योजना) लागू करने की मांग भी की है। शिमला में तीन दिनों से चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। सैहब सोसायटी के कर्मचारी कल से काम पर लौट रहे हैं। यह निर्णय शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान के आश्वासन के बाद लिया गया। दरअसल, कर्मचारियों के वेतन में हर साल 10 फीसदी वृद्धि होती है। लेकिन नगर निगम ने इस साल वृद्धि नहीं की थी, जिसके बाद कर्मचारी सालाना वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर थे और शहर में तीन दिनों से कूड़ा नही उठ रहा था। रविवार कर्मचारियों ने महापौर सुरेंद्र चौहान से मुलाकात की। महापौर ने उनकी मांग जल्द पूरी करने का वादा किया है। उन्होंने बताया कर्मचारियों को बताया कि नगर निगम सफाई कर्मचारियों के हित में काम कर रहा है। निगम ने पहले ही कर्मचारियों के ग्रुप इंश्योरेंस का प्रस्ताव हाउस में पास कर दिया है और इस विषय में भी जल्द ही फैसला किया जाएगा। हड़ताल के दिनों का वेतन देने की मांग
वहीं मंजूर संगठन CITU के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मैहरा ने कमिश्नर पर तानाशाही का आरोप लगाया है। उन्होंने हड़ताल के दिनों का वेतन देने की मांग की है। साथ ही सैहब सोसायटी के कर्मचारियों को नियमित करने और समान काम के लिए समान वेतन की मांग भी रखी है। मैहरा ने QR कोड से हाजिरी लगाने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एक कर्मचारी तीन गुना काम कर रहा है। नियम के अनुसार दो साल बाद सैहब में नियमित होने का प्रावधान है। लेकिन कई कर्मचारी 8-10 साल से आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं। कर्मचारी संगठन ने ESI (भारतीय कर्मचारी राज्य बीमा योजना) लागू करने की मांग भी की है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर