संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पांच मार्च से चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एसकेएम के नेताओं के साथ बैठक बुलाई है। यह बैठक शाम चार बजे पंजाब भवन में होगी, जिसमें किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। हालांकि किसान दोपहर 12 बजे तक चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में एकत्र होंगे, जिसके बाद वे शाम को मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रवाना होंगे। यदि बैठक में मांगों पर सहमति बनती है, तो किसान अपने संघर्ष की आगे की रणनीति में बदलाव का ऐलान मीटिंग के बाद करेंगे। मीटिंग में मुख्य रूप से रहेंगे तीन प्वाइंट रहेंगे – सरकार से मीटिंग के लिए किसानों ने कुल 17 मांगें अपनी सूची में शामिल की हैं। इसमें 13 मांगें वह जो सरकार पहले ही पूरा करने के आश्वासन दे चुकी हैं। इन मांगों में किसानों की मांगों को लेकर सरकार और किसानों की सब कमेटी बनाना, सरकारी विभागों की तर्ज पर किसानों के नाबार्ड कर्ज को लेकर वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू करना, सरहंद फीडर नहर पर लगी मोटरों का बिल 1 जनवरी 2023 से माफ हो, गांवों में जाकर जनवरी 2024 से 13 अप्रैल 2024 तक केस रहित जमीन की तकसीम ,आवारा पशुओं और कुत्तों को लेकर लेकर सरकार हल निकालेगी। जानवरों के फसलों के नुकसान को रोकने के लिए किसानों को राइफल का लाइसेंस मुद्दा, बिजली के प्री पेड मीटर इश्यू, किसानों को नैनो पैंकिंग और अन्य उत्पाद जबरी देने पर रोक, बाढ़ से गन्ने की फसल को हुए मुआवजे की भरपाई, सहकारी सभाओं में नए खाते खोलने की पाबंदी हटाने, आबादकार और गन्ना काश्तकारों की मांगों को लेकर सब कमेटी बनाने, पंजाब सरकार पारित जल शोध अधिनियम व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शामिल है। शंभू-खनौरी मोर्चा महापंचायतों की तैयारी में पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी मोर्चों पर किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज सोमवार को 98वें दिन में प्रवेश कर गया है। उनके अनशन के 100 दिन पूरे होने पर, पांच मार्च को खनौरी बॉर्डर पर 101 किसान एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस बीच, मार्च में पूरे देश में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत का शेड्यूल भी आज तय किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन बैठक रखी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने आठ मार्च को महिला किसान पंचायत आयोजित करने का भी ऐलान किया है। फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा मिले हाल ही में हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खासतौर पर, पंजाब के अमृतसर, हरियाणा के अंबाला और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में सरसों और गेहूं की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। शंभू मोर्चे के नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह पराली जलाने की निगरानी के लिए ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, उसी तरह फसलों के नुकसान का भी वैज्ञानिक आधार पर तुरंत आकलन किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को बिना देरी किए उचित मुआवजा दिया जाए और फसल बीमा कंपनियों को घेरकर प्रभावित क्षेत्रों में गिरदावरी कराई जाए। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पांच मार्च से चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एसकेएम के नेताओं के साथ बैठक बुलाई है। यह बैठक शाम चार बजे पंजाब भवन में होगी, जिसमें किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। हालांकि किसान दोपहर 12 बजे तक चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में एकत्र होंगे, जिसके बाद वे शाम को मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रवाना होंगे। यदि बैठक में मांगों पर सहमति बनती है, तो किसान अपने संघर्ष की आगे की रणनीति में बदलाव का ऐलान मीटिंग के बाद करेंगे। मीटिंग में मुख्य रूप से रहेंगे तीन प्वाइंट रहेंगे – सरकार से मीटिंग के लिए किसानों ने कुल 17 मांगें अपनी सूची में शामिल की हैं। इसमें 13 मांगें वह जो सरकार पहले ही पूरा करने के आश्वासन दे चुकी हैं। इन मांगों में किसानों की मांगों को लेकर सरकार और किसानों की सब कमेटी बनाना, सरकारी विभागों की तर्ज पर किसानों के नाबार्ड कर्ज को लेकर वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू करना, सरहंद फीडर नहर पर लगी मोटरों का बिल 1 जनवरी 2023 से माफ हो, गांवों में जाकर जनवरी 2024 से 13 अप्रैल 2024 तक केस रहित जमीन की तकसीम ,आवारा पशुओं और कुत्तों को लेकर लेकर सरकार हल निकालेगी। जानवरों के फसलों के नुकसान को रोकने के लिए किसानों को राइफल का लाइसेंस मुद्दा, बिजली के प्री पेड मीटर इश्यू, किसानों को नैनो पैंकिंग और अन्य उत्पाद जबरी देने पर रोक, बाढ़ से गन्ने की फसल को हुए मुआवजे की भरपाई, सहकारी सभाओं में नए खाते खोलने की पाबंदी हटाने, आबादकार और गन्ना काश्तकारों की मांगों को लेकर सब कमेटी बनाने, पंजाब सरकार पारित जल शोध अधिनियम व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शामिल है। शंभू-खनौरी मोर्चा महापंचायतों की तैयारी में पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी मोर्चों पर किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज सोमवार को 98वें दिन में प्रवेश कर गया है। उनके अनशन के 100 दिन पूरे होने पर, पांच मार्च को खनौरी बॉर्डर पर 101 किसान एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस बीच, मार्च में पूरे देश में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत का शेड्यूल भी आज तय किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन बैठक रखी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने आठ मार्च को महिला किसान पंचायत आयोजित करने का भी ऐलान किया है। फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा मिले हाल ही में हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खासतौर पर, पंजाब के अमृतसर, हरियाणा के अंबाला और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में सरसों और गेहूं की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। शंभू मोर्चे के नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह पराली जलाने की निगरानी के लिए ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, उसी तरह फसलों के नुकसान का भी वैज्ञानिक आधार पर तुरंत आकलन किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को बिना देरी किए उचित मुआवजा दिया जाए और फसल बीमा कंपनियों को घेरकर प्रभावित क्षेत्रों में गिरदावरी कराई जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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