अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल:जमीनी विवाद आया सामने; श्री अकाल तख्त व SGPC तक पहुंचा मामला

अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल:जमीनी विवाद आया सामने; श्री अकाल तख्त व SGPC तक पहुंचा मामला

पंजाब के अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें गांव गुरु की वडाली में एक खेत में लगे निशान साहिब को ट्रेक्टर की मदद से हटा दिया गया। हटाने के बाद इस पर विवाद शुरू हुआ। पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया। अब एक गुट ने आरोप लगाया है कि जमीन कब्जाने के मकसद से धर्म का सहारा लिया जा रहा है। गुरु की वडाली निवासी जसवंत सिंह ने बताया कि 1975 से लगातार वे इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इस जमीन को तत्कालीन सरपंच की तरफ से प्रयोग में लाने के लिए दी गई थी। पहले ये जमीन पंचायत के पास थी, लेकिन अब ये जमीन म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के पास है। लेकिन लगातार वही इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इसे लेकर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन व उनके बीच कोर्ट केस भी चल रहा है। लेकिन तकरीबन डेढ़ महीने पहले गांव के ही कुछ व्यक्तियों द्वारा इसे कब्जाने के मकसद से निशान साहिब लगा दिया। इसके बाद उनकी तरफ से SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब पर विनती की गई कि ये निशान साहिब साफ सुथरी जगह पर नहीं है। लोगों के ऐतराज के बाद इसे अरदास करवा मर्यादा के साथ वहां से हटा दिया गया। गुरुद्वारे के लिए दी गई थी जगह परमजीत सिंह ने बताया कि पंचायती जमीन का प्रयोग करने का सभी को हक है। लंबे समय से एक ही परिवार इसका प्रयोग करते आ रहे हैं। तत्कालीन सरपंच ने जमीन दी थी तो कहा था कि यहां गुरुद्वारा साहिब होना चाहिए। लेकिन दूसरे पक्ष ने उसे प्रयोग किया और वहां कोई धार्मिक स्थान नहीं बनाया। संगत के सहयोग से निशान साहिब की सेवा की गई। जिसे दूसरे पक्ष ने बेअदबी कर उतार दिया गया। बेअदबी के लिए इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब से भी इन पर कार्रवाई की मांग की गई है। उनके आदेश ही आखिरी आदेश होगा। पंजाब के अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें गांव गुरु की वडाली में एक खेत में लगे निशान साहिब को ट्रेक्टर की मदद से हटा दिया गया। हटाने के बाद इस पर विवाद शुरू हुआ। पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया। अब एक गुट ने आरोप लगाया है कि जमीन कब्जाने के मकसद से धर्म का सहारा लिया जा रहा है। गुरु की वडाली निवासी जसवंत सिंह ने बताया कि 1975 से लगातार वे इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इस जमीन को तत्कालीन सरपंच की तरफ से प्रयोग में लाने के लिए दी गई थी। पहले ये जमीन पंचायत के पास थी, लेकिन अब ये जमीन म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के पास है। लेकिन लगातार वही इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इसे लेकर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन व उनके बीच कोर्ट केस भी चल रहा है। लेकिन तकरीबन डेढ़ महीने पहले गांव के ही कुछ व्यक्तियों द्वारा इसे कब्जाने के मकसद से निशान साहिब लगा दिया। इसके बाद उनकी तरफ से SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब पर विनती की गई कि ये निशान साहिब साफ सुथरी जगह पर नहीं है। लोगों के ऐतराज के बाद इसे अरदास करवा मर्यादा के साथ वहां से हटा दिया गया। गुरुद्वारे के लिए दी गई थी जगह परमजीत सिंह ने बताया कि पंचायती जमीन का प्रयोग करने का सभी को हक है। लंबे समय से एक ही परिवार इसका प्रयोग करते आ रहे हैं। तत्कालीन सरपंच ने जमीन दी थी तो कहा था कि यहां गुरुद्वारा साहिब होना चाहिए। लेकिन दूसरे पक्ष ने उसे प्रयोग किया और वहां कोई धार्मिक स्थान नहीं बनाया। संगत के सहयोग से निशान साहिब की सेवा की गई। जिसे दूसरे पक्ष ने बेअदबी कर उतार दिया गया। बेअदबी के लिए इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब से भी इन पर कार्रवाई की मांग की गई है। उनके आदेश ही आखिरी आदेश होगा।   पंजाब | दैनिक भास्कर