भारत सरकार की तरफ से आतंकी घोषित सिख फॉर जस्टिस का आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को धमकी दे दी है। आतंकी ने सीएम को पंजाब में तिरंगा ना फहराने की नसीहत दी है। पन्नू का कहना है कि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है। भारत के तिरंगे के नेतृत्व में सिखों के साथ नस्लकुशी हुई और आज पंजाब के किसानों के साथ बेइन्साफी हो रही है। लगातार वीडियो बना पंजाब के लोगों को उकसाने वाले आतंकी पन्नू ने कहा- 15 अगस्त सिख पंथ और पंजाब की आजादी का दिवस नहीं है। भगवंत मान जालंधर में तिरंगा फहरा रहे हैं। इस तिरंगे के नीचे हमारे सिखों की नस्लकुशी हुई है। भगंवत मान की सरकार जिम्मेदार है, हमारे राज्य के सिख किसानों की खुदकुशी का। 15 अगस्त को भगवंत मान को तिरंगा फहराने से रोका जाएगा। आज जरूरत है दिलावर सिंह की। सिख फार जस्टिस 1 करोड रुपए उसे देगा, जो मुख्यमंत्री भगवंत मान को तिरंगा चढ़ाने से रोकेगा। जिस तिरंगे के नीचे नस्लकुशी हुई है, आज किसानों को खुदकुशी के लिए उकसाया जा रहा है। भगवंत मान ही पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (जिनका पंजाब में आतंकवाद खत्म करने में योगदान रहा) है। ये 15 अगस्त पंजाब और सिख पंथ की आजादी का दिवस नहीं है। 1 करोड़ उस सिख को जो भगवंत मान को रोकेगा। खालिस्तान समर्थन में आवाज उठा रहा है पन्नू आतंकी पन्नू बीते साल कनाडा में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का साथी है। निज्जर की हत्या के बाद से ही पन्नू बहुत अधिक बढ़क चुका है। लगातार देश विरोधी बयान देता है और देश के विभिन्न शहरों में आतंकवाद के समर्थन में नारे लिखवाता है। G20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर भी खालिस्तान समर्थन में नारे लिखवाए थे। लेकिन अंत में पंजाब के विभिन्न शहरों से उसके साथियों को पकड़ा गया था, जिन्होंने ये नारे लिखे थे। इतना ही नहीं, पन्नू ने रेफरेंडेम 2020 भी शुरू कर रखा है। जिसमें वे सिखों को उकसा वोटिंग करवा रहा है ताकि पंजाब को भारत से अलग किया जा सके। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। भारत सरकार की तरफ से आतंकी घोषित सिख फॉर जस्टिस का आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को धमकी दे दी है। आतंकी ने सीएम को पंजाब में तिरंगा ना फहराने की नसीहत दी है। पन्नू का कहना है कि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है। भारत के तिरंगे के नेतृत्व में सिखों के साथ नस्लकुशी हुई और आज पंजाब के किसानों के साथ बेइन्साफी हो रही है। लगातार वीडियो बना पंजाब के लोगों को उकसाने वाले आतंकी पन्नू ने कहा- 15 अगस्त सिख पंथ और पंजाब की आजादी का दिवस नहीं है। भगवंत मान जालंधर में तिरंगा फहरा रहे हैं। इस तिरंगे के नीचे हमारे सिखों की नस्लकुशी हुई है। भगंवत मान की सरकार जिम्मेदार है, हमारे राज्य के सिख किसानों की खुदकुशी का। 15 अगस्त को भगवंत मान को तिरंगा फहराने से रोका जाएगा। आज जरूरत है दिलावर सिंह की। सिख फार जस्टिस 1 करोड रुपए उसे देगा, जो मुख्यमंत्री भगवंत मान को तिरंगा चढ़ाने से रोकेगा। जिस तिरंगे के नीचे नस्लकुशी हुई है, आज किसानों को खुदकुशी के लिए उकसाया जा रहा है। भगवंत मान ही पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (जिनका पंजाब में आतंकवाद खत्म करने में योगदान रहा) है। ये 15 अगस्त पंजाब और सिख पंथ की आजादी का दिवस नहीं है। 1 करोड़ उस सिख को जो भगवंत मान को रोकेगा। खालिस्तान समर्थन में आवाज उठा रहा है पन्नू आतंकी पन्नू बीते साल कनाडा में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का साथी है। निज्जर की हत्या के बाद से ही पन्नू बहुत अधिक बढ़क चुका है। लगातार देश विरोधी बयान देता है और देश के विभिन्न शहरों में आतंकवाद के समर्थन में नारे लिखवाता है। G20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर भी खालिस्तान समर्थन में नारे लिखवाए थे। लेकिन अंत में पंजाब के विभिन्न शहरों से उसके साथियों को पकड़ा गया था, जिन्होंने ये नारे लिखे थे। इतना ही नहीं, पन्नू ने रेफरेंडेम 2020 भी शुरू कर रखा है। जिसमें वे सिखों को उकसा वोटिंग करवा रहा है ताकि पंजाब को भारत से अलग किया जा सके। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ की एंजल बनी राजस्थान में सिविल जज:33वीं रैंक मिली, पिता डाकघर कर्मचारी, एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट के मार्गदर्शन से मिली सफलता चंडीगढ़ की एंजल कौशल ने राजस्थान सिविल जज कैडर परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल कर पूरे शहर और अपने परिवार का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि चंडीगढ़ और उनके शिक्षण संस्थान ‘एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट’ (सेक्टर 24-डी, चंडीगढ़) को भी गर्व का क्षण प्रदान किया है। एंजल का सफर एंजल ने अपनी शुरुआती शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, पटियाला छावनी से की और फिर बीए एलएलबी की डिग्री महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी, मुलाना, अंबाला से प्राप्त की। उनका परिवार मूल रूप से पटियाला का निवासी है, लेकिन वर्तमान में चंडीगढ़ के सेक्टर 27-सी में रह रहा है। उनके पिता रजनीश कौशल, जो सेक्टर 17 स्थित डाकघर में कार्यरत हैं, ने बताया कि एंजल बचपन से ही पढ़ाई में लगनशील थी और उसका सपना जज बनने का था, जिसे उसने अपनी मेहनत से सच कर दिखाया। एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट की भूमिका एंजल ने अपनी सफलता का श्रेय ‘एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट’ को दिया। संस्थान के डायरेक्टर वर्मा मैडम (एडवोकेट) ने एंजल के समर्पण और मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को सही दिशा और विधिक मार्गदर्शन प्रदान करना है। एंजल की सफलता इस बात का प्रमाण है कि लगन और सही मार्गदर्शन से हर लक्ष्य संभव है।” इसके अलावा, रिटायर्ड सेशन जज नाज्जर सर, रिटायर्ड सरकारी वकील राकेश सर और अनमोल मैडम (एडवोकेट) ने भी एंजल की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
फरीदकोट सीट पर मतगणना:AAP के करमजीत अनमोल, भाजपा के हंसराज और निर्दलीय सरबजीत सिंह खालसा के बीच मुकाबला
फरीदकोट सीट पर मतगणना:AAP के करमजीत अनमोल, भाजपा के हंसराज और निर्दलीय सरबजीत सिंह खालसा के बीच मुकाबला फरीदकोट लोकसभा सीट पर मतगणना 8 बजे से शुरू हो जाएगी। जिसके बाद दोपहर 1 बजे तक हार-जीत की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पहला रुझान 9 बजे तक आने की उम्मीद है। इस सीट के अधीन फरीदकोट, कोटकपुरा, जैतो, मोगा, निहालसिहंवाला, बाघापुराना, गिद्दड़बाहा, रामपुराफूल व धर्मकोट विधानसभा सीटें हैं। मतगणना के लिए फरीदकोट व मोगा में दो काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं। जिनमें 300 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। किसी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए 300 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। यहां से आप कैंडिडेट करमजीत अनमोल, भाजपा प्रत्याशी हंसराज हंस और आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा के बीच मुख्य मुकाबला है। इसके अलावा कुल 28 कैंडिडेट चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर इस बार 64 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अचानक कोर कमेटी भंग कर दी है। इस बारे में अकाली दल के सोशल मीडिया अकाउंट से एक लाइन की पोस्ट डाली गई है। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत हो रही है। इसके खिलाफ बागी गुट सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को पेश होने के लिए कहा है। सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे। बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए। अकाली दल के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) की पोस्ट… सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला
कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा। इस दौरान पंजाब में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर भी चर्चा की गई। इस मीटिंग में हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत चीमा, परमजीत सरना, इकबाल सिंह झूंदा और हरचरण सिंह बैंस मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव में एक सीट जीत पाई पार्टी
पंजाब में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी। इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गईथी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी। सुखबीर के करीबी चरणजीत सिंह के बागी तेवर
जैसे ही लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चुनाव नतीजों की समीक्षा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी तो उससे पहले अकाली दल के अंदर चल रही बगावत सामने आ गई थी। किसी समय में सुखबीर बादल के करीबियों में शामिल चरणजीत सिंह ने उनके प्रधान पद से इस्तीफे की मांग कर डाली थी। हालांकि उस समय सीनियर नेताओं का कहना था कि पार्टी के मंच पर उन्हें यह बात रखनी चाहिए। इसके बाद यह खाई बढ़ती चली गई। जालंधर उपचुनाव में फूट आई सामने
इसके बाद जालंधर वेस्ट के उपचुनाव की बारी थी। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल ने उम्मीदवार के नाम की सिफारिश करने के लिए तीन मेंबरों की कमेटी गठित की है। कमेटी में बीबी जागीर कौर, जत्थेदार गुर प्रताप सिंह बडाला व डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी शामिल थे। कमेटी को उपचुनाव के लिए सारी मुहिम की निगरानी की कमान दी गई। उनकी तरफ से सुरजीत कौर को उम्मीदवार ऐलान किया गया, लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने इस फैसले को गलत बताया। साथ ही उक्त सीट पर बसपा के उम्मीदवार बिंदर लाखा को समर्थन दे दिया, लेकिन अकाली दल की उम्मीदवार चुनावी मैदान से नहीं हटी। उन्होंने अकाली दल के निशान पर चुनाव लड़ा। हालांकि पार्टी को इस चुनाव में करारी हार मिली। अगर बसपा और अकाली दल के दोनों उम्मीदवारों के मत मिला दिए जाएं तो यह दो हजार से अधिक नहीं थे। उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर माफीनामा सौंपा था
1 जुलाई को अकाली दल का बागी गुट अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।