<p style=”text-align: justify;”><strong>JDU Iftar Party:</strong> बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हज भवन में जेडीयू आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शरीक हुए, जहां मुख्यमंत्री को गुलदस्ता, टोपी और साफा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया. इफ्तार के बाद रोजे की नमाज अदा की गई, जिसमें दावत-ए-इफ्तार में शरीक मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश, समाज और देश में अमन-चैन, शांति एवं भाईचारे का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए रोजेदारों का स्वागत किया. इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, सूचना एवं जन-सर्पक मंत्री महेश्वरी हजारी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह समेत कई मंत्री शामिल हुए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बीते रविवार को आयोजित इफ्तार पार्टी का प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने बहिष्कार किया था. पत्र लिख कर कहा गया था कि जेडीयू वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का समर्थन कर रही है. इसलिए प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने इफ्तार पार्टी का विरोध करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बहिष्कार में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा हिंद, जमात ए इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया जैसे संगठन शामिल हैं. धार्मिक संगठनों का कहना है कि इफ्तार की दावत का मकसद सद्भावना और भरोसा को बढ़ावा देना होता है. ये भरोसा केवल औपचारिक दावतों से नहीं बल्कि ठोस नीति और उपायों से होता है. आपकी सरकार का मुसलमान की जायज मांगों को नजरअंदाज करना इस तरह की औपचारिक दावतों को निरर्थक बना देता है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि बिहार में चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक समुदाय से बड़ा झटका लगा है. मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने सीएम नीतीश की इफ्तार पार्टी के बहिष्कार पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि जो लोग नाराज हैं, उन्हें अपना गुस्सा भूल जाना चाहिए और सभी को इफ्तार में शामिल होना चाहिए. नीतीश कुमार देश के नंबर वन धर्मनिरपेक्ष नेता हैं. वह किसी भी धर्म को ठेस नहीं पहुंचाना चाहेंगे. वह हमेशा हमारे साथ खड़े थे और हमारे साथ खड़े हैं, बहिष्कार का कोई मतलब नहीं है. अब देखना ये होगा कि मुस्लिम धार्मिक संगठनों की ये नारजगी कहां तक जाती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/nia-raids-in-madhubani-in-case-of-122-crore-new-india-co-operative-bank-scam-in-maharashtra-linked-to-bihar-ann-2913509″>मधुबनी में NIA की छापेमारी, महाराष्ट्र में 122 करोड़ के बैंक घोटाले का तार बिहार से जुड़ा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>JDU Iftar Party:</strong> बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हज भवन में जेडीयू आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शरीक हुए, जहां मुख्यमंत्री को गुलदस्ता, टोपी और साफा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया. इफ्तार के बाद रोजे की नमाज अदा की गई, जिसमें दावत-ए-इफ्तार में शरीक मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश, समाज और देश में अमन-चैन, शांति एवं भाईचारे का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए रोजेदारों का स्वागत किया. इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, सूचना एवं जन-सर्पक मंत्री महेश्वरी हजारी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह समेत कई मंत्री शामिल हुए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बीते रविवार को आयोजित इफ्तार पार्टी का प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने बहिष्कार किया था. पत्र लिख कर कहा गया था कि जेडीयू वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का समर्थन कर रही है. इसलिए प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने इफ्तार पार्टी का विरोध करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बहिष्कार में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा हिंद, जमात ए इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया जैसे संगठन शामिल हैं. धार्मिक संगठनों का कहना है कि इफ्तार की दावत का मकसद सद्भावना और भरोसा को बढ़ावा देना होता है. ये भरोसा केवल औपचारिक दावतों से नहीं बल्कि ठोस नीति और उपायों से होता है. आपकी सरकार का मुसलमान की जायज मांगों को नजरअंदाज करना इस तरह की औपचारिक दावतों को निरर्थक बना देता है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि बिहार में चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक समुदाय से बड़ा झटका लगा है. मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने सीएम नीतीश की इफ्तार पार्टी के बहिष्कार पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि जो लोग नाराज हैं, उन्हें अपना गुस्सा भूल जाना चाहिए और सभी को इफ्तार में शामिल होना चाहिए. नीतीश कुमार देश के नंबर वन धर्मनिरपेक्ष नेता हैं. वह किसी भी धर्म को ठेस नहीं पहुंचाना चाहेंगे. वह हमेशा हमारे साथ खड़े थे और हमारे साथ खड़े हैं, बहिष्कार का कोई मतलब नहीं है. अब देखना ये होगा कि मुस्लिम धार्मिक संगठनों की ये नारजगी कहां तक जाती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/nia-raids-in-madhubani-in-case-of-122-crore-new-india-co-operative-bank-scam-in-maharashtra-linked-to-bihar-ann-2913509″>मधुबनी में NIA की छापेमारी, महाराष्ट्र में 122 करोड़ के बैंक घोटाले का तार बिहार से जुड़ा</a></strong></p> बिहार जालौर पुलिस कांस्टेबल का महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो वायरल, SP ने दिया निलंबन का आदेश
पटना के हज भवन में JDU की दावत-ए-इफ्तार, टोपी और सफा भेंट कर CM का रोजेदारों ने किया अभिनंदन
