पटियाला में आज (सोमवार) को पूर्व सांसद और भाजपा नेता परनीत कौर का उस समय विरोध हुआ है, जब वह दाना मंडी में धान की लिफ्टिंग जायजा लेने पहुंची थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। किसान नेताओं का कहना था कि हम उनके घर के बाहर पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। लेकिन परनीत कौर ने उनकी सुनवाई नहीं की। जैसे हमें पता चला है वह मंडियों में धान की खरीद का लेने पहुंच रहे हैं, तो वह यहां पहुंचे थे। लेकिन यहां पर भी उनसे बात नहीं की गई। वहीं, परनीत कौर का कहना है कि वह किसानों के साथ खड़ी हैं। किसानों के हक की लड़ाई आगे भी लड़ती रहेगी। वह आगे भी मंडियों में जाएंगे। वहीं, उनकी सरकार की तरफ से 4500 करोड़ रुपए जारी किए गए है। जब केंद्र पर सवाल उठे, तो पंजाब बीजेपी हुई एक्टिव धान की लिफ्टिंग के मुद्दे पर कुछ दिनों से राजनीति गर्माई हुई है। राज्य सरकार और किसानों द्वारा इस स्थिति के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। जिसके बाद पंजाब बीजेपी अब एक्टिव हुई है। साथ ही इस मुद्दे पर पर राज्य सरकार को घेरना शुरू किया। जिसे हम तीन चरणों में समझते हैं। दो साल बाद एक्टिव हुए पूर्व सीएम खन्ना मंडी पहुंचे भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करीब दो सालों से सक्रिय राजनीति से दूर थे। क्योंकि उनकी सेहत ठीक नहीं थी। लेकिन शनिवार को वह अचानक खन्ना मंडी में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने धान की खरीद का जायजा लिया। साथ ही कहा कि वह दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन उनके समय में कभी यह दिक्कत नहीं आई। इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से तालमेल करना होता है। इस बार कमी दिखी। भाजपा नेता गवर्नर से मिले थे धान की खरीद के मामले में ही रविवार को भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी। इस दल में कई सीनियर नेता मौजूद थे। उन्होंने गवर्नर से कहा था कि इस मामले में हस्तक्षेप किया जाए। क्योंकि मंडियों में पंजाब सरकार की तरफ से इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। साथ ही कोशिश की जानी चाहिए कि किसान दिवाली अपने घर में जाकर दिवाली मनाएं। बिट्टू ने एफसीआई मेंबरों से मीटिंग की केंंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी इसी मामले में एक्टिव है। वह दिल्ली में हुई मीटिंग में मौजूद थे। वहीं, वह भी रविवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के सीनियर अधिकारियों से मीटिंग की थी। साथ ही सारी स्थिति का जायजा लिया था। वहीं, केंद्रीय मंंत्री प्रहलाद जोशी का भी रात को बयान आया था कि पंजाब के किसानों का दाना-दाना खरीदा जाएगा। पटियाला में आज (सोमवार) को पूर्व सांसद और भाजपा नेता परनीत कौर का उस समय विरोध हुआ है, जब वह दाना मंडी में धान की लिफ्टिंग जायजा लेने पहुंची थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। किसान नेताओं का कहना था कि हम उनके घर के बाहर पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। लेकिन परनीत कौर ने उनकी सुनवाई नहीं की। जैसे हमें पता चला है वह मंडियों में धान की खरीद का लेने पहुंच रहे हैं, तो वह यहां पहुंचे थे। लेकिन यहां पर भी उनसे बात नहीं की गई। वहीं, परनीत कौर का कहना है कि वह किसानों के साथ खड़ी हैं। किसानों के हक की लड़ाई आगे भी लड़ती रहेगी। वह आगे भी मंडियों में जाएंगे। वहीं, उनकी सरकार की तरफ से 4500 करोड़ रुपए जारी किए गए है। जब केंद्र पर सवाल उठे, तो पंजाब बीजेपी हुई एक्टिव धान की लिफ्टिंग के मुद्दे पर कुछ दिनों से राजनीति गर्माई हुई है। राज्य सरकार और किसानों द्वारा इस स्थिति के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। जिसके बाद पंजाब बीजेपी अब एक्टिव हुई है। साथ ही इस मुद्दे पर पर राज्य सरकार को घेरना शुरू किया। जिसे हम तीन चरणों में समझते हैं। दो साल बाद एक्टिव हुए पूर्व सीएम खन्ना मंडी पहुंचे भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करीब दो सालों से सक्रिय राजनीति से दूर थे। क्योंकि उनकी सेहत ठीक नहीं थी। लेकिन शनिवार को वह अचानक खन्ना मंडी में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने धान की खरीद का जायजा लिया। साथ ही कहा कि वह दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन उनके समय में कभी यह दिक्कत नहीं आई। इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से तालमेल करना होता है। इस बार कमी दिखी। भाजपा नेता गवर्नर से मिले थे धान की खरीद के मामले में ही रविवार को भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी। इस दल में कई सीनियर नेता मौजूद थे। उन्होंने गवर्नर से कहा था कि इस मामले में हस्तक्षेप किया जाए। क्योंकि मंडियों में पंजाब सरकार की तरफ से इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। साथ ही कोशिश की जानी चाहिए कि किसान दिवाली अपने घर में जाकर दिवाली मनाएं। बिट्टू ने एफसीआई मेंबरों से मीटिंग की केंंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी इसी मामले में एक्टिव है। वह दिल्ली में हुई मीटिंग में मौजूद थे। वहीं, वह भी रविवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। साथ ही उन्होंने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के सीनियर अधिकारियों से मीटिंग की थी। साथ ही सारी स्थिति का जायजा लिया था। वहीं, केंद्रीय मंंत्री प्रहलाद जोशी का भी रात को बयान आया था कि पंजाब के किसानों का दाना-दाना खरीदा जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में BJP के 3 उम्मीदवारों की घोषणा:तीनों ही पार्टी बदलकर आए, इनमें पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी; एक सीट होल्ड की
पंजाब में BJP के 3 उम्मीदवारों की घोषणा:तीनों ही पार्टी बदलकर आए, इनमें पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी; एक सीट होल्ड की पंजाब की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए BJP ने 3 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें डेरा बाबा नानक से रविकरण काहलों, गिद्दड़बाहा से मनप्रीत सिंह बादल और बरनाला से केवल ढिल्लो को उम्मीदवार घोषित किया गया है। हालांकि चब्बेवाल पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। मनप्रीत बादल पहले अकाली दल में थे। वह अकाली दल-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन की थी। वहीं रविकरण काहलों भी अकाली दल से भाजपा में आए हैं। बरनाला से उम्मीदवार केवल ढिल्लो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। BJP से पहले आम आदमी पार्टी चारों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इनमें गिद्दड़बाहा से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लो, बरनाला से हरिंदर सिंह धालीवाल, चब्बेवाल से इशांक सिंह चब्बेवाल और डेरा बाबा नानक से गुरदीप सिंह रंधावा को टिकट दी गई है। कांग्रेस और अकाली दल ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। मनप्रीत गिद्दड़बाहा से पहले भी MLA रह चुके
1995 में गिद्दड़बाहा से अकाली दल की टिकट पर चुनाव जीत विधानसभा में पहुंचे। 1997, 2002 और 2007 में गिद्दड़बाहा से चुने गए। 2007 में तत्कालीन CM प्रकाश सिंह बादल ने उन्हें वित्तमंत्री बनाया। अपने ही चाचा और प्रकाश सिंह बादल के साथ विवाद के बाद 2011 में पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब पार्टी बनाई। 2012 में चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2016 में कांग्रेस जॉइन की। 2017 में बठिंडा शहरी से जीते। 2022 में बठिंडा शहरी से हार के बाद 2023 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। 19 जनवरी 2023 को भाजपा जॉइन की। दिग्गज अकाली नेता निर्मल काहलों के बेटे हैं रविकरण
डेरा बाबा नानक सीट से उम्मीदवार बनाए गए रविकरण काहलों के परिवार का पंजाब की सियासत में अहम स्थान रहा है। उनके पिता निर्मल सिंह काहलों वर्ष 2007 से 2012 तक प्रकाश सिंह बादल की अगुआई वाली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान पंजाब विधानसभा के स्पीकर रहे। निर्मल काहलों 1997 से 2022 तक पंजाब में मंत्री भी रहे। 16 जुलाई 2022 को निर्मल सिंह काहलों का 79 साल की उम्र में निधन हो गया था।
वर्ष 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में अकाली दल ने डेरा बाबा नानक सीट से रविकरण काहलों को टिकट दिया था लेकिन वह जीत नहीं पाए। पिछले दिनों सुच्चा सिंह लंगाह की शिरोमणि अकाली दल में वापसी होने के बाद रविकरण काहलों अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी हैं ढिल्लों
बरनाला सीट से भाजपा का टिकट पाने वाले केवल सिंह ढिल्लों की गिनती पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी लोगों में होती है। वह 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद 4 जून 2022 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा जॉइन की थी। केवल सिंह ढिल्लों दो बार बरनाला के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता। 2017 में वह आम आम आदमी पार्टी (AAP) के गुरमीत सिंह मीत हेयर के सामने तकरीबन 2300 वोट से हार गए। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल सिंह ढिल्लों को संगरूर सीट से टिकट दिया लेकिन वह भगवंत मान के सामने हार गए। केवल सिंह ढिल्लों 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भी बरनाला सीट से टिकट के दावेदार थे लेकिन हाईकमान ने उनकी जगह ऑल इंडिया कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष पवन बांसल के बेटे मनीश बंसल को उम्मीदवार बना दिया। उसके बाद ढिल्लों नाराज होकर पूरे चुनाव के दौरान घर बैठे रहे। तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी उन्हें मनाने घर भी गए थे। उसके बाद कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में ढ़िल्लों को पार्टी से निकाल दिया। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। उम्मीदवारों की लिस्ट… 4 हलकों में 6.96 लाख लोग करेंगे मतदान
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. सिबन ने बताया कि 10 अक्टूबर तक चारों विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाताओं की संख्या 6,96,316 है। इनमें कुल 831 मतदान केंद्र बनाए जांएगे। डेरा बाबा नानक में 1,93,268 मतदाता हैं। यहां 241 मतदान केंद्र हैं। चब्बेवाल (SC) में मतदाताओं की संख्या 1,59,254 है। यहां 205 मतदान केंद्र होंगे। गिद्दड़बाहा में कुल मतदाताओं की संख्या 1,66,489 है। यहां 173 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। बरनाला में 1,77,305 मतदाता हैं। यहां 212 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुईं ये सीटें
पंजाब की इन चारों सीटों के विधायक अब सांसद बन गए हैं। उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा भी दे दिया है। बरनाला से विधायक रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर अब संगरूर से सांसद हैं। वहीं, गिद्दड़बाहा से विधायक रहे अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अब लुधियाना से सांसद हैं। उधर, राजकुमार चब्बेवाल चब्बेवाल विधानसभा से विधायक थे। अब वह होशियारपुर से सांसद चुन लिए गए हैं। वहीं, डेरा बाबा नानक से विधायक रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा अब गुरदासपुर से सांसद बन गए हैं। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं….