पंजाब के शाही शहर पटियाला के ऐतिहासिक किला मुबारक में स्थित होटल रनवास द पैलेस स्थापित किया गया है। सरकार का दावा है कि यह सिख महल में बना दुनिया का एकमात्र होटल है। अब राजस्थान की तर्ज पर यहां भी होटल डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पंजाब के सीएम भगवंत मान आज (बुधवार) को इसका शुभांरभ करेंगे। शुभारंभ सुबह साढ़े दस बजे होगा। इससे पहले साेमवार को शुभारंभ का प्रोग्राम था। लेकिन अचानक सीएम को दिल्ली जाना पड़ गया था। इस वजह से यह प्रोग्राम स्थगित कर दिया गया था। लकडी की बनी है होटल की छत सरकार कई सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। दो साल पहले 2022 में इस प्रोजेक्ट ने गति पकड़ी। किला मुबारक में स्थित रनवास का इलाका, गिलौखाना और लस्सी खाना को हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है। पुरातत्व विभाग खुद इस इमारत की मरम्मत का काम दिल्ली की एक संस्था से करवा रहा है। सरकार ने शुरुआती चरण में छह करोड़ का फंड जारी किया था। यह होटल पटियाला शहर के संस्थापक बाबा आला सिंह के घर किला मुबारक के भीतर तैयार किया गया है। होटल की छत लकड़ी से बनी है। किले में प्रवेश करते ही बाईं ओर रनवास भवन है। पटियाला रियासत की रानियां इसी भवन में रहती थीं और उन्हें शायद ही कभी भवन से बाहर जाने दिया जाता था। होटल में हैं ऐसी सुविधाएं इस दो मंजिला इमारत के ऊपरी हिस्से में 3 बेहतरीन पेंटिंग चैंबर हैं, जिनमें बेशकीमती पेंटिंग्स लगी हुई हैं। लस्सी खाना नाम की एक जगह है। जहां खाना पकाया जाता था और अंदर रहने वाली महिला नौकरानियों को बांटा जाता था।दो मंजिला इमारत के निचले हिस्से में सामने की तरफ हॉल हैं, जिन्हें पार्टीशन के ज़रिए कमरों में बदल दिया गया है। इस तरह हुआ था किला निर्माण किला मुबारक का निर्माण सबसे पहले 1763 में पटियाला राजवंश के संस्थापक सिद्धू जाट शक बाबा अला सिंह ने कच्ची गढ़ी (मिट्टी का किला) के रूप में करवाया था। बाद में इसे पक्की ईंटों से बनाया गया। कहा जाता है कि 1763 में बना मूल किला पटियाला में गवर्नर हुसैन खान द्वारा बनाए गए पहले से मौजूद मुगल किले का विस्तार था। किले का अंदरूनी हिस्सा, जिसे किला अंदरून के नाम से जाना जाता है, महाराजा अमर सिंह ने बनवाया था। पंजाब के शाही शहर पटियाला के ऐतिहासिक किला मुबारक में स्थित होटल रनवास द पैलेस स्थापित किया गया है। सरकार का दावा है कि यह सिख महल में बना दुनिया का एकमात्र होटल है। अब राजस्थान की तर्ज पर यहां भी होटल डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पंजाब के सीएम भगवंत मान आज (बुधवार) को इसका शुभांरभ करेंगे। शुभारंभ सुबह साढ़े दस बजे होगा। इससे पहले साेमवार को शुभारंभ का प्रोग्राम था। लेकिन अचानक सीएम को दिल्ली जाना पड़ गया था। इस वजह से यह प्रोग्राम स्थगित कर दिया गया था। लकडी की बनी है होटल की छत सरकार कई सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। दो साल पहले 2022 में इस प्रोजेक्ट ने गति पकड़ी। किला मुबारक में स्थित रनवास का इलाका, गिलौखाना और लस्सी खाना को हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है। पुरातत्व विभाग खुद इस इमारत की मरम्मत का काम दिल्ली की एक संस्था से करवा रहा है। सरकार ने शुरुआती चरण में छह करोड़ का फंड जारी किया था। यह होटल पटियाला शहर के संस्थापक बाबा आला सिंह के घर किला मुबारक के भीतर तैयार किया गया है। होटल की छत लकड़ी से बनी है। किले में प्रवेश करते ही बाईं ओर रनवास भवन है। पटियाला रियासत की रानियां इसी भवन में रहती थीं और उन्हें शायद ही कभी भवन से बाहर जाने दिया जाता था। होटल में हैं ऐसी सुविधाएं इस दो मंजिला इमारत के ऊपरी हिस्से में 3 बेहतरीन पेंटिंग चैंबर हैं, जिनमें बेशकीमती पेंटिंग्स लगी हुई हैं। लस्सी खाना नाम की एक जगह है। जहां खाना पकाया जाता था और अंदर रहने वाली महिला नौकरानियों को बांटा जाता था।दो मंजिला इमारत के निचले हिस्से में सामने की तरफ हॉल हैं, जिन्हें पार्टीशन के ज़रिए कमरों में बदल दिया गया है। इस तरह हुआ था किला निर्माण किला मुबारक का निर्माण सबसे पहले 1763 में पटियाला राजवंश के संस्थापक सिद्धू जाट शक बाबा अला सिंह ने कच्ची गढ़ी (मिट्टी का किला) के रूप में करवाया था। बाद में इसे पक्की ईंटों से बनाया गया। कहा जाता है कि 1763 में बना मूल किला पटियाला में गवर्नर हुसैन खान द्वारा बनाए गए पहले से मौजूद मुगल किले का विस्तार था। किले का अंदरूनी हिस्सा, जिसे किला अंदरून के नाम से जाना जाता है, महाराजा अमर सिंह ने बनवाया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म करने पर राजनीति गरमाई:AAP और SAD ने जताई आपत्ति, बोले- यह पंजाब के हक पर डाका डालने जैसा
चंडीगढ़ में एडवाइजर पद खत्म करने पर राजनीति गरमाई:AAP और SAD ने जताई आपत्ति, बोले- यह पंजाब के हक पर डाका डालने जैसा केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में 40 साल बाद बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया है। अब प्रशासन सलाहकार का पद खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य सचिव का पद सृजित किया गया है। वहीं चंडीगढ़ में दो आईएएस अधिकारियों के पद बढ़ाए गए हैं। अब अधिकारियों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि इस मामले में राजनीति गरमा गई है। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि यह फैसला पंजाब के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है। इस बात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चंडीगढ़ बनने के बाद यहां चीफ कमिश्नर का पद हुआ करता था। लेकिन 3 जून 1984 को इस बात को बदल दिया गया। इसके साथ ही चीफ कमिश्नर का पद खत्म कर प्रशासन सलाहकार का पद सृजित किया गया। जबकि अब इस पद को खत्म कर चीफ सेक्रेटरी बना दिया गया है। वहीं जानकारों की मानें तो इस बदलाव से चंडीगढ़ का प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा। चंडीगढ़ में जो भी अधिकारी सलाहकार के पद पर आएगा। वे मुख्य सचिव के पद पर हैं। लेकिन यहां उन्हें सलाहकार कहा जाता है। इसलिए इस पद की मांग लंबे समय से की जा रही थी। चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने की कोशिश शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि चंडीगढ़ के एडवाइजर के पद को खत्म करने की निंदा करता हूं। यह चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को और कमजोर करने के लिए यह भारत सरकार का एक और भेदभावपूर्ण कदम है। मैं केंद्र से आग्रह करता हूँ कि वह देश की ताकत और अन्न भंडार को कमज़ोर न करे क्योंकि इसके दीर्घकालिक परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। चंडीगढ़ और पंजाबी भाषी क्षेत्रों को पंजाब को हस्तांतरित करना और नदी के पानी पर हमारे तटीय अधिकार प्रदान करना आदि पंजाब के 1966 के पुनर्गठन का एकमात्र अधूरा एजेंडा है। मैं पंजाब के लोगों को पंजाब के मुख्यमंत्री की पंजाब विरोधी निर्णयों पर केंद्र के साथ मिलीभगत के खिलाफ भी आगाह करता हू। चंडीगढ़ पर पहला हक पंजाब का है AAP के सीनियर नेता व प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके सलाहकार का एक पद खत्म करके चीफ सेक्रेटरी पद बनाया गया है। यह पंजाब सरकार को बर्दाश्त नहीं है। क्योंकि चंडीगढ़ के प्रशासनिक सिस्टम में तब्दीली करना, पंजाब के हकों पर डाका मारने जैसा है। 40 साल पुराने सिस्टम में तब्दीली करके केंद्र ने चंडीगढ़ से पंजाब के हक को कमजोर किया है। इसे पंजाब कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ पर सबसे पहला अधिकार पंजाब का है। इसलिए केंद्र सरकार से अपील करता हूं चंडीगढ़ में इस तरह कदम उठाने से पहले पंजाब सरकार से बातचीत व सलाह करनी चाहिए थी। गुपचुप तरीके से पंजाब के अधिकारों किया हनन SAD नेता अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा केंद्र ने पंजाब के चुप तरीके से पंजाब के हकों को मारने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव तो राज्यों के होते हैं। चंडीगढ़ को लेकर तो कोई सवाल नहीं है। इस पर तो देश की सांसद व हरियाणा की विधानसभा ने भी मोहर लगाई है कि यह पंजाब का है। फिर केंद्र सरकार क्यों इसे अलग राज्य का दर्जा देने की कोशिश कर रही है। दूसरा सवाल मेरा पंजाब के CM भगवंत मान से भी है। वह राज्य के गृहमंत्री भी हैं। ऐसे में इतना बड़ा फैसला केंद्र सरकार पंजाब सरकार को बताए बिना तो ले नहीं सकती है। क्या इस बारे में पंजाब सरकार को जानकारी थी। जानकारी थी तो यह इतनी बड़ी बात पंजाब सरकार ने पंजाबियों से क्यों छुपाई। क्यों लगातार केंद्र के साथ मिलकर पंजाब के हकों में डाका मारा जा रहा है। कभी ्देश के गृहमंत्री से मुलाकात होती है और BSF राज्य के 40 किलोमीटर तक अंदर आ जाती है। सिटको, बीबीएमबी में हमारी अगुवाई खत्म की गई। पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को खत्म किया जा रहा है। यह बहुत बड़े सवाल हैं। केंद्र सरकार से अपील की है कि पंजाब के हकों पर डाका न मार जाए। केंद्र पंजाब के दावे को कमजोर कर रहा है शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार न पंजाब के अपनी राजधानी पर दावे को कमजोर कर रही है। चंडीगढ़ पंजाब के गांवों की जमीन पर बना है। भारत की संसद ने पहले ही चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को मान्यता दे दी है। जबकि पंजाब की राजधानी को एक स्थायी यूटी में बदलने का मन बना लिया है। इससे पहले इसने यूटी चंडीगढ़ के लिए एक अलग कैडर बनाया था, जिससे पंजाब और हरियाणा का दावा कमजोर हो गया था, जो 60:40 के अनुपात में अधिकारियों को तैनात करते थे।पंजाबियों को इस बात से झटका लगा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इस कदम पर चुप हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने के लिए बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पंजाब और पंजाबी अपने हितों के साथ इस तरह के विश्वासघात को कभी माफ नहीं करेंगे। अब इस तरह रहेगा यूटी प्रशासन का स्ट्रक्चर चीफ सेक्रेटरी – 1 सेक्रेटरी ( होम) 1 सचिव ( फाइनेंस) 1सेक्रेटरी अर्बन प्लानिंग एंड समार्ट सिटी -1 डिप्टी कमिश्नर -1 ज्वाइंट सेक्रेटरी फाइनेंस 1 एक्साइज कमिश्नर 1 सेक्रेटरी (दो पद) एडिशनल सेक्रेटरी एडिशनल डिप्टी कमिश्नर प्रशासक को रिपोर्ट करेंगे चंडीगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद कोई बड़ा फेरबदल नहीं होगा। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो मुख्य सचिव का पद अन्य राज्यों के मुख्य सचिव के पद जैसा ही होगा। चंडीगढ़ में सलाहकार के पद पर एजीयूएमटी कैडर के वरिष्ठ आईएएस की नियुक्ति होती है। इसे मुख्य सचिव के पद के बराबर माना जाता है। जबकि, अन्य राज्यों में मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। इसी तरह मुख्य सचिव सीधे प्रशासक के अधीन रहेंगे और उन्हें रिपोर्ट करेंगे। हालांकि, इस फैसले से यूटी कैडर का दबदबा बढ़ना तय है। क्योंकि अब पदों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।
धान खरीद को लेकर बीजेपी का पंजाब सरकार पर आरोप:विजय सांपला बोले- झूठ बोल रही राज्य सरकार, शैलरों में जगह खाली
धान खरीद को लेकर बीजेपी का पंजाब सरकार पर आरोप:विजय सांपला बोले- झूठ बोल रही राज्य सरकार, शैलरों में जगह खाली पंजाब के जालंधर में आज पूर्व एससी कमिशन चेयरमैन और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय सांपला ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांपला ने कहा कि शेलरों में जगह खाली न होने को लेकर पंजाब सरकार द्वारा झूठ बोला जा रहा है। पंजाब सरकार प्रदेश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जालंधर के सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता करने पहुंचे विजय सांपला ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए हर संभव मदद कर रही है, मगर पंजाब सरकार किसानों की मदद में नाकामयाब रही। बता दें कि राज्य भर में पिछले कुछ दिनों से किसान पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उक्त प्रदर्शन को लेकर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। इससे पहले आप सरकार ने केंद्र सरकार पर सहयोग न करने के आरोप लगाए थे। अब बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। धान खरीद की स्थिति को मंत्री कटारूचक ने किया था साझा बीते दिन कैबिनेट मंत्री कटारूचक ने एक प्रेसवार्ता में कहा था कि शुक्रवार तक पंजाब की मंडियों में करीब 18 लाख 31 हजार एमटीए धान पहुंचा है। इसमें से करीब 16 लाख 37 हजार एमटीए धान खरीदी जा चुकी है। 2 लाख 62 हजार एमटीए मंडियों से फिल्ट हो चुकी है। साथ ही जो किसानों के खातों में पैसा शुक्रवार शाम तक जा चुका है, उसका अमाउंट करीब 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। मंडी में जो भी नई धान आ रही है, उसे समय से खरीदा जा रहा है और उक्त खरीद की पेमेंट समय से किसान के खाते में जा रही है। धान के स्टोरेज को लेकर मंत्री कटारूचक ने रखे थे तथ्य मंत्री ने कहा था कि पंजाब में स्टोरेज को लेकर एक बड़ी चर्चा हो रही है। इस साल 85 लाख एमटीए की स्टोरेज पंजाब में बनी है। जो अप्रैल से लेकर सितंबर तक की है। पिछले साल की जितनी किसानों की उपज थी, 99 प्रतिशत स्टोरेज के लिए चली गई है। इस साल पिछले साल के मुकाबले चार लाख एमटीए धान ज्यादा की मूवमेंट हो चुकी है। एससीआई ने अक्टूबर तक का प्लान सांझा कर दिया है।
CM मान ने INDI गठबंधन के साथ दिखाई एकजुटता:नीति-आयोग की बैठक का किया बहिष्कार; कारण- बजट में गैर-NDA सरकार राज्यों की अनदेखी
CM मान ने INDI गठबंधन के साथ दिखाई एकजुटता:नीति-आयोग की बैठक का किया बहिष्कार; कारण- बजट में गैर-NDA सरकार राज्यों की अनदेखी आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने INDI गठबंधन के साथ एकजुटता दिखाते हुए नीति आयोग की बैठक में ना शामिल होने का फैसला किया है। ये बैठक 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली है। इससे पहले कांग्रेस और DMK ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।
बीते दिन ही INDI गठबंधन ब्लॉक ने आरोप लगाया था कि 2024-25 के केंद्रीय बजट में गैर-NDA शासित राज्यों की अनदेखी की गई। जिसके बाद कांग्रेस और DMK ने बहिष्कार करने की घोषणा की थी। AAP प्रवक्ता का कहना है कि वे INDI गठबंधन ब्लॉक के साथ खड़े हैं। जब INDI गठबंधन ब्लॉक ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया, तो पंजाब के सीएम भी इससे दूर रहेंगे। गठबंधन से अलग लाइन लेने का कोई मतलब नहीं है। हिमाचल के सीएम सुक्खू भी बैठक में ले रहे भाग सीएम भगवंत मान की तरह ही पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी इस बैठक में शामिल ना होने फैसला किया है। इसके अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सिद्धारमैया और तमिलनाडु के एमके स्टालिन बैठक में शामिल नहीं होंगे। सांसद पाठक ने भी दिए संकेत बीते दिन सांसद संदीप पाठक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार संकीर्ण सोच के साथ राजनीति कर रही है। हमें सरकार को जगाना होगा। उन्हें बताना होगा कि वे जो कर रहे हैं वह गलत है। अगर इस तरह से देश का बजट तैयार किया जाएगा तो देश कैसे प्रगति करेगा? बीते शाम तक हो रही थी तैयारियां मुख्यमंत्री भगवंत मान के बैठक में ना जाने के निर्णय के साथ ही अब CM ऑफिस में तैयारियां भी थम चुकी हैं। जबकि बीती शाम तक राज्य सरकार 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक के लिए मुख्यमंत्री के भाषण को तैयार करने में जुटे थे। मुख्यमंत्री बैठक में केंद्र के समक्ष लंबित 10,000 करोड़ रुपये का मुद्दा उठाने वाले थे। जिसमें रूरल डिवेल्पमेंट फंड और मंडी विकास फंड के तकरीबन 6,767 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।