पटियाला में हड़ताल से 1159 बसें डिपो में बंद:तीन दिवसीय धरने पर बैठे कांट्रेक्ट कर्मचारी, कल करेंगे सीएम आवास का घेराव

पटियाला में हड़ताल से 1159 बसें डिपो में बंद:तीन दिवसीय धरने पर बैठे कांट्रेक्ट कर्मचारी, कल करेंगे सीएम आवास का घेराव

पीआरटीसी के कांट्रेक्ट कर्मियों ने सोमवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू करते हुए बसों का चक्का जाम कर दिया है। यूनियन के मुलाजिमों ने पटियाला बस स्टैंड के अंदर धरना लगाते हुए हड़ताल शुरू कर दी है, जिस वजह से बस सेवा पूरी तरह से प्रभावित रही। पीआरटीसी कांट्रेक्ट मुलाजिम यूनियन के लीडरों ने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ बीते वीरवार को मीटिंग हुई थी लेकिन मीटिंग में कोई हल नहीं हुआ। उनकी मांगों को लेकर लगातार टालमटोल वाले रवैये के कारण ही सोमवार से मुकम्मल चक्का जाम करने का फैसला लिया है। यूनियन नेताओं ने कहा 7 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और 8 जनवरी को फिर से धरना देंगे। हड़ताल के दौरान हजारों मुलाजिमों ने काम छोड़ दिया है, जिस वजह से पीआरटीसी की 1159 बसें डिपो में बंद पड़ी हैं। इन मांगों को लेकर कर रहे संघर्ष पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रधान हरकेश ने कहा कि उनकी मांग है कि कच्चे कर्मचारियों का वेतन रेगुलर मुलाजिम के समान किया जाए, क्योंकि कच्चे मुलाजिम भी उनके जितना ही काम करते हैं। इसके बाद भी मांगों को लेकर उन्हें संघर्ष कर रहे हैं और दो महीने का समय देने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं की गई है। कच्चे मुलाजिम रेगुलर करते हुए ठेकेदारी सिस्टम बंद करें। कच्चे मुलाजिमों को ईएसआई और ईपीएफ स्कीम में शामिल करते हुए किलोमीटर (प्राइवेट) स्कीम की बसें बंद करें। अड्डे फीस के नाम पर चल रही गुंडागर्दी को बंद किया जाए। पीआरटीसी के कांट्रेक्ट कर्मियों ने सोमवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू करते हुए बसों का चक्का जाम कर दिया है। यूनियन के मुलाजिमों ने पटियाला बस स्टैंड के अंदर धरना लगाते हुए हड़ताल शुरू कर दी है, जिस वजह से बस सेवा पूरी तरह से प्रभावित रही। पीआरटीसी कांट्रेक्ट मुलाजिम यूनियन के लीडरों ने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ बीते वीरवार को मीटिंग हुई थी लेकिन मीटिंग में कोई हल नहीं हुआ। उनकी मांगों को लेकर लगातार टालमटोल वाले रवैये के कारण ही सोमवार से मुकम्मल चक्का जाम करने का फैसला लिया है। यूनियन नेताओं ने कहा 7 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और 8 जनवरी को फिर से धरना देंगे। हड़ताल के दौरान हजारों मुलाजिमों ने काम छोड़ दिया है, जिस वजह से पीआरटीसी की 1159 बसें डिपो में बंद पड़ी हैं। इन मांगों को लेकर कर रहे संघर्ष पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रधान हरकेश ने कहा कि उनकी मांग है कि कच्चे कर्मचारियों का वेतन रेगुलर मुलाजिम के समान किया जाए, क्योंकि कच्चे मुलाजिम भी उनके जितना ही काम करते हैं। इसके बाद भी मांगों को लेकर उन्हें संघर्ष कर रहे हैं और दो महीने का समय देने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं की गई है। कच्चे मुलाजिम रेगुलर करते हुए ठेकेदारी सिस्टम बंद करें। कच्चे मुलाजिमों को ईएसआई और ईपीएफ स्कीम में शामिल करते हुए किलोमीटर (प्राइवेट) स्कीम की बसें बंद करें। अड्डे फीस के नाम पर चल रही गुंडागर्दी को बंद किया जाए।   पंजाब | दैनिक भास्कर