पटियाला में पीआरटीसी के मैकेनिकल विंग में तैनात कर्मचारी की मौत के बाद भड़के कर्मचारियों ने वीरवार दोपहर को बस स्टैंड पर चक्का जाम कर दिया। पीआरटीसी के संजीव कुमार नामक मैकेनिक की मौत के बाद कर्मचारी भड़क गए। जिन्होंने बस स्टैंड जाम करते हुए मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। देर शाम तक कर्मचारी बस स्टैंड पर जाम लगाकर धरने पर बैठे हुए थे। जिसके कारण बाहर से आ रही बसें बस स्टैंड के बाहर ही यात्रियों को उतार रही थी। बरनाला से आया था मैकेनिक घटना के अनुसार पीआरटीसी की वर्कशाप में संजीव कुमार बतौर मैकेनिक काम करता था। जिसकी मौत होने के बाद कर्मचारियों ने विभाग पर आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में काम करने की वजह से संजीव कुमार की मौत हुई है। उसे बरनाला से पटियाला की वर्कशाप में लगाया गया था, जहां पर सुविधाएं नहीं थी। इस वजह से काम के दौरान संजीव की मौत हो गई। पीआरटीसी के मैनेजमेंट अधिकारियों के द्वारा इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा था। पटियाला में पीआरटीसी के मैकेनिकल विंग में तैनात कर्मचारी की मौत के बाद भड़के कर्मचारियों ने वीरवार दोपहर को बस स्टैंड पर चक्का जाम कर दिया। पीआरटीसी के संजीव कुमार नामक मैकेनिक की मौत के बाद कर्मचारी भड़क गए। जिन्होंने बस स्टैंड जाम करते हुए मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। देर शाम तक कर्मचारी बस स्टैंड पर जाम लगाकर धरने पर बैठे हुए थे। जिसके कारण बाहर से आ रही बसें बस स्टैंड के बाहर ही यात्रियों को उतार रही थी। बरनाला से आया था मैकेनिक घटना के अनुसार पीआरटीसी की वर्कशाप में संजीव कुमार बतौर मैकेनिक काम करता था। जिसकी मौत होने के बाद कर्मचारियों ने विभाग पर आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में काम करने की वजह से संजीव कुमार की मौत हुई है। उसे बरनाला से पटियाला की वर्कशाप में लगाया गया था, जहां पर सुविधाएं नहीं थी। इस वजह से काम के दौरान संजीव की मौत हो गई। पीआरटीसी के मैनेजमेंट अधिकारियों के द्वारा इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में 2 दिन बारिश की संभावना:मानसून के फिर सक्रिय होने से तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट, 13% कम बरसे बादल
पंजाब में 2 दिन बारिश की संभावना:मानसून के फिर सक्रिय होने से तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट, 13% कम बरसे बादल पंजाब में मानसून के फिर से सक्रिय होने के बाद तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है। एक ही दिन में पंजाब के औसत तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट आई है, जो सामान्य से 3.3 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो दिनों में पंजाब में सामान्य या इससे कम बारिश होने की संभावना है। लेकिन, इसके लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। शुक्रवार को मानसून के सक्रिय होने के बाद अमृतसर में 19 एमएम, लुधियाना में 2 एमएम, पठानकोट में 13.5 एमएम, फरीदकोट में 1 एमएम बारिश हुई, जबकि बठिंडा और पटियाला में भी बारिश हुई। पंजाब में औसत तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट के बाद पठानकोट का तापमान 36.4 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार शाम को पंजाब के अमृतसर में तापमान 28.4 डिग्री रहा। सामान्य से 13% कम बारिश जून के आखिरी दिनों में मानसून के आने के बाद भी अभी तक जमकर बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 1 से 12 जुलाई तक पंजाब में सामान्य से 13% कम बारिश हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हिमाचल और राजस्थान के बीच हवाएं उचित दबाव नहीं बना पा रही हैं। जिसके चलते पंजाब और हरियाणा में सामान्य से कम बारिश हो रही है, लेकिन राजस्थान में सामान्य से 35% अधिक बारिश दर्ज की गई है। पंजाब की बात करें तो राज्य में सामान्य तौर पर 56.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन अब तक 49.2 मिमी ही बारिश हुई है। पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान अमृतसर- शुक्रवार शाम अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाए रहेंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 25 से 34 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- बीती शाम अधिकतम तापमान तकरीबन 28 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 29 से 36 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना- शुक्रवार अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 28 से 34 डिग्री के बीच रहेगा। पटियाला- बीती शाम अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 28 से 37 डिग्री के बीच रह सकता है। मोहाली- शुक्रवार शाम अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री दर्ज किया गया। हल्के बादल छाए रहेंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 29 से 36 डिग्री के बीच रह सकता है।
अकाल तख्त साहिब पर 5 जत्थेदारों की बैठक:बागी शिअद गुट की माफी पर होगा विचार, अध्यक्ष सुखबीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अकाल तख्त साहिब पर 5 जत्थेदारों की बैठक:बागी शिअद गुट की माफी पर होगा विचार, अध्यक्ष सुखबीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। SAD बागी गुट की तरफ से श्री अकाल तख्त साहिब पर 1 जुलाई को दिए गए माफीनामे पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की तरफ से सभी तख्तों के जत्थेदारों की सोमवार को बैठक बुला ली है। इस बैठक में सभी जत्थेदार मिल कर SAD बागी गुट की तरफ से दिए गए माफीनामे पर विचार करेंगे। अकाली दल के लिए भविष्य के लिए ये बैठक अहम होने जा रही है। हाशिए पर खड़े अकाली दल को लेकर सिर्फ बागी गुट ही नहीं, विरोधी पार्टियां भी चिंतित हैं। वहीं, बागी गुट खुल कर झूंदा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहा है। इसके अलावा अकाली दल के अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल को हटाने की मांग भी प्रबल होती जा रही है। हालांकि इस पर अभी तक अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनकी तरफ से पदाधिकारियों की बैठकों को बुला कर अपना शक्ति प्रदर्शन जाहिर कर दिया गया है। माफीनामे के शब्द बढ़ा सकते हैं सुखबीर बादल की दिक्कतें श्री अकाल तख्त साहिब पर बागी गुट की तरफ से दिए गए माफी नामे में लिखी गई बातें अकाली दल सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं। इस माफी नामे में बागी गुट ने साफ तौर पर सुखबीर बादल का साथ देने के लिए माफियां मांगी हैं, लेकिन इसके साथ ही बादल परिवार पर वे आरोप लगाए हैं, जिन्हें लेकर सिख समुदाय में लंबे समय से गुस्सा चला आ रहा है। जानें क्या लिखा है माफीनामे में बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। अकाली दल में फूट की वजह, 2 बार लगातार सरकार, फिर 2 बार हार अकाली दल में फूट की वजह सत्ता से बाहर होना है। 2008 तक अकाली दल प्रकाश सिंह बादल के हाथों में था, जबकि 2012 के चुनाव भी प्रकाश सिंह बादल की अगुआई में हुए। 2002 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 62 सीटों के साथ सरकार बनाई थी, जबकि अकाली दल ने 34 सीटें हासिल की। 2007 में अकाली दल फिर सत्ता में आई और 67 पर जीत हासिल की। इस दौरान कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई। 2012 के चुनावों में पहली बार अकाली दल ने खुद को रिपीट किया। प्रकाश सिंह बादल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और अकाली दल ने 68 और कांग्रेस ने 44 सीटें हासिल की। इसके बाद 2017 में अकाली दल को सुखबीर बादल ने अपने हाथों में लिया। उन्होंने चुनाव की अगुआई की। मगर अकाली दल 18 सीटों पर सिमट गया और कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर सरकार बना ली। इस चुनाव में अकाली दल तीसरे नंबर पर रहा क्योंकि 20 सीटें आम आदमी पार्टी जीत गई। 2022 में अकाली दल की स्थिति और दयनीय हो गई। आप 92, कांग्रेस 18 और अकाली दल मात्र 3 सीटों पर सिमट गई। लोकसभा में लगातार 2 बार 4 सीट जीती, अब एक सीट आई 2004 लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस ने 8, बीजेपी एक और शिरोमणि अकाली दल ने एक 4 सीट जीती थीं। जबकि साल 2014 में कांग्रेस 3, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 4, AAP 4 सीटों पर विजेता बनी थी। इसी तरह साल 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने 8, शिरोमणि अकाली दल 2, भाजपा 2 और AAP को एक सीट मिली। इसी तरह साल 2024 के चुनाव में कांग्रेस 7, आप 3, शिरोमणि अकाली दल एक, दो आजाद उम्मीदवार जीते। झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग हो रही ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है।
पटना में लुधियाना की डांसर से गैंगरेप:पीड़िता बोली-डांस के लिए बुलाया, शराब पिलाकर 6 लोगों ने रेप किया; थार से लेने आया था आरोपी
पटना में लुधियाना की डांसर से गैंगरेप:पीड़िता बोली-डांस के लिए बुलाया, शराब पिलाकर 6 लोगों ने रेप किया; थार से लेने आया था आरोपी पटना में एक आर्केस्ट्रा डांसर से गैंगरेप का मामला सामने आया है। पीड़िता का कहना है कि 6 लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि उसे कुछ युवकों ने एक कार्यक्रम के लिए गेस्ट हाउस में बुलाया था, जहां सभी ने गैंगरेप किया। जबरन शराब पिलाने की भी कोशिश की। वहीं विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी हुई। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया है। इस संबंध में पीड़िता ने लिखित शिकायत बाईपास थाने में दी है। जानकारी के मुताबिक पीड़िता लुधियाना की रहने वाली है। पटना में किराए पर कमरा लेकर रहती है। पीड़िता ने बताया कि पटना में एक कार्यक्रम के दौरान उसकी पहचान DJ संचालक छोटू से हुई थी। छोटू ने उसे फोन कर बताया था कि 16 जुलाई को बच्चे की छठी का एक कार्यक्रम है, जिसमें उन्हें डांस करना है। उन्हें यह भी बताया गया कि वो अपने साथ दो लड़कियों को और ले लें। इसके लिए डांसर तैयार हो गई। इसी कार्यक्रम के दौरान पीड़िता के साथ ये वारदात हुई। थार से लेने आया था छोटू-पीड़िता 16 जुलाई की रात 10:00 बजे छोटू थार से डांसर के पास पहुंचा। गाड़ी में छोटू के अलावा ड्राइवर था। वह तीनों डांसर को लेकर तुलसी मंडी के पास एक कम्युनिटी हॉल पहुंचे। वहां टेंट शमियाना लगा था। पीड़िता ने बताया कि छोटू ने उन्हें कहा कि छोटी पहाड़ी पर एक होटल में हॉल बुक है, वहीं प्रोग्राम करना है। जिसके बाद वो तीनों डांसरों को छोटी पहाड़ी स्थित गजराज होटल लेकर चला आया। उसके बाद कमरा नंबर 102 में तीनों डांसर को रखा गया और यह बताया कि पार्टी सामने के कमरा नंबर 101 में है और वहीं चलकर बारी-बारी से सभी को डांस करना है। बारी-बारी से सभी डांसर ने डांस किया। ‘शराब पिलाने की कोशिश करने लगे आरोपी’ इसके बाद छोटू ने दो डांसर को उनके घर छोड़ दिया और लुधियाना की रहने वाली डांसर को यह कहकर रोक लिया गया कि पार्टी को तुम्हारा डांस पसंद आया है और वह एक बार और डांस कराना चाह रहे हैं। इसके लिए तुम्हें अलग से पैसा दिया जाएगा। इसके बाद पीड़िता फिर 101 नंबर कमरे में जाकर डांस करने लगी। इस बीच छोटू और वहां मौजूद 5 से 6 लोग शराब पीने लगे और जबरदस्ती पीड़िता को भी शराब पिलाने की कोशिश करने लगे। पीड़िता का कहना है कि जब मैंने शराब पीने से इनकार किया तो वह सभी लोग मारपीट और गाली-गलौज करने लगे। बेड पर पटककर मुंह बंद कर दिया। 6 लोगों ने बारी-बारी से मेरे साथ रेप किया। इस दौरान होटल का मैनेजर दो-तीन लोगों के साथ कमरे में आया और छोटू को कहा कि अंदर से दरवाजा अच्छी तरह बंद कर लो। मैनेजर को सभी चंदन कहकर बुला रहे थे। घटना मंगलवार रात तीन से चार बजे के बीच की है। वहीं रेप के बाद सभी वहां से फरार हो गए। इसके बाद किसी तरह अकेली वह अपने घर लौटी और 17 जुलाई को बाईपास थाने में आकर मामला दर्ज कराया। DSP बोले- FSL की टीम भी कर रही है छानबीन पटना सिटी डीएसपी-2 डॉक्टर गौरव कुमार ने बताया कि एक लड़की ने मारपीट और गैंगरेप का आवेदन दिया है। मेडिकल कराया गया है। मौके पर एफएसएल टीम को बुलाकर छानबीन शुरू कर दी है। हर पहलू को ध्यान में रखकर मामले की छानबीन की जा रही है।