पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच पठानकोट का सीमावर्ती गांव स्कोल को खाली हो गया है। जीरो लाइन पर स्थित इस गांव की 450 की आबादी में से केवल 10-15 लोग ही गांव में रह रहे हैं। गांव के लोगों ने बिना किसी सरकारी आदेश के ही अपने परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। अधिकतर लोग रात को अपने रिश्तेदारों के घर चले जाते हैं। सुबह केवल पशुओं की देखभाल के लिए गांव लौटते हैं। गांव में मौजूद लोगों के अनुसार, पिछली रात जम्मू-कश्मीर की ओर से भारी बमबारी की आवाजें सुनाई दीं। इससे लोग रातभर जागते रहे। स्थानीय निवासी अर्पण कुमार ने बताया कि स्कोल गांव तीन तरफ से भारत-पाकिस्तान सीमा से घिरा है। एक तरफ नदी बहती है। इस भौगोलिक स्थिति के कारण गांव काफी संवेदनशील है। प्रशासन की ओर से अब तक कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। न ही लोगों के रहने के लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम किया गया है। इसलिए गांव के लोगों को अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ रही है। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच पठानकोट का सीमावर्ती गांव स्कोल को खाली हो गया है। जीरो लाइन पर स्थित इस गांव की 450 की आबादी में से केवल 10-15 लोग ही गांव में रह रहे हैं। गांव के लोगों ने बिना किसी सरकारी आदेश के ही अपने परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। अधिकतर लोग रात को अपने रिश्तेदारों के घर चले जाते हैं। सुबह केवल पशुओं की देखभाल के लिए गांव लौटते हैं। गांव में मौजूद लोगों के अनुसार, पिछली रात जम्मू-कश्मीर की ओर से भारी बमबारी की आवाजें सुनाई दीं। इससे लोग रातभर जागते रहे। स्थानीय निवासी अर्पण कुमार ने बताया कि स्कोल गांव तीन तरफ से भारत-पाकिस्तान सीमा से घिरा है। एक तरफ नदी बहती है। इस भौगोलिक स्थिति के कारण गांव काफी संवेदनशील है। प्रशासन की ओर से अब तक कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। न ही लोगों के रहने के लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम किया गया है। इसलिए गांव के लोगों को अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
