पंजाबी लोग गायिका और सर्वाधिक लंबी हेक की मालिक रहीं पद्म-भूषण प्राप्त स्वर्गीय गुरमीत बावा के परिवार की मदद के लिए अक्षय कुमार ने हाथ बढ़ाया है। अक्षय कुमार ने गुपचुप ढंग से गुरमीत बावा की बेटी ग्लोरी के एकाउंट में 25 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं। ग्लोरी बावा के परिवार के हालातों की वीडियो वायरल होने के बाद ये मदद उन तक पहुंची है। स्वर्गीय गुरमीत बावा व लाची बावा का साथ छूट जाने के बाद उनकी बेटी गलोरी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। गलोरी अपना परिवार संभालने के साथ-साथ अपनी बहन लाची बावा के बच्चों को भी देख रही थी। लेकिन बहन का साथ छूट जाने के बाद से ही उन्हें शो नहीं मिल पा रहे थे और परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ गई थी। जिसके बाद गलोरी बावा ने भारत छोड़ विदेश जाने की घोषणा कर दी थी, लेकिन इसी बीच पहले डीसी अमृतसर और मंत्री कुलदीप धालीवाल ने 1-1 लाख रुपए के चेक गलोरी बावा को दिए। इसके बाद अब अक्षय कुमार ने 25 लाख रुपए उन्हें मदद के लिए भेजे हैं। बैंक से फोन आया तो पता चला गलोरी बावा ने बताया कि उन्हें बैंक से मैनेजर का फोन आया, जिसके बाद उन्हें इसकी जानकारी मिली। बैंक मैनेजर ने बताया कि किसी अक्षय कुमार भाटिया ने उनके बैंक एकाउंट में 25 लाख रुपए ट्रांसफर किए हैं। वे भी हैरान हैं कि वे आज तक अक्षय कुमार से नहीं मिली और ना ही कभी उनसे बात की है। जाने कौन लंबी हेक की मालिक स्वर्गीय गुरमीत बावा गुरमीत बावा का जन्म 1944 में गांव कोठे गुरदासपुर में हुआ था। उस समय पंजाब में लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता था, लेकिन गुरमीत ने शादी के बाद पढ़ाई पूरी की। गुरमीत की शादी किरपाल बावा के साथ हुई। उन्होंने ही गुरमीत को जेबीटी कराई और उनके एरिया में वह पहली महिला थी, जो टीचर बनीं। गुरमीत बेहद सुरीली आवाज की मल्लिका थीं। उनके पति ने उनका साथ दिया और वह मुंबई तक भी पहुंच गईं। पुराने समय में बॉलीवुड और पंजाबी इंडस्ट्री की फिल्मों व गानों में जितनी भी बोलियां डाली जाती थीं, उनमें अधिकतर गुरमीत की ही आवाज होती थी। गुरमीत बावा को लंबी हेक की मल्लिका कहा जाता था। आज तक उनका रिकॉर्ड कोई तोड़ ही नहीं पाया। वह 45 सेकेंड तक हेक लगा लेती थीं। इतनी देर तक रुक पाना आजकल के युवाओं में किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन चार साल पहले उनकी बेटी लाची बावा का देहांत हो गया। जिसके बाद वे बीमार रहने लगी और तीन साल पहले उनका देहांत हो गया। पंजाबी लोग गायिका और सर्वाधिक लंबी हेक की मालिक रहीं पद्म-भूषण प्राप्त स्वर्गीय गुरमीत बावा के परिवार की मदद के लिए अक्षय कुमार ने हाथ बढ़ाया है। अक्षय कुमार ने गुपचुप ढंग से गुरमीत बावा की बेटी ग्लोरी के एकाउंट में 25 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं। ग्लोरी बावा के परिवार के हालातों की वीडियो वायरल होने के बाद ये मदद उन तक पहुंची है। स्वर्गीय गुरमीत बावा व लाची बावा का साथ छूट जाने के बाद उनकी बेटी गलोरी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। गलोरी अपना परिवार संभालने के साथ-साथ अपनी बहन लाची बावा के बच्चों को भी देख रही थी। लेकिन बहन का साथ छूट जाने के बाद से ही उन्हें शो नहीं मिल पा रहे थे और परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ गई थी। जिसके बाद गलोरी बावा ने भारत छोड़ विदेश जाने की घोषणा कर दी थी, लेकिन इसी बीच पहले डीसी अमृतसर और मंत्री कुलदीप धालीवाल ने 1-1 लाख रुपए के चेक गलोरी बावा को दिए। इसके बाद अब अक्षय कुमार ने 25 लाख रुपए उन्हें मदद के लिए भेजे हैं। बैंक से फोन आया तो पता चला गलोरी बावा ने बताया कि उन्हें बैंक से मैनेजर का फोन आया, जिसके बाद उन्हें इसकी जानकारी मिली। बैंक मैनेजर ने बताया कि किसी अक्षय कुमार भाटिया ने उनके बैंक एकाउंट में 25 लाख रुपए ट्रांसफर किए हैं। वे भी हैरान हैं कि वे आज तक अक्षय कुमार से नहीं मिली और ना ही कभी उनसे बात की है। जाने कौन लंबी हेक की मालिक स्वर्गीय गुरमीत बावा गुरमीत बावा का जन्म 1944 में गांव कोठे गुरदासपुर में हुआ था। उस समय पंजाब में लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता था, लेकिन गुरमीत ने शादी के बाद पढ़ाई पूरी की। गुरमीत की शादी किरपाल बावा के साथ हुई। उन्होंने ही गुरमीत को जेबीटी कराई और उनके एरिया में वह पहली महिला थी, जो टीचर बनीं। गुरमीत बेहद सुरीली आवाज की मल्लिका थीं। उनके पति ने उनका साथ दिया और वह मुंबई तक भी पहुंच गईं। पुराने समय में बॉलीवुड और पंजाबी इंडस्ट्री की फिल्मों व गानों में जितनी भी बोलियां डाली जाती थीं, उनमें अधिकतर गुरमीत की ही आवाज होती थी। गुरमीत बावा को लंबी हेक की मल्लिका कहा जाता था। आज तक उनका रिकॉर्ड कोई तोड़ ही नहीं पाया। वह 45 सेकेंड तक हेक लगा लेती थीं। इतनी देर तक रुक पाना आजकल के युवाओं में किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन चार साल पहले उनकी बेटी लाची बावा का देहांत हो गया। जिसके बाद वे बीमार रहने लगी और तीन साल पहले उनका देहांत हो गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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