पराली जलाने को लेकर केंद्र पहले से सख्त:दिल्ली में हुई मीटिंग, धान का सीजन शुरू होते ही मांगी एडवांस प्लानिंग

पराली जलाने को लेकर केंद्र पहले से सख्त:दिल्ली में हुई मीटिंग, धान का सीजन शुरू होते ही मांगी एडवांस प्लानिंग

पंजाब में धान की रोपाई का सीजन अभी शुरू ही हुआ है, लेकिन पराली जलाने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार अभी से सक्रिय हो गई है। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली में पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही नवंबर-दिसंबर में शुरू होने वाली धान की कटाई से पहले इस संबंध में एडवांस प्लान मांगा है। ताकि दिल्ली समेत उत्तर भारत को पराली के धुएं से बचाया जा सके। पराली जलाने को लेकर कृषि सचिव मनोज आहूजा और विशेष मुख्य सचिव केएपी सिन्हा के नेतृत्व में पंजाब के अधिकारियों के बीच नई दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कुलपति एसएस गोसल भी शामिल हुए। इस मौके पर राज्य को विस्तृत प्लान तैयार करने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि उन्होंने अपने इंतजामों के बारे में विस्तार से बताया। पंजाब ने बनाया यह प्लान बैठक में राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों ने केंद्र को बताया कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए सब्सिडी वाली मशीनों की आपूर्ति के लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं । अब तक 11000 किसानों ने आवेदन किया है। राज्य कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्कीम का अधिक लोग फायदा उठाए। इसलिए स्कीम को 20 जून तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। पीएयू के वी-सी गोसल के अनुसार चावल की किस्मों के क्षेत्र में अनुसंधान को निर्देशित करने के लिए फिलीपींस स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के विशेषज्ञ भी बैठक का हिस्सा लिया है। उन्होंने बताया कि बैठक में योजना तैयार की गई, जिससे फसल अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। पंजाब में धान की रोपाई का सीजन अभी शुरू ही हुआ है, लेकिन पराली जलाने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार अभी से सक्रिय हो गई है। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली में पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही नवंबर-दिसंबर में शुरू होने वाली धान की कटाई से पहले इस संबंध में एडवांस प्लान मांगा है। ताकि दिल्ली समेत उत्तर भारत को पराली के धुएं से बचाया जा सके। पराली जलाने को लेकर कृषि सचिव मनोज आहूजा और विशेष मुख्य सचिव केएपी सिन्हा के नेतृत्व में पंजाब के अधिकारियों के बीच नई दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कुलपति एसएस गोसल भी शामिल हुए। इस मौके पर राज्य को विस्तृत प्लान तैयार करने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि उन्होंने अपने इंतजामों के बारे में विस्तार से बताया। पंजाब ने बनाया यह प्लान बैठक में राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों ने केंद्र को बताया कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए सब्सिडी वाली मशीनों की आपूर्ति के लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं । अब तक 11000 किसानों ने आवेदन किया है। राज्य कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्कीम का अधिक लोग फायदा उठाए। इसलिए स्कीम को 20 जून तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। पीएयू के वी-सी गोसल के अनुसार चावल की किस्मों के क्षेत्र में अनुसंधान को निर्देशित करने के लिए फिलीपींस स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के विशेषज्ञ भी बैठक का हिस्सा लिया है। उन्होंने बताया कि बैठक में योजना तैयार की गई, जिससे फसल अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर