पलवल में प्रेम-प्रसंग में रह रही महिला की जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हो गई। बहन ने प्रेमी पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया है। वह चार साल से पति और 3 बच्चों को छोड़कर प्रेमी के साथ रहती थी। घटना कैंप थाना क्षेत्र की है। मृतक की महिला की पहचान सुनीता के नाम से हुई है। जवाहर नगर कैंप निवासी रजनी ने पुलिस को बताया कि कि उसकी बहन सुनीता 4 साल से मनीष नामक युवक के साथ मोहन नगर में रह रही थी। किस्त भरने प्रेमी ने मांगे थे पैसे- रजनी रजनी ने कहा कि 12 दिसंबर को उसके पास सुनीता का फोन आया कि मनीष को किस्त भरनी है। इसलिए वह पैसे मांग रहा है, मुझे कुछ पैसे दे दो, नहीं तो वह जान से मारने की धमकी देकर गया है। इसके बाद मैंने कहा कि फिलहाल तो उसके पास पैसे नहीं है, एक-दो दिन में पैसों का इंतजाम कर दे दूंगी। रजनी ने बताया कि 14 दिसंबर को वह सुनीता के पास गई, तो घर का ताला लगा हुआ था और फोन भी बंद था। पड़ोसियों ने बताया कि 12 दिसंबर को मनीष व सुनीता का झगड़ा हो रहा था। वह अपनी बहन सुनीता को ढूंढते हुई सरकारी अस्पताल पहुंची, तो पता चला कि सुनीता को मनीष व उसके परिजनों ने जहर खिला दिया है। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए पलवल से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल भेज दिया, जहां सुनीता की मौत हो चुकी है। मामले की जांच कर रही पुलिस कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार, पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतका शादीशुदा थी और उसके तीन बच्चे भी है। लेकिन पति व बच्चों को छोड़कर वह अपने प्रेमी के साथ भाग आई और पलवल में रहने लगी थी। पुलिस ने मृतका की बहन की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पलवल में प्रेम-प्रसंग में रह रही महिला की जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हो गई। बहन ने प्रेमी पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया है। वह चार साल से पति और 3 बच्चों को छोड़कर प्रेमी के साथ रहती थी। घटना कैंप थाना क्षेत्र की है। मृतक की महिला की पहचान सुनीता के नाम से हुई है। जवाहर नगर कैंप निवासी रजनी ने पुलिस को बताया कि कि उसकी बहन सुनीता 4 साल से मनीष नामक युवक के साथ मोहन नगर में रह रही थी। किस्त भरने प्रेमी ने मांगे थे पैसे- रजनी रजनी ने कहा कि 12 दिसंबर को उसके पास सुनीता का फोन आया कि मनीष को किस्त भरनी है। इसलिए वह पैसे मांग रहा है, मुझे कुछ पैसे दे दो, नहीं तो वह जान से मारने की धमकी देकर गया है। इसके बाद मैंने कहा कि फिलहाल तो उसके पास पैसे नहीं है, एक-दो दिन में पैसों का इंतजाम कर दे दूंगी। रजनी ने बताया कि 14 दिसंबर को वह सुनीता के पास गई, तो घर का ताला लगा हुआ था और फोन भी बंद था। पड़ोसियों ने बताया कि 12 दिसंबर को मनीष व सुनीता का झगड़ा हो रहा था। वह अपनी बहन सुनीता को ढूंढते हुई सरकारी अस्पताल पहुंची, तो पता चला कि सुनीता को मनीष व उसके परिजनों ने जहर खिला दिया है। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए पलवल से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल भेज दिया, जहां सुनीता की मौत हो चुकी है। मामले की जांच कर रही पुलिस कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार, पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतका शादीशुदा थी और उसके तीन बच्चे भी है। लेकिन पति व बच्चों को छोड़कर वह अपने प्रेमी के साथ भाग आई और पलवल में रहने लगी थी। पुलिस ने मृतका की बहन की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बिना डिग्री कर डाली आंखों की 44 सर्जरी:हिसार में तैनात, खुलासा होने पर छुट्टी भेजा; आरोपी बोला- सुपरविजन में किए ऑपरेशन
हरियाणा में बिना डिग्री कर डाली आंखों की 44 सर्जरी:हिसार में तैनात, खुलासा होने पर छुट्टी भेजा; आरोपी बोला- सुपरविजन में किए ऑपरेशन हिसार में जिला नागरिक अस्पताल के नेत्र विभाग में हर साल आंखों के करीब 1 हजार से ज्यादा ऑपरेशन होते थे, लेकिन इस साल अब तक महज 72 हुए हैं। यही नहीं, बीते 4 माह से एक भी ऑपरेशन नहीं हुआ है। इसके पीछे का कारण चौंकाने वाला है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने जिस मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय को नेत्र सर्जन नियुक्त किया, उनकी डिग्री पूरी न होने के कारण नेशनल प्रोग्राम फॉर द कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस (एनपीसीबी) के डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हें सर्जरी करने से रोक दिया। जब ये आदेश दिए गए, तब तक वह 44 ऑपरेशन कर चुके थे। अब आंखों के ऑपरेशन न होने से मरीज परेशान हैं। उन्हें मोतियाबिंद, बच्चों की रेटिनोपैथी, भेंगापन समेत अन्य सर्जरी अग्रोहा मेडिकल कॉलेज या निजी अस्पतालों में करानी पड़ रही हैं। एनपीसीबी ने संज्ञान लिया तो छुट्टी पर गए, अग्रोहा मेडिकल से 1 डॉक्टर डेप्यूट किया
हिसार के नागरिक अस्पताल में नेत्र विभाग 3-3 सर्जन का है। हालांकि, इस समय एक भी नहीं है। 3 सर्जन इस्तीफा देकर निजी अस्पतालों में चले गए। पहले स्वास्थ्य मंत्री हिसार से थे। इसके चलते विभाग ने आनन-फानन में PG कर रहे मेडिकल ऑफिसर को आई सर्जन बना दिया। हांसी नागरिक अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन ज्योति की हिसार में ड्यूट लगाई गई। जनवरी से मार्च तक कोई ऑपरेशन नहीं हुआ। अप्रैल से जुलाई तक दोनों ने सेवाएं देनी शुरू कीं। डॉ. ज्योति की सुपरविजन में डॉ. विजय OPD संभालने के साथ आंखों की सर्जरी करने लगे। डॉ. ज्योति ने 4 माह में 27 और डॉ. विजय ने 44 ऑपरेशन किए। डॉ. ज्योति का एसएमओ पद पर प्रमोशन के साथ तबादला हो गया। डॉ. विजय की डिग्री पूरी नहीं हुई तो एनपीसीबी ने सर्जरी करने से रोक दिया। वह अब लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। नेत्र विभाग की ओपीडी सेवाओं के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से एक डॉक्टर को डेप्यूट किया है। हमने विभाग के आदेशों का पालन कियाः सिविल सर्जन इस मामले में हिसार की सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत का कहना है कि हमने विभाग के आदेशों का पालन किया है। जब नेत्र सर्जन नियुक्त किया तब सुपरविजन में ऑपरेशन कराए थे। अब नेत्र सर्जन की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा है। तब तक सर्जरी के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर करेंगे। वहीं, डीसी हेल्थ डॉ. मनीष बंसल ने कहा है कि हिसार में नेत्र सर्जन न होने और सर्जरी पर रोक लगाए जाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो पता करके सेवाएं सुचारू कराएंगे। इस मामले में एसएमओ और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति ने कहा है कि विजय ने मेरे सुपरविजन में ऑपरेशन किए थे। मेरी 3 दिन हांसी व 3 दिन हिसार में ड्यूटी है। अब बतौर एसएमओ दूसरे जिले में हूं। CMO ही बेहतर बता सकती हैं। वहीं, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय का इस मामले में कहना है कि मेरा एक एग्जाम बाकी है। पहले मैंने सुपरविजन में ऑपरेशन किए थे। कुछ टाइम इंफेक्शन के कारण ओटी बंद रहा। सर्जरी न करने के आदेश मिलने के बाद मैंने ऑपरेशन बंद कर दिए थे। अभी छुट्टी पर हूं।
पानीपत में ढाई साल के बच्चे की मौत:खेलते-खेलते हो गया लापता, रातभर नाले में पड़ा रहा; सुबह जिंदा मिला, अस्पताल में मौत
पानीपत में ढाई साल के बच्चे की मौत:खेलते-खेलते हो गया लापता, रातभर नाले में पड़ा रहा; सुबह जिंदा मिला, अस्पताल में मौत हरियाणा के पानीपत जिले के गांव निंबरी में एक घटना घटी। जहां घर के बाहर खेलते समय एक ढाई साल का बच्चा अचानक लापता हो गया। परिजनों ने पूरी रात उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। सुबह वह घर के पास नाले में पड़ा मिला। उस समय उसकी सांस चल रही थी। उसे आनन-फानन में सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। बच्चे के शव का पंचनामा भरकर शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। दो भाइयों के साथ खेल रहा था मासूम महिला नीरज ने चांदनीबाग थाना पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से यूपी के कासगंज जिले के गांव नगला काइयां की रहने वाली है। फिलहाल वह अपने पति अजब सिंह और तीन बच्चों के साथ पानीपत के गांव निंबरी में रहती है। गुरुवार शाम को वह खाना बना रही थी। उसके तीनों बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। खेलते-खेलते दो बच्चे घर में आ गए। लेकिन उसका तीसरा बेटा अनुज( 2 साल 4 माह) भीतर नहीं आया। वह बाहर ही खेलता रहा। काफी देर तक भी वह अंदर नहीं आया, तो उसे बाहर जाकर देखा तो वह बाहर नहीं मिला। इसके बाद उसकी तलाश शुरू की। आस-पड़ोस में सभी जगह पर पूछा, लेकिन उसका कोई पता नहीं लगा। इसके बाद उसने अपने पति व अन्य जानकारों को अनुज के न मिलने की बात बताई। साथ ही पुलिस को भी सूचित किया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत अपहरण का केस दर्ज कर लिया। रात को 3 बजे तक ढूंढते रहे परिजन
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इसी बीच बच्चों को घर के पास से गुजर रहे नाले में एक हाथ दिखाई दिया। जिसके बाद उन्होंने शोर कर सभी को इस बारे में बताया। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने हाथ पकड़ कर बाहर निकाला, तो वह अनुज ही था। उस वक्त उसकी सांसें चल रही थी। वे तुरंत उसे सिविल अस्पताल ले गए। जहां कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।
करनाल में सांप के काटने से नाबालिग की मौत:8वीं कक्षा का था छात्र, सोते समय काटा, अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
करनाल में सांप के काटने से नाबालिग की मौत:8वीं कक्षा का था छात्र, सोते समय काटा, अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित हरियाणा में करनाल के मुखापरी गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्र को सांप के काटने से उसकी मौत हो गई। छात्र को सुबह बार-बार उल्टियां हुई थी। जब उसके शरीर को चेक किया गया तो सांप के काटने के निशान पाए गए। जब अस्पताल में लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 8वीं कक्षा का था छात्र मुखापरी गांव के निवासी सतीश का बेटा अनमोल गांव के ही स्कूल में 8वीं कक्षा का छात्र था। अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। सुबह सोते हुए अचानक अनमोल को उल्टियां शुरू हो गईं, जिससे परिवार में हड़कंप मच गया। पहले तो उसे गांव के स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाया गया। लेकिन जब उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो उसे निगदू अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उसे कुरुक्षेत्र के सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सांप के काटने के काटने निशान अनमोल के पिता सतीश ने बताया कि उनके बेटे की मौत का कारण सांप का काटना था। परिवार ने स्नैकमेन सतीश फफड़ाना को बुलाया, जिन्होंने बताया कि अनमोल को कॉमन क्रेट नामक जहरीले सांप ने काटा था। हालांकि, सांप को पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वह घर के अंदर गहरी दरारों में छिपा रह गया और उसे पकड़ा नहीं जा सका। स्नैकमेन ने परिवार को सावधानी बरतने की सलाह दी है। परिवार में था सबसे बड़ा बेटा अनमोल सतीश का सबसे बड़ा बेटा था। उसके छोटे भाई की उम्र मात्र सात साल है। अनमोल के अचानक चले जाने से पूरे परिवार में गहरा शोक है। माता-पिता के लिए यह समय बेहद कठिन है, क्योंकि वे अपने सबसे बड़े बेटे को खो चुके हैं। गांव में भी इस घटना के बाद मातम का माहौल है, और सभी अनमोल के परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं। ग्रामीणों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह इस दुखद घटना के बाद स्नैकमैन ने गांव के सभी निवासियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर घर के अंदर और आसपास। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में सांपों का निकलना सामान्य है, लेकिन उचित सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है।