हरियाणा के पानीपत शहर में एक दुकानदार ने संदिग्ध परिस्थितियों में सुसाइड कर लिया। दुकानदार दिनभर से गायब था। जिसे परिजन तलाश रहे थे। शाम को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उसकी फोटो देखकर परिजनों को उसकी ट्रेन से कटकर मौत होने का पता लगा। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। उधर, मामले की सूचना मिलने पर जीआरपी भी मौके पर पहुंची। मौके से शव के दोनों टुकड़े उठा कर सिविल अस्पताल भिजवाए गए। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया। गुरुवार को शव का पोस्टमॉर्टम होगा। आखिरी दो डिब्बों के नीचे दी जान मिली जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान कर्मबीर (35) के रूप में हुई है। मृतक शहर की परशुराम कॉलोनी का रहने वाला है। वह बीते कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। बुधवार की करीब सुबह 10 बजे वह घर से दुकान के लिए निकला था। दुकान पर 11 बजे वह अपना पर्स और मोबाइल फोन रखकर संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसे परिजन लगातार तलाश कर रहे थे। लेकिन वह नहीं मिला था। शाम बाद वॉट्सएप पर उसके शव की फोटो देखकर परिजनों को उसकी मौत का पता लगा। वहीं, घटना स्थल रेलवे ट्रैक के पास मौजूद लोगों ने बताया कि युवक काफी देर से रेलवे ट्रैक के आस-पास घूमता रहा। वह बहुत परेशान लग रहा था। इसी दौरान एक मालगाड़ी आई। गाड़ी पूरी निकलने ही वाली थी और उसके सिर्फ दो डिब्बे उसके पास से गुजरने बाकी थे। इसी बीच उसने रेलवे ट्रैक पर सिर पर रख दिया। जिससे उसका सिर, धड़ से अलग हो गया और उसकी मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत शहर में एक दुकानदार ने संदिग्ध परिस्थितियों में सुसाइड कर लिया। दुकानदार दिनभर से गायब था। जिसे परिजन तलाश रहे थे। शाम को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उसकी फोटो देखकर परिजनों को उसकी ट्रेन से कटकर मौत होने का पता लगा। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। उधर, मामले की सूचना मिलने पर जीआरपी भी मौके पर पहुंची। मौके से शव के दोनों टुकड़े उठा कर सिविल अस्पताल भिजवाए गए। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया। गुरुवार को शव का पोस्टमॉर्टम होगा। आखिरी दो डिब्बों के नीचे दी जान मिली जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान कर्मबीर (35) के रूप में हुई है। मृतक शहर की परशुराम कॉलोनी का रहने वाला है। वह बीते कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। बुधवार की करीब सुबह 10 बजे वह घर से दुकान के लिए निकला था। दुकान पर 11 बजे वह अपना पर्स और मोबाइल फोन रखकर संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसे परिजन लगातार तलाश कर रहे थे। लेकिन वह नहीं मिला था। शाम बाद वॉट्सएप पर उसके शव की फोटो देखकर परिजनों को उसकी मौत का पता लगा। वहीं, घटना स्थल रेलवे ट्रैक के पास मौजूद लोगों ने बताया कि युवक काफी देर से रेलवे ट्रैक के आस-पास घूमता रहा। वह बहुत परेशान लग रहा था। इसी दौरान एक मालगाड़ी आई। गाड़ी पूरी निकलने ही वाली थी और उसके सिर्फ दो डिब्बे उसके पास से गुजरने बाकी थे। इसी बीच उसने रेलवे ट्रैक पर सिर पर रख दिया। जिससे उसका सिर, धड़ से अलग हो गया और उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में शहीद मेजर का परिवार भिड़ा:बहू बोली- सास-ससुर को डेढ़ करोड़ मिला, अब सरकारी नौकरी भी ननद के लिए चाहते हैं
हरियाणा में शहीद मेजर का परिवार भिड़ा:बहू बोली- सास-ससुर को डेढ़ करोड़ मिला, अब सरकारी नौकरी भी ननद के लिए चाहते हैं हरियाणा के पानीपत के शहीद मेजर आशीष धौंचक की शहादत को 10 माह ही हुए हैं, इसी बीच उनका पारिवारिक विवाद घर से निकल कर सरेआम आ गया है। आशीष के परिवार और उनकी पत्नी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। परिवार का आरोप है कि बहू सरकार से मिलने वाली राशि, घर-मकान समेत अन्य लाभ अपने नाम करवा कर मायके चली गई। कई माह बीत जाने के बाद वह वापस नहीं लौटी। यहां तक कि उसने और उसके परिवार वालों ने बातचीत तक करनी बंद कर दी। इसी बीच पत्नी ज्योति भी सामने आई है। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में ज्योति ने सभी आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया और परिवार के बीच चल रही हर खटपट के बारे में विस्तार से बताया। सास ने इसलिए टॉर्चर किया, मैं खुद सब छोड़कर चली जाऊं
ज्योति ने कहा कि 2021 में आशीष की पोस्टिंग श्रीनगर में आई थी। तब मैं अपनी बेटी के साथ पानीपत अपनी ससुराल में शिफ्ट हुई थी। आशीष की शहादत के बाद मेरी सास कमला ने परिवार के बीच में ये कह दिया था कि मैं इसे (ज्योति) अपने साथ नहीं रख सकती हूं। अगर इसे रहना होगा तो ये घर के पहले फ्लोर पर रह लेगी। मैं वहीं रहती रही। ये सोच कर कि ये मेरे पति का घर है, मेरी बेटी का घर है। इसके बाद मेरी सास ने मुझे टॉर्चर करना शुरू कर दिया। मुझे ताने दिए, बात-बात पर झगड़ा किया और बात करना बंद कर देना। उनका मकसद था कि मैं परेशान होकर सब कुछ छोड़कर चली जाऊं, लेकिन मैंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। मुझे मेरी बेटी का भविष्य देखना था। ननदोई ने दी धमकियां, इसलिए मैंने घर आना किया बंद
29 दिसंबर को छमाही पर सभी बड़ों के कहने पर मैंने अपना सामान पहले फ्लोर पर रख लिया था। मेरे ससुर इन सब बातों में शामिल हैं। मैंने घर नहीं छोड़ा। मैंने न ही दूसरी शादी की है। न ही मैंने तलाक लिया है तो मैं घर छोड़कर क्यों जाऊं। मैं बीच-बीच में अपने मायके भी आती रही। यहां आने के बाद मेरे पास धमकी भरे फोन भी आने लगे। मेरी सबसे बड़ी ननद अंजू के पति संजय नांदल ने सास-ससुर के कहने पर धमकियां दी है। इसी डर से मैंने वहां जाना छोड़ दिया। मैंने सिर्फ अपने पहले फ्लोर पर ही लॉक लगाया है। वहां पर मेरी तीनों ननदों, उनके पति, बच्चों की जगह है, लेकिन मेरे और मेरी बेटी के लिए वहां जगह नहीं है। शहादत के बाद मेरे सास-ससुर को सरकार की ओर से डेढ़ करोड़ मिला था। ये पूरा खेल सिर्फ ननद को सरकारी नौकरी दिलवाने के खेला जा रहा है। जिस सोने की बात वे खुद ही कह रहे हैं कि उन्होंने शादी के वक्त दिया था, तो वह मेरा ही हुआ न। अगर मैं वो अपना स्त्रीधन साथ ले आई तो उसमें किसी को कोई आपत्ति क्यों होनी चाहिए। मैं सरकार के सामने अपना पक्ष रखूंगी। पैतृक जमीन भी बेच दी
ज्योति ने कहा कि पानीपत में शुभआंगन सोसाइटी का प्लाट अगस्त में बेचा था। TDI स्थित आवास के ग्राउंड फ्लोर में वे खुद रह रहे हैं। फर्स्ट फ्लोर पर मेरा सामान है। दूसरी मंजिल किराए पर दी हुई है। जिसका किराया भी सास-ससुर के पास आता है। मेरे ससुर एनएफएल से रिटायर्ड हैं, वो पेंशन भी आ रही है। बिंझौल गांव की पैतृक जमीन भी बेच दी है। 25 लाख की एफडी भी है। इसके अलावा सास कमला के नाम रोहतक में दो प्लॉट भी है। जबकि मेरे पास सिर्फ वो सहयोग राशि है, जो मेरे पति की शहादत के बाद सरकार की ओर से दी गई थी। इसके अलावा मेरे पास अब मिलने वाली नौकरी की आशा थी। शहादत बदनाम न हो, इसलिए रही चुप
उन्होंने कहा कि मेरे साथ ससुराल में अकसर प्रताड़ना की जाती थी, लेकिन मैंने कभी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई। क्योंकि पहले मेरे पति मुझे इन प्रताड़नाओं से प्रोटेक्ट करते थे। उनके बाद मैंने इसलिए कभी कोई आवाज नहीं उठाई क्योंकि मैं एक शहीद की पत्नी हूं। उनकी शहादत को मैं इस तरह बदनाम कभी नहीं कर सकती, जैसे मेरे ससुराल वालों ने किया है। मैंने कभी कोई डिमांड नहीं की। अब पढ़िए शहीद की मां ने क्या कहा…. आखिरी चेक पर साइन करवा कर चली गई बहू
दैनिक भास्कर से बातचीत में शहीद की मां कमला ने बताया कि 13 सितंबर 2023 को उनका इकलौता बेटा मेजर आशीष धौंचक (36) जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया था। बेटे की शहादत के बाद से बहू ज्योति ने अपने तेवर बदल लिए थे। जब तक सरकार की ओर से निर्धारित पूरी राशि नहीं मिली वह बहुत प्यार से बात करती थी। आखिर चेक आने पर उसने घर से जाने का प्लान बना लिया था। शहादत के कुछ समय बाद ही उसने जींद स्थित अपने मायका में 7 दिन जाने की बात कही थी। इसके बाद वह अपनी ढाई साल की बेटी वामिनी को लेकर घर से चली गई और वापस नहीं लौटी। 30 तोला सोना भी ले गई ज्योति
ज्योति से जब भी बात करते हैं, वह कभी भी वापस न आने की बात कहती है। उसके मां-बाप से बात की तो उन्होंने भी बात करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं पंचायती, सामाजिक तौर पर भी उन्होंने किसी भी तरह की बात करने से मना कर दिया। मां ने कहा कि ज्योति जाते समय घर से 30 तोला सोना भी ले गई है। इसके अलावा फरीदपुर टीडीआई में नवनिर्मित मकान, जोकि आधा आशीष के नाम था वह भी अपने नाम करवा गई। जाते हुए उसने घर के ऊपर वाले हिस्से में ताला लगा दिया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करती हैं कि उनकी बहू ज्योति को सरकारी नौकरी देने का जो प्रस्ताव मंजूर हुआ था, वह नामंजूर किया जाए। क्योंकि ज्योति उनके साथ नहीं रहती है। वह इस नौकरी को अपनी बेटी को दिलवाना चाहती है। क्योंकि बेटी ही उनकी सेवा कर रही है। ये बात पॉलिसी में भी लिखा है कि जिसे नौकरी दी जाएगी, अगर वह मां-बाप की केयर नहीं करेगा या करेगी, तो उसकी नौकरी को मां-बाप के कहने पर नामंजूर किया जाएगा। इसके अलावा मां ने यह भी कहा कि भारतीय सेना की ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। वह अपने कैंटीन कार्ड बनवाने के लिए भी जद्दोजहद कर रही हैं। सेना से कई बार संपर्क किया। सेना की ओर से उन्हें मेडिकल सुविधा भी नहीं दी गई।
रेवाड़ी में घर का ताला तोड़कर घुसे चोर:4 लाख के गहने और कैश गायब; ऑपरेशन कराने चंडीगढ़ गया था परिवार
रेवाड़ी में घर का ताला तोड़कर घुसे चोर:4 लाख के गहने और कैश गायब; ऑपरेशन कराने चंडीगढ़ गया था परिवार हरियाणा के रेवाड़ी शहर में चोरों ने सूने मकान का ताला तोड़कर करीब 4 लाख रुपये के जेवरात व नकदी चोरी कर ली। घटना के समय घर पर कोई नहीं था। घर का मुखिया सर्वाइकल का ऑपरेशन कराने चंडीगढ़ गया हुआ था। पीछे से चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। पड़ोसी ने मकान का ताला टूटा देखा तो इसकी सूचना दी। रामपुरा थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के पुराना बिजली घर स्थित सुभाष बस्ती की गली नंबर-3 निवासी सूरजभान ने बताया कि उसका बेटा चंडीगढ़ में रहता है। उसे काफी समय से सर्वाइकल की समस्या थी। जिसके चलते बेटे ने उसे डेढ़ माह पहले सर्वाइकल का ऑपरेशन कराने के लिए चंडीगढ़ बुलाया था। तब से वह परिवार के साथ बेटे के घर पर ही था। रेवाड़ी स्थित मकान पर ताला लगा हुआ था। पड़ोसी ने बताया- टूटा हुआ है ताला मंगलवार को पड़ोसी ने बताया कि उसके घर का ताला टूटा हुआ है। इसके बाद सूरजभान तुरंत अपने परिवार के साथ रेवाड़ी लौट आया और जब घर आया तो ताले टूटे हुए मिले। कमरे में रखा सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था। जब उसने अलमारी चेक की तो उसमें रखी 4 सोने की अंगूठियां, 2 जोड़ी पायल, 1 जोड़ी टॉप्स, 2 चेन और 1 नथ के साथ ही 35000 रुपये की नकदी गायब मिली। 4 लाख के जेवरात और नकदी चोरी सूरजभान के अनुसार चोरी हुए सामान की कीमत करीब 4 लाख रुपये है। सूरजभान ने चोरी की सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना के बाद सबसे पहले डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद रामपुरा थाना पुलिस भी पहुंच गई। जांच के बाद पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस सुभाष बस्ती में सूरजभान के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी चेक कर रही है, ताकि चोरों का सुराग मिल सके।
चुनाव के बीच अचानक हरियाणा पहुंचे राहुल गांधी:अमेरिका में घायल हुए युवक के परिजनों से मिले; परिवार से वीडियो कॉल का वादा निभाया
चुनाव के बीच अचानक हरियाणा पहुंचे राहुल गांधी:अमेरिका में घायल हुए युवक के परिजनों से मिले; परिवार से वीडियो कॉल का वादा निभाया हरियाणा में करनाल जिले के घोघड़ीपुर गांव में आज सुबह साढ़े 5 बजे अचानक राहुल गांधी पहुंचे। वह यहां अमेरिका दौरे के दौरान मिले एक युवक के परिवार से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने युवक के परिवार से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने अमेरिका में रह रहे लड़के से उसके घर पहुंच कर वीडियो कॉल भी की। कमाल की बात तो यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के इस दौरे के बारे में न तो स्थानीय कांग्रेस नेताओं को सूचना थी, और न ही पुलिस प्रशासन को। वह इतनी सुबह अचानक पहुंचे कि सभी दंग रह गए। बात दें कि अमेरिका दौरे के दौरान राहुल गांधी की मुलाकात अमित कुमार नाम के एक लड़के से हुई थी। वह घोघड़ीपुर गांव का ही रहने वाला है। अमित का कुछ समय पहले अमेरिका में एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद वह अस्पताल में ही भर्ती है। राहुल गांधी के सडन विजिट के PHOTOS… राहुल ने किया था वादा
वहां मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने अमित से वादा किया था कि वह जब वापस भारत जाएंगे तो उसके घरवालों से जरूर मिलकर आएंगे और युवक से वहां पहुंचकर वीडियो कॉलिंग भी करेंगे। राहुल गांधी अपने वादे के अनुसार आज सुबह घोघड़ीपुर में अमित कुमार के घर पहुंच गए। वहां वह अमित की मां बीरमती और पिता बीर सिंह से मिले। राहुल गांधी यहां से करीब 7.10 बजे निकले। यहीं से राहुल गांधी ने अमित को वीडियो कॉलिंग भी की। बीरमती ने राहुल गांधी को बताया कि उनका बेटा करीब डेढ़ साल पहले अमेरिका गया था, और वहीं काम करता था। कुछ ही दिन पहले उसका वहां एक्सीडेंट हो गया था। इससे हमारी भी चिंता बढ़ गई थी। अचानक आए राहुल गांधी
राहुल गांधी के अचानक दौरे से पुलिस महकमे में भी खलबली मच गई। उनके आने की सूचना महज कुछ ही अधिकारियों को थी। यहां तक कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को भी इसके बारे में नहीं पता था। हालांकि, नेताओं ने समय पर पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात की जुगत तो लगाई, लेकिन तब तक राहुल गांधी निकल चुके थे। देसी घी और चूरमा ले गए राहुल गांधी
बताया जा रहा है कि एक घंटा 20 मिनट तक राहुल गांधी अमित के घर पर रुके। यहां उन्होंने उसके परिवार से बात की और हालचाल भी जाना। उन्होंने अमित के घर से देसी घी और चूरमा भी पैक करवाया और अपने साथ ले गए। राहुल गांधी दिल्ली से आए थे और मुलाकात के बाद वापस दिल्ली चले गए। जमीन बेचकर डंकी से गया था अमेरिका
ग्रामीणों ने बताया है कि अमित करीब डेढ़ साल पहले अपनी जमीन बेचकर डंकी के जरिए अमेरिका गया था। वह वहां ट्रक ड्राइवर है। वहीं पर उसका मेजर एक्सीडेंट हुआ था। गांव से ही एक युवक है तेजी मान, उसी ने अमेरिका में अमित को संभाला था और अभी अमित की हालत ठीक है। वहां राहुल गांधी पहुंचे थे और अमित से मिले थे। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के युवा विदेश की ओर जा रहे है, क्योंकि यहां रोजगार ही नहीं है। सुरक्षा दृष्टि से फोर्स तैनात
राहुल गांधी के आने की सूचना के बाद करनाल पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से गांव में अमित के घर के बाहर फोर्स तैनात कर दी गई। हालांकि, राहुल का यह दौरा इतना त्वरित था किसी को कुछ भी करने का मौका ही नहीं मिला। ग्रामीणों का लगा तांता
राहुल गांधी के आने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई और अमित के घर पहुंचने वालों का तांता लग गया। भारी संख्या में ग्रामीण राहुल गांधी के घर पहुंचे। पहली बार राहुल गांधी इस गांव में आए थे।