हरियाणा के पलवल में बुखार होने पर इंजेक्शन लगवाने जा रहे युवक का रास्ता रोककर एक युवक ने चाकू मार दिया। उसे गंभीर रूप से घायल हालत में फरीदाबाद के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। होडल थाना पुलिस ने घायल युवक के पिता की शिकायत पर नामजद आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। घायल युवक को उपचार के लिए फरीदाबाद एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। होडल थाना प्रभारी यशवीर के अनुसार, गोडोता गांव निवासी ग्याशीराम ने दी शिकायत में कहा है कि उसका बेटा नरोत्तम अपने भाई की लड़की के पास बुखार का इंजेक्शन लगवाने के लिए जा रहा था। उसी दौरान रास्ते में उसे सुनील मिला, जिसने शराब पी हुई थी। जब उसका बेटा नरोत्तम आरोपी सुनील के बराबर से निकला तो उसने गालियां देनी शुरू कर दी। उसने बताया कि उसके बेटे ने जब विरोध किया तो सुनील ने अपनी जेब से चाकू निकाला और उसके बेटे के पेट व शरीर के अन्य हिस्सों में चाकू मारकर घायल कर दिया। इससे घायल होकर नरोत्तम जमीन पर गिर पड़ा, इसी दौरान उसे सूचना मिली की सुनील ने नरोत्तम को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। सूचना पर वह मौके पर पहुंचा और अपने भतीजे अमर सिंह के साथ नरोत्तम को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल होडल लेकर पहुंचे, जहां से उसकी हालत नाजुक देखते हुए फरीदाबाद के लिए रेफर कर दिया। फरीदाबाद में उसके बेटे का उपचार चल रहा है। होडल थाना पुलिस ने घायल युवक के पिता ग्याशीराम की शिकायत पर सुनील के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश में टीम जुटी हुई है, जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा के पलवल में बुखार होने पर इंजेक्शन लगवाने जा रहे युवक का रास्ता रोककर एक युवक ने चाकू मार दिया। उसे गंभीर रूप से घायल हालत में फरीदाबाद के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। होडल थाना पुलिस ने घायल युवक के पिता की शिकायत पर नामजद आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। घायल युवक को उपचार के लिए फरीदाबाद एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। होडल थाना प्रभारी यशवीर के अनुसार, गोडोता गांव निवासी ग्याशीराम ने दी शिकायत में कहा है कि उसका बेटा नरोत्तम अपने भाई की लड़की के पास बुखार का इंजेक्शन लगवाने के लिए जा रहा था। उसी दौरान रास्ते में उसे सुनील मिला, जिसने शराब पी हुई थी। जब उसका बेटा नरोत्तम आरोपी सुनील के बराबर से निकला तो उसने गालियां देनी शुरू कर दी। उसने बताया कि उसके बेटे ने जब विरोध किया तो सुनील ने अपनी जेब से चाकू निकाला और उसके बेटे के पेट व शरीर के अन्य हिस्सों में चाकू मारकर घायल कर दिया। इससे घायल होकर नरोत्तम जमीन पर गिर पड़ा, इसी दौरान उसे सूचना मिली की सुनील ने नरोत्तम को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। सूचना पर वह मौके पर पहुंचा और अपने भतीजे अमर सिंह के साथ नरोत्तम को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल होडल लेकर पहुंचे, जहां से उसकी हालत नाजुक देखते हुए फरीदाबाद के लिए रेफर कर दिया। फरीदाबाद में उसके बेटे का उपचार चल रहा है। होडल थाना पुलिस ने घायल युवक के पिता ग्याशीराम की शिकायत पर सुनील के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश में टीम जुटी हुई है, जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट ने खेले 3 ओलिंपिक, तीनों में वेट अलग:इस बार ट्रायल में 2 वेट कैटेगरी में लड़ीं, हंगामा भी हुआ था
विनेश फोगाट ने खेले 3 ओलिंपिक, तीनों में वेट अलग:इस बार ट्रायल में 2 वेट कैटेगरी में लड़ीं, हंगामा भी हुआ था पेरिस ओलिंपिक में केवल 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिस्क्वालिफाई की गईं हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ट्रायल के समय वेट कैटेगरी में क्लैरिटी न होने के चलते 50 किलोग्राम कैटेगरी में लड़ी थीं। उन्होंने ट्रायल तो 53 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भी दिया था, लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली। जबकि 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उन्हें जीत मिली थी। इसलिए उन्होंने इसी कैटेगरी में ओलिंपिक जाने का फैसला किया। इससे पहले भी विनेश फोगाट अपने करियर में कई नेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ चुकी हैं। जब वह पेरिस ओलिंपिक में वूमेन रेसलिंग की 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल में पहुंची तो देश में दीवाली जैसा माहौल बन गया था। गोल्ड नहीं तो सिल्वर पक्का था। हालांकि, कुछ ही समय में यह खुशी उदासी में बदल गई, क्योंकि विनेश फोगाट अपनी कैटेगरी में तय वजन से 100 ग्राम अधिक पाई गईं। इंटरनेशनल रेसलिंग फेडरेशन के नियम बेहद सख्त हैं। एक ग्राम वजन भी अधिक होता है तो रेसलर को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। इसकी जानकारी विनेश को भी थी। जब उन्हें रात में ही पता चला कि उनका वजन बढ़ा है तो उन्होंने रात में ही वजन कम करने की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। नियम के मुताबिक, महिलाओं की फ्रीस्टाइल रेसलिंग में 50, 53, 57, 62, 68 और 76 किलोग्राम की कैटेगरी होती हैं। मुकाबले से पहले सुबह रेसलर का वजन मापा जाता है। टूर्नामेंट के दोनों दिन रेसलर को अपने वजन के भीतर रहना होता है। यदि रेसलर फाइनल में पहुंचती है तो उसे सुबह अपना वजन कराना होता है। विनेश फोगाट मंगलवार को मुकाबले के लिए जब गईं तो उनका वजन तय मानक से अधिक था। लगातार तीसरा ओलिंपिक, तीनों अलग-अलग भार वर्ग में
विनेश फोगाट का यह तीसरा ओलिंपिक था। रियो ओलिंपिक 2016 में उन्होंने 48 किलोग्राम कैटेगरी में भाग लिया था। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में वह 53 किलोग्राम कैटेगरी में खेलीं, लेकिन पेरिस ओलिंपिक में आकर उन्होंने 50 किलोग्राम कैटेगरी में खेलना तय किया। यह सही है कि 53 किलोग्राम की कैटेगरी में खेलना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि दुनिया के बेस्ट रेसलर 53 किलोग्राम की कैटेगरी में आते हैं। पटियाला कैंप में ट्रायल के दौरान हुआ था हंगामा
पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान के हॉल में 12 मार्च 2024 को हंगामा हुआ था। पहलवान विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम और 53 किलोग्राम दोनों कैटेगरी में हिस्सा लेने का विकल्प चुना। इसके बाद वह 50 किलोग्राम का ट्रायल जीतीं, जबकि 53 किलोग्राम के ट्रायल में टॉप 4 में रहीं। नियमों की क्लैरिटी न होने के कारण विनेश फोगाट को यह नहीं पता था कि वह किस कैटेगरी का हिस्सा होंगी। इसलिए उन्होंने दो कैटेगरी में हिस्सा लिया। महज 5 महीने बाद विनेश फोगाट के इस फैसले ने उन्हें 2024 पेरिस ओलिंपिक में रजत या स्वर्ण पदक दिलाने के बेहद करीब पहुंचा दिया। अंतिम पंघाल ने 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता
वहीं इस बीच अंतिम पंघाल ने 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इससे भारत को 53 किलोग्राम वर्ग में पेरिस ओलिंपिक का कोटा मिला। भारतीय कुश्ती महासंघ के नियमों के अनुसार, कोटा विजेता को ओलिंपिक के लिए हरी झंडी मिल गई थी। अब विनेश फोगाट असमंजस में थीं। उस समय भारत में कुश्ती का संचालन एडहॉक कमेटी कर रही थी। उन्होंने उनसे वादा किया था कि 53 किलोग्राम वर्ग के लिए ट्रायल होगा, लेकिन ऐसा शायद ही हो पाता। क्योंकि रेसलिंग फेडरेशन का चुनाव हो गया था। संजय सिंह नए अध्यक्ष चुन लिए गए थे। 50 किलोग्राम वर्ग या 57 किलोग्राम का विकल्प
12 मार्च आ गया। फोगाट का मानना था कि WFI की वापसी से उन्हें 53 किलोग्राम वर्ग में ओलिंपिक में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिलेगा। उनके पास 50 किलोग्राम वर्ग या 57 किलोग्राम का विकल्प था। उन्होंने 50 किलोग्राम चुना। इस वर्ग में उन्होंने आखिरी बार 2018 में हिस्सा लिया था। इसे लेकर विनेश ने कहा था, “मुझे 53 किग्रा कोटा के लिए ट्रायल को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। आमतौर पर कोटा देश को मिलता है, लेकिन उन्होंने पहले ट्रायल नहीं किए थे। उन्होंने (एडहॉक कमेटी) कहा था कि इस बार ऐसा नहीं होगा। मेरे पास ऐसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। क्योंकि मुझे ओलिंपिक में हिस्सा लेना था।” इस दौरान विनेश फोगाट ने ये भी कहा था कि उन्होंने वजन में ये बदलाव इसलिए किया क्योंकि और कोई विकल्प नहीं था। मैं खुश हूं कि ओलिंपिक खेलने का मौका मिल रहा है। लगातार दो दिनों तक 50 तक वजन रखना काफी मुश्किल
विनेश फोगाट का वजन आमतौर पर 55-56 किलोग्राम के आसपास होता है। लगातार दो दिनों तक 50 तक वजन रखना काफी मुश्किल है। इसीलिए, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने कहा कि यह एक किलो का मामला नहीं था बल्कि 100 ग्राम के आंकड़े तक पहुंचने के लिए उन्हें पहले ही बहुत अधिक वजन कम करना पड़ा। जिसकी वजह से समस्या हुई। ये खबर भी पढ़ें… विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल की उम्मीद जगी:CAS में अब सुनवाई कल दोपहर डेढ़ बजे; ओलिंपिक से डिसक्वालिफाई होने पर संन्यास ले चुकीं पेरिस ओलिंपिक में ओवरवेट के चलते अयोग्य करार दी गईं रेसलर विनेश फोगाट की अपनी डिसक्वालीफिकेशन के खिलाफ दायर अपील पर अब 9 अगस्त (शुक्रवार) को सुनवाई होगी। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में यह सुनवाई आज यानि गुरुवार रात साढ़े 9 बजे ही होनी थी मगर विनेश के साथ मौजूद दल ने भारतीय वकील को पेश करने के लिए समय की मांग की। इसके बाद CAS ने कल सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर डेढ़ बजे) तक का वक्त दे दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
शाहाबाद में पंजाब की बस व ट्रक में टक्कर, चालक समेत 12 घायल
शाहाबाद में पंजाब की बस व ट्रक में टक्कर, चालक समेत 12 घायल भास्कर न्यूज | शाहाबाद/कुरुक्षेत्र रविवार सुबह शाहाबाद में दिल्ली एयरपोर्ट जा रही पंजाब रोडवेज बस की ट्रक से टक्कर हो गई। हादसे में बस चालक सहित 12 से ज्यादा सवारियां घायल हुई हैं। हादसे के दौरान बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। बस चालक सराज निवासी फिरोजपुर पंजाब गंभीर घायल हुआ है। बाकी घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद उनके गंतव्य पर रवाना किया गया। यात्रियों मुकेश, प्रीतम, अमित, पिंकी ने बताया कि अधिकांश यात्री नींद में थे। जब बस शाहाबाद पहुंची तो अचानक धमाका हुआ और चीख पुकार मच गई। सवारियों के मुताबिक यहां अचानक से चालक को झपकी लगी होगी। अथवा आगे चल रहे ट्रक चालक ने ब्रेक लगाए। जिससे बस पीछे से ट्रक में लगी। इससे पहले कि पुलिस पहुंचती या सवारियां नीचे उतर कर देख पाती, ट्रक चालक मौके से भाग निकला। टक्कर से बस केबिन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। चौकी प्रभारी महेश सैनी ने बताया कि हादसे सूचना मिलते ही डायल 112 की 3 गाडियां मौके पर पहुंच गई। राहगीरों की मदद से घायलों को एम्बुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। हादसे में चालक सराज घायल हुआ है। अभी उसके बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं। उसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी जेपी का बीरेंद्र सिंह पर अटैक:बोले- उचाना में दगा करने वालों के पल्ले कुछ नहीं निकला; सीधे वोट मिले
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी जेपी का बीरेंद्र सिंह पर अटैक:बोले- उचाना में दगा करने वालों के पल्ले कुछ नहीं निकला; सीधे वोट मिले हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्र चौधरी बीरेंद्र सिंह पर भड़ास निकाली है। जेपी ने बीरेंद्र सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि उचाना में धोखा देने वालों के पल्ले कुछ नहीं निकला। लोगों ने सीधे उनको वोट दिए हैं। जो इस तरह के लोग पहले घूम रहे थे, लोगों की इनकी असलियत का पला चल गया। जेपी ने कहा कि उचाना में उनके वोटों में एक प्रतिशत भी किसी का फर्क नहीं पड़ा। आपको बता दें कि हरियाणा में सबसे ज्यादा गुटबाजी हिसार लोकसभा सीट से देखने को मिली। यहां गुटबाजी इतनी चरम पर थी कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही केवल जेपी का प्रचार करने आए। इसके अलावा हिसार से ही बड़ी नेता कुमारी सैलजा, चौधरी बीरेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह एक दिन भी प्रचार करने नहीं आए। इतना ही नहीं किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला भी यहां नहीं आए। इसके अलावा इनके समर्थकों ने भी पूरे प्रचार से गायब दिखे। कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं से लिया फीडबैक
हिसार के कांग्रेस भवन में जयप्रकाश ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और फीडबैक लिया। इस पर जयप्रकाश ने कहा कि हिसार सीट पर हम जीत रहे हैं। करीब 40 हजार वोट हिसार से मुझे मिलेंगे। जयप्रकाश ने कहा कि हिसार में 1 लाख के करीब वोट पोल हुए हैं। उसमें 40 हजार मुझे मिलेंगे और बाकी जो बचेंगे वे बांट लेंगे। सोने का मन करता है, पर मजबूरी है
चुनाव के नतीजों से निराशा की बात पर जयप्रकाश ने कहा कि चुनाव में निराशा की नहीं, यह थकावट झलक रही है। 29 दिन जी तोड़ मेहनत के बाद मतदान के बाद कार्यकर्ताओं से मिलना जरूरी होता है। फीडबैक लेना जरूरी होता है। 29 दिन की मेहनत एक तरफ और 30वें दिन की मेहनत अलग है। जेपी ने कहा कि सोने का मन उनका भी करता है, मगर नतीजों तक वह शांत नहीं बैठेंगे। कार्यकर्ताओं से मिलते रहेंगे।