हरियाणा के पलवल जिले के कैंप थाना क्षेत्र में एक युवक ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक पत्नी के साथ प्रकाश विहार कॉलोनी पलवल में रहता था, जबकि बच्चे भाई के पास गांव में रहते थे। कैंप थाना पुलिस ने मृतक के छोटे भाई की शिकायत पर उसकी पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। 2013 में हुई थी शादी कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार लुलवाड़ी गांव के रहने वाले अनुप कुमार ने दी शिकायत में कहा कि उसके बड़े भाई अमित कुमार की शादी वर्ष 2013 में पूजा नामक युवती के साथ हुई थी। उसके भाई अमित के दो बेटे व एक बेटी है, जो उसके पास ही रहते है। पिछले दो वर्ष से उसका भाई अमित अपनी पत्नी पूजा के साथ बाहर रह रहा था। भांजा लेकर पहुंचा नागरिक अस्पताल करीब 15 दिन पहले अमित अपनी पत्नी पूजा को लेकर प्रकाश विहार कॉलोनी पलवल में रहने लगा था। उसके भाई अमित को उसकी पत्नी पूजा ने काफी परेशान कर रखा था। जिसके चलते एक जनवरी को अमित ने अपनी पत्नी से परेशान होकर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। जिसके बारे में उसके भांजे कृष्ण ने सूचना दी, तो वह तुरंत पलवल पहुंच गया और अपने भाई को लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचा। पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव नागरिक अस्पताल से उसके भाई की हालत नाजुक देखते हुए नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान उसके भाई अमित ने दम तोड़ दिया। कैंप थाना पुलिस ने सूचना पर अस्पताल पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया। मृतक अमित के भाई अनुप कुमार की शिकायत पर अमित की पत्नी पूजा के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया। हरियाणा के पलवल जिले के कैंप थाना क्षेत्र में एक युवक ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक पत्नी के साथ प्रकाश विहार कॉलोनी पलवल में रहता था, जबकि बच्चे भाई के पास गांव में रहते थे। कैंप थाना पुलिस ने मृतक के छोटे भाई की शिकायत पर उसकी पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। 2013 में हुई थी शादी कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार लुलवाड़ी गांव के रहने वाले अनुप कुमार ने दी शिकायत में कहा कि उसके बड़े भाई अमित कुमार की शादी वर्ष 2013 में पूजा नामक युवती के साथ हुई थी। उसके भाई अमित के दो बेटे व एक बेटी है, जो उसके पास ही रहते है। पिछले दो वर्ष से उसका भाई अमित अपनी पत्नी पूजा के साथ बाहर रह रहा था। भांजा लेकर पहुंचा नागरिक अस्पताल करीब 15 दिन पहले अमित अपनी पत्नी पूजा को लेकर प्रकाश विहार कॉलोनी पलवल में रहने लगा था। उसके भाई अमित को उसकी पत्नी पूजा ने काफी परेशान कर रखा था। जिसके चलते एक जनवरी को अमित ने अपनी पत्नी से परेशान होकर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। जिसके बारे में उसके भांजे कृष्ण ने सूचना दी, तो वह तुरंत पलवल पहुंच गया और अपने भाई को लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचा। पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव नागरिक अस्पताल से उसके भाई की हालत नाजुक देखते हुए नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान उसके भाई अमित ने दम तोड़ दिया। कैंप थाना पुलिस ने सूचना पर अस्पताल पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया। मृतक अमित के भाई अनुप कुमार की शिकायत पर अमित की पत्नी पूजा के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राव इंद्रजीत ने हरियाणा CM कुर्सी की दावेदारी छोड़ी:बोले- शाह सैनी का फैसला कर चुके; कैबिनेट मंत्री न बनाने पर बोले- रोष तो है हरियाणा के गुरुग्राम से सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने CM कुर्सी पर दावेदारी छोड़ दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पंचकूला में नायब सैनी के नाम के ऐलान के बाद वे पीछे हट गए हैं। हिसार में एक कार्यक्रम में राव इंद्रजीत ने कहा कि इसका फैसला हो चुका। नायब सैनी ही अगुआई करेंगे। इस दौरान बार-बार राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी राव इंद्रजीत का दर्द छलका। वहीं उन्होंने हरियाणा BJP के भीतर गुटबाजी को भी खुले तौर पर स्वीकार कर सबको चौंका दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अभी तो यह गुटबाजी और बढ़ेगी। राव इंद्रजीत से पूछे 3 सवाल और उनके जवाब 1. राव इंद्रजीत से पूछा गया कि वह सीनियर BJP नेता हैं। उनके समर्थक चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनें?
इसके जवाब में राव ने कहा- यह पार्टी का फैसला होता है। पिछले दिनों पंचकूला में अमित शाह आए थे। उन्होंने फैसला कर लिया कि नायब सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा, तो यह फैसला हो चुका है। 2. आपको कैबिनेट मंत्री भी नहीं बनाया गया, राज्य मंत्री का ही दर्जा दिया गया?
इस पर राव इंद्रजीत ने कहा- ” जी हां, रोष तो है ही, सबसे पुराना बार-बार राज्य मंत्री बनने वाला कोई है तो वह शायद मैं ही हूं।” 3. BJP में गुटबाजी हो रही है, गुरुग्राम में आपको इसका सामना करना पड़ा?
राव इंद्रजीत ने कहा- हर पार्टी में थोड़ी-बहुत होती है। कांग्रेस में भी गुटबाजी है। मैं वहां रह चुका हूं। 34 साल मैंने कांग्रेस में गुजारे। वहां भी गुटबाजी का शिकार रहा। यहां पर भी गुटबाजी हो रही है। BJP नई पार्टी है। जैसे और टाइम गुजरेगा, हरियाणा में और गुटबाजी उभरकर आएगी। राव इंद्रजीत का नाम CM दावेदारी में कैसे आया?
राव इंद्रजीत गुरुग्राम से कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर छठी बार सांसद बने। जीत के बाद राव इंद्रजीत ने समर्थकों को संबोधित किया। जिसमें राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- ”हरियाणा के इलेक्शन के लिए हमने तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहता हैं।” उनके सत्तासीन होने के बयान को CM कुर्सी से जोड़कर देखा गया। इसके बाद हिसार की यादव सभा ने मांग की कि राव इंद्रजीत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राज्य मंत्री को लेकर नाराजगी क्यों?
राव इंद्रजीत छठी बार सांसद चुने गए हैं। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली पिछली 2 सरकार में वह राज्यमंत्री रहे। इस बार उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इसके बावजूद वह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ही बन पाए। इसके उलट करनाल से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। खट्टर को नरेंद्र मोदी के साथ संगठन में काम करते वक्त की नजदीकी का फायदा मिला। राव से पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर भी कैबिनेट मंत्री न बनाने का मलाल जता चुके हैं। राव इंद्रजीत के पिता के बाद दक्षिणी हरियाणा से दूसरा CM नहीं बना
दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती है। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। वहीं दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ऐसे पहले नेता थे, जो इस इलाके से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
हरियाणा के नए CM निभाएंगे वादा:नायब सैनी बोले- पहले 24 हजार भर्तियों का रिजल्ट जारी होगा, फिर शपथ लूंगा
हरियाणा के नए CM निभाएंगे वादा:नायब सैनी बोले- पहले 24 हजार भर्तियों का रिजल्ट जारी होगा, फिर शपथ लूंगा हरियाणा में बुधवार को नए मुख्यमंत्री मनोनीत होने के बाद नायब सैनी ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वह जनता से किए सभी वादों को निभाएंगे। नायब सैनी का कहना है कि वह कल (17 अक्टूबर को) CM पद की शपथ बाद में लेंगे, पहले वह 24 युवाओं की नौकरी का रिजल्ट जारी करवाएंगे। सैनी ने कहा, ‘कुछ बच्चों के रिजल्ट कमीशन की तरफ से तैयार हो चुके थे। जैसे ही कमीशन उन्हें जारी करने लगा तो विपक्षी दल इलेक्शन कमीशन के पास पहुंच गए। मामला हाईकोर्ट में चला गया और उस पर रोक लग गई। हमने अनाउंसमैंट की थी कि हम सबसे पहले उन बच्चों को जॉइनिंग लेटर देंगे। आज भी हम अपनी बात पर कायम हैं। 24 हजार बच्चों का रिजल्ट कमीशन ने तैयार कर रखा है। कमीशन उसे कल शपथ से पहले जारी कर देगा।’ HSSC पहले ही तैयारी कर चुका
बता दें कि विभिन्न कैटेगरी के पदों का रिजल्ट जारी करने की तैयारी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) पहले ही कर चुका है। संभव है कि ग्रुप-C व D के उम्मीदवारों को विभाग और बोर्डों में जॉइनिंग दी जाएगी। मुख्य सचिव ने पहले ही पत्र जारी कर दिया था कि 2 माह में मेडिकल व 3 में चरित्र प्रमाण पत्र जमा किया जा सकेगा। इससे पहले पदों पर सेलेक्ट होने वाले उम्मीदवार पद जॉइन कर लेंगे। यदि किसी तरह की गलत जानकारी देकर पदों पर जॉइनिंग की गई तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा। विभागों से भर्ती के लिए खाली सीटों की जानकारी भेजी गई थी। इसके बाद HSSC ने भर्ती की तैयारी को लेकर लगातार कार्य किया है। इन पदों पर भर्तियां होंगी
वादे के मुताबिक HSSC अब 20 हजार सरकारी नौकरियों के रिजल्ट जारी करने वाला है। आयोग एक्साइज इंस्पेक्टर, ऑडिटर पटवारी, जूनियर इंजीनियर (JE), क्लर्क पोस्टों का रिजल्ट जारी कर सकता है। बता दें कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसी साल एक फरवरी को ग्रुप-C के 20 हजार पदों की भर्ती पर लगी रोक को हटाया था। हाईकोर्ट में हरियाणा के एडवोकेट जनरल (AG) ने विश्वास दिलाया था कि याचिकाकर्ताओं के लिए भर्ती के दौरान पद रिक्त रखे जाएंगे। हाईकोर्ट ने एक फरवरी को लगाई गई रोक हटाते हुए विभिन्न पदों के लिए परिणाम जारी करने और भर्ती आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी थी। पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पर हुआ था विवाद
HSSC ने 16 अगस्त को पुलिस कॉन्स्टेबल के 5600 रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती का ऐलान किया था। अधिसूचना के मुताबिक इस भर्ती के लिए 10 सितंबर से आवेदन शुरू होने थे जो 24 सितंबर 2024 तक जारी रहने वाले थे। इसके साथ ही शिक्षकों की दो श्रेणी (टीजीटी और पीटीआई) के 76 पदों के संबंध में भी इसी दिन एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था। कांग्रेस ने भर्तियों पर उठाए थे सवाल
16 अगस्त को ही चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था और HSSC ने भर्तियों का ऐलान भी इसी दिन किया था इसलिए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इसकी शिकायत ECI से की। कांग्रेस ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। आयोग ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
शिकायत के बाद आयोग ने राज्य सरकार से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। राज्य सरकार द्वारा दिए गए तथ्यों की जांच के बाद पाया गया की भर्ती प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। जांच में आयोग ने ये भी पाया की भर्ती प्रक्रिया चुनाव की घोषणा से पहले शुरू की गई थी। आयोग ने भर्तियों के परिणाम पर लगाई रोक
हालांकि, समान अवसर बनाए रखने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी को चुनाव में कोई अनुचित लाभ न मिले, इसे देखते हुए ECI ने HSSC और HPSC को निर्देश दिया था कि इन भर्तियों के परिणामों की घोषणा विधानसभा चुनाव पूरे होने तक न की जाए।
कैप्टन अजय यादव बोले-मैं कोई साधु नहीं हूं:कांग्रेस में अपमानित कर रहे थे; इस्तीफा स्वीकार होते ही खुलासा करूंगा, भाजपा में जाने की अटकलें
कैप्टन अजय यादव बोले-मैं कोई साधु नहीं हूं:कांग्रेस में अपमानित कर रहे थे; इस्तीफा स्वीकार होते ही खुलासा करूंगा, भाजपा में जाने की अटकलें हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि कैप्टन की तरफ से अभी पत्ते नहीं खोले गए हैं। शुक्रवार को कैप्टन अजय यादव ने X पर दो और पोस्ट की। जिसमें लिखा-‘मैं कोई संत नहीं हूं और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हूं, तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मेरा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद ही मैं अपने भविष्य की रणनीति तय करूंगा तथा कुछ नेताओं द्वारा मेरे राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई कार्यप्रणाली और बाधाओं का विस्तृत विवरण दूंगा।’ दूसरी पोस्ट में लिखा- ‘मैं इंतजार कर रहा हूं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लें तो मै मीडिया से मुलाकात करूंगा। मैं बताऊंगा कि कैसे दो साल से कुछ नेता मुझे अपमानित और परेशान कर रहे थे। कैप्टन अजय द्वारा पार्टी छोड़ने के फैसले पर उनके बेटे और पूर्व विधायक चिरंजीव राव ने कहा-‘कैप्टन साहब ने ये फैसला कैसे और क्यों लिया ये तो वही बता सकते हैं। मैं कांग्रेस के साथ हूं।’ बता दें कि एक दिन पहले सोशल मीडिया (X) पर खुद की अनदेखी से खफा होकर कैप्टन ने दो पोस्ट करते हुए कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन पद छोड़ने सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की जानकारी दी थी। कैप्टन के अचानक पार्टी छोड़ने से कांग्रेस में खलबली मच गई। कैप्टन ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उनका पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो चुका है। पहले भी बीजेपी में जाने की चर्चाएं चली दरअसल, कैप्टन अजय यादव के पहले भी कई बार बीजेपी जॉइन करने की चर्चाएं चली थी। 2014 और 2019 के चुनाव से पहले भी इस तरह की चर्चाएं हुई। हालांकि कैप्टन पार्टी में बने रहे। लेकिन अब पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी जॉइन करने की चर्चाओं को ज्यादा बल मिला है। राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने को उन्होंने गलत नहीं बताया था। उस समय भी आशंका व्यक्त की गई कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। कैप्टन ने इस्तीफे की जानकारी के साथ कारण भी बताया कैप्टन ने गुरुवार की शाम X पर लिखा, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के OBC मोर्चा का चेयरमैन भी नहीं रहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दे दी गई है।’ कैप्टन यादव ने आगे लिखा, ‘इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में बहुत कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का कांग्रेस से 70 वर्षों से जुड़ाव था। मेरे पिता दिवंगत राव अभय सिंह 1952 में कांग्रेस से विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार किया गया। इससे मेरा पार्टी हाईकमान से मोहभंग हो गया है।’ लालू यादव के समधी हैं कैप्टन अजय कैप्टन अजय यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के समधी है। कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव की 2011 में लालू यादव की बेटी अनुष्का से हुई थी। चिरंजीव भी काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2019 में चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से विधायक चुने गए। इससे पहले उनके पिता कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार 1991 से 2014 तक इस सीट से विधायक रहे। कैप्टन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तत्कालीन सरकार में दोनों बार पावरफुल मंत्री भी रहे। लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज चल रहे थे, बेटे की हार के बाद निराश पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। हालांकि कैप्टन की ये नाराजगी विधानसभा चुनाव आते-आते कम हो गई। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव को फिर से रेवाड़ी सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं।