पलवल में वकीलों ने कोर्ट का मेन गेट किया बंद:पुलिस की कार्यशैली का विरोध, लोग परेशान, प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी

पलवल में वकीलों ने कोर्ट का मेन गेट किया बंद:पुलिस की कार्यशैली का विरोध, लोग परेशान, प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी

हरियाणा के पलवल जिले में पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ वकीलों का विरोध प्रदर्शन और तीव्र होता जा रहा है। बुधवार को हड़ताल के 7वें दिन अधिवक्ताओं ने जिला कोर्ट का मुख्य द्वार बंद कर पूर्ण बहिष्कार शुरू कर दिया। इस कार्रवाई से कोर्ट में आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मांगे पूरी होने तक आंदोलन करेंगे तेज जिला बार एसोसिएशन प्रधान रविंद्र चौहान के अनुसार एसपी पलवल के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने के कारण यह कदम उठाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह अहलावत ने हरियाणा के डीजीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि निष्पक्ष न्याय नहीं मिला, तो दोनों राज्यों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। वकीलों से मांगी जा रही रंगदारी उल्लेखनीय है कि यह विरोध 30 जनवरी से चल रहा है और 4 फरवरी को पूरे हरियाणा के वकीलों ने इसका समर्थन किया था। बार के पूर्व प्रधान सुनील डागर ने कहा कि पुलिस द्वारा वकीलों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वकीलों से रंगदारी मांगी जा रही है, उनके कार्यालयों पर फायरिंग हो रही है। हत्या के प्रयास का झूठा केस इसके बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई करने में असफल साबित हो रही है। जबकि अधिवक्ताओं ने अपने बचाव में यदि कोई हवाई फायर किया है, तो उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का झूठा केस दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। ऐसा दोगला व्यवहार नहीं चल पाएगा। इसके लिए चाहे उन्हें कोई भी कठोर कदम क्यों न उठाना पड़े। हड़ताल में ये रहे शामिल इस अवसर पर पूर्व प्रधान अशोक आर सिंह, सुनील डागर, दीपक चौहान, मनीष भारद्वाज, लाल सिंह तेवतिया, हेतराम शर्मा, चंद्र शेखर रावत, सुरेंद्र राणा, भूपेंद्र सोलंकी, किरण, गीता शर्मा, सकिला, कोमल राजपूत, राकेश कुशक, करतार, उप प्रधान विक्रम वशिष्ठ व राजकुमार तेवतिया सहित काफी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे। हरियाणा के पलवल जिले में पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ वकीलों का विरोध प्रदर्शन और तीव्र होता जा रहा है। बुधवार को हड़ताल के 7वें दिन अधिवक्ताओं ने जिला कोर्ट का मुख्य द्वार बंद कर पूर्ण बहिष्कार शुरू कर दिया। इस कार्रवाई से कोर्ट में आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मांगे पूरी होने तक आंदोलन करेंगे तेज जिला बार एसोसिएशन प्रधान रविंद्र चौहान के अनुसार एसपी पलवल के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने के कारण यह कदम उठाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह अहलावत ने हरियाणा के डीजीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि निष्पक्ष न्याय नहीं मिला, तो दोनों राज्यों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। वकीलों से मांगी जा रही रंगदारी उल्लेखनीय है कि यह विरोध 30 जनवरी से चल रहा है और 4 फरवरी को पूरे हरियाणा के वकीलों ने इसका समर्थन किया था। बार के पूर्व प्रधान सुनील डागर ने कहा कि पुलिस द्वारा वकीलों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वकीलों से रंगदारी मांगी जा रही है, उनके कार्यालयों पर फायरिंग हो रही है। हत्या के प्रयास का झूठा केस इसके बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई करने में असफल साबित हो रही है। जबकि अधिवक्ताओं ने अपने बचाव में यदि कोई हवाई फायर किया है, तो उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का झूठा केस दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। ऐसा दोगला व्यवहार नहीं चल पाएगा। इसके लिए चाहे उन्हें कोई भी कठोर कदम क्यों न उठाना पड़े। हड़ताल में ये रहे शामिल इस अवसर पर पूर्व प्रधान अशोक आर सिंह, सुनील डागर, दीपक चौहान, मनीष भारद्वाज, लाल सिंह तेवतिया, हेतराम शर्मा, चंद्र शेखर रावत, सुरेंद्र राणा, भूपेंद्र सोलंकी, किरण, गीता शर्मा, सकिला, कोमल राजपूत, राकेश कुशक, करतार, उप प्रधान विक्रम वशिष्ठ व राजकुमार तेवतिया सहित काफी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर