पलवल में स्कूल की जमीन पर विवाद:40 साल से नहीं मिला मुआवजा, ग्रामीणों ने मैदान में बांधी भैंस

पलवल में स्कूल की जमीन पर विवाद:40 साल से नहीं मिला मुआवजा, ग्रामीणों ने मैदान में बांधी भैंस

हरियाणा के पलवल जिले के भुलवाना गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है। गांव के राजकीय संस्कृति प्राथमिक विद्यालय में कुछ ग्रामीणों ने सोमवार को अपनी भैंसें बांध दीं और चारपाई डालकर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 40 साल पहले सरकार ने स्कूल के लिए उनकी पैतृक जमीन ले ली थी। सरकार ने उन्हें दूसरी जगह जमीन देने का वादा किया था, लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है। इस स्कूल में करीब 950 बच्चे पढ़ते हैं। सरकारी रिकॉर्ड में आज भी जमीन उनके नाम वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज कुमार ने मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ब्रह्म, धर्मपाल, मोहित, वीरेंद्र, ओमवीर, महेश, ओमप्रकाश का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में आज भी जमीन उनके नाम पर है। वे इस मामले को लेकर तहसीलदार, एसडीएम, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, डीडीपीओ और जिला उपायुक्त तक को बता चुके हैं। गांव के सरपंचों ने भी उनके पक्ष में कई बार प्रस्ताव दिया है। पैमाइश कराने के लिए दरखास्त ग्रामीणों ने अब तहसीलदार कार्यालय में स्कूल में अपनी जमीन की पैमाइश कराने के लिए दरखास्त दी है। मामले को लेकर काफी संख्या में ग्रामीण सोमवार को विद्यालय में पहुंच गए और अपने पशुओं (भैंसों) को स्कूल के मैदान में बांध दिया और चारपाई डालकर हुक्का गुडग़ुड़ाने लगे। इतना ही नहीं अपनी जगह की बाउंडरी करने के लिए ईंट आदि मंगवा ली। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं ग्रामीण विद्यालय के मैदान में ही बैठे हुए थे। उधर मामले में गांव के सरपंच राजू का कहना था कि लगभग 40 साल पहले ग्रामीणों की जमीन विद्यालय में गई थी। जिसके बदले तत्कालीन ग्राम पंचायत द्वारा जमीन दे दी गई है, लेकिन राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है। उन्होंने विद्यालय में भैंस बांधने और ग्रामीणों के एकत्रित होने के मामले से बीडीपीओ, थाना प्रभारी और डीएसपी को अवगत करा दिया है। हरियाणा के पलवल जिले के भुलवाना गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है। गांव के राजकीय संस्कृति प्राथमिक विद्यालय में कुछ ग्रामीणों ने सोमवार को अपनी भैंसें बांध दीं और चारपाई डालकर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 40 साल पहले सरकार ने स्कूल के लिए उनकी पैतृक जमीन ले ली थी। सरकार ने उन्हें दूसरी जगह जमीन देने का वादा किया था, लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है। इस स्कूल में करीब 950 बच्चे पढ़ते हैं। सरकारी रिकॉर्ड में आज भी जमीन उनके नाम वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज कुमार ने मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ब्रह्म, धर्मपाल, मोहित, वीरेंद्र, ओमवीर, महेश, ओमप्रकाश का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में आज भी जमीन उनके नाम पर है। वे इस मामले को लेकर तहसीलदार, एसडीएम, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, डीडीपीओ और जिला उपायुक्त तक को बता चुके हैं। गांव के सरपंचों ने भी उनके पक्ष में कई बार प्रस्ताव दिया है। पैमाइश कराने के लिए दरखास्त ग्रामीणों ने अब तहसीलदार कार्यालय में स्कूल में अपनी जमीन की पैमाइश कराने के लिए दरखास्त दी है। मामले को लेकर काफी संख्या में ग्रामीण सोमवार को विद्यालय में पहुंच गए और अपने पशुओं (भैंसों) को स्कूल के मैदान में बांध दिया और चारपाई डालकर हुक्का गुडग़ुड़ाने लगे। इतना ही नहीं अपनी जगह की बाउंडरी करने के लिए ईंट आदि मंगवा ली। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं ग्रामीण विद्यालय के मैदान में ही बैठे हुए थे। उधर मामले में गांव के सरपंच राजू का कहना था कि लगभग 40 साल पहले ग्रामीणों की जमीन विद्यालय में गई थी। जिसके बदले तत्कालीन ग्राम पंचायत द्वारा जमीन दे दी गई है, लेकिन राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है। उन्होंने विद्यालय में भैंस बांधने और ग्रामीणों के एकत्रित होने के मामले से बीडीपीओ, थाना प्रभारी और डीएसपी को अवगत करा दिया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर