<p style=”text-align: justify;”><strong>Mayawati Latest News:</strong> बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के संगठन विस्तार और मजबूती को लेकर बड़ी रणनीतिक बैठक बुलाई. यह बैठक दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें खासतौर से पश्चिम भारत के महाराष्ट्र, गुजरात, तथा दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों में संगठन को मजबूत करने पर गहन समीक्षा की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने बैठक में साफ कहा कि इन राज्यों में बीएसपी का जनाधार बढ़ाने के लिए अब पार्टी को पूरे ‘तन, मन और धन’ से काम करना होगा. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि वे दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाएं और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूती दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक में मायावती ने किन मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए<br /></strong>गौरतलब है कि बीएसपी लंबे समय से उत्तर भारत के बाहर अपने संगठन को विस्तार देने की कोशिश कर रही है. खासकर दलित और पिछड़े वर्गों की बड़ी आबादी वाले दक्षिण और पश्चिम भारत के राज्यों में पार्टी अपनी मौजूदगी को मजबूत करना चाहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर मायावती ने जनगणना, लोकसभा सीटों के पुनः आवंटन और नई शिक्षा नीति जैसे मुद्दों पर भी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जनगणना के आधार पर संसदीय सीटों का पुनर्वितरण और शिक्षा नीति में भाषा थोपने को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच जो खींचतान चल रही है, उसका सीधा असर देश की एकता और आम लोगों के हितों पर पड़ रहा है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/FhzEsrIax6s?si=zq43UwkhdK0wemld” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गुड गवर्नेंस वही, जो पूरे देश को साथ लेकर चले- मायावती<br /></strong>उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘गुड गवर्नेंस वही है, जो पूरे देश को संविधान के अनुसार साथ लेकर चले.’ साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि भाषा के नाम पर नफरत फैलाना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बच्चों को होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने सवाल किया कि जब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अंग्रेजी का सही ज्ञान नहीं हासिल कर पाएंगे, तो वे आईटी और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कैसे आगे बढ़ पाएंगे? उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह शिक्षा नीति बनाते समय सामाजिक संतुलन और भविष्य की जरूरतों का गंभीरता से ध्यान रखे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में नई शिक्षा नीति को लेकर बहस तेज हो गई है और कई राज्य इसमें भाषा थोपने का आरोप लगा रहे हैं. बीएसपी प्रमुख का यह रुख एक बार फिर उनके सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की राजनीति को सामने रखता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-sanjay-nishad-meets-amit-shah-in-delhi-2927654″>योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mayawati Latest News:</strong> बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के संगठन विस्तार और मजबूती को लेकर बड़ी रणनीतिक बैठक बुलाई. यह बैठक दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें खासतौर से पश्चिम भारत के महाराष्ट्र, गुजरात, तथा दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों में संगठन को मजबूत करने पर गहन समीक्षा की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने बैठक में साफ कहा कि इन राज्यों में बीएसपी का जनाधार बढ़ाने के लिए अब पार्टी को पूरे ‘तन, मन और धन’ से काम करना होगा. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि वे दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाएं और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूती दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक में मायावती ने किन मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए<br /></strong>गौरतलब है कि बीएसपी लंबे समय से उत्तर भारत के बाहर अपने संगठन को विस्तार देने की कोशिश कर रही है. खासकर दलित और पिछड़े वर्गों की बड़ी आबादी वाले दक्षिण और पश्चिम भारत के राज्यों में पार्टी अपनी मौजूदगी को मजबूत करना चाहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर मायावती ने जनगणना, लोकसभा सीटों के पुनः आवंटन और नई शिक्षा नीति जैसे मुद्दों पर भी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जनगणना के आधार पर संसदीय सीटों का पुनर्वितरण और शिक्षा नीति में भाषा थोपने को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच जो खींचतान चल रही है, उसका सीधा असर देश की एकता और आम लोगों के हितों पर पड़ रहा है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/FhzEsrIax6s?si=zq43UwkhdK0wemld” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गुड गवर्नेंस वही, जो पूरे देश को साथ लेकर चले- मायावती<br /></strong>उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘गुड गवर्नेंस वही है, जो पूरे देश को संविधान के अनुसार साथ लेकर चले.’ साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि भाषा के नाम पर नफरत फैलाना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बच्चों को होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने सवाल किया कि जब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अंग्रेजी का सही ज्ञान नहीं हासिल कर पाएंगे, तो वे आईटी और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कैसे आगे बढ़ पाएंगे? उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह शिक्षा नीति बनाते समय सामाजिक संतुलन और भविष्य की जरूरतों का गंभीरता से ध्यान रखे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में नई शिक्षा नीति को लेकर बहस तेज हो गई है और कई राज्य इसमें भाषा थोपने का आरोप लगा रहे हैं. बीएसपी प्रमुख का यह रुख एक बार फिर उनके सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की राजनीति को सामने रखता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-sanjay-nishad-meets-amit-shah-in-delhi-2927654″>योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Nashik Dargah: नाशिक की दरगाह गिराने के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, नगर निगम और HC से मांगा जवाब
पश्चिम और दक्षिण भारत में संगठन विस्तार की तैयारी में BSP, मायावती ने दिल्ली बैठक में दिए अहम दिशा-निर्देश
