हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के नारकंडा में एक दर्दनाक हादसा पेश आया है। यहां एक सेब के पेड़ की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत और एक गंभीर घायल हो गया है। घटना नारकंडा के एकांतबाड़ी में सुरेश वर्मा के बगीचे में हुई। जब पिता -पुत्र सेब के बगीचे में काम कर रहे थे। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नेपाल निवासी 58 वर्षीय तिल बहादुर और उनके 30 वर्षीय पुत्र कर्ण बहादुर एकांत वाड़ी में सेब के बगीचे में कटाई का काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक एक सेब का पेड़ जड़ से ही उखड़ गया और दोनों उसकी चपेट में आ गए। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद परिजन दोनों को ठियोग हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टरों ने तील बहादुर को मृत घोषित कर दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल कर्ण को इलाज के लिए आई.जी.एम.सी. रेफर कर दिया गया है। ।पुलिस ने बताया कि मृतक तिल बहादुर बेटे के साथ वर्तमान में कंडयाली में हेम चंद के यहां रह रहे थे और उनके बगीचे में काम करते थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के नारकंडा में एक दर्दनाक हादसा पेश आया है। यहां एक सेब के पेड़ की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत और एक गंभीर घायल हो गया है। घटना नारकंडा के एकांतबाड़ी में सुरेश वर्मा के बगीचे में हुई। जब पिता -पुत्र सेब के बगीचे में काम कर रहे थे। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नेपाल निवासी 58 वर्षीय तिल बहादुर और उनके 30 वर्षीय पुत्र कर्ण बहादुर एकांत वाड़ी में सेब के बगीचे में कटाई का काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक एक सेब का पेड़ जड़ से ही उखड़ गया और दोनों उसकी चपेट में आ गए। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद परिजन दोनों को ठियोग हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टरों ने तील बहादुर को मृत घोषित कर दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल कर्ण को इलाज के लिए आई.जी.एम.सी. रेफर कर दिया गया है। ।पुलिस ने बताया कि मृतक तिल बहादुर बेटे के साथ वर्तमान में कंडयाली में हेम चंद के यहां रह रहे थे और उनके बगीचे में काम करते थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में पटवारी-कानूनगो के खिलाफ एक्शन:2 दिन में काम पर नहीं लौटे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई, अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो के खिलाफ एक्शन:2 दिन में काम पर नहीं लौटे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई, अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी हिमाचल सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य कैडर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो आज विभिन्न स्थानों पर संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार के साथ सर्कल कार्यालयों की चाबियां सौंप रहे हैं। इस बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) राजस्व ओंकार शर्मा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी डीसी को प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। एससीएस राजस्व के इन आदेशों से पटवारी कानूनगो में हंगामा मच गया है। उन्होंने दो दिन के भीतर काम पर वापस न लौटने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में कहा गया कि इस तरह ऑनलाइन सेवाएं बंद करना सेवा नियमों का उल्लंघन है। अगर पटवारी-कानूनगो को कोई समस्या है तो सरकार से बात करें। इस तरह विरोध करना ठीक नहीं है। स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज पटवारी-कानूनगो स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज हैं। पिछली कैबिनेट बैठक में इन्हें स्टेट कैडर बनाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, वे सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं। आज वे दफ्तरों की चाबियां सरकार को सौंप रहे हैं आज पटवारी-कानूनगो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले दफ्तरों की चाबियां भी सौंप रहे हैं। जाहिर है कि इसके चलते प्रदेश के करीब 600 पटवारी-कानूनगो सर्कल दफ्तरों में भी काम ठप रहने वाला है। सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच चल रहे इस विवाद के चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 11 दिनों से ऑनलाइन काम बंद है। अब जिन स्थानों पर नियमित पटवारी-कानूनगो नहीं हैं, वहां कल से लोगों के काम भी बंद होने जा रहे हैं। मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं। इसलिए आज अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 10 दिन से ये काम प्रभावित बोनाफाइड सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए गए हैं। राज्य कैडर से वरिष्ठता प्रभावित होगी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों और कानूनगो की भर्ती जिला कैडर के अनुसार की गई है। अब यदि उन्हें अचानक राज्य कैडर बना दिया जाता है तो उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी। इससे पदोन्नति में देरी होगी और राज्य कैडर में विलय के कारण वरिष्ठता पीछे जा सकती है। उन्होंने कहा कि पटवारियों को जिला कैडर में इसलिए रखा गया है क्योंकि अपने जिले में उन्हें स्थानीय भाषा और क्षेत्र का ज्ञान होता है। यदि उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें भाषा और क्षेत्र को समझने में समय लगेगा। इससे कार्य में दक्षता नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार जिला कैडर में ही रखा जाना चाहिए।
हिमाचल CM के बयान से भाजपा में खलबली:बोले-इनके 9 विधायकों की जा सकती है सदस्यता; विधानसभा में मार्शल से दुर्व्यवहार, कागजात फाड़ने का मामला
हिमाचल CM के बयान से भाजपा में खलबली:बोले-इनके 9 विधायकों की जा सकती है सदस्यता; विधानसभा में मार्शल से दुर्व्यवहार, कागजात फाड़ने का मामला हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के एक बयान ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायकों की सदस्यता जा सकती है। इनकी सीटों पर उपचुनाव हो सकता है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 50 के करीब पहुंच सकती है। प्रदेश में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा में CM के इस बयान ने खलबली मचा दी है। दरअसल, बीते 28 फरवरी को BJP के 9 विधायकों ने विधानसभा सदन के बीचो-बीच बैठने वाले विधानसभा रिपोर्टर से कागज छीन कर सदन में फाड़े और स्पीकर चेयर की और फेंके। स्पीकर ने जब मार्शल के माध्यम से इन्हें सदन से बाहर करने के आदेश दिए, तो मार्शल के साथ भी विधायकों की बहसबाजी की और बीजेपी विधायक सदन से बाहर नहीं गए। यह आरोप कांग्रेस ने बीजेपी विधायकों पर लगाया है। इस सारे प्रकरण के वीडियो भी मौजूद होने का विधानसभा सचिवालय प्रशासन दावा कर रहा है। इन्हीं के आधार पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बीजेपी के इन विधायकों को बजट सत्र की कार्यवाही के लिए निष्कासित किया था। कांग्रेस विधायक सोलंकी ने की शिकायत इस बीच कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने बीजेपी के इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर के पास एक याचिका दायर की और सदन की मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने भी 9 विधायकों को संविधान के अनुच्छेद-194 के तहत नोटिस जारी किए। अब इस मामले में स्पीकर का फैसला आना बाकी है। सीएम बोले- अपने विधायकों की चिंता करें जयराम इस पर सीएम सुक्खू ने कहा, जयराम ठाकुर सरकार बनाने के सपने लेना छोड़ दें। कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं। हाईकोर्ट में चल रहे CPS केस को लेकर जयराम ठाकुर लोगों को बहका रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम को CPS की नहीं, बल्कि अपने 9 विधायकों की चिंता करनी चाहिए, जिन्होंने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कागजात फाड़कर आसन का अपमान किया और गुंडागर्दी का नंगा नाच सदन के भीतर खेला। इनके खिलाफ स्पीकर के पास याचिका लंबित है। इसलिए जयराम को उनकी चिंता करनी चाहिए। CM के बयान से गरमाई हिमाचल की सियासत मुख्यमंत्री के इस बयान ने प्रदेश की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में बीजेपी के नौ विधायकों पर विधानसभा स्पीकर कार्रवाई कर सकते हैं। अभी विधानसभा में दलीय स्थिति वर्तमान में बीजेपी के पास 27 विधायक और कांग्रेस के पास 38 एमएलए है, जबकि तीन पर उप चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में यदि बीजेपी के 9 विधायकों की सदस्यता जाती है तो नौ सीटों पर उप चुनाव तय है। CPS को लेकर नेता प्रतिपक्ष बार बार बोल रहे हमला वहीं जयराम ठाकुर भी बार बार छह CPS की सदस्यता जाने की बात कह रहे है। बीजेपी के 11 विधायकों ने सुक्खू सरकार द्वारा लगाए गए छह CPS को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है। ऐसे में यदि हाईकोर्ट इनकी सदस्यता को रद्द करता है तो इनकी सीटों पर भी उप चुनाव हो सकता है।
हिमाचल में कल से बारिश-बर्फबारी:6 जनवरी को 7 जिलों में येलो अलर्ट; शिमला में मैक्सिमम टैम्परेचर ने तोड़े सारे रिकार्ड
हिमाचल में कल से बारिश-बर्फबारी:6 जनवरी को 7 जिलों में येलो अलर्ट; शिमला में मैक्सिमम टैम्परेचर ने तोड़े सारे रिकार्ड हिमाचल प्रदेश में कल से बारिश-बर्फबारी शुरू होगी। प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले कुछेक क्षेत्रों में आज भी हल्का हिमपात हो सकता है। अगले कल से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) ज्यादा एक्टिव हो रहा है। इसे देखते हुए कल (5 जनवरी) के लिए चंबा, कांगड़ा और किन्नौर जिला में कुछेक स्थानों पर भारी बर्फबारी हो सकती है, जबकि अन्य जिलों में बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं 6 जनवरी को सात जिले चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी और शिमला में कुछेक स्थानों पर भारी हिमपात का येलो अलर्ट दिया गया है। अन्य जिलों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। 7 दिसंबर को भी चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू और लाहौल स्पीति के कुछेक क्षेत्रों में हल्का हिमपात हो सकता है। 8 जनवरी से मौसम साफ हो जाएगा। शिमला के मैक्सिमम टैम्परेचर ने तोड़े सारे रिकार्ड प्रदेश में बारिश-बर्फबारी से पहले तापमान में भारी उछाल आया है। शिमला, मनाली में तापमान में कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। शिमला में अधिकतम तापमान जनवरी महीने से सारे रिकार्ड तोड़ चुका है। शिमला का मैक्सिमम टैम्परेचर शुक्रवार को 21.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जबकि इससे पहले जनवरी माह में शिमला का रिकॉर्ड मैक्सिमम टैम्परेचर 21.4 डिग्री 30 जनवरी 2006 को था। शिमला-मनाली में न्यूनतम तापमान में रिकॉर्ड उछाल इसी तरह शिमला और मनाली में गुरुवार रात का न्यूनतम तापमान भी नया रिकॉर्ड बना चुका है। शिमला में न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 8.4 डिग्री ज्यादा के उछाल के साथ 11.5 डिग्री और मनाली 8.4 डिग्री के उछाल के साथ 7.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। इससे पूर्व जनवरी के पहले हफ्ते में आज तक कभी भी इतना ज्यादा तापमान नहीं रहा। जनवरी महीने की बात की जाए तो दूसरा सबसे ज्यादा मिनिमम टैम्परेटर है। शिमला में 24 जनवरी 2009 को रिकॉर्ड 12.7 डिग्री और मनाली में 25 जनवरी 2009 में रिकॉर्ड 7.5 डिग्री तापमान रहा है। प्रदेश के दूसरे शहरों के न्यूनतम तापमान में भी भारी उछाल दर्ज किया गया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 4.4 डिग्री ज्यादा हो गया है। इससे शिमला, मनाली, नारकंडा, कुफरी जैसे ठंडे क्षेत्रों में भी ठंड गायब हुई है। ताबो के न्यूनतम तापमान में 24 घंटे में 9.3 डिग्री का उछाल वहीं बर्फ से ढके ताबो के न्यूनतम तापमान में बीते 24 घंटे के दौरान 9.2 डिग्री सेल्सियस का उछाल आया है और ताबो का पारा -5.5 रह गया है। बुधवार रात को यह 14.7 डिग्री था। समदो के तापमान में भी 24 घंटे के दौरान 6.4 डिग्री की गिरावट और केलांग के तापमान में 6 डिग्री की कमी आई है।