सिरमौर में पांवटा साहिब से गुम्मा तक नेशनल हाईवे 707 का निर्माण कार्य चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में शुरू से धांधलियों के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब एक सुरक्षा दीवार जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा निजी कंपनी को काम दिया गया था। वह सुरक्षा दीवार गिर गई इसके आसपास मकान थे हालांकि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और निजी कंपनी पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में पहले भी लोगों ने एनजीटी को शिकायत की थी। एनजीटी ने इस मामले में पार्टी बनाए गए सरकारी विभागों को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट, एक्सईएन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पांवटा साहिब आदि को जांच में शामिल किया है। डीसी सिरमौर को इस कमेटी का कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस कमेटी ने एडीसी एलआर वर्मा को जांच के लिए भेजा था, उन्होंने भी जांच की थी। अवैध और अवैज्ञानिक डंपिंग का जिक्र है, उन स्थानों पर टीम ने निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की। जिसमें कई कमियां पाई गई। एनएच निर्माण का काम कर रही कंपनियों ने लगभग 72 जगह पर अवैध रूप से डंपिंग की है। उससे करोड़ों टन मलबा नालों और बरसाती खड्डों में चला गया है। पीने के पानी और सिंचाई की कई स्कीम में मलबे में दब गई है। लाखों की संख्या में पेड़ पौधे नष्ट हो गए हैं। करोड़ों टन मलवा नालों के किनारे पड़ा है। करोड़ों टन मलबा बरसाती पानी के साथ बहकर बाढ़ का रूप ले सकता है और उससे मैदानी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में भूमि कटाव होता है। ग्रामीणों ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस एनएच के निर्माण में धांधलियां हो रही हैं और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष एडीसी सिरमौर एलआर वर्मा ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कफोटा तक चिह्नित डंपिंग साइड का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण की रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी जाएगी। सिरमौर में पांवटा साहिब से गुम्मा तक नेशनल हाईवे 707 का निर्माण कार्य चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में शुरू से धांधलियों के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब एक सुरक्षा दीवार जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा निजी कंपनी को काम दिया गया था। वह सुरक्षा दीवार गिर गई इसके आसपास मकान थे हालांकि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और निजी कंपनी पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में पहले भी लोगों ने एनजीटी को शिकायत की थी। एनजीटी ने इस मामले में पार्टी बनाए गए सरकारी विभागों को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट, एक्सईएन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पांवटा साहिब आदि को जांच में शामिल किया है। डीसी सिरमौर को इस कमेटी का कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस कमेटी ने एडीसी एलआर वर्मा को जांच के लिए भेजा था, उन्होंने भी जांच की थी। अवैध और अवैज्ञानिक डंपिंग का जिक्र है, उन स्थानों पर टीम ने निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की। जिसमें कई कमियां पाई गई। एनएच निर्माण का काम कर रही कंपनियों ने लगभग 72 जगह पर अवैध रूप से डंपिंग की है। उससे करोड़ों टन मलबा नालों और बरसाती खड्डों में चला गया है। पीने के पानी और सिंचाई की कई स्कीम में मलबे में दब गई है। लाखों की संख्या में पेड़ पौधे नष्ट हो गए हैं। करोड़ों टन मलवा नालों के किनारे पड़ा है। करोड़ों टन मलबा बरसाती पानी के साथ बहकर बाढ़ का रूप ले सकता है और उससे मैदानी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में भूमि कटाव होता है। ग्रामीणों ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस एनएच के निर्माण में धांधलियां हो रही हैं और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष एडीसी सिरमौर एलआर वर्मा ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कफोटा तक चिह्नित डंपिंग साइड का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण की रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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