सिरमौर जिला के पांवटा साहिब – शिलाई नेशनल हाईवे पर सोमवार शाम हेवना के समीप अचानक मलबा गिरने लगा। जिससे कई गाड़ियां काफी देर तक जाम में फंसी रही। इस दौरान बरात की गाड़ियां भी कई घंटे तक फंसी रही। बाद में जेसीबी से छोटी गाड़ियों के लिए रास्ता खोला गया। जिससे दूल्हे की गाड़ी को निकाला जा सका। हालांकि बरात की बस फंसी रही। यहां पर बहुत सारे छोटे और बड़े वाहन खबर लिखे जाने तक फंसे हुए हैं। गौरतलब है कि इस NH-707 पर हर रोज शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न पंचायत के लोग पांवटा साहिब आते हैं और रोजाना सैकड़ों छात्र कॉलेज के लिए आते हैं। नौकरी पेशा लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। छात्र और नौकरी पेशा वाले लोग रोज करते हैं सफर ग्रामीणों में को खनन विभाग ,प्रशासन और कंपनी के खिलाफ भारी रोष है। NH प्राधिकरण पहले भी सवालों के घेरे में रहा है। क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ पैसे बचाने के लिए कंपनी गलत ढंग से कटिंग कर रही है। जिसकी वजह से स्कूल के सैकड़ों बच्चों और आने-जाने वाले लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा था। खनन माफियाओं के अलावा कंपनी भी अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ों को तोड़ रही है। और इसके लिए डायनामाइट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे पहाड़ दूर तक हिल रहे हैं और यह टूट कर सड़कों पर आ रहे हैं। डायानामाइट की धमाकों से पहाड़ हिल रहे हैं जिसे हर साल बरसात में कई दिनों तक नेशनल हाईवे बंद रहता है। इसके बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करता है। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब – शिलाई नेशनल हाईवे पर सोमवार शाम हेवना के समीप अचानक मलबा गिरने लगा। जिससे कई गाड़ियां काफी देर तक जाम में फंसी रही। इस दौरान बरात की गाड़ियां भी कई घंटे तक फंसी रही। बाद में जेसीबी से छोटी गाड़ियों के लिए रास्ता खोला गया। जिससे दूल्हे की गाड़ी को निकाला जा सका। हालांकि बरात की बस फंसी रही। यहां पर बहुत सारे छोटे और बड़े वाहन खबर लिखे जाने तक फंसे हुए हैं। गौरतलब है कि इस NH-707 पर हर रोज शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न पंचायत के लोग पांवटा साहिब आते हैं और रोजाना सैकड़ों छात्र कॉलेज के लिए आते हैं। नौकरी पेशा लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। छात्र और नौकरी पेशा वाले लोग रोज करते हैं सफर ग्रामीणों में को खनन विभाग ,प्रशासन और कंपनी के खिलाफ भारी रोष है। NH प्राधिकरण पहले भी सवालों के घेरे में रहा है। क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ पैसे बचाने के लिए कंपनी गलत ढंग से कटिंग कर रही है। जिसकी वजह से स्कूल के सैकड़ों बच्चों और आने-जाने वाले लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा था। खनन माफियाओं के अलावा कंपनी भी अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ों को तोड़ रही है। और इसके लिए डायनामाइट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे पहाड़ दूर तक हिल रहे हैं और यह टूट कर सड़कों पर आ रहे हैं। डायानामाइट की धमाकों से पहाड़ हिल रहे हैं जिसे हर साल बरसात में कई दिनों तक नेशनल हाईवे बंद रहता है। इसके बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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