हिमाचल प्रदेश में मानसून से तबाही हुई है। इसके आकलन के लिए दो तीन महीने बाद केंद्रीय टीम आज हिमाचल आ रही है। यह टीम तीन जिलों शिमला, मंडी और कुल्लू का दौरा करेगी। इन जिलों में मानसून के दौरान बादल फटने के बाद से जान व माल को काफी नुकसान हुआ था। अब जन जीवन पटरी पर लौटने लगा है। ऐसे में केंद्रीय टीम अब जाकर हिमाचल में हुई तबाही देखेगी। यह टीम नुकसान की रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को देगी, जिसके आधार पर केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को राहत राशि देगी। 1 अगस्त को 55 लोग हो गए थे लापता बता दें कि एक अगस्त को बादल फटने से तीन जगह 55 लोग लापता हो गए थे। शिमला जिला के रामपुर के समेज में 36 लोग पूरे गांव समेत बाढ़ में बह गए थे। कुल्लू में भी 9 लोग और मंडी में 10 लोग भारी बारिश के बाद बाढ़ में बहे या मलबे की चपेट में आ गए थे। मानसून सीजन में 1360 करोड़ का नुकसान इस साल मानसून में भारी बारिश से 1360 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई थी। केंद्र सरकार हर साल बरसात से हुई तबाही की भरपाई के लिए बजट देती है, लेकिन इससे पहले केंद्रीय टीम मौके पर आकर तबाही को देखती है। केंद्रीय मदद को लेकर होती रही राजनीति बीते साल भी केंद्रीय टीम दो बार हिमाचल आई थी। मगर राज्य सरकार बार बार आरोपी लगाती रही कि केंद्र से हिमाचल को राहत राशि नहीं मिल रही। जो पैसा दिया गया वह एनडीआरएफ के तहत हर हाल में हिमाचल को मिलना तय था। प्रदेश में बीते एक साल से इसे लेकर खूब राजनीति हुई है। अकेले PWD को 633 करोड़ का नुकसान राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, PWD की सबसे ज्यादा 633 करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हुई है। जल शक्ति विभाग को 540 करोड़, बागबानी विभाग को 139 करोड़, कृषि विभाग को 1.32 करोड़, बिजली बोर्ड को 98 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। हिमाचल में 27 जून के बाद से अब तक 342 लोगों की जान अलग-अलग कारणों से गई है। वहीं 28 लोग अभी भी लापता हैं। टीम को सौंपेंगे रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि केंद्रीय टीम आज आज हिमाचल आएगी। आज मंडी, कल कुल्लू और परसो शिमला जिला के समेज जाएगी। परसो ही मुख्य सचिव के साथ एक बैठक करेगी। इसके बाद नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगी। हिमाचल प्रदेश में मानसून से तबाही हुई है। इसके आकलन के लिए दो तीन महीने बाद केंद्रीय टीम आज हिमाचल आ रही है। यह टीम तीन जिलों शिमला, मंडी और कुल्लू का दौरा करेगी। इन जिलों में मानसून के दौरान बादल फटने के बाद से जान व माल को काफी नुकसान हुआ था। अब जन जीवन पटरी पर लौटने लगा है। ऐसे में केंद्रीय टीम अब जाकर हिमाचल में हुई तबाही देखेगी। यह टीम नुकसान की रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को देगी, जिसके आधार पर केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को राहत राशि देगी। 1 अगस्त को 55 लोग हो गए थे लापता बता दें कि एक अगस्त को बादल फटने से तीन जगह 55 लोग लापता हो गए थे। शिमला जिला के रामपुर के समेज में 36 लोग पूरे गांव समेत बाढ़ में बह गए थे। कुल्लू में भी 9 लोग और मंडी में 10 लोग भारी बारिश के बाद बाढ़ में बहे या मलबे की चपेट में आ गए थे। मानसून सीजन में 1360 करोड़ का नुकसान इस साल मानसून में भारी बारिश से 1360 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई थी। केंद्र सरकार हर साल बरसात से हुई तबाही की भरपाई के लिए बजट देती है, लेकिन इससे पहले केंद्रीय टीम मौके पर आकर तबाही को देखती है। केंद्रीय मदद को लेकर होती रही राजनीति बीते साल भी केंद्रीय टीम दो बार हिमाचल आई थी। मगर राज्य सरकार बार बार आरोपी लगाती रही कि केंद्र से हिमाचल को राहत राशि नहीं मिल रही। जो पैसा दिया गया वह एनडीआरएफ के तहत हर हाल में हिमाचल को मिलना तय था। प्रदेश में बीते एक साल से इसे लेकर खूब राजनीति हुई है। अकेले PWD को 633 करोड़ का नुकसान राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, PWD की सबसे ज्यादा 633 करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हुई है। जल शक्ति विभाग को 540 करोड़, बागबानी विभाग को 139 करोड़, कृषि विभाग को 1.32 करोड़, बिजली बोर्ड को 98 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। हिमाचल में 27 जून के बाद से अब तक 342 लोगों की जान अलग-अलग कारणों से गई है। वहीं 28 लोग अभी भी लापता हैं। टीम को सौंपेंगे रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि केंद्रीय टीम आज आज हिमाचल आएगी। आज मंडी, कल कुल्लू और परसो शिमला जिला के समेज जाएगी। परसो ही मुख्य सचिव के साथ एक बैठक करेगी। इसके बाद नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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