<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> भारत पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्किये ने पाकिस्तान को अपना समर्थन दिया था जिसके बाद अब भारत में तुर्किये को लेकर विरोध शुरू हो गया है. भारत में तुर्किये के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच अब कानपुर यूनिवर्सिटी ने भी तुर्किये की इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के साथ किए गए (MoU) को रद्द कर दिया है. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के वाइस चांसलर ने विनय पाठक ने इस संबंध लेटर भी भेजा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर विनय पाठक ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए बताया है कि, मैं तुर्किये के कॉन्फ्रेस में गया था, इस्तानबुल यूनिवर्सिटी में गया था. वहां यूनिवर्सिटी के प्रो. जुल्फिकार उनके साथ चर्चा हुई थी और शोध के लिए MoU साइन हुआ था. यह MoU नवंबर में साइन हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानपुर यूनिवर्सिटी ने MoU किया रद्द</strong><br />उन्होंने कहा कि, जब हम लोगों ने <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> किया तो देखा कि पाकिस्तान की तरफ से तुर्किये के ड्रोन्स आ रहे है. तुर्किये भारत के शत्रु देश की तरह काम कर रहा है. इसे देखते हुए हमने तुर्किये की इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के बीच हुए MoU को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. साथ ही इस बात की सूचना इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को जुल्फीकार को सूचित कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने स्पष्ट किया है कि, हमारा दृढ़ विश्वास है कि पाकिस्तान के रणनीतिक सहयोगी के साथ सीधे या मौन रूप से जुड़े किसी संस्थान को एक विश्वसनीय अकादमिक सहयोगी के रूप में नहीं माना जा सकता है. जो भी शत्रु देश है उनके साथ जो भी एमओयू है उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाएगा. हमें विश्वास है कि इस्तांबुल विश्वविद्यालय इस विकास की गंभीरता को पहचानेगा और इस अपरिवर्तनीय निर्णय के पीछे के तर्क को समझेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-action-against-fake-medicines-worth-30-crores-seized-68-arrested-1166-licenses-cancelled-ann-2944403″><strong>यूपी में नकली दवाओं पर बड़ी कार्रवाई, 30 करोड़ से ज्यादा की दवाएं जब्त और 68 लोग गिरफ्तार</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> भारत पाकिस्तान तनाव के बीच तुर्किये ने पाकिस्तान को अपना समर्थन दिया था जिसके बाद अब भारत में तुर्किये को लेकर विरोध शुरू हो गया है. भारत में तुर्किये के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच अब कानपुर यूनिवर्सिटी ने भी तुर्किये की इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के साथ किए गए (MoU) को रद्द कर दिया है. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के वाइस चांसलर ने विनय पाठक ने इस संबंध लेटर भी भेजा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संबंध में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर विनय पाठक ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए बताया है कि, मैं तुर्किये के कॉन्फ्रेस में गया था, इस्तानबुल यूनिवर्सिटी में गया था. वहां यूनिवर्सिटी के प्रो. जुल्फिकार उनके साथ चर्चा हुई थी और शोध के लिए MoU साइन हुआ था. यह MoU नवंबर में साइन हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानपुर यूनिवर्सिटी ने MoU किया रद्द</strong><br />उन्होंने कहा कि, जब हम लोगों ने <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> किया तो देखा कि पाकिस्तान की तरफ से तुर्किये के ड्रोन्स आ रहे है. तुर्किये भारत के शत्रु देश की तरह काम कर रहा है. इसे देखते हुए हमने तुर्किये की इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के बीच हुए MoU को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. साथ ही इस बात की सूचना इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को जुल्फीकार को सूचित कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने स्पष्ट किया है कि, हमारा दृढ़ विश्वास है कि पाकिस्तान के रणनीतिक सहयोगी के साथ सीधे या मौन रूप से जुड़े किसी संस्थान को एक विश्वसनीय अकादमिक सहयोगी के रूप में नहीं माना जा सकता है. जो भी शत्रु देश है उनके साथ जो भी एमओयू है उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाएगा. हमें विश्वास है कि इस्तांबुल विश्वविद्यालय इस विकास की गंभीरता को पहचानेगा और इस अपरिवर्तनीय निर्णय के पीछे के तर्क को समझेगा.</p>
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पाकिस्तान को समर्थन देने वाले तुर्किए को एक और झटका, कानपुर यूनिवर्सिटी ने रद्द किया करार
