भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अमृतसर में बीते दिन गलती से सीमा पार कर आए एक पाक नागरिक को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवानों ने वापस सौंप दिया। बीएसएफ के इस कदम की पाक रेंजर्स ने सरहाना की। ये कदम मानवीय आधार पर और पाकिस्तान की आधिकारिक मांग के बाद उठाया गया। बीएसएफ ने इस प्रक्रिया को पूरी सतर्कता के साथ पूरा किया। बीएसएफ की तरफ से सांझा की गई जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक बीते दिन गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर को पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हो गया था। सतर्क बीएसएफ के जवानों ने तुरंत कार्रवाई की और उसे अरेस्ट कर लिया। इसके बाद प्रोटोकॉल के अनुसार जांच शुरू की गई। बीएसएफ ने शुरुआती जांच में पाया कि व्यक्ति गलती से और बिना किसी मंशा के सरहद पार कर गया है। जिसके बाद पाक रेंजर्स से संपर्क साधा गया और व्यक्ति की आइडेंटिफिकेशन नियमों अनुसार की गई। जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने उसे वापस सौंपने का निर्णय लिया। सौंपने से पहले औपचारिकताओं को पूरा किया गया संबंधित व्यक्ति को सौंपने से पहले सभी आवश्यक औपचारिकताओं और जांच को पूरा किया गया। साथ ही, बीएसएफ ने पाकिस्तान को यह चिंता भी व्यक्त की कि इस प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों पर नियंत्रण रखना उनकी जिम्मेदारी है। बीएसएफ ने अपने बयान में कहा कि वह सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही मानवीय मामलों में संवेदनशीलता दिखाना भी उसकी जिम्मेदारी है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि बीएसएफ कठोर सीमा सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी बनाए रखती है। 2024 में कई बार पाकिस्तानी नागरिकों को मानवीय आधार पर भारत से वापस उनके देश भेजा गया। प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं: भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अमृतसर में बीते दिन गलती से सीमा पार कर आए एक पाक नागरिक को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवानों ने वापस सौंप दिया। बीएसएफ के इस कदम की पाक रेंजर्स ने सरहाना की। ये कदम मानवीय आधार पर और पाकिस्तान की आधिकारिक मांग के बाद उठाया गया। बीएसएफ ने इस प्रक्रिया को पूरी सतर्कता के साथ पूरा किया। बीएसएफ की तरफ से सांझा की गई जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक बीते दिन गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर को पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हो गया था। सतर्क बीएसएफ के जवानों ने तुरंत कार्रवाई की और उसे अरेस्ट कर लिया। इसके बाद प्रोटोकॉल के अनुसार जांच शुरू की गई। बीएसएफ ने शुरुआती जांच में पाया कि व्यक्ति गलती से और बिना किसी मंशा के सरहद पार कर गया है। जिसके बाद पाक रेंजर्स से संपर्क साधा गया और व्यक्ति की आइडेंटिफिकेशन नियमों अनुसार की गई। जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने उसे वापस सौंपने का निर्णय लिया। सौंपने से पहले औपचारिकताओं को पूरा किया गया संबंधित व्यक्ति को सौंपने से पहले सभी आवश्यक औपचारिकताओं और जांच को पूरा किया गया। साथ ही, बीएसएफ ने पाकिस्तान को यह चिंता भी व्यक्त की कि इस प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों पर नियंत्रण रखना उनकी जिम्मेदारी है। बीएसएफ ने अपने बयान में कहा कि वह सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही मानवीय मामलों में संवेदनशीलता दिखाना भी उसकी जिम्मेदारी है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि बीएसएफ कठोर सीमा सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी बनाए रखती है। 2024 में कई बार पाकिस्तानी नागरिकों को मानवीय आधार पर भारत से वापस उनके देश भेजा गया। प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं: पंजाब | दैनिक भास्कर
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में माना कि गैंग का खर्च चलाने के लिए मैंने जेल से ही रंगदारी मांगनी शुरू कर दी। उसी दौरान मेरी बुआ के बेटे का मर्डर कर दिया गया। मैंने बदला लेने के लिए जेल से भागने का प्लान बनाया। जनवरी, 2015 में कोर्ट में पेशी से लौटते वक्त मैं काली शूटर और गैंग के साथियों की मदद से भाग निकला। इसके बाद मैंने अपने भाई की मौत का बदला लिया और धंधे को फैलाना शुरू किया।‘ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान बॉर्डर और आसपास के इलाकों में शराब तस्करों को टारगेट किया। वे मुझे प्रोटेक्शन मनी देने लगे। गैंग के पास पैसा आने लगा। इन्हीं पैसों से हमने हथियार खरीदे। 2015 में गुड़गांव में रहने वाले रम्मी को मरवाने की तैयारी कर रहा था। तभी पंजाब पुलिस ने मुझे अरेस्ट कर लिया था। कैसे जग्गू, सुक्खा, राजा पहाड़िया, काला राणा और जठेड़ी से मिला लॉरेंस, पढ़ें लॉरेंस ने अपनी पूछताछ में माना कि मैं कपूरथला जेल में था। वहां सुक्खा काहलवां और जग्गू भगवानपुरिया मिले। दोनों मेरी गैंग से जुड़ गए। यहीं राजा पहाड़ी से दोस्ती हुई थी। उसने ही दिल्ली और पंजाब में नेटवर्क बढ़ाने में मदद की। इसमें संपत नेहरा और जग्गू भगवानपुरिया के साथ काम करने 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लॉरेंस के पिता हेड कॉन्स्टेबल नहीं थे, खानदान में कोई पुलिस में नहीं रहा इंदरपाल ने आगे बात करने के लिए शर्त रखी। बोले कि आपको धैर्य के साथ हमारे परिवार की हिस्ट्री जाननी होगी। मीडिया ने बिना फैक्ट जाने बहुत कुछ लिख दिया। सब लिख रहे हैं कि लॉरेंस के पिता हेड कॉन्स्टेबल थे। हमारे खानदान में कोई पुलिस में नहीं रहा। हम जमींदार हैं। भला हेड कॉन्स्टेबल की नौकरी क्यों करेंगे। तभी इंदरपाल के बगल में बैठे रमेश बोल पड़ते हैं, ‘और उन्हें जरूरत भी नहीं थी। उनके पास 110 एकड़ खेती है। इतनी खेती जिसके पास होगी, वो क्या हेड कॉन्स्टेबल बनेगा।’ कस्टडी से लॉरेंस के इंटरव्यू केस में 2 DSP समेत 7 अफसर सस्पेंड 14 मार्च 2023 को गैंगस्टर लॉरेंस का एक इंटरव्यू ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें उसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का मर्डर करवाने की बात कबूली थी। इसके बाद लॉरेंस ने एक और इंटरव्यू दिया। इसमें जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। इस मामले में सरकार ने दो DSP, तीन SI, एक ASI और एक हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी SIT ने इन्हें ड्यूटी के दौरान कोताही और लापरवाही का आरोपी माना है। कनाडा ने गोल्डी बराड़ का नाम वांटेड लिस्ट से हटाया बीते दिनों कनाडा भारत विवाद के बीच ये भी खबर सामने आई थी कि कनाडा ने वांटेड लिस्ट से लॉरेंस के साथी गोल्डी बराड़ का नाम हटा दिया है। ये दावा कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा ने एक इंटरव्यू में किया था। दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला कि मई 2023 में गोल्डी बराड़ को टॉप-25 की वांटेड लिस्ट में शामिल किया गया था। लॉरेंस के भाई अनमोल पर 10 लाख का इनाम नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने लॉरेंस के भाई अनमोल पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। अनमोल का नाम सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में सामने आया था। उस पर 18 से ज्यादा केस दर्ज हैं। अनमोल जोधपुर जेल में सजा काट चुका है। 7 अक्टूबर, 2021 को जमानत पर बाहर आया था। इसके बाद फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भाग गया। सूत्र बताते हैं कि अनमोल काफी वक्त कनाडा में रहा। अभी अमेरिका में कहीं छिपा है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कहा जा रहा है कि वो बाबा सिद्दीकी के मर्डर में शामिल शूटर्स के कॉन्टैक्ट में था।
पंजाब में सांसद बने 4 विधायकों को देना होगा इस्तीफा:20 जून आखिरी तारीख, 6 को जारी हुई थी नोटिफिकेशन
पंजाब में सांसद बने 4 विधायकों को देना होगा इस्तीफा:20 जून आखिरी तारीख, 6 को जारी हुई थी नोटिफिकेशन लोकसभा चुनाव जीतने वाले पंजाब के चार और पड़ोसी राज्य हरियाणा के एक विधायक को 20 जून से पहले अपने विधायक पद से इस्तीफा देना होगा। यह कानूनी तौर पर जरूरी है। क्योंकि सभी लोकसभा सांसदों के चुनाव से जुड़ी अधिसूचना 6 जून 2024 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित हो चुकी है। इनके इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग उपचुनाव के लिए आगे की कार्रवाई शुरू करेगा। जानकारी के मुताबिक, इस बार लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर से कांग्रेस के दो विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा और लुधियाना से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वंडिंग चुनाव जीते हैं। ये दोनों क्रमश: डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा से विधायक हैं। इसी तरह संगरूर से चुनाव जीतने वाले आप के मंत्री गुरमीत सिंह मीत बरनाला से विधायक हैं। जबकि कांग्रेस छोड़कर आप के टिकट पर होशियारपुर से चुनाव लड़ने वाले राज कुमार चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना होगा। इसी तरह पड़ोसी राज्य हरियाणा में अंबाला जिले के मुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के वरुण चौधरी विधायक हैं। जबकि अब वे लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। ऐसे में उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना होगा। इस्तीफे के बारे क्या कानूनी माहिरों की क्या राय कानूनी माहिर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एडवोकेट हेमंत कुमार ने कहते हैं कि सभी पांच मौजूदा विधायकों को 20 जून 2024 से पहले राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। अन्यथा संबंधित लोकसभा सीट(सीटें), जहां से उपरोक्त पांचों को 4 जून 2024 को लोकसभा सांसद के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया है, रिक्त सीटें घोषित कर दी जाएंगी। सभी लोकसभा सांसदों के निर्वाचन से संबंधित अधिसूचनाएं 6 जून 2024 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई हैं। हेमंत ने इस संबंध में समकालिक सदस्यता प्रतिषेध नियम, 1950 के नियम 2 का हवाला दिया। जिसे भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 101 के खंड (2) तथा अनुच्छेद 190 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तैयार किया है। 1950 के उक्त नियम के नियम 2 में यह प्रावधान है कि वह अवधि जिसके समाप्त होने पर किसी ऐसे व्यक्ति का संसद में स्थान रिक्त हो जाएगा। 2019 में भी ऐसे हुआ था हेमंत ने जून 2019 की एक मिसाल का भी हवाला दिया, जब हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उस समय अंबाला जिले के नारायणगढ़ (एसी) से विधायक थे, और तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में राज्य मंत्री भी थे। वह 23 मई 2019 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र पीसी से लोकसभा सांसद के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया था और सांसद के रूप में उनके चुनाव के दस दिनों के भीतर नायब सिंह ने 3 जून 2019 को मंत्री पद के साथ-साथ 13वीं हरियाणा विधानसभा की सदस्यता (विधायक) से इस्तीफा दे दिया था।