फाजिल्का में भारत पाकिस्तान सरहद से सटे गांवों में अब पानी की निकासी का प्रबंध किया जा रहा है l जिसके चलते लाखों रुपए के प्रोजेक्ट के नींव पत्थर रख दिए गए हैं। इस मौके पर पहुंचे विधायक नरेंद्रपाल सवना ने न सिर्फ नींव का पत्थर रखा, बल्कि काम भी शुरू करवा दिया है l करीब 40 लाख रुपए के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई है, जिसमें पानी की निकासी का प्रबंध करने के साथ-साथ पैलेस और सड़क का भी निर्माण कार्य होगा l फाजिल्का से हल्का विधायक नरेंद्रपाल सवना ने बताया कि भारत पाकिस्तान सरहद इलाके के गांव राम सिंह भैणी, झांगड़ भैणी, महात्म नगर, दोना नानका, चक्क रुहेला, तेजा रुहेला, ढाणी सद्दा सिंह, गट्टी नंबर एक इन सभी गांवों का रास्ता राम सिंह भैणी गांव से होकर जाता है l लेकिन पानी की निकासी न होने के चलते इस रूट पर अधिकतर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं l पिछले लंबे समय से लोगों द्वारा इस पानी की निकासी की मांग की जा रही थी जिसे लेकर पाइपलाइन डालने का काम शुरू करवाया गया है l सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत विधायक ने बताया कि, इसके साथ-साथ गांव गागन के में भी पानी की निकासी, गांव में अधूरे पड़े पैलेस का काम और एक सड़क बनाने के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई है l विधायक का कहना है कि करीब 40 लाख रुपया इस दोनों प्रोजेक्ट पर खर्च होगा l जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी l विधायक का कहना है कि इतना ही नहीं बाकी सरहदी इलाके के लोगों की मांगों के अनुसार जरूरी विकास कार्यो को भी शुरू करवाया जाएगा l फाजिल्का में भारत पाकिस्तान सरहद से सटे गांवों में अब पानी की निकासी का प्रबंध किया जा रहा है l जिसके चलते लाखों रुपए के प्रोजेक्ट के नींव पत्थर रख दिए गए हैं। इस मौके पर पहुंचे विधायक नरेंद्रपाल सवना ने न सिर्फ नींव का पत्थर रखा, बल्कि काम भी शुरू करवा दिया है l करीब 40 लाख रुपए के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई है, जिसमें पानी की निकासी का प्रबंध करने के साथ-साथ पैलेस और सड़क का भी निर्माण कार्य होगा l फाजिल्का से हल्का विधायक नरेंद्रपाल सवना ने बताया कि भारत पाकिस्तान सरहद इलाके के गांव राम सिंह भैणी, झांगड़ भैणी, महात्म नगर, दोना नानका, चक्क रुहेला, तेजा रुहेला, ढाणी सद्दा सिंह, गट्टी नंबर एक इन सभी गांवों का रास्ता राम सिंह भैणी गांव से होकर जाता है l लेकिन पानी की निकासी न होने के चलते इस रूट पर अधिकतर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं l पिछले लंबे समय से लोगों द्वारा इस पानी की निकासी की मांग की जा रही थी जिसे लेकर पाइपलाइन डालने का काम शुरू करवाया गया है l सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत विधायक ने बताया कि, इसके साथ-साथ गांव गागन के में भी पानी की निकासी, गांव में अधूरे पड़े पैलेस का काम और एक सड़क बनाने के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई है l विधायक का कहना है कि करीब 40 लाख रुपया इस दोनों प्रोजेक्ट पर खर्च होगा l जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी l विधायक का कहना है कि इतना ही नहीं बाकी सरहदी इलाके के लोगों की मांगों के अनुसार जरूरी विकास कार्यो को भी शुरू करवाया जाएगा l पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में ट्रक-बस की टक्कर..बिहार के 25 लोग घायल:सभी मजदूरी के लिए गए थे; ट्रांसफॉर्मर से भी टकराई, आग लगती तो बड़ा हादसा होता
पंजाब में ट्रक-बस की टक्कर..बिहार के 25 लोग घायल:सभी मजदूरी के लिए गए थे; ट्रांसफॉर्मर से भी टकराई, आग लगती तो बड़ा हादसा होता पंजाब के खन्ना में नेशनल हाईवे पर गुरुवार आधी रात को बड़ा हादसा हुआ। यहां एक बस को पीछे से तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे बस करीब 150 मीटर दूर जाकर बिजली के ट्रांसफॉर्मर से टकरा गई। इस हादसे में करीब 25 लोग घायल हो गए। सभी बिहार के रहनेवाले हैं। बताया जा रहा है कि यह बस बिहार के बेतिया से मजदूर लेकर आ रही थी। घटना में घायल हुए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी हैं। इन्हें सिविल अस्पताल खन्ना में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद सड़क पर पड़े यात्रियों के PHOTOS… लेबर उतारने रुकी थी बस
जानकारी के अनुसार, पंजाब में धान लगाने के लिए बिहार और यूपी से करीब 65 मजदूर बस में आ रहे थे। आधे लेबर को खन्ना में उतरना था। रात करीब साढ़े 12 बजे के बस नेशनल हाईवे पर गुरु अमरदास मार्केट के सामने बने कट पर रुकी। अभी कुछ मजदूर उतरे थे कि तभी पीछे से तेज रफ्तार ट्रक आकर बस से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी। इस टक्कर से मजदूरों में चीख पुकार मच गई। साथ ही टक्कर लगने से बस आगे बढ़ गई और करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर एक ट्रांसफॉर्मर से टकराई। इससे भी जोरदार धमाका हुआ। पार्किंग ठेकेदार निजी एंबुलेंस लेकर पहुंचा
जोरदार धमाके की आवाज सुनकर पास ही सिविल अस्पताल में मौजूद पार्किंग ठेकेदार बलजिंदर सिंह टीटू अपने साथियों समेत मौके पर पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस बुलाई और घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। साथ ही 108 एंबुलेंस और पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी। राहगीर भी घायलों की मदद के लिए रुके। सड़क सुरक्षा फोर्स ने सभी के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सिटी थाना-2 के SHO गुरमीत सिंह ने अपनी टीम समेत मौके पर पहुंच रोड क्लियर करवाया और घायलों की मदद की। ट्रक का टायर फटने से हादसा हुआ
हादसे में बस को आग नहीं लगी, जिससे बड़ा बचाव हुआ है। जब ट्रक की टक्कर के बाद बस ट्रांसफॉर्मर से टकराई तो धमाके के साथ आग भी निकली। यह भी बचाव रहा कि बस में करंट नहीं आया। इससे भी बड़ा नुकसान हो सकता था। सिटी थाना-2 के SHO के अनुसार ट्रक का टायर फटने की वजह से हादसा हुआ है।
रंग-बिरंगी मोमबतियां और सजावटी सामानों की बाजार में धूम
रंग-बिरंगी मोमबतियां और सजावटी सामानों की बाजार में धूम भास्कर न्यूज | जालंधर/नवांशहर रंग-बिरंगी मोमबत्तियों की रोशनी से इस बार शहर जगमगाएगा। क्योंकि इस वर्ष पहली बार रोशनी के त्योहार दिवाली का रोमांच नए रंग रूप की मोमबत्तियों व रंग बिरंगी लाइटों से बढ़ रहा है। पहले सिर्फ दीपमाला के लिए मोमबित्तयां की खरीददारी होती थी। लेकिन अब मोमबत्तियां बनाने वालों ने वेल्यू एडीशन की है। नए रूप रंग की इन मोमबत्तियां को दुकानदार स्पेशल गिफ्ट पैक में शामिल करके बेच रहे हैं। पारंपरिक डिजाइन की बजाय नए रंग रूप में मोम को सांचे में डालकर सुंदर मोमबत्तियां बनाई गई हैं। लोग इन्हें सजावट के लिए खरीद रहे हैं। इनके साथ खुशबूदार तेल वाले लैंप की बिक्री हो रही इन लैंप में मोम ही भरा होता है। मोमबत्तियां कई आकारों में बनी हैं। इसलिए बाजारों में रंग-बिरंगी और सुगंधित मोमबत्तियों की मांग बढ़ी है। वैसे केवल दीवाली पर ही नहीं, आजकल लोग डिजाइनर मोमबत्तियों का उपयोग घरों में रोशनी करने और सजाने के लिए भी खूब कर रहे हैं। इसलिए मोमबत्ती का व्यवसाय पूरे साल चलता रहता है। त्योहार की तैयारी को लेकर बाजार के मोमबत्तियां बनाने से लेकर अन्य सजावटी सामानों की बहुतायत दिख रही है। मिट्टी के पारंपरिक दीपक बाजार में नजर आने लगे हैं। श्री गणेश एवं मां लक्ष्मी की छोटी मूर्तियां भी बाजार में दिखाई दे रहीं। बाजार में उत्सव सा माहौल है। घरों को सजाने के लिए रंग-बिरंगी लाइटों वाली लड़ियों, आकर्षित मोमबतियां व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान बाजारों में लोगों को पसंदीदा है। व्यापारी प्रवीण महेंद्रू ने बताया कि मोमबत्ती बनाने का काम 50-60 साल पहले हमारे पिता जी ने शुरू किया था। जो भी सिखा अपने पिता जी से सिखा था। उनके आशीर्वाद से अलग-अलग डिजाइन की मोमबत्तियां बनाकर बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उम्मीद है कि मार्किट में पहले के जैसे व्यापार हो। केवल मोमबत्ती बनाना ही नहीं, बल्कि मोमबत्ती सजाने का भी आजकल काफी प्रचलन है। मिट्टी के छोटे-छोटे मोम वाले दीये तरह-तरह से रंगों से सजाए जाते हैं। सफेद मोमबत्तियों को रंग कर उन्हें रंगबिरंगा बनाया जाता है। व्यापारी राजेश राजा, दीपक महेंद्रू, सूरज महेंद्रू, मोहित, वरदान ने बताया कि यह लोगों की डिमांड के अनुसार ही मोमबत्तियां बनाई जाती है। मोमबत्ती की श्रेणी में आप आवश्यकता के अनुसार कम या ज्यादा कीमत के प्रोडक्ट का विकल्प दे सकते हैं। मोमबत्तियां आमतौर पर 1 रुपए से शुरू हो जाती है, जोकि लगभग 200 रुपए तक की आकर्षित सजावटी मोमबत्तियां बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार में लगभग 250 मोमबत्तियां बनाई जाती है, जिसमें सिर्फ 15 मिनट का समय लगता है।
एयर-इंडिया 182 की 39वीं बरसी:आतंकी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि देने इकट्ठा हुए लोग; कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थकों ने डाला खलल
एयर-इंडिया 182 की 39वीं बरसी:आतंकी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि देने इकट्ठा हुए लोग; कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थकों ने डाला खलल पंजाब में आतंकवाद के दौर में खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा की तरफ से बम से उड़ाए गए एयर-इंडिया फ्लाइट 182 की रविवार 39वीं बरसी रही। कनाडा के होलोकॉस्ट स्मारक पर लोग श्रद्धांजिल देने पहुंचे। लेकिन खालिस्तान समर्थकों ने यहां आकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्मारक पर एकत्रित भारतीय व कनाडाइयों की तरफ से विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां उनके पारिवारिक सदस्य व कुछ सामाजिक संगठन पहुंचे थे। लेकिन खालिस्तानी समर्थक यहां पहुंच गए और आतंकी निज्जर की तस्वीरों के साथ भारत के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों के कहने पर भी स्थानीय पुलिस ने खालिस्तान समर्थकों को वहां से खदेड़ने का प्रयास नहीं किया। जिसके बाद माहौल गर्मा गया।ये देख श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे कनाडाई व भारतीय भड़क गए। उन्होंने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और अंत में खालिस्तान समर्थकों को वहां से जाना पड़ा। एकता व एकजुटता के लिए एकत्रित हुए लोग श्रद्धांजिल देने पहुंचे लोगों ने कहा- हमें कनाडा के इतिहास का सबसे भयानक आतंकवादी हमला याद है। 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 पर हुए बम विस्फोट में 329 निर्दोष लोगों की जान चली गई। हम अपनी एकता और एकजुटता दिखाने के लिए क्वींस पार्क स्मारक के सामने एकत्र हुए। कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। ईरान में इस्लामी शासन ने उड़ान PS752 के साथ भी ऐसा ही किया है। कनाडा को आतंकवाद से मुक्त कराने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा। क्या हुआ था 23 जून 1985 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 मॉन्ट्रियल – लंदन – दिल्ली – बॉम्बे के बीच चलती थी। 23 जून 1985 को ये फ्लाइट अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भर रही थी। इसमें अचानक बम ब्लास्ट हुआ, जिसे बब्बर खालसा के कनाडाई खालिस्तान आतंकियों द्वारा किया गया। मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते में 31,000 फीट की ऊंचाई पर हुए हमले के बाद विमान व मृतकों के अवशेष आयरलैंड के तट से लगभग 190 किलोमीटर दूर समुद्र में गिरे। फ्लाइट में सवार 329 लोग मारे गए। इनमें 268 कनाडाई, 27 ब्रिटिश और 24 भारतीय नागरिक थो। बब्बर खालसा ने इसकी जिम्मेदारी ली। इस मामले में कुछ लोगों को ही गिरफ्तार किया गया। लेकिन मुकदमे के बाद एकमात्र व्यक्ति इंद्रजीत सिंह रेयात को दोषी ठहराया गया। जिसे पंद्रह साल जेल की सजा सुनाई गई थी।