खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अमेरिकन हिंदुओं सहित अमेरिका में हिंदू संगठनों के खिलाफ धमकी जारी की है। कोएलिशन ऑफ हिंदू नॉर्थ अमेरिका (COHNA) की तरफ से 22 सितंबर को न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिज़ीयम में पीएम मोदी के कार्यक्रम को ना करने की सलाह दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर को खत्म करने की भी चुनौती का वीडियो जारी किया है। खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दो मिनट के वीडियो में कहा- अमेरिकन हिंदुओं ने अमेरिका के हक में आने की शपथ ले रखी है। लेकिन अब इसे भूल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे है (पन्नू ने प्रधानमंत्री मोदी को इस दौरान अमेरिका का दुश्मन बताया)। लेकिन खालिस्तान समर्थक 22 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम को देख रहे हैं। वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज करने के लिए तैयार हैं। इसका कैंपेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति का कत्ल करना है। इंडियन-अमेरिकन हिंदू सभी अमेरिका विरोधियों को फंडिंग कर रहे हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं। ये अमेरिका के संविधान के खिलाफ है। भारतीय-अमेरिकी हिंदुओं को अमेरिका या भारत में से एक को चुनना होगा। खालिस्तान समर्थन में फिर बोला आतंकी पन्नू पन्नू ने कहा कि भारतीय सरकार और खालिस्तान समर्थकों के बीच चल रहा विवाद इसका कारण है। खालिस्तान समर्थक अमेरिकन लॉ और यूएन की सहायता से खालिस्तान को लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए अमेरिकन हिंदुओं को चेतावनी है कि वे इस लड़ाई से दूर रहें। रेफरेंडम 2020 के नाम से चला रहा था खालिस्तानी आंदोलन गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था। सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था। पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था। पंजाब में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जिन्होंने पन्नू के कहने पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर खालिस्तानी नारे लिखकर माहौल भड़काने का काम किया था। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि SFJ सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। 2020 में सरकार ने एसएफजे से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अमेरिकन हिंदुओं सहित अमेरिका में हिंदू संगठनों के खिलाफ धमकी जारी की है। कोएलिशन ऑफ हिंदू नॉर्थ अमेरिका (COHNA) की तरफ से 22 सितंबर को न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिज़ीयम में पीएम मोदी के कार्यक्रम को ना करने की सलाह दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर को खत्म करने की भी चुनौती का वीडियो जारी किया है। खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दो मिनट के वीडियो में कहा- अमेरिकन हिंदुओं ने अमेरिका के हक में आने की शपथ ले रखी है। लेकिन अब इसे भूल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे है (पन्नू ने प्रधानमंत्री मोदी को इस दौरान अमेरिका का दुश्मन बताया)। लेकिन खालिस्तान समर्थक 22 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम को देख रहे हैं। वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज करने के लिए तैयार हैं। इसका कैंपेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति का कत्ल करना है। इंडियन-अमेरिकन हिंदू सभी अमेरिका विरोधियों को फंडिंग कर रहे हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं। ये अमेरिका के संविधान के खिलाफ है। भारतीय-अमेरिकी हिंदुओं को अमेरिका या भारत में से एक को चुनना होगा। खालिस्तान समर्थन में फिर बोला आतंकी पन्नू पन्नू ने कहा कि भारतीय सरकार और खालिस्तान समर्थकों के बीच चल रहा विवाद इसका कारण है। खालिस्तान समर्थक अमेरिकन लॉ और यूएन की सहायता से खालिस्तान को लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए अमेरिकन हिंदुओं को चेतावनी है कि वे इस लड़ाई से दूर रहें। रेफरेंडम 2020 के नाम से चला रहा था खालिस्तानी आंदोलन गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था। सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था। पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था। पंजाब में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जिन्होंने पन्नू के कहने पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर खालिस्तानी नारे लिखकर माहौल भड़काने का काम किया था। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि SFJ सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। 2020 में सरकार ने एसएफजे से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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