हरियाणा विधानसभा चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन से ठीक एक रात पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इसमें पानीपत की शहरी और ग्रामीण सीटों पर भी घोषणा की गई है। शहरी सीट से वरिंदर बुल्ले शाह और ग्रामीण सीट से सचिन कुंडू को मैदान में उतारा है। जिसके बाद कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है। यहां शहरी सीट पर दावा ठोक रही पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। साथ ही शहरी सीट पर निर्दलीय लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। इसके अलावा विजय जैन ने भी निर्दलीय तौर पर ही लड़ने का फैसला लिया है। इससे सीधे तौर पर कांग्रेस को ही नुकसान होगा। दोनों नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए थे। दोनों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही पार्टी में शामिल करवाया था। 2013 में निगम पार्षद और 2014 में रोहिता बनीं विधायक
शहर की राजनीति में सुरेंद्र रेवड़ी सक्रिय रहते हैं, लेकिन उन्होंने खुद की बजाय अपनी पत्नी रोहित को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। रोहिता रेवड़ी ने 2013 में वार्ड 9 से नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ा। वे 10400 वोटो से जीतकर सदन में पहुंची। उस वक्त निकाय में यह सबसे बड़ी जीत थी। 2014 में भाजपा ने रोहिता रेवड़ी को शहरी विधानसभा से टिकट दिया। कांग्रेस से वरिंद्र सिंह बुल्ले शाह चुनाव मैदान में थे। रोहिता रेवड़ी ने शहरी विधानसभा से 92767 वोट हासिल किए, जबकि बुल्ले शाह को 39 036 वोट मिले। रोहिता रेवड़ी ने 53721 वोटो से वरिंदर शाह को हरा दिया था। उसे समय करीब 68 प्रतिशत वोट रोहित को मिले थे। वोट प्रतिशत में रोहिता रेवड़ी की जीत प्रदेश में बड़ी बताई गई थी। हैदराबादी बिरादरी के हैं 20 हजार से ज्यादा वोट
पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी यार्न व्यापारी हैं और लंबे समय तक यार्न डीलर एसोसिएशन की कमान संभाली है। वे समाजसेवा में भी आगे रहते हैं। रेवाड़ी हैदराबादी बिरादरी से संबंध रखती हैं। पानीपत शहर में हैदराबादी बिरादरी के 15 से 16000 वोट बताए जा रहे हैं। पूरी बिरादरी राजनीतिक मामलों में एकजुट रहती है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन से ठीक एक रात पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इसमें पानीपत की शहरी और ग्रामीण सीटों पर भी घोषणा की गई है। शहरी सीट से वरिंदर बुल्ले शाह और ग्रामीण सीट से सचिन कुंडू को मैदान में उतारा है। जिसके बाद कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है। यहां शहरी सीट पर दावा ठोक रही पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। साथ ही शहरी सीट पर निर्दलीय लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। इसके अलावा विजय जैन ने भी निर्दलीय तौर पर ही लड़ने का फैसला लिया है। इससे सीधे तौर पर कांग्रेस को ही नुकसान होगा। दोनों नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गए थे। दोनों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ही पार्टी में शामिल करवाया था। 2013 में निगम पार्षद और 2014 में रोहिता बनीं विधायक
शहर की राजनीति में सुरेंद्र रेवड़ी सक्रिय रहते हैं, लेकिन उन्होंने खुद की बजाय अपनी पत्नी रोहित को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। रोहिता रेवड़ी ने 2013 में वार्ड 9 से नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ा। वे 10400 वोटो से जीतकर सदन में पहुंची। उस वक्त निकाय में यह सबसे बड़ी जीत थी। 2014 में भाजपा ने रोहिता रेवड़ी को शहरी विधानसभा से टिकट दिया। कांग्रेस से वरिंद्र सिंह बुल्ले शाह चुनाव मैदान में थे। रोहिता रेवड़ी ने शहरी विधानसभा से 92767 वोट हासिल किए, जबकि बुल्ले शाह को 39 036 वोट मिले। रोहिता रेवड़ी ने 53721 वोटो से वरिंदर शाह को हरा दिया था। उसे समय करीब 68 प्रतिशत वोट रोहित को मिले थे। वोट प्रतिशत में रोहिता रेवड़ी की जीत प्रदेश में बड़ी बताई गई थी। हैदराबादी बिरादरी के हैं 20 हजार से ज्यादा वोट
पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी यार्न व्यापारी हैं और लंबे समय तक यार्न डीलर एसोसिएशन की कमान संभाली है। वे समाजसेवा में भी आगे रहते हैं। रेवाड़ी हैदराबादी बिरादरी से संबंध रखती हैं। पानीपत शहर में हैदराबादी बिरादरी के 15 से 16000 वोट बताए जा रहे हैं। पूरी बिरादरी राजनीतिक मामलों में एकजुट रहती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर