कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पानीपत के मेजर आशीष धौंचक को मरणोपरांत शौर्य चक्र मिला। गुरुवार को दिल्ली में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद की मां और पत्नी को यह सम्मान दिया। इस दौरान मां कमला भावुक होकर रोने लगी तो राष्ट्रपति ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना दी। पत्नी ज्योति भी भावुक नजर आईं। आशीष धौंचक (36) 13 सितंबर 2023 को शहीद हुए थे। मेजर आशीष 19 राष्ट्रीय राइफल्स की सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 अगस्त 2023 को सेना मेडल दिया था। मेजर आशीष की 4 साल की एक बेटी है। उनकी पत्नी ज्योति गृहिणी हैं। मेजर का परिवार TDI सिटी में रहता था। मेजर आशीष ने अपने लिए पानीपत की TDI सिटी में नया घर बनवाया था। इसमें वह अपने बर्थडे पर शिफ्ट होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। राष्ट्रपति के सम्मानित करने और मां के भावुक होने की 2 तस्वीरें… शहीद होने और अंतिम संस्कार की कहानी, 4 पॉइंट में पढ़िए 3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर है। लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की। 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक किया। जिसके बाद वह एमटेक कर रहे थे। इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। इसके बाद वह बठिंडा, बारामूला और मेरठ में तैनात रहे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। शहीद होने से ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली थी। 2015 में हुई थी शादी, एक बेटी
मेजर आशीष की शादी 15 नवंबर 2015 को जींद की रहने वाली ज्योति से हुई थी। 2 मई 2023 को आशीष अर्बन एस्टेट में रहने वाले साले विपुल की शादी में छुट्टी लेकर घर आए थे। यहां वे 10 दिन रहे और इसके बाद वह ड्यूटी पर लौट गए। उनका परिवार पहले पैतृक गांव बिंझौल में ही रहता था। 2021 में शहर में शिफ्ट हो गए थे। ————— ये खबर भी पढ़ें… पंजाब के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को कीर्ति चक्र, अनंतनाग में आतंकियों से लड़ते हुए थे शहीद पंजाब के अमृतसर के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। वह 13 सितंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। उनका एक 6 साल का बेटा और 2 साल की बेटी है। पूरी खबर पढ़ें… कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पानीपत के मेजर आशीष धौंचक को मरणोपरांत शौर्य चक्र मिला। गुरुवार को दिल्ली में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद की मां और पत्नी को यह सम्मान दिया। इस दौरान मां कमला भावुक होकर रोने लगी तो राष्ट्रपति ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना दी। पत्नी ज्योति भी भावुक नजर आईं। आशीष धौंचक (36) 13 सितंबर 2023 को शहीद हुए थे। मेजर आशीष 19 राष्ट्रीय राइफल्स की सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 अगस्त 2023 को सेना मेडल दिया था। मेजर आशीष की 4 साल की एक बेटी है। उनकी पत्नी ज्योति गृहिणी हैं। मेजर का परिवार TDI सिटी में रहता था। मेजर आशीष ने अपने लिए पानीपत की TDI सिटी में नया घर बनवाया था। इसमें वह अपने बर्थडे पर शिफ्ट होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। राष्ट्रपति के सम्मानित करने और मां के भावुक होने की 2 तस्वीरें… शहीद होने और अंतिम संस्कार की कहानी, 4 पॉइंट में पढ़िए 3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर है। लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की। 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक किया। जिसके बाद वह एमटेक कर रहे थे। इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। इसके बाद वह बठिंडा, बारामूला और मेरठ में तैनात रहे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। शहीद होने से ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली थी। 2015 में हुई थी शादी, एक बेटी
मेजर आशीष की शादी 15 नवंबर 2015 को जींद की रहने वाली ज्योति से हुई थी। 2 मई 2023 को आशीष अर्बन एस्टेट में रहने वाले साले विपुल की शादी में छुट्टी लेकर घर आए थे। यहां वे 10 दिन रहे और इसके बाद वह ड्यूटी पर लौट गए। उनका परिवार पहले पैतृक गांव बिंझौल में ही रहता था। 2021 में शहर में शिफ्ट हो गए थे। ————— ये खबर भी पढ़ें… पंजाब के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को कीर्ति चक्र, अनंतनाग में आतंकियों से लड़ते हुए थे शहीद पंजाब के अमृतसर के शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। वह 13 सितंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। उनका एक 6 साल का बेटा और 2 साल की बेटी है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर
