हरियाणा में पानीपत के गांव सिवाह स्थित जिला जेल में बंद एक बंदी की मौत हो गई। दरअसल, तीन दिन पहले ही उसे जेल में बंद किया गया था। शनिवार दोपहर को उसके सीने में दर्द हुआ। जेल में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन ठीक नहीं होने पर उसे तुरंत सिविल अस्पताल के लिए लेकर जा रहे थे। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंची, तो यहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुटी हुई है। भाई का आरोप- गांव वालों ने पीटा था मृतक के भाई विनोद ने बताया कि वह मतलौडा थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। उसका भाई शेखर (33) था, जो पेशे से हलवाई था। 10 सितंबर को उसके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इतना ही नहीं, उस पर 16 साल के एक लड़के के साथ कुकर्म करने के आरोप लगा कर पुलिस को शिकायत भी दी थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद उसे कोर्ट के आदेशों पर सिवाह जेल में डाला गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में होगा खुलासा विनोद के आरोप है कि शेखर को उस वक्त भी सिर में गंभीर चोट मारी गई थी। तभी से वह ठीक नहीं था। मारपीट की शिकायत पुलिस को भी दी गई थी। वहीं, जेल पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर को बताया है कि शेखर के शनिवार सुबह सीने में दर्द हुआ था। जिसे जेल में भी उपचार दिया गया था। आराम नहीं होने पर उसे अस्पताल ला रहे थे, तो रास्ते में मौत हो गई। जबकि परिजनों का आरोप है कि उसके भाई की मारपीट में लगी चोटों से ही मौत हुई है। अब पोस्टमॉर्टम में ही मौत के असल कारणों का खुलासा होगा। हरियाणा में पानीपत के गांव सिवाह स्थित जिला जेल में बंद एक बंदी की मौत हो गई। दरअसल, तीन दिन पहले ही उसे जेल में बंद किया गया था। शनिवार दोपहर को उसके सीने में दर्द हुआ। जेल में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन ठीक नहीं होने पर उसे तुरंत सिविल अस्पताल के लिए लेकर जा रहे थे। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंची, तो यहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुटी हुई है। भाई का आरोप- गांव वालों ने पीटा था मृतक के भाई विनोद ने बताया कि वह मतलौडा थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। उसका भाई शेखर (33) था, जो पेशे से हलवाई था। 10 सितंबर को उसके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इतना ही नहीं, उस पर 16 साल के एक लड़के के साथ कुकर्म करने के आरोप लगा कर पुलिस को शिकायत भी दी थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद उसे कोर्ट के आदेशों पर सिवाह जेल में डाला गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में होगा खुलासा विनोद के आरोप है कि शेखर को उस वक्त भी सिर में गंभीर चोट मारी गई थी। तभी से वह ठीक नहीं था। मारपीट की शिकायत पुलिस को भी दी गई थी। वहीं, जेल पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर को बताया है कि शेखर के शनिवार सुबह सीने में दर्द हुआ था। जिसे जेल में भी उपचार दिया गया था। आराम नहीं होने पर उसे अस्पताल ला रहे थे, तो रास्ते में मौत हो गई। जबकि परिजनों का आरोप है कि उसके भाई की मारपीट में लगी चोटों से ही मौत हुई है। अब पोस्टमॉर्टम में ही मौत के असल कारणों का खुलासा होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मार्केट रेट की मांग को लेकर जिले के 36 गांव के किसान 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे
मार्केट रेट की मांग को लेकर जिले के 36 गांव के किसान 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे देवेंद्र शुक्ला | झज्जर सरकार के आदेश पर प्रशासन ने गांव दर गांव निकलने वाली हाई टेंशन तारों की जद में आने वाले खेतों की जमीन का मुआवजा तैयार किया है। इसके जो नए रेट आए हैं वह भी अब किसान संगठन को रास नहीं आए। इन रेट को ठुकराते हुए किसानों ने मार्केट रेट के हिसाब से बढ़े हुए रेट की मांग को लेकर 13 नवंबर से दिल्ली के राजघाट तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया है। राजस्थान के खेतड़ी से लेकर दिल्ली के औचंदी तक 765 केवीए की एचटी लाइन पावर ग्रिड के द्वारा डाली जा रही है। इसके लिए झज्जर में भी कई गांव में पोल गाड़े जा चुके हैं। मामला तब बिगड़ा जब किसानों को पता चला कि सरकार हाई टेंशन तार डालने की एवज में किसानों को कोई भी मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि पोल का मिलेगा। इसके बाद गांव दर गांव आंदोलन हुआ। झज्जर जिले में भी 36 गांव में इसका काम रुका और अब भी 12 गांव में बीते 11 महीने से लगातार धरने चल रहे हैं। झज्जर के अलावा सोनीपत, महेंद्रगढ़, नारनौल और रेवाड़ी में भी मुआवजा को लेकर विरोध तेज हुआ। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए भाजपा सरकार ने पहली बार 4 अप्रैल 2024 को एक पॉलिसी बनाई कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद झज्जर में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के आदेश पर एक यूजर कमेटी बनाई गई, इसमें डीआरओ, एसडीएम, बिजली वितरण निगम और पावर ग्रिड की ओर से एक-एक अधिकारी को नियुक्त किया गया। अब बीते 25 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस नए रेट का खाका जब किसान संगठनों को मिला तब यह नए रेट भी किसानों को रास नहीं आए। आसौदा स्थित हाई टेंशन तार मुआवजा संघर्ष समिति से जुड़े किसान रोहताश दलाल ने कहा कि अव्वल तो प्रशासन को इस यूजर कमेटी में संबंधित गांव के किसान को शामिल करना चाहिए था ताकि वह मार्केट के हिसाब से रेट की जानकारी दे सकें, लेकिन ऐसा न करके प्रशासन ने अपने मन से ही रेट तैयार कर दिए जो मार्केट रेट से काफी कम हैं। रोहताश दलाल के मुताबिक उनके गांव आसौदा टोडारान का मुआवजा प्रशासन ने 85 लाख 57 हजार 857 रुपए प्रति एकड़ तय किया है, जबकि 2 साल पहले ही साढ़े तीन करोड़ प्रति एकड़ की जमीन यहां बिक चुकी है। इसी तरह हर गांव में जमीनों के भाव एक करोड़ से ज्यादा के पहुंच चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने जो रेट तय किए हैं वह काफी कम हैं। अब बढ़े हुए मार्केट रेट की मांग पर 12 नवंबर को झज्जर जिले के सभी 36 गांव के किसान पैदल मार्च करेंगे और 13 नवंबर को राजघाट पर पहुंचेंगे। इस तरह गाड़े गए एचटी लाइन के पोल। पोल पर सरकार दे रही एक मीटर तक बढ़ा हुआ मुआवजा, किसानों ने मांगा छह मीटर तक जिस किसान के खेत में एचटी लाइनों का पोल गड़ेगा और पोल गाड़ने का जितना दायरा जमीन का रहेगा उसका 200 प्रतिशत मुआवजा सरकार ने तय किया है। साथ ही पोल के चारों तरफ एक मीटर बढ़ा हुआ मुआवजा अतिरिक्त मिलेगा। इस मसले पर भी किसानों का विरोध है और उन्होंने एक की बजाय पोल के चारों तरफ छह मीटर मुआवजा देने की मांग की है। गांव प्रति एकड़ मुआवजा गोरिया 4115209 झांसवा 3261821 धनीरवास 2372536 हुमायूंपुर 2350000 जमालपुर 2598218 लड़ायन 2400000 बीरर 2572604 अकहेड़ी मदनपुर 2482665 कोयलपुर 2200000 बिलोचपुरा 2203420 खेतावास 2421580 भिंडावास 2210251 खेड़ी होसादपुर 2090000 ग्वालिसन 3676863 तलाव 9059255 खेड़ी खुम्मार 8100000 झज्जर 11852572 गुड्डा 8943543 बिरधाना 7385856 गिरावड़ 7865779 ततारपुर 6013667 सुर्खपुर टप्पा हवेली 5000000 खेड़ी आसरा 4500000 रेवाड़ी खेड़ा 4500000 मातन 5505329 छारा 6500000 खरहर 4500448 रोहद 11827874 दहकोरा 8205459 जसौर खेड़ी 4220051 आसौदा टोडरान 8557857 आसौदा सिवान 6076905 कुलासी 5073799 कानोंदा 5610767 खैरपुर 4750000 लडरावण 5185325 ^हमने सरकार के आदेश पर मुआवजा देने के रेट तय किए थे। अब किसान इसका विरोध कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।जैसे ही कोई सूचना आएगी तो सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी। कैप्टन शक्ति सिंह, डीसी झज्जर
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