हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद विवाद को लेकर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में चाहे अवैध मस्जिद बनी है या फिर दूसरे भवन बने हैं। उन सबके खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, हिमाचल एक शांतिप्रिय राज्य है। हमे इन मसलों को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से कार्रवाई की जरूरत है। संजौली और मंडी में मुस्लिम समुदाय खुद अवैध निर्माण तोड़ने को तैयार है। मंडी में मुस्लिम समुदाय ने लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनी अवैध दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया है। शहरी विकास मंत्री ने कहा, वार्तालाप करके हर चीज का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने सभी लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, वह इस मसले से समाधान के लिए हर वक्त वार्ता के लिए तैयार है। विक्रमादित्य ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद इस मामले में सर्वदलीय मीटिंग कर चुके हैं। इसमें सभी दलों ने माना कि प्रदेश में इस तरह का माहौल नहीं होना चाहिए। मस्जिद विवाद के कारण 14 दिन से तनावपूर्ण माहौल प्रदेश में बीते 1 सितंबर से अवैध मस्जिद निर्माण के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि शिमला और मंडी में मुस्लिम समुदाय द्वारा अवैध निर्माण को तोड़ने की हामी भरने के बाद माहौल शांत हुआ है। लेकिन अन्य शहरों में आए दिन इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे है। आज भी सुन्नी, घुमारवी, सुंदरनगर और पांवटा साहिब में प्रदर्शन किए गए। इसी तरह प्रदेशभर में सुबह 9 से 11 बजे तक व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद विवाद को लेकर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में चाहे अवैध मस्जिद बनी है या फिर दूसरे भवन बने हैं। उन सबके खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, हिमाचल एक शांतिप्रिय राज्य है। हमे इन मसलों को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से कार्रवाई की जरूरत है। संजौली और मंडी में मुस्लिम समुदाय खुद अवैध निर्माण तोड़ने को तैयार है। मंडी में मुस्लिम समुदाय ने लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनी अवैध दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया है। शहरी विकास मंत्री ने कहा, वार्तालाप करके हर चीज का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने सभी लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, वह इस मसले से समाधान के लिए हर वक्त वार्ता के लिए तैयार है। विक्रमादित्य ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद इस मामले में सर्वदलीय मीटिंग कर चुके हैं। इसमें सभी दलों ने माना कि प्रदेश में इस तरह का माहौल नहीं होना चाहिए। मस्जिद विवाद के कारण 14 दिन से तनावपूर्ण माहौल प्रदेश में बीते 1 सितंबर से अवैध मस्जिद निर्माण के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि शिमला और मंडी में मुस्लिम समुदाय द्वारा अवैध निर्माण को तोड़ने की हामी भरने के बाद माहौल शांत हुआ है। लेकिन अन्य शहरों में आए दिन इसे लेकर प्रदर्शन हो रहे है। आज भी सुन्नी, घुमारवी, सुंदरनगर और पांवटा साहिब में प्रदर्शन किए गए। इसी तरह प्रदेशभर में सुबह 9 से 11 बजे तक व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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धर्मशाला में कचरे से बन रही बिजली:हर घंटे 1.25 किलोवाट का उत्पादन, बायोगैस और बायोमीथेन भी बनाई जा रही हिमाचल के धर्मशाला में गीले कचरे को रिसाइकिल कर बिजली और जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। एक टन कचरे से 35 से 40 क्यूबिक मीटर बायोगैस/बायोमीथेन और एक टन कचरे से 1.25 किलोवाट प्रति घंटा बिजली उत्पादित हो रही है। पिछले एक महीने में 300 किलोवाट बिजली उत्पादित हुई है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी से एकत्रित होने वाले गीले कचरे को रिसाइकिल कर बिजली और जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। इससे जहां हर माह इस प्रोजेक्ट को संचालित करने के लिए बिजली मिल रही है, वहीं जैविक खाद का उत्पादन हो रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 2.15 करोड़ रुपए से प्री-सेग्रिगेट एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायोगैस प्लांट लगाया गया है। इसमें धर्मशाला शहर के गीले कूड़े-कचरे का निष्पादन होने के साथ ही बिजली व खाद भी तैयार हो रही है। बस स्टैंड के पास बनाई डंपिंग साइट इस तरह का हिमाचल में पहला प्लांट बताया जा रहा है। इससे पहले 60 हजार के लगभग आबादी वाले नगर निगम धर्मशाला, जो कि पर्यटन सीजन में लाखों पर्यटकों का जिम्मा भी संभालता है, और उतने ही बड़े स्तर पर होटलों, रेस्तरां व पर्यटक स्थलों से कूड़ा-कचरा भी निकालता है, लेकिन इससे पहले धर्मशाला बस स्टैंड के पास सुधेड़ में ही एक मात्र डंपिंग साइट है। जिसमें सभी प्रकार का गीला व सूखा कचरा एक साथ ही एकत्रित किया जाता था। जिसके कारण कूड़ा-कचरा सही प्रकार से सेग्रिगेट नहीं हो पाता था, जिससे शहर का वातावरण भी प्रदूषित होता था। स्मार्ट सिटी धर्मशाला के तहत बायोगैस प्लांट लगने से गीले कचरे को एक ही स्थान पर सग्रिग्रेशन किया जा रहा है। धर्मशाला के स्टेडियम के साथ दाड़ी आईटीआई रोड चरान खड्ड में प्री-सेग्रिगेट एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायोगैस प्लांट बनाया गया है। प्लांट के बनने से गीले कचरे से बिजली तैयार की जा रही है जिसे प्लांट में प्रयोग करने के साथ-साथ ही नगर निगम धर्मशाला के क्षेत्रों में भी प्रयोग में लाया जा सकेगा। प्रतिदिन 5 मैट्रिक टन कूड़े का निष्पादन नगर निगम धर्मशाला में गीला और सूखा कूड़ा-कचरा घर-घर से एकत्रित किया जा रहा है। नगर निगम धर्मशाला के आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ एवं एमडी ज़फर इकबाल ने बताया कि 2.15 करोड़ से प्री-सेग्रिगेटेड एमएसडब्ल्यू फीड स्टॉक आधारित बायोगैस प्लांट तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्लांट की मदद से प्रतिदिन 5 मैट्रिक टन कूड़े का निष्पादन किया जाएगा। जहां इससे बायोगैस/बायोमीथेन और बिजली तैयार की जा रही है। वहीं, ठोस कचरे से खाद बनाई जा रही है जिससे कि पर्यावरण के साथ-साथ जल को भी स्वच्छ रखा जा सकेगा। एक महीने में 300 किलोवाट बिजली उत्पादन स्मार्ट सिटी के इंजीनियर रोबिन महाजन ने बताया कि संयंत्र में दो से 2.5 टन गीले कचरे को रोजाना रिसाइकिल करने की क्षमता है। एक टन कचरे से 35 से 40 क्यूबिक मीटर बायोगैस/बायोमीथेन और एक टन कचरे से 1.25 किलोवाट प्रति घंटा बिजली उत्पादित हो रही है। पिछले एक महीने में 300 किलोवाट बिजली उत्पादित हुई है। प्लांट में गीले कचरे की मशीन से कटिंग की जाती है। फिर मिक्सर की मदद से घोल तैयार किया जाता है। घोल को डाइजेस्टर टैंक में डाला जाता है। जिससे बनी 250-350 क्यूबिक बायोगैस को जनरेटर की मदद से बिजली में बदला जाता है। वहीं लिक्विड (तरल) खाद निकलती है, जिसका उपयोग फसल और सब्जी उत्पादन में किया जा सकता है।