पानीपत भाजपा शक्तिकेंद्र प्रमुख ने दिया इस्तीफा:बोले- मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश; पार्टी के भीतर षड्यंत्रकारी, महामंत्री ने नोटिस भेज मांगा जवाब

पानीपत भाजपा शक्तिकेंद्र प्रमुख ने दिया इस्तीफा:बोले- मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश; पार्टी के भीतर षड्यंत्रकारी, महामंत्री ने नोटिस भेज मांगा जवाब

हरियाणा बीजेपी में अब भीतरी कलह लगातार सामने आ रही है। करीब 5 दिन पहले भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पार्टी और करनाल से प्रत्याशी पूर्व सीएम मनोहरलाल की खिलाफत करने वाले पानीपत के पांच पार्टी पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन पांचों में से एक पदाधिकारी अवतार सिंह शास्त्री ने शनिवार को बीजेपी से खुद को पदमुक्त कर लिया है। दरअसल, पार्टी की ओर से सहकारिता मंत्री महीपाल ढांडा के नजदीकी बड़ौली के पूर्व सरपंच व भाजपा में शक्ति केंद्र प्रमुख अवतार शास्त्री को नोटिस जारी किया गया था।
उन पर आरोप है कि शहरी विधायक प्रमोद विज के आवास पर आपस में बातचीत के दौरान बोल दिया था कि पंजाबी को ज्यादा वोट मत दे देना। जबकि अवतार ने इसे षड्यंत्र बताया है। इस्तीफा कॉपी में ये सब है लिखा
जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को दिए इस्तीफा कॉपी में अवतार सिंह शास्त्री ने लिखा कि, मैं शक्ति केंद्र प्रमुख गांव बड़ौली के तौर पर कार्यरत हूं। मैंने आज तक अपने पद और पार्टी की जी जान से सेवा की है, और जो भी जिम्मेदारी मुझे पार्टी स्तर पर दी गई है मैंने उसे ईमानदारी से निभाया है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के अंदर कुछ षड्यंत्रकारी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हुए षड्यंत्र करके मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। जिस वजह से मेरी भावनाएं आहत हुई है। मैं इस षड्यंत्र से दुखी होकर तुरंत प्रभाव से भाजपा में अपने सभी पदों व पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। मेरा यह त्यागपत्र तुरंत प्रभाव से लागू समझा जाए। जिला महामंत्री ने ये थमाया था नोटिस
बीजेपी जिला महामंत्री कृष्ण छौक्कर ने 28 मई को दिए नोटिस में लिखा कि अवतार शास्त्री, शक्ति केंद्र प्रमुख (बडौली)16 मई को पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज के निवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल के बारे में आपने अभद्र टिप्पणी की एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया।
आपके वक्तव्य से यह प्रतीत हो रहा था कि आप कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान हतोत्साहित करना चाह रहे थे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल को अधिक मत न देने की टिप्पणी कर रहे थे। आपके इस व्यवहार के लिए आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए ? इसका उत्तर आप नोटिस जारी होने के तिथि के एक सप्ताह के भीतर दे। हरियाणा बीजेपी में अब भीतरी कलह लगातार सामने आ रही है। करीब 5 दिन पहले भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पार्टी और करनाल से प्रत्याशी पूर्व सीएम मनोहरलाल की खिलाफत करने वाले पानीपत के पांच पार्टी पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन पांचों में से एक पदाधिकारी अवतार सिंह शास्त्री ने शनिवार को बीजेपी से खुद को पदमुक्त कर लिया है। दरअसल, पार्टी की ओर से सहकारिता मंत्री महीपाल ढांडा के नजदीकी बड़ौली के पूर्व सरपंच व भाजपा में शक्ति केंद्र प्रमुख अवतार शास्त्री को नोटिस जारी किया गया था।
उन पर आरोप है कि शहरी विधायक प्रमोद विज के आवास पर आपस में बातचीत के दौरान बोल दिया था कि पंजाबी को ज्यादा वोट मत दे देना। जबकि अवतार ने इसे षड्यंत्र बताया है। इस्तीफा कॉपी में ये सब है लिखा
जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को दिए इस्तीफा कॉपी में अवतार सिंह शास्त्री ने लिखा कि, मैं शक्ति केंद्र प्रमुख गांव बड़ौली के तौर पर कार्यरत हूं। मैंने आज तक अपने पद और पार्टी की जी जान से सेवा की है, और जो भी जिम्मेदारी मुझे पार्टी स्तर पर दी गई है मैंने उसे ईमानदारी से निभाया है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के अंदर कुछ षड्यंत्रकारी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हुए षड्यंत्र करके मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। जिस वजह से मेरी भावनाएं आहत हुई है। मैं इस षड्यंत्र से दुखी होकर तुरंत प्रभाव से भाजपा में अपने सभी पदों व पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। मेरा यह त्यागपत्र तुरंत प्रभाव से लागू समझा जाए। जिला महामंत्री ने ये थमाया था नोटिस
बीजेपी जिला महामंत्री कृष्ण छौक्कर ने 28 मई को दिए नोटिस में लिखा कि अवतार शास्त्री, शक्ति केंद्र प्रमुख (बडौली)16 मई को पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज के निवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल के बारे में आपने अभद्र टिप्पणी की एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया।
आपके वक्तव्य से यह प्रतीत हो रहा था कि आप कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान हतोत्साहित करना चाह रहे थे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल को अधिक मत न देने की टिप्पणी कर रहे थे। आपके इस व्यवहार के लिए आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए ? इसका उत्तर आप नोटिस जारी होने के तिथि के एक सप्ताह के भीतर दे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर