हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा कस्बे के गांव उरलाना खुर्द में एक 5 माह का भ्रूण मिला है। जिसे आवारा कुत्ते नोच रहे थे। ये देखकर एक पेंटर ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जिन्होंने मौके से सभी आवश्यक कार्रवाई करने के बाद भ्रूण को वहां से सिविल अस्पताल भिजवाया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। वहीं, पुलिस ने गांव में पूछताछ शुरू कर दी है। नाली में निकालकर कुत्ते नोंच रहे थे मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में विक्रम ने बताया कि वह गांव उरलाना खुर्द का रहने वाला है। वह पेंटर का काम करता है। रविवार की सुबह करीब 6 बजे वह गांव की फिरनी के बाद टहलने के लिए गया था। वहां तालाब किनारे वह घूम रहा था। तभी उसने देखा कि तालाब के साथ पक्की नाली में काफी कबाड़ जमा है। जिसमें से आवारा कुत्ते एक भ्रूण को नाले से निकालकर उसे नोच रहे थे। उसे कुत्तों को वहां से भगाया। इसके बाद उसने देखा कि भ्रूण, जोकि करीब 5 माह का था। यह देख उसने तुरंत डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचित किया। भ्रूण को देखकर प्रतीत हुआ कि उसे किसी ने पहचान छिपाने के लिए जन्म से पहले ही फेंक दिया। हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा कस्बे के गांव उरलाना खुर्द में एक 5 माह का भ्रूण मिला है। जिसे आवारा कुत्ते नोच रहे थे। ये देखकर एक पेंटर ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जिन्होंने मौके से सभी आवश्यक कार्रवाई करने के बाद भ्रूण को वहां से सिविल अस्पताल भिजवाया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। वहीं, पुलिस ने गांव में पूछताछ शुरू कर दी है। नाली में निकालकर कुत्ते नोंच रहे थे मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में विक्रम ने बताया कि वह गांव उरलाना खुर्द का रहने वाला है। वह पेंटर का काम करता है। रविवार की सुबह करीब 6 बजे वह गांव की फिरनी के बाद टहलने के लिए गया था। वहां तालाब किनारे वह घूम रहा था। तभी उसने देखा कि तालाब के साथ पक्की नाली में काफी कबाड़ जमा है। जिसमें से आवारा कुत्ते एक भ्रूण को नाले से निकालकर उसे नोच रहे थे। उसे कुत्तों को वहां से भगाया। इसके बाद उसने देखा कि भ्रूण, जोकि करीब 5 माह का था। यह देख उसने तुरंत डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचित किया। भ्रूण को देखकर प्रतीत हुआ कि उसे किसी ने पहचान छिपाने के लिए जन्म से पहले ही फेंक दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कल से फिर धुंध का दौर:13 जिलों में अलर्ट जारी; प्रदूषण से हालात खराब, 6 शहरों का AQI 300 पार
हरियाणा में कल से फिर धुंध का दौर:13 जिलों में अलर्ट जारी; प्रदूषण से हालात खराब, 6 शहरों का AQI 300 पार प्रदेश में वायु प्रदूषण से सांस लेना मुश्किल हो रहा है। सूबे के दो शहर गुरुग्राम और बहादुरगढ़ प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहर रहे। प्रदेश में 4 शहरों का एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है। जबकि 10 शहरों का एक्यूआई 200 से 300 तक दर्ज किया गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण तापमान में भी बढ़ोतरी शुरू हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 27 के बाद प्रदेश में फिर से ठंड बढ़ सकती है। 27 से 29 नवंबर तक प्रदेश के कुछ इलाकों में धुंध का यलो अलर्ट जारी किया गया है। रात का तापमान 0.7 डिग्री तक बढ़ा है। ये सामान्य से 1.7 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। हिसार में सबसे कम 93 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। जबकि दिन के तापमान में 2.1 डिग्री की कमी आई है। सिरसा में सबसे अधिक 28.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इन जिलों में रहेगा धुंध का अलर्ट मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में गहरी से गहरी धुंध का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, सोनीपत और पानीपत शामिल हैं। फतेहाबाद, हिसार और जींद में गहरी धुंध का यलो अलर्ट जारी हुआ है। इधर गहरी धुंध ने लोगों को शुक्रवार को भी परेशान किया। कई जिलों में विजिबिलिटी 50 से लेकर 100 मीटर तक रहने का अनुमान है। इन शहरों में हवा बेहद खराब रही देश के 10 प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 7 शहर शामिल हैं। सबसे प्रदूषित रहे शहरों में देश की राजधानी दिल्ली पहले नंबर पर है। यहां का एक्यूआई 395, हाजीपुर 319, हरियाणा के दादरी का 363, हिसार का 331, बहादुरगढ़ 327, नोएडा 312, सिरसा 311, सोनीपत 309, टोंक 305, जींद 304, गाजियाबाद 302, गुरुग्राम 302, (आंकड़े 24 घंटे के औसत एक्यूआई के हैं) दर्ज किया गया। सुबह करीब 7 बजे हरियाणा का घरौंदा सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहा। यहां का एक्यूआई 264 तक रिकॉर्ड किया गया। वहीं चरखी दादरी का 232, कैथल का 231, बहादुरगढ़ का 209, जींद का 197, फरीदाबाद का 188, कुरुक्षेत्र का 185 और गुरुग्राम का 182 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। आगे कैसा रहेगा मौसम चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर 27 नवंबर तक खुश्क रहने की संभावना है। वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ने से अलसुबह और रात्रि को कहीं हल्की से मध्यम धुंध या कहीं स्मॉग की स्थिति बन सकती है। इस दौरान रात्रि तापमान में हल्की बढ़ोतरी तथा दिन के तापमान में हल्की गिरावट की संभावित है। 26 नवंबर यानी आज से फिर से उत्तरी और उत्तर पश्चिमी ठंडी हवा हल्की गति से चलने की संभावना से 27 नवंबर तक रात्रि तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना है।
सिरसा में जमीनी विवाद पर 2 गुटों में झगड़ा:व्यक्ति की मौत, 2 गंभीर रूप से घायल, खड़ी फसल पर चलाया ट्रैक्टर
सिरसा में जमीनी विवाद पर 2 गुटों में झगड़ा:व्यक्ति की मौत, 2 गंभीर रूप से घायल, खड़ी फसल पर चलाया ट्रैक्टर हरियाणा के सिरसा जिला के पुलिस थाना रानियां के अंतर्गत आने वाले गांव केहरवाला में जमीनी विवाद को लेकर दो गुटों में झगड़ा हो गया। घटना में दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। फसल पर ट्रैक्टर चलाने पर हुआ विवाद प्राप्त जानकारी के अनुसार केहरवाला के जोगिंद्र आदराम व भाई पृथ्वी की जमीन का झगड़ा नथोर के भीमसेन के साथ चल रहा था। शुक्रवार को नथोर निवासी भीमसेन ने विवादित भूमि पर जाकर नरमे की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। जिसकी सूचना मिलते ही दूसरा पक्ष केहर वाला निवासी जोगिंद्र पृथ्वी व आदराम मौका पर पहुंच गए। जोगिंद्र ने अपने खेत में ट्रैक्टर चलाने का ऐतराज किया, जिस पर हाथापाई शुरू हो गई। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में तोड़ा दम इस दौरान पृथ्वी व आदराम भी मौका पर पहुंच गए। नथोर निवासी भीमसेन व अन्य साथियों ने जोगिंद्र पर हमला बोल दिया, जिसे अस्पताल में ले जाते समय मौत हो गई। घटना में आद राम व पृथ्वी को गंभीर चोटें आई। घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घटना की सूचना मिलते ही जीवन नगर चौकी इंचार्ज ने मौका पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल
हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल पंजाब के किसान जहां MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य ) गारंटी कानून के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और केंद्र सरकार से मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं तो वहीं हरियाणा सरकार ने अपने किसानों को 24 फसलों पर MSP गांटरी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार ने साफ मैसेज पंजाब के किसानों को देने की कोशिश की है कि MSP गारंटी केंद्र से नहीं अपनी पंजाब सरकार सरकार से मांगनी चाहिए। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री पंजाब के किसानों से अपील भी कर चुके हैं कि उनको पंजाब सरकार से बातचीत कर बॉर्डर से हट जाना चाहिए और पंजाब में आंदोलन करना चाहिए। बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से विधानसभा चुनाव से पहले 24 फसलों पर MSP देने की घोषणा की थी मगर इसका कोई लिखित में कोई प्रावधान नहीं था ऐसे में हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा के किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश की है। इन फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी सरकार
रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना। MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही एजेंसियां
MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही सरकारी एजेंसियां 10 और फसलों को खरीदेंगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में MSP पर जिन फसलों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, अधिसूचना जारी होने से उसे अब सिरे चढ़ाया जा सकेगा। 10 महीने से बॉर्डर पर डटे हैं किसान
बता दें कि पंजाब के किसान केंद्र सरकार से MSP पर गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और पिछले 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसके कारण हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर बंद पड़े हैं। हरियाणा में पंजाब की सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसानों के धरने-प्रदर्शन जारी हैं। जो फसलें नहीं उगाता हरियाणा उस पर भी एमएसपी
विशेष बात यह कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती है, फिर भी इन्हें प्रदेश सरकार ने सूचीबद्ध फसलों में शामिल किया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है। केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ), भारतीय कपास निगम (सीसीआई), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं।