हरियाणा के पानीपत शहर में नेशनल हाईवे 44 पर सेक्टर 18 कट के पास तेज रफ्तार बस ने एक कार को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में कार सवार 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई। जबकि एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला तीन बच्चों की मां थी। पति ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। सेक्टर 13-17 थाना पुलिस को दी शिकायत में जोगिंदर ने बताया कि वह बुराड़ी दिल्ली का रहने वाला है। वह कार पेंटर का काम करता है। 6 दिसंबर को वह अपने पैतृक गांव बदरोल, बरोटी, हिमाचल प्रदेश से दिल्ली जाने के लिए कार में सवार हुआ था। कार में कुल 5 लोग सवार थे। कार सवार अन्य लोगों को भी लगी गंभीर चोट 7 दिसंबर को जब वे पानीपत में सीआईए कट सेक्टर 18 पहुंचे, तो यहां एक यूके नंबर की बस तेज गति से आई और पीछे से टक्कर मार दी। जिससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को काफी गंभीर चोट लगी। इन चोटों में उसकी पत्नी पिंकी धीमान भी घायल हो गई थी। पिंकी के अलावा मधु नाम की महिला को भी गंभीर चोट लगी थी। आनन-फानन में दोनों को वहां से किसी तरह सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने पिंकी को मृत घोषित कर दिया। जबकि मधु उपचाराधीन है। हरियाणा के पानीपत शहर में नेशनल हाईवे 44 पर सेक्टर 18 कट के पास तेज रफ्तार बस ने एक कार को पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में कार सवार 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई। जबकि एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला तीन बच्चों की मां थी। पति ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। सेक्टर 13-17 थाना पुलिस को दी शिकायत में जोगिंदर ने बताया कि वह बुराड़ी दिल्ली का रहने वाला है। वह कार पेंटर का काम करता है। 6 दिसंबर को वह अपने पैतृक गांव बदरोल, बरोटी, हिमाचल प्रदेश से दिल्ली जाने के लिए कार में सवार हुआ था। कार में कुल 5 लोग सवार थे। कार सवार अन्य लोगों को भी लगी गंभीर चोट 7 दिसंबर को जब वे पानीपत में सीआईए कट सेक्टर 18 पहुंचे, तो यहां एक यूके नंबर की बस तेज गति से आई और पीछे से टक्कर मार दी। जिससे उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को काफी गंभीर चोट लगी। इन चोटों में उसकी पत्नी पिंकी धीमान भी घायल हो गई थी। पिंकी के अलावा मधु नाम की महिला को भी गंभीर चोट लगी थी। आनन-फानन में दोनों को वहां से किसी तरह सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने पिंकी को मृत घोषित कर दिया। जबकि मधु उपचाराधीन है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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तिगांव से कांग्रेस प्रत्याशी का मामा ने किया विरोध:अर्धनग्न होकर गांव में किया प्रचार; बोले- बेईमानों को वोट न दें, सावधान रहने की अपील फरीदाबाद जिले के तिगांव विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रोहित नागर के मामा मनीराम भरना खुद गांव जाकर रोहित नागर और उनके पिता यशपाल नागर को बेईमान बताया है। उन्हें वोट न देने के साथ साथ सावधान रहने की अपील की। बाइक पर सवार मनीराम अर्धनग्न होकर रोहित नागर के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। मनीराम भड़ाना ने कहा कि रोहित नागर के पिता यशपाल नागर उनके सगे बहनोई हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्होंने उनके साथ 60 लख रुपए की बेईमानी की और प्रॉपर्टी में भी उनके साथ धोखाधड़ी की। जिसकी शिकायत में 2009 से करते आ रहे हैं। लघु सचिवालय पर 1 साल से धरने पर मनीराम भड़ाना ने बताया की यशपाल नागर ने उन्हें कई बार कभी घर तो कभी ऑफिस बुलाया। लेकिन उनके रुपए नहीं दिए। पुलिस से साथ गांठ कर उनके केस को दबा दिया। जिसके चलते पिछले लगभग 1 साल से फरीदाबाद के लघु सचिवालय के बाहर ही अर्धनग्न अवस्था में धरने पर बैठे हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्हें अभी तक कहीं से न्याय मिलता नजर नहीं आ रहा इसलिए वह चाहते हैं कि ऐसे बेईमानों को वोट न दी जाए, जो लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। रोहित नागर का कांग्रेसियों ने भी किया था विरोध गौरतलब है कि रोहित नागर ने कभी पार्षद का भी चुनाव तक नहीं लड़ा है। लेकिन पार्टी ने युवा रोहित नागर पर विश्वास जताया और पूर्व में कांग्रेस की सरकार में विधायक रहे ललित नागर की टिकट काट दी। जिसके चलते ललित नागर समेत अन्य कांग्रेसी रोहित नागर को टिकट दिए जाने का विरोध करते नजर आए।
गोपाल कांडा के दांव से BJP नेता टेंशन में:2 सीटें तय, 3 पर हलोपा नेता की मर्जी चलेगी; मंत्री-विधायकों की कुर्सी खतरे में
गोपाल कांडा के दांव से BJP नेता टेंशन में:2 सीटें तय, 3 पर हलोपा नेता की मर्जी चलेगी; मंत्री-विधायकों की कुर्सी खतरे में हरियाणा में गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) BJP के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी बुधवार को सिरसा दौरे के दौरान सिरसा के विधायक हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा से मिले थे, और उनके घर नाश्ता किया था। इसके बाद CM ने बयान दिया था कि भाजपा हलोपा के साथ है और आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। अब माना जा रहा है कि भाजपा 5 विधानसभा सीटों पर हलोपा की जिम्मेदारी लगा सकती है। गोपाल कांडा और गोविंद कांडा पर ही 5 विधानसभाओं में कमल खिलाने की जिम्मेदारी होगी। 2 सीटों के उम्मीदवारों के चयन पर हलोपा और BJP दोनों की सहमति बनाई जाएगी, लेकिन 3 सीटें ऐसी हैं जिन पर दोनों पार्टियों में पेंच फंस सकता है। इसमें सिरसा, रानियां और फतेहाबाद विधानसभा सीट शामिल हैं। इससे कैबिनेट मंत्री समेत विधायकों की कुर्सी खतरे में है। ये है 3 सीटों का गणित… 1. रानिया विधानसभा से लड़ना चाहते हैं गोविंद कांडा
बताया जा रहा है कि हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा रानिया विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। रानिया से रणजीत चौटाला निर्दलीय विधायक चुने गए थे, लेकिन वह लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव भी हार गए। रणजीत चौटाला को हिसार से चुनाव लड़वाने के पीछे का मकसद रानिया विधानसभा सीट पर गोविंद कांडा की दावेदारी को और मजबूत करना था, लेकिन चौटाला हारकर दोबारा रानिया विधानसभा से तैयारी में लग गए हैं। भाजपा लोकसभा में चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों से किनारा कर सकती है। 2. फतेहाबाद सीट भी ऑफर हो सकती है
अगर रानिया में रणजीत चौटाला अड़ जाते हैं तो फतेहाबाद सीट भी गोबिंद कांडा को ऑफर की जा सकती है। हालांकि, यहां से कुलदीप बिश्नोई के भाई दुड़ाराम मौजूदा विधायक हैं। ऐसे में दुड़ाराम की नाराजगी भी भाजपा मोल नहीं लेना चाहेगी। इधर, मुख्यमंत्री की हाल ही में हुई फतेहाबाद रैली में दुड़ाराम उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाए। मुख्यमंत्री को रिपोर्ट मिल चुकी है कि स्थानीय विधायक के कामकाज को लेकर लोगों में रोष है। वहीं, लोकसभा चुनाव में भी दुड़ाराम शहरी क्षेत्र के होने के बावजूद सिरसा लोकसभा से उम्मीदवार रहे अशोक तंवर को फतेहाबाद हलके से जितवा नहीं पाए थे। इस कारण उनके रिपोर्ट कार्ड को देखते हुए इस बार उनका टिकट काटकर किसी नए चेहरे को फतेहाबाद में मौका दिया जा सकता है। 3. सिरसा सीट पर BJP नेताओं को लगेगा झटका
उधर, सिरसा सीट पर तैयारी कर रहे भाजपा नेताओं को गोपाल कांडा के कारण दावेदारी छोड़नी पड़ सकती है। यहां से पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा के बेटे अमन चोपड़ा, पूर्व में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके प्रदीप रातुसरिया और पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल के बेटे मनीष गोयल दावेदार हैं। ऐसे में गोपाल कांडा के मैदान में आने से उनकी उम्मीदवारी कमजोर पड़ सकती है। बता दें कि भाजपा के गणेशी लाल सिरसा सीट से चौधरी बंसीलाल के समय विधायक बने थे। इसके बाद से सिरसा सीट भाजपा ने कभी नहीं जीती। रानिया में रणजीत की राह मुश्किल
दरअसल, रानियां विधानसभा में रणजीत चौटाला की राह मुश्किल है। रणजीत के रानिया को छोड़कर हिसार से चुनाव लड़ने से क्षेत्र में नाराजगी है। हिसार लोकसभा में रणजीत चौटाला कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी से हार गए थे। लोगों में नाराजगी का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जब मुख्यमंत्री सैनी सिरसा के दौरे पर थे तो रानिया के लोगों ने बाजार बंद कर विरोध जताया था। रानिया तहसील के लोग क्षेत्र को उपमंडल का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, यहां के किसान नेताओं का कहना है कि किसान आंदोलन के समय रणजीत चौटाला कैबिनेट मंत्री थे, मगर किसानों के लिए कोई आवाज नहीं उठाई। इसलिए, वह चौटाला का साथ चुनाव में नहीं देंगे। 2019 में सिरसा की 5 विधानसभा सीटें हारी थी भाजपा
भाजपा प्रदेश में अबकी बार हारी हुई विधानसभा सीटों पर फोकस कर रही है। हार के कारणों से सबक लेते हुए लगातार मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री उन विधानसभाओं में जा रहे हैं। सिरसा जिले की पांचों सीट भाजपा 2019 में हार गई थी। इसके अलावा ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। सिरसा जिले में सिरसा, रानिया, डबवाली, कालांवाली और ऐलानाबाद विधानसभाएं आती हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी एक महीने में तीसरी बार 31 जुलाई को सिरसा पहुंचे थे। लोकसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री लगातार सिरसा का दौरा कर रहे हैं।
हरियाणा के सरकारी स्कूल में बच्चों को एलर्जी हुई:मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया, छात्रों को आंखों में जलन और छींके आईं
हरियाणा के सरकारी स्कूल में बच्चों को एलर्जी हुई:मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया, छात्रों को आंखों में जलन और छींके आईं हरियाणा के करनाल में सरकारी स्कूल में मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव छात्रों के सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। छिड़काव के कारण 6 छात्रों के चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन होने लगी। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन से स्कूल के कमरों में बैठने पर होने वाली परेशानी कि शिकायत की है। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को कमरे के बाहर जमीन पर बैठा दिया और वहीं उनकी कक्षाएं लीं। घर जाकर छात्रों ने अपने परिजनों को चेहरे और आंखों से जुड़ी परेशानी बताई। जिसके बाद परिजनों ने छात्रों को नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ले जाकर दवाई दिलवाई। वहीं स्कूल प्रबंधन के मुताबिक विद्यालय में करीब 300 छात्र पढ़ते हैं। छिड़काव के बाद छात्रों को कमरों में परेशानी हुई, जिसके बाद छात्रों को मुंह धोने के लिए कहा गया, लेकिन किसी भी छात्र ने उनसे इतनी बड़ी समस्या के बारे में चर्चा नहीं की। चेहरे पर हो गए दाने, आने लगी छीकें
करनाल के कोहंड गांव के पवन कुमार ने बताया कि मेरे दो बच्चे कोहंड के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। एक 10वीं और दूसरा 7वीं में पढ़ता है। गुरुवार (7 नवंबर) शाम को सरकारी स्कूल के कमरों के अंदर मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया गया था। शुक्रवार को विद्यार्थियों को उन्हीं कक्षाओं में बैठाया गया। दवा का असर सुबह तक रहा, इसलिए मेरे दोनों बच्चों के साथ-साथ कुछ अन्य विद्यार्थियों को भी चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की समस्या हुई। मेरे दोनों बच्चों ने घर आकर मुझे चेहरे और आंखों की समस्या बताई, तो मैंने मेडिकल स्टोर से दोनों बच्चों के लिए दवाई मंगवाई। हमें बाहर बैठाया, आंखों में जलन हो रही थी
वहीं स्कूल के विद्यार्थी लवकेश और पारस ने बताया कि हम कमरों में बैठे थे और चेहरे पर किसी तरह की एलर्जी हो गई। लगातार छींके भी आ रही थीं और आंखों में जलन भी हो रही थी। हमने अध्यापकों को भी बताया कि हमें परेशानी हो रही है, तो अध्यापकों ने हमें कमरों के बाहर बैठने को कहा। हमारे चेहरों पर भी दाग-धब्बे उभर आए हैं। कमरों को बंद रखने की गाइडलाइन थी
स्कूल प्रबंधन के अनुसार, दवा का छिड़काव करने के बाद दो-तीन घंटे के लिए कमरे बंद कर दिए गए थे। कमरे बंद करने से दवा का अच्छा असर होता और कमरे के अंदर मौजूद सभी मच्छर मर जाते। ऐसे में गाइडलाइन का पालन किया गया और शुक्रवार सुबह सफाई कर्मचारी ने आकर सभी कमरे खोले और सभी कमरों की अच्छे से सफाई की। उसके बाद बच्चे कमरे में बैठे थे। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए किया गया स्प्रे
स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा गोयल ने बताया कि डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। छात्र भी लगातार कमरों में मच्छरों के अधिक होने की शिकायत कर रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव किया गया। शुक्रवार सुबह जब बच्चे कमरे में पहुंचे तो उन्होंने चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत की। जिसके बाद बच्चों की क्लास बाहर लगाई गई और उनके हाथ-मुंह धुलवाए गए, जिसके बाद बच्चे भी ठीक हो गए। बच्चों के हित में दवा का छिड़काव किया गया, ताकि बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचाया जा सके।