हरियाणा के पानीपत जिले के खोतपुरा गांव के एक किसान को साइबर जालसाजों ने अपना शिकार बना लिया। जालसाजों ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर फोन किया। उन्होंने कहा कि आपके तीनों खाते बंद होने वाले हैं। अगर आप इन्हें चालू रखना चाहते हैं तो हम आपको ओटीपी भेज रहे हैं। ओटीपी शेयर करते ही किसान के खाते से 6 लाख 72 हजार रुपये निकल गए। पीड़ित किसान ने इसकी शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। दो बार निकाले पैसे साइबर थाने में दी शिकायत में दलेल सिंह ने बताया कि वह गांव खोतपुरा का रहने वाला है। वह किसान है। 13 नवंबर को उसके मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह एक्सिस बैंक की ऊझा शाखा का मैनेजर है। हमारी शाखा में आपके तीन खाते हैं। आपके सभी खाते बंद होने वाले हैं। अगर आप अपने खाते चालू रखना चाहते हैं तो मैं आपको एक ओटीपी भेज रहा हूं। वह ओटीपी मुझे बता दीजिए। मैं आपका खाता चालू कर दूंगा। वह विश्वास में आ गया और उसने फोन पर आया ओटीपी कॉल करने वाले को बता दिया। जिसके बाद उसके खाते से क्रमश: 102000 रुपये और 570000 रुपये कट गए। कुल मिलाकर उसके साथ 6 लाख 72 हजार रुपये की ठगी हो गई। हरियाणा के पानीपत जिले के खोतपुरा गांव के एक किसान को साइबर जालसाजों ने अपना शिकार बना लिया। जालसाजों ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर फोन किया। उन्होंने कहा कि आपके तीनों खाते बंद होने वाले हैं। अगर आप इन्हें चालू रखना चाहते हैं तो हम आपको ओटीपी भेज रहे हैं। ओटीपी शेयर करते ही किसान के खाते से 6 लाख 72 हजार रुपये निकल गए। पीड़ित किसान ने इसकी शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। दो बार निकाले पैसे साइबर थाने में दी शिकायत में दलेल सिंह ने बताया कि वह गांव खोतपुरा का रहने वाला है। वह किसान है। 13 नवंबर को उसके मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह एक्सिस बैंक की ऊझा शाखा का मैनेजर है। हमारी शाखा में आपके तीन खाते हैं। आपके सभी खाते बंद होने वाले हैं। अगर आप अपने खाते चालू रखना चाहते हैं तो मैं आपको एक ओटीपी भेज रहा हूं। वह ओटीपी मुझे बता दीजिए। मैं आपका खाता चालू कर दूंगा। वह विश्वास में आ गया और उसने फोन पर आया ओटीपी कॉल करने वाले को बता दिया। जिसके बाद उसके खाते से क्रमश: 102000 रुपये और 570000 रुपये कट गए। कुल मिलाकर उसके साथ 6 लाख 72 हजार रुपये की ठगी हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान
अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि वे CM की कुर्सी पर दावेदारी को लेकर अभी भी कायम हैं। हालांकि वे इसे पाने के लिए न कोई रणनीति बनाएंगे और न ही कोई लॉबिंग करेंगे। अंबाला कैंट से BJP उम्मीदवार अनिल विज ने कहा कि वह किसी से मुकाबला नहीं मानते। उनके सामने असली-नकली कांग्रेस आपस में लड़ रही है। भूपेंद्र हुड्डा पर विज ने कहा कि उन्होंने किसानों की जमीन बिल्डर माफिया को बेची, जिसे किसान आज तक भूले नहीं हैं। शंभू बॉर्डर पर विज ने कहा कि किसान पंजाब की तरफ बैठे हैं, पंजाब सरकार को सोचना चाहिए। वे भी इस पक्ष में नहीं हैं कि किसान हरियाणा में आकर बैठ जाएं। हरियाणा विधानसभा के लिए 90 सीटों पर चुनाव के प्रचार के बीच दैनिक भास्कर ने अनिल विज से विस्तृत बातचीत की। उसके प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: आप 6 बार विधायक रह चुके हैं, इस बार चुनाव प्रचार कैसे चल रहा है?
अनिल विज: मैंने 6 हारे चुनाव जीते हैं। अभी तक के चुनावों में सबसे अधिक माहौल इस चुनाव में लग रहा है। सवाल: विपक्षी कह रहे हैं कि आपकी सीट फंसी हुई है। कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा से कितनी टफ फाइट मानते हैं?
अनिल विज: वे तो आपस में ही लड़ रहे हैं। असली कांग्रेस और नकली कांग्रेस का मुकाबला मीडिया में चल रहा है। इन दोनों (चित्रा औैर परविंदर परी) से मैं अपना मुकाबला नहीं मानता। सवाल: क्या आपको लगता है कि BJP के सामने एंटी इनकंबेंसी की चुनौती है।
अनिल विज: देखिए, 10 साल पहले जब कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा का यहां राज रहा है, उसकी एंटी इनकंबेंसी अधिक है। जिस प्रकार से उन्होंने नौकरियां बेची, तबादले बेचे। आज भी उनके प्रत्याशी सरेआम मंचों से कह रहे है। कांग्रेस ने कानून का दुरुपयोग कर किसानों की जमीनें बिल्डर माफिया के हाथों बेच दीं। किसान आज भी भूपेंद्र हुड्डा का नाम सुनकर छिप जाता है। किसान को कांग्रेस ने इतना डराया हुआ है। वह केस भी अभी चल रहे हैं। एक केस में अभी 384 करोड़ रुपए की जायदाद भी अटैच हुई है। भाजपा ने अपने कार्यकाल में ऑनलाइन तबादले किए हैं। मेरिट के बेस पर नौकरियां दी गई हैं। सवाल: खट्टर और नायब सैनी जब CM बने तो आपने कुछ नहीं कहा। अब अचानक CM पद का दावा ठोक दिया। ऐसी स्थिति क्यों आई?
अनिल विज: खुद को सीएम चेहरा बताने की एक वजह है। वैसे तो मैने आज तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा। सारे विश्व में एक भी आदमी ये साबित भी नहीं कर सकता। जब ये मुख्यमंत्री बदले गए तो प्रदेश में एक आवाज उठी कि अनिल विज सीनियर है तो अनिल विज क्यों नहीं। तो उनको लोगों ने जवाब दिया कि अनिल विज तो मानता नहीं। वह बनना नहीं चाहता। मैंने केवल उस बात का जवाब दिया। वहम था लोगों को वो दूर किया। मैंने मांगा नहीं, यदि पार्टी बनाएगी तो मैं स्वीकार करूंगा। वहम था लोगों को वो दूर किया। सवाल: संगठन ने तो आपकी सीएम दावेदारी को नकार दिया। अब दावे को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाएंगे या पीछे हट जाएंगे?
अनिल विज: कोई रणनीति नहीं बनाऊंगा। किसी को जाकर नहीं कहूंगा। किसी तरह की लॉबिंग नहीं करुंगा। लॉबिंग तो मैंने आज तक की भी नहीं। मैंने तो एक बात का जवाब देना था, दे दिया। सवाल: क्या आपको लगता है कि नायब सैनी के बजाय पीएम मोदी के चेहरे या फिर पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना ज्यादा अच्छा होता।
अनिल विज: हम चुनाव पार्टी की विचारधारा को नाम पर लड़ रहे है। हम व्यक्तिनिष्ठ पार्टी न होकर विचारनिष्ठ पार्टी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम कराए, उसका लाभ लोगों को मिल रहा है। भारतीयों की पूरे विश्व में सम्मान मिल रहा है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त की। श्रीराम मंदिर बनाया और तीन तलाक खत्म किए। हरियाणा में पारदर्शी सरकार चलाई गई। उन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे है। सवाल: जो प्रचार में आपका विरोध कर रहे हैं, वे कौन लोग हैं, उनको क्या कहना चाहेंगे।
अनिल विज: विपक्ष का काम है विरोध करना, उस पर मैं ध्यान नहीं देता। सवाल: शंभू बॉर्डर खोलने पर आपकी व्यक्तिगत राय क्या है?
अनिल विज: जो किसान बैठे हुए है वह पंजाब की सीमा पर बैठे हुए है। पंजाब में आज आम आदमी पार्टी की सरकार है। वहां के मुख्यमंत्री को उनके बारे सोचना चाहिए। रास्ता खुलने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हम ये नहीं चाहते कि वह हरियाणा में आकर बैठे। वैसे मैं इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं कुछ कहना चाहता क्योंकि ये मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। सवाल: मंत्री होने के बावजूद भी शहर के प्रोजेक्ट अधूरे रह गए, क्या अफसरों ने अड़ंगे लगाए?
अनिल विज: कोई अफसरों का अड़ंगा नहीं लगा। कुतुबमीनार एक दिन में नहीं बनी। विकास कार्यों को पूरा होने में समय लगता है। सवाल: कांग्रेस में CM चेहरे की लड़ाई चल रही है। सैलजा को अपशब्द कहे जाने के भी आरोप हैं। आप इस पर क्या कहेंगे।
अनिल विज: मैंने कांग्रेस के एक पूर्व प्रधानमंत्री की लिखी हुई पुस्तक पढ़ी है। पढ़कर आंखें झुक गई। वहां महिलाओं और दलितों का कोई सम्मान नहीं। इतनी बड़ी नेत्री को इन्होंने जातिसूचक शब्द कहे। आज हरियाणा का एक-एक आदमी कांग्रेस से नाराज है। लोग कांग्रेस से बदला लेने के लिए तैयार है। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें…
1.कुलदीप बिश्नोई बोले-रणजीत चौटाला की बात में वजन नहीं:मैं लोकसभा चुनाव लड़ता तो सबसे बड़ी जीत होती; हुड्डा परिवार से फर्क नहीं पड़ता
2. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 3. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी 4. किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला
हरियाणा ब्यूरोक्रेसी को लेकर सख्त CM सैनी:DC-SP को एक दिन गांव में नाइट स्टे के निर्देश; रिपोर्ट देनी होगी, 10 को SP की मीटिंग बुलाई
हरियाणा ब्यूरोक्रेसी को लेकर सख्त CM सैनी:DC-SP को एक दिन गांव में नाइट स्टे के निर्देश; रिपोर्ट देनी होगी, 10 को SP की मीटिंग बुलाई हरियाणा ब्यूरोक्रेसी को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी सख्त हो गए हैं। सीएम ने गांवों की समस्याओं को दूर करने के लिए सभी जिला उपायुक्तों (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) को हर हफ्ते कोआर्डिनेशन मीटिंग बुलाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही महीनें में एक दिन गांव में नाइट स्टे के निर्देश भी दिए हैं। इस दौरान वह ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित समाधान करेंगे। साथ ही ग्रामीणों के अनुरुप ही गांवों के विकास की रूपरेखा भी तैयार करेंगे। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नाइट स्टे की मंथली रिपोर्ट भी मुख्य सचिव कार्यालय को भेजी जाएगी। 10 जनवरी को रेंज के आईजी-SP की मीटिंग बुलाई इसके साथ ही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 10 जनवरी को रेंज के आइजी और जिला पुलिस अधीक्षकों की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में सभी रेंज के IG और सभी पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे। इसके अलावा बैठक में DGP शत्रुजीत कपूर, होम सेक्रेटरी सुमिता मिश्रा, ADGP शामिल होंगे। इस मीटिंग में सूबे की क़ानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। हरियाणा में तेजी से बढ़ रहा क्राइम राज्य में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बन गया है। राजनीतिक हत्याएं, वसूली के लिए हत्याएं, गैंगस्टर्स का बोलबाला और महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। पिछले पांच सालों में हरियाणा में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी रही है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हर रोज वसूली या ब्लैकमेलिंग के लिए धमकी भरे फ़ोन आते हैं। पहली बार विधायकों को भी धमकी भरे फ़ोन आये हैं। 1 जनवरी से 31 अगस्त के बीच हरियाणा में हर घंटे महिलाओं या बच्चों के ख़िलाफ़ एक अपराध दर्ज हुआ है। हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं हुईं। 31 अगस्त तक, राज्य में 675 हत्याएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 697 से थोड़ी कम थीं। राज्य में इस साल हर दिन लगभग तीन हत्याएं हुईं।प्रमुख घटनाओं में पूर्व विधायक और राज्य INLD अध्यक्ष नफे सिंह राठी की दिनदहाड़े हत्या, जेजेपी के रविंदर सैनी की वसूली से जुड़ी हत्या और अगस्त 2023 तक दर्ज की गई 623 हत्या के प्रयास शामिल हैं। हरियाणा महिलाओं के खिलाफ अपराध एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। 31 अगस्त तक 1,020 बलात्कार, 70 बलात्कार के प्रयास, बाल शोषण के 1,057 मामले, 1,113 अपहरण और 1,023 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए। हर दिन 18 केस होते हैं दर्ज राज्य में प्रतिदिन औसतन महिलाओं के खिलाफ 18 अपराध दर्ज किए जाते हैं। पिछले साल के खतरनाक 22 अपराधों की तुलना में यह थोड़ी कमी है। 2022 में, हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ 16,743 अपराध दर्ज किए गए। जो प्रतिदिन औसतन 45 मामले हैं। इनमें 1,787 बलात्कार और 2,640 लापता बच्चे शामिल हैं, जिनमें से 1,516 लड़कियां थीं। राज्य में 3,783 आत्महत्याएं भी हुईं, जिनमें 61% पीड़ित सालाना 1 लाख रुपये से कम कमाते थे।
झज्जर में किसान की तेजधार हथियार से काट कर हत्या:पशुओं के बाड़े में सो रहा था; पूर्व सरपंच परिवार से था जमीन विवाद
झज्जर में किसान की तेजधार हथियार से काट कर हत्या:पशुओं के बाड़े में सो रहा था; पूर्व सरपंच परिवार से था जमीन विवाद हरियाणा के झज्जर में जमीनी विवाद में एक किसान की तेजधार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई। उस पर 2015 में भी जानलेवा हमला किया गया था। इसमें पूर्व सरपंच समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था। अब वे जमानत पर बाहर थे और अब उन्होंने किसान की हत्या कर दी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। आरोपी फरार हैं। पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। जानकारी के अनुसार झज्जर के गांव सुंदरहेटी में 59 वर्षीय गजे सिंह पुत्र अमीलाल रात को पशु बाड़े में भैंसों के पास सो रहा था। सुबह करीब 5 बजे उसकी बेटी पशुओं को चारा डालने गई तो उसने देखा कि पिता गजे सिंह खून से लथपथ हालत में था। उसने शोर मचाया तो परिजन व आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। गजे सिंह की मौत हो चुकी थी। उसके शरीर पर तेजधार हथियार से वार के निशान थे। इसके बाद वारदात की सूचना पुलिस को दी गई। गजे सिंह विवाहित था और खेती बाड़ी का काम करता था l उसके दो बेटे और तीन बेटी हैं l गजे सिंह रात को अपने घर में भैंसों के पास सो रहा था तो उसकी तेजधार हथियार से सोते हुए वार कर हत्या कर दी गई। सूचना के बाद झज्जर के साल्हावास थाने से जांच अधिकारी एएसआई जगबीर सिंह मौके पर पहुंचे। हालात का जायजा लेकर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। पुलिस ASI जगबीर ने बताया कि सूचना मिली थी कि गांव सुंदरहेटी में गजे सिंह नामक एक व्यक्ति की तेजधार हथियार से चोट मारकर हत्या की गई है। पुलिस ने मामले पूछताछ की तो सामने आया कि मृतक गजे सिंह और पूर्व सरपंच रामेहर के परिवार के साथ पुराना जमीनी विवाद चलता आ रहा है। 2015 में रामेहर के परिवार के लोगों ने गजे सिंह के पर जानलेवा हमला किया था। इसमें रामेहर के परिवार के चार लोगों के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुराने केस में हमलावर हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर हैं। इनमें पूर्व सरपंच राममेहर भी शामिल है। पुलिस द्वारा इस मामले में गजे सिंह के बेटे मोहित के बयान पर रामेहर के परिवार के करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। वारदात के बाद से आरोपी फरार हैं और उनको पकड़ने के लिए पुलिस की टीम में गठित की हैं। मृतक के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर झज्जर के नागरिक अस्पताल में मेडिकल बोर्ड के माध्यम से शव का पोस्टमार्टम कराया है। इसके बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है l