हरियाणा के पानीपत में दर्ज रेप के मुकदमे लगभग आधे झूठे पाए गए है। ये चौकाने वाला खुलासा RTI में हुआ है। देश में बनने वाला हर कानून नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए बनाया जाता है। ताकि हर पीड़ित को इंसाफ और उसका हक मिल सके। महिलाओं के साथ होने वाले तमाम तरह के अपराधों से उन्हें बचाने के लिए उन्हें कई कानूनी कवच दिए गए हैं। इससे उनकी स्थिति पहले से मजबूत भी हुई है और कई महिलाओं को काफी मदद भी मिली है। लेकिन कुछ लोग अपने फायदे के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे है। इनके अंदर की खामियां का लोगों ने पैसे कमाने का जरिया बना लिया है। पानीपत में साल 2024 महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए 100 से ज्यादा मुकदमों में से 50% मुकदमे झूठे पाए गए। जिनको पुलिस द्वारा कैंसिल करना पड़ा। जिस पर पानीपत के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कड़ा संज्ञान लिया है और पुलिस थानों में सख्त निर्देश दिए हैं कि झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। ब्लैकमेल करने वालों पर होगी कार्रवाई- एसपी एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा है कि जो लोग झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन का खेल खेलते है, उन लोगों को बक्शा नहीं जाएगा। दरअसल महिलाओं की अक्सर आवाज उठाने वाली और उन्हें न्याय दिलाने वाली शहर की समाज सेविका सविता आर्य ने इस संदर्भ में पुलिस विभाग में एक आरटीआई लगाई थी। जिसमें पाया गया कि थानों में महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए करीब 110 मुकदमों में से 50 मुकदमे झूठे पाए गए। जिन्हें पुलिस को कैंसिल करना पड़ा। सविता आर्य ने कहा कि जिस प्रकार रेप करने वालों को कड़ी सजा मिलती है, उसी प्रकार जो महिलाएं रेप और पॉक्सो एक्ट के झूठे मुकदमे दर्ज करवाती उन्हें भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अभी और आएंगे आंकड़े झूठे मुकदमों की वजह से सच में पीड़ित महिलाएं न्याय से वंचित रह जाती है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने अपने गैंग बना रखे हैं जो पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा देती हैं और फिर पैसों की सांठ गांठ करके समझौता पेश कर देती है। सविता आर्य ने कहा कि उन्होंने वह आंकड़ा भी आरटीआई के माध्यम से मांगा है, जिसमें एक ही महिला ने एक से अधिक मुकदमे गृह जिले या अन्य जिलों में दर्ज करवाए है। हरियाणा के पानीपत में दर्ज रेप के मुकदमे लगभग आधे झूठे पाए गए है। ये चौकाने वाला खुलासा RTI में हुआ है। देश में बनने वाला हर कानून नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए बनाया जाता है। ताकि हर पीड़ित को इंसाफ और उसका हक मिल सके। महिलाओं के साथ होने वाले तमाम तरह के अपराधों से उन्हें बचाने के लिए उन्हें कई कानूनी कवच दिए गए हैं। इससे उनकी स्थिति पहले से मजबूत भी हुई है और कई महिलाओं को काफी मदद भी मिली है। लेकिन कुछ लोग अपने फायदे के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे है। इनके अंदर की खामियां का लोगों ने पैसे कमाने का जरिया बना लिया है। पानीपत में साल 2024 महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए 100 से ज्यादा मुकदमों में से 50% मुकदमे झूठे पाए गए। जिनको पुलिस द्वारा कैंसिल करना पड़ा। जिस पर पानीपत के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कड़ा संज्ञान लिया है और पुलिस थानों में सख्त निर्देश दिए हैं कि झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। ब्लैकमेल करने वालों पर होगी कार्रवाई- एसपी एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा है कि जो लोग झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन का खेल खेलते है, उन लोगों को बक्शा नहीं जाएगा। दरअसल महिलाओं की अक्सर आवाज उठाने वाली और उन्हें न्याय दिलाने वाली शहर की समाज सेविका सविता आर्य ने इस संदर्भ में पुलिस विभाग में एक आरटीआई लगाई थी। जिसमें पाया गया कि थानों में महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए करीब 110 मुकदमों में से 50 मुकदमे झूठे पाए गए। जिन्हें पुलिस को कैंसिल करना पड़ा। सविता आर्य ने कहा कि जिस प्रकार रेप करने वालों को कड़ी सजा मिलती है, उसी प्रकार जो महिलाएं रेप और पॉक्सो एक्ट के झूठे मुकदमे दर्ज करवाती उन्हें भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अभी और आएंगे आंकड़े झूठे मुकदमों की वजह से सच में पीड़ित महिलाएं न्याय से वंचित रह जाती है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने अपने गैंग बना रखे हैं जो पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा देती हैं और फिर पैसों की सांठ गांठ करके समझौता पेश कर देती है। सविता आर्य ने कहा कि उन्होंने वह आंकड़ा भी आरटीआई के माध्यम से मांगा है, जिसमें एक ही महिला ने एक से अधिक मुकदमे गृह जिले या अन्य जिलों में दर्ज करवाए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
