हरियाणा BJP प्रभारी बिप्लब देब को हटाया:विधानसभा चुनाव से पहले डॉ. पूनिया को जिम्मेदारी; रूपाणी पंजाब, श्रीकांत हिमाचल के इंचार्ज

हरियाणा BJP प्रभारी बिप्लब देब को हटाया:विधानसभा चुनाव से पहले डॉ. पूनिया को जिम्मेदारी; रूपाणी पंजाब, श्रीकांत हिमाचल के इंचार्ज

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने प्रदेश प्रभारी बिल्पब देब को हटा दिया है। उनकी जगह पर डॉ. सतीश पूनिया को नया प्रभारी बनाया गया है। डॉ. पूनिया राजस्थान से संबंधित हैं। उनके साथ सांसद सुरेंद्र नागर को सह प्रभारी लगाया गया है। हालांकि बिल्पब देब चुनाव सह प्रभारी बने रहेंगे। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा को झटका लगा। यहां से भाजपा 10 में से सिर्फ 5 ही सीटें जीत पाई थी। 2019 में भाजपा ने सभी 10 सीटें जीती थी। इसके अलावा भाजपा विधानसभा की 90 में से 46 सीटों पर पिछड़ गई। हरियाणा में BJP लगातार 2 बार से सत्ता में है। विधानसभा में इस बार जीतकर हैट्रिक बनाने के लिए सर्जरी के तहत इससे पहले भाजपा यहां के CM मनोहर लाल खट्‌टर को हटा चुकी है। उनकी जगह पर OBC वर्ग से आने वाले नायब सैनी को सीएम बनाया जा चुका है। वहीं केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में हरियाणा से मनोहर लाल खट्‌टर, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर यानी कुल 3 मंत्री बनाए गए हैं। मोदी-शाह के करीबी डॉ. पूनिया
राजस्थान के चूरू जिले से संबंध रखने वाले डा. सतीश पूनिया राजस्थान बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष सहित काफी अहम पदों पर रहे हैं। वे पिछले कार्यकाल में राजस्थान में विपक्ष के उप नेता भी रहे। उन्हें संगठन में काफी लंबा अनुभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह के करीबियों में सतीश पूनिया की गिनती होती है। लोकसभा चुनाव में सतीश पूनिया को ही चुनाव प्रभारी बनाया गया था। सह प्रभारी नागर राज्यसभा सांसद
हरियाणा के सहप्रभारी बनाए सांसद सुरेंद्र नागर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले है। वे गौतमबुद्ध नगर से लोकसभा सांसद रहने के साथ ही राज्यसभा सांसद है। बहुजन समाज पार्टी के बाद वे समाजवादी पार्टी में रहे और 2019 में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही वह संगठन में अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे है। हरियाणा में BJP के फेरबदल की वजह क्या हरियाणा में बीजेपी की पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार 2014 में बनी थी। उस वक्त बीजेपी को अकेले दम पर 90 विधानसभा में से 47 सीटों पर जीत दर्ज मिली थी। जबकि उससे पहले हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 में से 7 सीटें जीती थी। 2019 में बीजेपी ने एक तरह से लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया कर दिया और प्रदेश की 10 की 10 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके 6 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत से दूर रह गए और 40 सीटों पर ही जीत मिली। जिसकी वजह से बीजेपी को 10 MLA वाली जेजेपी से गठबंधन कर सरकार बनानी पड़ी। हालांकि इसी साल मार्च महीने में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट गया और बीजेपी ने निर्दलीय MLA के सहारे फिर से सरकार बना ली। अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 में से सिर्फ 5 सीटों पर ही जीत मिली है। 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है। इसलिए संगठन से लेकर सरकार तक में बड़ा फेरबदल हुआ है। पंजाब में भाजपा को तीसरे नंबर की पार्टी बनाने वालों पर भरोसा
इसके अलावा पंजाब में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को बरकरार रखा गया है। पंजाब में भाजपा लोकसभा की 13 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी लेकिन उनका वोट शेयर बढ़ा है और BJP अब अकाली दल को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नरिंदर सिंह पंजाब के सहप्रभारी बनाए गए हैं। यह दोनों पहले से जिम्मेदारी संभाल रहे हैं (पूरी खबर पढ़ें) हिमाचल में UP के विधायक को जिम्मा सौंपा
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में विधायक श्रीकांत शर्मा को प्रभारी और संजय टंडन को सहप्रभारी लगाया गया है। श्रीकांत शर्मा अभी उत्तर प्रदेश की वृंदावन विधानसभा सीट से विधायक है। वह साल 2017 में भी प्रदेश भाजपा के प्रभारी रह चुके है। इसके कुछ समय बाद श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। संजय टंडन चंडीगढ़ BJP के नेता हैं। इस बार उन्होंने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन कांग्रेस के मनीष तिवारी से हार गए थे। इन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हिमाचल की सभी 4 लोकसभा सीटें जीती थीं। हालांकि केंद्र में यहां से कोई मंत्री नहीं बन पाया। (पूरी खबर पढ़ें) BJP की जारी की नए प्रभारियों की सूची… हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने प्रदेश प्रभारी बिल्पब देब को हटा दिया है। उनकी जगह पर डॉ. सतीश पूनिया को नया प्रभारी बनाया गया है। डॉ. पूनिया राजस्थान से संबंधित हैं। उनके साथ सांसद सुरेंद्र नागर को सह प्रभारी लगाया गया है। हालांकि बिल्पब देब चुनाव सह प्रभारी बने रहेंगे। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा को झटका लगा। यहां से भाजपा 10 में से सिर्फ 5 ही सीटें जीत पाई थी। 2019 में भाजपा ने सभी 10 सीटें जीती थी। इसके अलावा भाजपा विधानसभा की 90 में से 46 सीटों पर पिछड़ गई। हरियाणा में BJP लगातार 2 बार से सत्ता में है। विधानसभा में इस बार जीतकर हैट्रिक बनाने के लिए सर्जरी के तहत इससे पहले भाजपा यहां के CM मनोहर लाल खट्‌टर को हटा चुकी है। उनकी जगह पर OBC वर्ग से आने वाले नायब सैनी को सीएम बनाया जा चुका है। वहीं केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में हरियाणा से मनोहर लाल खट्‌टर, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर यानी कुल 3 मंत्री बनाए गए हैं। मोदी-शाह के करीबी डॉ. पूनिया
राजस्थान के चूरू जिले से संबंध रखने वाले डा. सतीश पूनिया राजस्थान बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष सहित काफी अहम पदों पर रहे हैं। वे पिछले कार्यकाल में राजस्थान में विपक्ष के उप नेता भी रहे। उन्हें संगठन में काफी लंबा अनुभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह के करीबियों में सतीश पूनिया की गिनती होती है। लोकसभा चुनाव में सतीश पूनिया को ही चुनाव प्रभारी बनाया गया था। सह प्रभारी नागर राज्यसभा सांसद
हरियाणा के सहप्रभारी बनाए सांसद सुरेंद्र नागर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले है। वे गौतमबुद्ध नगर से लोकसभा सांसद रहने के साथ ही राज्यसभा सांसद है। बहुजन समाज पार्टी के बाद वे समाजवादी पार्टी में रहे और 2019 में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही वह संगठन में अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे है। हरियाणा में BJP के फेरबदल की वजह क्या हरियाणा में बीजेपी की पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार 2014 में बनी थी। उस वक्त बीजेपी को अकेले दम पर 90 विधानसभा में से 47 सीटों पर जीत दर्ज मिली थी। जबकि उससे पहले हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 में से 7 सीटें जीती थी। 2019 में बीजेपी ने एक तरह से लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया कर दिया और प्रदेश की 10 की 10 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके 6 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत से दूर रह गए और 40 सीटों पर ही जीत मिली। जिसकी वजह से बीजेपी को 10 MLA वाली जेजेपी से गठबंधन कर सरकार बनानी पड़ी। हालांकि इसी साल मार्च महीने में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट गया और बीजेपी ने निर्दलीय MLA के सहारे फिर से सरकार बना ली। अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 में से सिर्फ 5 सीटों पर ही जीत मिली है। 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है। इसलिए संगठन से लेकर सरकार तक में बड़ा फेरबदल हुआ है। पंजाब में भाजपा को तीसरे नंबर की पार्टी बनाने वालों पर भरोसा
इसके अलावा पंजाब में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को बरकरार रखा गया है। पंजाब में भाजपा लोकसभा की 13 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी लेकिन उनका वोट शेयर बढ़ा है और BJP अब अकाली दल को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नरिंदर सिंह पंजाब के सहप्रभारी बनाए गए हैं। यह दोनों पहले से जिम्मेदारी संभाल रहे हैं (पूरी खबर पढ़ें) हिमाचल में UP के विधायक को जिम्मा सौंपा
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में विधायक श्रीकांत शर्मा को प्रभारी और संजय टंडन को सहप्रभारी लगाया गया है। श्रीकांत शर्मा अभी उत्तर प्रदेश की वृंदावन विधानसभा सीट से विधायक है। वह साल 2017 में भी प्रदेश भाजपा के प्रभारी रह चुके है। इसके कुछ समय बाद श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। संजय टंडन चंडीगढ़ BJP के नेता हैं। इस बार उन्होंने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन कांग्रेस के मनीष तिवारी से हार गए थे। इन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हिमाचल की सभी 4 लोकसभा सीटें जीती थीं। हालांकि केंद्र में यहां से कोई मंत्री नहीं बन पाया। (पूरी खबर पढ़ें) BJP की जारी की नए प्रभारियों की सूची…   हरियाणा | दैनिक भास्कर