हरियाणा के पानीपत शहर के ड्रेन में एक महिला का शव मिला है। शव पड़ा होने की सूचना राहगीरों और स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। सूचना के आधार पर पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही मौके पर FSL टीम को भी बुलाया गया। मौके पर दोनों टीमों ने संयुक्त रूप से जांच की। मौके पर सभी आवश्यक कार्रवाई कर शव को सिविल अस्पताल भिजवाया जा रहा है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने जिले के सभी थानों समेत पड़ोसी जिलों की पुलिस को शव की फोटो भेज कर शिनाख्त के प्रयास शुरू कर दिए है। नाले में महिला का नग्न शव जानकारी के अनुसार मामला भैंसवाल रोड स्थित ड्रेन का है। जहां सोमवार दोपहर करीब 12 बजे राहगीरों ने एक शव नाले में उल्टा पड़ा देखा। जिसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। मौके पर जब पुलिस पहुंची, तो पुलिस ने शव को सीधा करवाया। इसके बाद देखा कि वह शव महिला का था। शव पूरी तरह सड़ चुका था। महिला का शव नग्न अवस्था में था। जिसके हाथ की अंगुलियों पर अंग्रजी में अंश लिखा हुआ था। उसके एक हाथ पर स्टार बना हुआ है। शव देखकर प्रतीत हो रहा है कि वह काफी दिन पुराना है। हरियाणा के पानीपत शहर के ड्रेन में एक महिला का शव मिला है। शव पड़ा होने की सूचना राहगीरों और स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। सूचना के आधार पर पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही मौके पर FSL टीम को भी बुलाया गया। मौके पर दोनों टीमों ने संयुक्त रूप से जांच की। मौके पर सभी आवश्यक कार्रवाई कर शव को सिविल अस्पताल भिजवाया जा रहा है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने जिले के सभी थानों समेत पड़ोसी जिलों की पुलिस को शव की फोटो भेज कर शिनाख्त के प्रयास शुरू कर दिए है। नाले में महिला का नग्न शव जानकारी के अनुसार मामला भैंसवाल रोड स्थित ड्रेन का है। जहां सोमवार दोपहर करीब 12 बजे राहगीरों ने एक शव नाले में उल्टा पड़ा देखा। जिसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी। मौके पर जब पुलिस पहुंची, तो पुलिस ने शव को सीधा करवाया। इसके बाद देखा कि वह शव महिला का था। शव पूरी तरह सड़ चुका था। महिला का शव नग्न अवस्था में था। जिसके हाथ की अंगुलियों पर अंग्रजी में अंश लिखा हुआ था। उसके एक हाथ पर स्टार बना हुआ है। शव देखकर प्रतीत हो रहा है कि वह काफी दिन पुराना है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट ने खेले 3 ओलिंपिक, तीनों में वेट अलग:इस बार ट्रायल में 2 वेट कैटेगरी में लड़ीं, हंगामा भी हुआ था
विनेश फोगाट ने खेले 3 ओलिंपिक, तीनों में वेट अलग:इस बार ट्रायल में 2 वेट कैटेगरी में लड़ीं, हंगामा भी हुआ था पेरिस ओलिंपिक में केवल 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिस्क्वालिफाई की गईं हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ट्रायल के समय वेट कैटेगरी में क्लैरिटी न होने के चलते 50 किलोग्राम कैटेगरी में लड़ी थीं। उन्होंने ट्रायल तो 53 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भी दिया था, लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली। जबकि 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उन्हें जीत मिली थी। इसलिए उन्होंने इसी कैटेगरी में ओलिंपिक जाने का फैसला किया। इससे पहले भी विनेश फोगाट अपने करियर में कई नेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ चुकी हैं। जब वह पेरिस ओलिंपिक में वूमेन रेसलिंग की 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल में पहुंची तो देश में दीवाली जैसा माहौल बन गया था। गोल्ड नहीं तो सिल्वर पक्का था। हालांकि, कुछ ही समय में यह खुशी उदासी में बदल गई, क्योंकि विनेश फोगाट अपनी कैटेगरी में तय वजन से 100 ग्राम अधिक पाई गईं। इंटरनेशनल रेसलिंग फेडरेशन के नियम बेहद सख्त हैं। एक ग्राम वजन भी अधिक होता है तो रेसलर को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। इसकी जानकारी विनेश को भी थी। जब उन्हें रात में ही पता चला कि उनका वजन बढ़ा है तो उन्होंने रात में ही वजन कम करने की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। नियम के मुताबिक, महिलाओं की फ्रीस्टाइल रेसलिंग में 50, 53, 57, 62, 68 और 76 किलोग्राम की कैटेगरी होती हैं। मुकाबले से पहले सुबह रेसलर का वजन मापा जाता है। टूर्नामेंट के दोनों दिन रेसलर को अपने वजन के भीतर रहना होता है। यदि रेसलर फाइनल में पहुंचती है तो उसे सुबह अपना वजन कराना होता है। विनेश फोगाट मंगलवार को मुकाबले के लिए जब गईं तो उनका वजन तय मानक से अधिक था। लगातार तीसरा ओलिंपिक, तीनों अलग-अलग भार वर्ग में
विनेश फोगाट का यह तीसरा ओलिंपिक था। रियो ओलिंपिक 2016 में उन्होंने 48 किलोग्राम कैटेगरी में भाग लिया था। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में वह 53 किलोग्राम कैटेगरी में खेलीं, लेकिन पेरिस ओलिंपिक में आकर उन्होंने 50 किलोग्राम कैटेगरी में खेलना तय किया। यह सही है कि 53 किलोग्राम की कैटेगरी में खेलना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि दुनिया के बेस्ट रेसलर 53 किलोग्राम की कैटेगरी में आते हैं। पटियाला कैंप में ट्रायल के दौरान हुआ था हंगामा
पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान के हॉल में 12 मार्च 2024 को हंगामा हुआ था। पहलवान विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम और 53 किलोग्राम दोनों कैटेगरी में हिस्सा लेने का विकल्प चुना। इसके बाद वह 50 किलोग्राम का ट्रायल जीतीं, जबकि 53 किलोग्राम के ट्रायल में टॉप 4 में रहीं। नियमों की क्लैरिटी न होने के कारण विनेश फोगाट को यह नहीं पता था कि वह किस कैटेगरी का हिस्सा होंगी। इसलिए उन्होंने दो कैटेगरी में हिस्सा लिया। महज 5 महीने बाद विनेश फोगाट के इस फैसले ने उन्हें 2024 पेरिस ओलिंपिक में रजत या स्वर्ण पदक दिलाने के बेहद करीब पहुंचा दिया। अंतिम पंघाल ने 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता
वहीं इस बीच अंतिम पंघाल ने 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इससे भारत को 53 किलोग्राम वर्ग में पेरिस ओलिंपिक का कोटा मिला। भारतीय कुश्ती महासंघ के नियमों के अनुसार, कोटा विजेता को ओलिंपिक के लिए हरी झंडी मिल गई थी। अब विनेश फोगाट असमंजस में थीं। उस समय भारत में कुश्ती का संचालन एडहॉक कमेटी कर रही थी। उन्होंने उनसे वादा किया था कि 53 किलोग्राम वर्ग के लिए ट्रायल होगा, लेकिन ऐसा शायद ही हो पाता। क्योंकि रेसलिंग फेडरेशन का चुनाव हो गया था। संजय सिंह नए अध्यक्ष चुन लिए गए थे। 50 किलोग्राम वर्ग या 57 किलोग्राम का विकल्प
12 मार्च आ गया। फोगाट का मानना था कि WFI की वापसी से उन्हें 53 किलोग्राम वर्ग में ओलिंपिक में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिलेगा। उनके पास 50 किलोग्राम वर्ग या 57 किलोग्राम का विकल्प था। उन्होंने 50 किलोग्राम चुना। इस वर्ग में उन्होंने आखिरी बार 2018 में हिस्सा लिया था। इसे लेकर विनेश ने कहा था, “मुझे 53 किग्रा कोटा के लिए ट्रायल को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। आमतौर पर कोटा देश को मिलता है, लेकिन उन्होंने पहले ट्रायल नहीं किए थे। उन्होंने (एडहॉक कमेटी) कहा था कि इस बार ऐसा नहीं होगा। मेरे पास ऐसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। क्योंकि मुझे ओलिंपिक में हिस्सा लेना था।” इस दौरान विनेश फोगाट ने ये भी कहा था कि उन्होंने वजन में ये बदलाव इसलिए किया क्योंकि और कोई विकल्प नहीं था। मैं खुश हूं कि ओलिंपिक खेलने का मौका मिल रहा है। लगातार दो दिनों तक 50 तक वजन रखना काफी मुश्किल
विनेश फोगाट का वजन आमतौर पर 55-56 किलोग्राम के आसपास होता है। लगातार दो दिनों तक 50 तक वजन रखना काफी मुश्किल है। इसीलिए, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने कहा कि यह एक किलो का मामला नहीं था बल्कि 100 ग्राम के आंकड़े तक पहुंचने के लिए उन्हें पहले ही बहुत अधिक वजन कम करना पड़ा। जिसकी वजह से समस्या हुई। ये खबर भी पढ़ें… विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल की उम्मीद जगी:CAS में अब सुनवाई कल दोपहर डेढ़ बजे; ओलिंपिक से डिसक्वालिफाई होने पर संन्यास ले चुकीं पेरिस ओलिंपिक में ओवरवेट के चलते अयोग्य करार दी गईं रेसलर विनेश फोगाट की अपनी डिसक्वालीफिकेशन के खिलाफ दायर अपील पर अब 9 अगस्त (शुक्रवार) को सुनवाई होगी। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में यह सुनवाई आज यानि गुरुवार रात साढ़े 9 बजे ही होनी थी मगर विनेश के साथ मौजूद दल ने भारतीय वकील को पेश करने के लिए समय की मांग की। इसके बाद CAS ने कल सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर डेढ़ बजे) तक का वक्त दे दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा में किसानों को 100% MSP की गारंटी:CM सैनी बोले- नोटिफिकेशन जारी कर दिया; EVM को लेकर कांग्रेस पर किया पलटवार
हरियाणा में किसानों को 100% MSP की गारंटी:CM सैनी बोले- नोटिफिकेशन जारी कर दिया; EVM को लेकर कांग्रेस पर किया पलटवार हरियाणा के मुख्यमंत्री ने करनाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस और उसके नेताओं पर तीखा हमला बोला। मुख्यमंत्री ने करण दलाल के ईवीएम वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी गलत नीतियों के कारण जनता ने उनका सफाया कर दिया है। सीएम ने कहा कि जहां कांग्रेस जीती है, वहां ईवीएम को सही बता रहे हैं, लेकिन जहां हारे हैं, वहां उसे खराब बता रहे हैं। करण दलाल की हालत खराब हो गई है, उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वे कैसे हार गए। वे तो पहले से ही मानकर बैठे थे कि उनकी सरकार बन रही है, लेकिन जनता ने उन्हें उनकी जगह दिखा दी। एमएसपी पर कांग्रेस सरकारों को दी चुनौती एमएसपी पर 100 प्रतिशत गारंटी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों की फसलों की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उन्होंने कहा हमने हरियाणा के किसानों को 100 प्रतिशत एमएसपी की गारंटी दी है। अब पंजाब, दिल्ली, हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना की कांग्रेस सरकारें भी अपने किसानों को ऐसी गारंटी दें। किसानों के हितों पर राजनीति बंद होनी चाहिए।
किसान की गोल्ड मेडलिस्ट बेटी डॉ. शिखा बनीं डीएचओ
किसान की गोल्ड मेडलिस्ट बेटी डॉ. शिखा बनीं डीएचओ भास्कर न्यूज| यमुनानगर बूड़िया निवासी रमेश सैनी नंबरदार की बेटी डॉ. शिखा सैनी का जिला बागवानी अधिकारी (डीएचओ) के पद पर चयन हुआ है। डॉ. शिखा गोल्ड मेडलिस्ट हैं। किसान परिवार की बेटी हैं। वे जल्द ही जिला कुरुक्षेत्र में कार्यभार संभालेंगी। इनके चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है। आसपास के लोग परिवार को बधाई देने के लिए घर पर पहुंच रहे हैं। इनके भाई कर्ण सिंह कृषि विभाग में एग्रीकल्चर डिवेलपमेंट ऑफिसर (एडीओ) के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। शिखा सैनीने इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च में पहले प्रयास में क्वालीफाई करते हुए 5वां रैंक हासिल किया। जिला बागवानी अधिकारी में चयनित हुई हैं। इनका परिणाम गत माह जारी हुआ था। उन्होंने इस पद तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। अपनी हर क्लास अव्वल दर्ज में पास की। मेडिकल से 12वीं कक्षा सरस्वती पब्लिक स्कूल जगाधरी से पास की है। इसके बाद बीएससी हॉर्टिकल्चर की डिग्री नवसारी गुजरात से की है। एमएससी की डिग्री पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से की है। इस समय पीएचडी की डिग्री भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली से कर रही है। शिखा दिल्ली में हैं। फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उन्होंने इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चर रिसर्च में पहले प्रयास में क्वालीफाई करते हुए 5वां रैंक हासिल किया है। जिला बागवानी अधिकारी में चयनित हुई हैं। शिखा के बीएससी हॉर्टिकल्चर में यूनिवर्सिटी में टॉप करने पर दो गोल्ड मेडल देकर वाइस चांसलर ने सम्मानित किया। ये एनईटी का एग्जाम क्वालीफाई कर चुकी हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। ये दो भाई-बहन हैं। शिखा का कहना है कि बचपन ही लक्ष्य तय किया हुआ था कि प्रशासनिक सेवाओं में जाना है। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही अपने लक्ष्य का साधने की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने युवाआंे को संदेश दिया कि सफलता के लिए मेहनत जरूरी है। इसके लिए कोई शॉर्टकट नहीं है, जिसे अपनाकर सफलता हासिल की जा सके। जॉइनिंग को लेकर बताया कि चयनित होने का लेटर तो मिल गया है। अभी वह पीएचडी कर रहीं है। यह भी जल्द पूरी होने वाली है। फिर भी परमिशन के बाद वे जॉइन करेंगी। उन्हें कुरुक्षेत्र में जॉइन करना है। जिला बागवानी का पद संभालने को उत्साहित हैं। बचपन में देखा सपना कड़ी मेहनत करने के बाद पूरा हुआ है। शिखा सैनी के पिता रमेश सैनी का कहना है कि उनको अपने दोनों बच्चों पर गर्व है। दोनों ने गर्व से उनका सिर ऊंचा कर दिया है। उनके दोनों बच्चों की मेहनत का परिणाम है कि आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। शिखा का भाई कर्ण सिंह सैनीकृषि विभाग में एडीओ के पद पर कार्यरत हैं। दोनों भाई-बहन आफिसर हैं। एक घर मंे दो ऑफिसर बने हैं।