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हिसार में किडनी में बाईपास-सर्जरी करने वाले ने खोला अस्पताल:डॉ. सिंगला को नेग्लिजेंस बोर्ड ने दोषी ठहराया, ऑपरेशन के दौरान यूरिन ब्लैडर डैमेज किया
हिसार में किडनी में बाईपास-सर्जरी करने वाले ने खोला अस्पताल:डॉ. सिंगला को नेग्लिजेंस बोर्ड ने दोषी ठहराया, ऑपरेशन के दौरान यूरिन ब्लैडर डैमेज किया हरियाणा में हिसार के डॉक्टर यशपाल सिंगला पर शिकंजा कस गया है। हरियाणा के मेडिकल नेग्लिजेंस बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि डॉक्टर यशपाल ने इलाज के दौरान चिकित्सकीय लापरवाही की है। यह रिपोर्ट रोहतक पीजीआई के यूरोलॉजी विभाग के यूरोलॉजिस्ट डॉ. वीएस राठी की देखरेख में तैयार की गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि गलत इलाज करने वाले डॉक्टर यशपाल सिंगला ने अपना निजी अस्पताल खोल रखा है। डॉ. यशपाल ने सेक्टर 9-11 में माययाश नाम से अस्पताल खोला है। आपको बता दें कि साल 2018 में चरखी दादरी के अटेला गांव निवासी भूपेंद्र की शिकायत पर गीतांजलि अस्पताल हिसार के संचालक और सर्जन डॉ. यशपाल सिंगला के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। डॉक्टर यशपाल पर मरीज की जान खतरे में डालने और गलत ऑपरेशन करने का आरोप है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इन डॉक्टरों ने की थी जांच नेग्लिजेंसी बोर्ड में हिसार सिविल अस्पताल के डॉ. राजीव डाबला, फिजिशियन डॉ. अजीत सिंह, आईएमए अध्यक्ष डॉ. जेपी नलवा, सिविल अस्पताल के जनरल सर्जन डॉ. विनोद, एनआईएमए अध्यक्ष डॉ. अशोक यादव समेत कुल 5 सदस्य शामिल थे। किडनी दिखाने आया था, बाईपास सर्जरी कर दी दरअसल, चरखी दादरी निवासी भूपेंद्र ने 2019 में हिसार सीएमओ को शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि मेरी बाईं किडनी में दर्द था। मैं डॉ. कमल किशोर की ओपीडी में भी गया था। यहां मेरे टेस्ट हुए। रिपोर्ट मिलने पर डॉ. कमल किशोर ने मुझे सर्जन डॉ. यशपाल के पास भेजा। इसके बाद डॉ. यशपाल ने सलाह दी कि आपकी हालत गंभीर है और आपको बाईपास सर्जरी करानी पड़ेगी। भूपेंद्र ने बताया कि जब उसका ऑपरेशन हुआ तो ऑपरेशन थियेटर में डॉ. यशपाल सिंगला ने मेरे साथ बदसलूकी की। ओटी रूम में ही उनका फोन बार-बार बज रहा था। ऑपरेशन करते समय मेरा यूरिन ब्लैडर डैमेज हो गया था। उन्होंने स्टेंट को वहीं छोड़ दिया। इसके बाद ब्लीडिंग शुरू हो गई। डॉक्टर लगातार खून चढ़ाते रहे और मुझे ब्लीडिंग होती रही। फिर ब्लीडिंग बंद हो गई क्योंकि खून का थक्का बन गया था। उसके बाद डॉ. कमल किशोर ने कहा कि आपका केस ज्यादा क्रिटिकल हो गया है और आपको गुरुग्राम या दिल्ली ले जाना पड़ेगा। गुरुग्राम में डॉक्टर ने बताया- केस बिगाड़ा
इसके बाद वह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज कराने गया। मेरा केस देखते ही मेदांता के डॉक्टर राकेश ने कहा कि आपका केस तो बिगाड़ दिया गया है। डॉक्टर राकेश ने डॉ. यशपाल से बात कर कहा कि आपने मरीज की जान जोखिम में डाल दी। डॉ. राकेश ने ऑपरेशन कर करीब एक बाल्टी मेरे पेट से खून की गांठ की निकालीं। जब मेरा ऑपरेशन हुआ तो मैं बेरोजगार था। इलाज में करीब 20 लाख रुपए खर्च हो गए। इलाज में उसकी जमीन जायदाद सब बिक गए। इस पर प्रकार लड़ी लड़ाई
भूपेंद्र ने बताया कि मेरे इलाज में लापरवाही बरती गई। 2019 में उसने हिसार में सिविल सर्जन ऑफिस में शिकायत दी। सिविल सर्जन की जांच में सामने आया कि मेडिकल नेग्लिजेंसी हुई है। इसके बाद सिविल सर्जन ने रोहतक PGI को जांच के लिए लिखा। वहां के डॉक्टरों ने जांच की तो उन्होंने भी रिपोर्ट में माना की मेडिकल नेग्लिजेंसी हुई है। भूपेंद्र ने आगे बताया कि गीतांजली अस्पताल से अपनी मेडिकल हिस्ट्री लेने के लिए सीएम विंडो और बाद में RTI लगाई। इसके बाद उसे जाकर अपनी रिपोर्ट मिली। इसके बाद हिसार CMO ने हिसार SP को डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के बारे में पत्र लिख गया। जिसके बाद 6 बाद डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है।
हरियाणा में फ्री में होगा किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट:CM की घोषणा, PGI में मिलेगी सुविधा; सरकार ने 3 लाख का पैकेज फिक्स किया
हरियाणा में फ्री में होगा किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट:CM की घोषणा, PGI में मिलेगी सुविधा; सरकार ने 3 लाख का पैकेज फिक्स किया हरियाणा सरकार ने राज्य में लिवर और किडनी के रोगों से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। CM सैनी ने मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना (MMMIY) के तहत पात्र रोगियों को 3 लाख रुपए तक की मुफ्त किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट सेवा की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना – आयुष्मान भारत (PMJAY-AB) योजना के तहत भी 3 लाख रुपए के विशेष फिक्स्ड किडनी और लिवर ट्रांसपोर्ट पैकेज बनाने को भी मंजूरी दी है। जो इन मरीजों के ट्रांसप्लांट खर्च के बदले दिया जाएगा। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस नई पहल के साथ, चिह्नित मरीज़ पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, रोहतक में बिना किसी खर्च की चिंता के गंभीर किडनी और लिवर प्रत्यारोपण करवा सकेंगे। पहले नहीं थी ऐसी कोई व्यवस्था
हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि पहले, एमएमएमआईवाई के तहत किडनी या लिवर प्रत्यारोपण से संबंधित खर्चों को कवर करने का कोई प्रावधान नहीं था। जिसके कारण जरुरतमंद रोगियों को उपचार के लिए दुर्गम बाधाओं का सामना करना पड़ता था। पहली बार किसी सरकारी स्वास्थ्य सेवा संस्थान में इस सुविधा की शुरुआत होना इस अंतर को पाटने और समाज के सबसे कमजोर वर्गों को व्यापक देखभाल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ गुप्ता ने बताया कि इन फैसला का उद्देश्य उन लोगों को जीवन रक्षक चिकित्सा उपचार प्रदान करना है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय बाधाओं के कारण किसी को भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवा से वंचित न होना पड़े। बाल चिकित्सा के लिए 44.1 करोड़ जारी
इसके अलावा सीएम नायब सैनी ने जिला अस्पतालों में बाल चिकित्सा एचडीयू-आईसीयू इकाइयों के लिए 44.1 करोड़ रुपए भी जारी किए हैं। 44.1 करोड़ रुपए में से 38.8 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष 21 इंटेंसिविस्ट, 105 ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (ICU में प्रशिक्षित), 420 आईसीयू प्रशिक्षित स्टाफ नर्स, सिस्टर, 105 ओटी-एनेस्थीसिया तकनीशियन और 21 काउंसलर की नियुक्ति होगी। इसके साथ ही आईसीयू के संचालन के लिए नियोजित जनशक्ति से संबंधित रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए अलग से विंग बनेगी।