हरियाणा के पानीपत शहर की एक कॉलोनी में नवविवाहिता ने फांसी का फंदा लगा लिया। विवाहिता को फंदे पर लटका देख परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर सभी आवश्यक कार्रवाई करने के बाद पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल भिजवाया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। वहीं, पुलिस ने मामले में संदेह के आधार पर मृतका के पति को हिरासत में लिया है। साथ ही मृतका के मायका पक्ष वालों को सूचना देकर थाने बुलाया गया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार, मामला शहर के जगदीश नगर का है। जहां प्रिया नाम की विवाहिता ने सुसाइड किया है। वहीं, परिजनों ने पुलिस को बताया कि प्रिया दलबीर कॉलोनी की रहने वाली थी। जिसने करीब 7 माह पहले जगदीश नगर के रहने वाले एक लड़के के साथ भागकर कोर्ट मैरिज की थी। पति ने छुड़वा दिया था घर आना जाना शादी के बाद प्रिया के पति ने उसका संपर्क मायका पक्ष वालों से तुड़वा दिया था। प्रिया न ही घर आती थी और न ही फोन पर बातचीत होती थी। करीब 20 दिन पहले बाजार में प्रिया अपने मौसेरे भाई शिभू को मिली थी। उससे मिलते ही वह रोने लगी और कहा कि उसका पति उसके मारपीट करता था। वह उससे दिनभर काम करवाता है। रात को अपनी मां के पैर दबवाता है। कभी न दबाने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की जाती है। इसी बात से वह परेशान है। मायका पक्ष वालों ने पति समेत ससुराल के अन्य लोगों पर प्रिया को आत्महत्या करने के लिए दवाब बनाने का आरोप लगाया है। हरियाणा के पानीपत शहर की एक कॉलोनी में नवविवाहिता ने फांसी का फंदा लगा लिया। विवाहिता को फंदे पर लटका देख परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर सभी आवश्यक कार्रवाई करने के बाद पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल भिजवाया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। वहीं, पुलिस ने मामले में संदेह के आधार पर मृतका के पति को हिरासत में लिया है। साथ ही मृतका के मायका पक्ष वालों को सूचना देकर थाने बुलाया गया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार, मामला शहर के जगदीश नगर का है। जहां प्रिया नाम की विवाहिता ने सुसाइड किया है। वहीं, परिजनों ने पुलिस को बताया कि प्रिया दलबीर कॉलोनी की रहने वाली थी। जिसने करीब 7 माह पहले जगदीश नगर के रहने वाले एक लड़के के साथ भागकर कोर्ट मैरिज की थी। पति ने छुड़वा दिया था घर आना जाना शादी के बाद प्रिया के पति ने उसका संपर्क मायका पक्ष वालों से तुड़वा दिया था। प्रिया न ही घर आती थी और न ही फोन पर बातचीत होती थी। करीब 20 दिन पहले बाजार में प्रिया अपने मौसेरे भाई शिभू को मिली थी। उससे मिलते ही वह रोने लगी और कहा कि उसका पति उसके मारपीट करता था। वह उससे दिनभर काम करवाता है। रात को अपनी मां के पैर दबवाता है। कभी न दबाने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की जाती है। इसी बात से वह परेशान है। मायका पक्ष वालों ने पति समेत ससुराल के अन्य लोगों पर प्रिया को आत्महत्या करने के लिए दवाब बनाने का आरोप लगाया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विधानसभा चुनाव से पहले BJP का आदमपुर पर दांव:3 साल बाद नगर पालिका दर्जा खत्म होगा, कुलदीप बिश्नोई ने जताया आभार
विधानसभा चुनाव से पहले BJP का आदमपुर पर दांव:3 साल बाद नगर पालिका दर्जा खत्म होगा, कुलदीप बिश्नोई ने जताया आभार हिसार की आदमपुर नगर पालिका का दर्जा जल्द ही खत्म हो जाएगा। सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद फाइल हिसार डीसी ऑफिस पहुंच गई है। कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। अब फाइल मंजूर होकर डीसी ऑफिस तक पहुंच गई है। पहले नगर पालिका का दर्जा देने को चली थी मुहिम बता दें कि इससे पहले मंडी आदमपुर को नगर पालिका बनाने के लिए जन सेवा समिति ने मुहिम शुरू की थी। बाद में जन सेवा समिति के सदस्यों ने आदमपुर की करीब 16 सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को अपने साथ लिया और उनसे इस बारे में चर्चा की। संस्थाओं द्वारा सहमति जताने के साथ ही अपने-अपने लेटर हेड पर प्रस्ताव लिखित में दिए गए थे। संस्थाओं से प्रस्ताव मिलने के बाद समिति द्वारा सामूहिक बैठक बुलाई गई थी। आदमपुर को नगरपालिका बनाने के लिए तब जजपा के नेता रहे रमेश गोदारा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की थी। इसके बाद आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा मिला था। इसके बाद नगर पालिका का दर्जा हटवाने को चला धरना आदमपुर ग्राम पंचायत को नगरपालिका से बाहर कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग पर 40 दिनों तक धरना चला। इसके बाद ग्रामीणों के साथ वीडियो काल कर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने दावा किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी मांग को मानते हुए आदमपुर गांव को पुन: ग्राम पंचायत का दर्जा देने की स्वीकृति दे दी है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले को लेकर गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर विस्तृत सकारात्मक चर्चा कर चुके हैं। आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने उनके सामने अधिकारियों को निर्देश दिए। पूर्व CM के इलाका उपमंडल बनने को तरसा आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। वर्ष 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा वापस ले लिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए और आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी फिर से उपमंडल का दर्जा दे दिया। साथ ही इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उप मंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नगर पालिका का दर्जा का इसलिए हुआ था विरोध लोगों का आरोप था कि नगरपालिका बनने के बाद विकास का कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ, जबकि जनता के ऊपर टैक्स थोपे जाने लगे। निकायों के टैक्स लोगों से लिए जाने लगे। इसके कारण लोग परेशान हो गए। निर्माण करा रहे लोगों को नोटिस दिए जाने लगे। आदमपुर गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण सेठी ने बताया कि नगरपालिका का कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान ही नुकसान है। नगरपालिका बनने के बाद से मनरेगा स्कीम बंद हो गई है। चुनावों में उठाना पड़ा नुकसान, भजनलाल के गढ़ में हारी भाजपा भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। आदमपुर विधानसभा पर 56 साल से बिश्नोई परिवार का कब्जा है। इस सीट पर पहली बार भजनलाल 1968 में विधायक बने थे तब से लेकर जितने भी चुनाव हुए सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता आ रहा है। मगर इस बार भजनलाल के किले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर में 2022 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। मगर इस बार कुलदीप बिश्नोई भाजपा की नैया आदमपुर में पार नहीं लगा सके। भाजपा के हिसार से लोकसभा रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट मिले जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को 59544 वोट मिले। जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर से चुनाव जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने जोड़े थे हाथ कुलदीप बिश्नोई इस बात को जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए नजर आए और कहते रहे कि लाज रख लेना कहीं गलत कदम मल उठा लेना। मगर लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोईयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को कारण माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15,714 वोटों से ही चुनाव जीत पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं आसपास की सीटों भी प्रभाव था जो कहीं देखने को नहीं मिला।
हिसार में बस ने युवती को कुचला:स्कूटी पर सवार होकर जा रही थी, भाई बाल-बाल बचा, ड्राइवर फरार
हिसार में बस ने युवती को कुचला:स्कूटी पर सवार होकर जा रही थी, भाई बाल-बाल बचा, ड्राइवर फरार हरियाणा के हिसार में नागोरी गेट से परिजात चौक के बीच सुभाष मार्केट के सामने प्राइवेट बस ने स्कूटी सवार युवती (23 वर्ष) को कुचल दिया। इस हादसे में स्कूटी सवार युवती का भाई बाल-बाल बच गया। हादसे में बस का पिछला टायर युवती के ऊपर से गुजर गया। युवती का नाम दीपिका है और वह ग्रुप डी में सेंटर अलॉट होने पर एडीसी कार्यालय हिसार की तरफ जा रही थी। युवती के साथ उसके बुआ का लड़का सुनील भी साथ था। हादसे के बाद मौके पर भीड़ जुट गई। वहीं हादसे के बाद प्राइवेट बस चालक बस को सड़क पर ही छोड़कर फरार हो गया। हादसे के बाद भीड़ ने पुलिस को फोन कर मदद के लिए बुलाया और युवती को अस्पताल भिजवाया मगर युवती दम तोड़ चुकी थी। बता दें कि युवती दीपिका ने 8 महीने पहले ही ग्रुप डी में नौकरी जॉइन की थी। आज विभाग अलॉट हुए थे और दीपिका हिसार सचिवालय की ओर जा रही थी। सिटी थाना पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर परिवार वाले पहुंचे। फिलहाल पुलिस परिजनों के बयान के आधार पर आगामी कार्रवाई करेगी। हिसार में बे-लगाम हैं प्राइवेट बस वाले बता दें कि हिसार में प्राइवेट बसें शहर के अंदर से होकर हांसी की तरफ जाती है। शहर में ट्रैफिक का बोझ रहता है ऐसे में यह बसें अपनी मर्जी से कहीं भी ब्रेक मारते हुए खड़ी हो जाती हैं और सवारी भरने लगती हैं। आए दिन इन बसों के कारण शहर में एक्सीडेंट होते हैं, मगर आरटीए विभाग इन बसों की ना तो जांच करता है और ना ही रफ ड्राइविंग वाले चालकों पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती है। वहीं आरटीए हर साल इनको परमिट शहर के अंदर से होकर जाने का दे देता है इसके कारण हादसे बढ़ रहे हैं।