महेंद्रगढ़| हरियाणा गठन के बाद से ही महेंद्रगढ़ जिले के साथ भेदभाव होता आया है। महेंद्रगढ़ क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस बार क्षेत्र की जनता बदलाव का मन बना चुकी है। इस चुनाव के बाद महेंद्रगढ़ के इतिहास में बदलाव होगा तथा क्षेत्र में केजरीवाल सरकार द्वारा विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। ये बातें आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. मनीष यादव ने अपने पैतृक गांव बवानियां में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि उनका अधिकांश समय बाहर बीता है। करीब दो वर्ष पहले उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए राजनीति में आने का निर्णय लिया था। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि यह चुनाव एक बड़े बदलाव का चुनाव है। मेरा गांव एक ऐतिहासिक गांव है। हमारे गांव ने हमेशा सकारात्मक बदलाव में अपना बड़ा योगदान दिया है। इस बदलाव की लड़ाई में गांव के लोगों ने जो सहयोग करने का आश्वासन दिया है उससे लग रहा है कि महेंद्रगढ़ की सीट आप पार्टी के खाते में जाएंगी। महेंद्रगढ़| हरियाणा गठन के बाद से ही महेंद्रगढ़ जिले के साथ भेदभाव होता आया है। महेंद्रगढ़ क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस बार क्षेत्र की जनता बदलाव का मन बना चुकी है। इस चुनाव के बाद महेंद्रगढ़ के इतिहास में बदलाव होगा तथा क्षेत्र में केजरीवाल सरकार द्वारा विकास के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। ये बातें आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. मनीष यादव ने अपने पैतृक गांव बवानियां में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि उनका अधिकांश समय बाहर बीता है। करीब दो वर्ष पहले उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए राजनीति में आने का निर्णय लिया था। डॉ. मनीष यादव ने कहा कि यह चुनाव एक बड़े बदलाव का चुनाव है। मेरा गांव एक ऐतिहासिक गांव है। हमारे गांव ने हमेशा सकारात्मक बदलाव में अपना बड़ा योगदान दिया है। इस बदलाव की लड़ाई में गांव के लोगों ने जो सहयोग करने का आश्वासन दिया है उससे लग रहा है कि महेंद्रगढ़ की सीट आप पार्टी के खाते में जाएंगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पलवल में कार ने ऑटो को मारी टक्कर:ड्राइवर समेत तीन घायल, डयूटी के लिए बस स्टैंड जा रहा था हरियाणा के पलवल जिले में टीकरी ब्राह्मण गांव के श्मशान घाट के निकट कार की टक्कर से ऑटो में सवार ऑटो चालक सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गई। दुर्घटना को अंजाम देने के बाद कार चालक अपनी कार को लेकर मौके से फरार हो गया। सदर थाना पुलिस ने घायल सवारी की शिकायत पर कार के अज्ञात चालक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। श्मशान घाट के पास हुआ हादसा सदर थाना के जांच अधिकारी राशीद खान के अनुसार टीकरी ब्राह्मण गांव निवासी देवेंद्र ने दी शिकायत में कहा कि वह प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। वह ड्यूटी जाने के लिए गांव के बस अड्डे से एक ऑटो में बैठकर पलवल बस स्टैंड जा रहा था, लेकिन जब उनका ऑटो टीकरी ब्राह्मण गांव के श्मशान घाट के निकट पहुंचा, तभी सामने से तेज गति से एक सफेद रंग की कार आई और ऑटो में टक्कर मार दी। कार चालक की तलाश में जुटी पुलिस दुर्घटना में उसे (देवेंद्र) व सवारी सविता पत्नी राजेंद्र के अलावा ऑटो चालक टीकरी ब्राह्मण गांव निवासी इकरार पुत्र इकलास घायल हो गए। पीड़ित ने कार का नंबर देख लिया था। घायलों को उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल पलवल पहुंचा दिया गया। सदर थाना पुलिस ने घायल देवेंद्र की शिकायत पर कार के अज्ञात चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार व उसके चालक की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि कार को जब्त कर उसके चालक को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के सांसद बनने पर करनाल छोड़ने से भाजपा के हाथ से जिले की पकड़ भी ढीली होती जा रही है। यहां लगातार नेताओं के इस्तीफे आ रहे हैं और पार्टी में बगावती सुर भी मुखर हो रहे हैं। मौजूदा CM नायब सैनी करनाल में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बात नहीं बन रही, क्योंकि पार्टी ने नायब सैनी को भी करनाल छोड़ लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। जबकि सैनी खुद चाहते थे कि वह करनाल से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। पार्टी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नायब सैनी को बाहरी होने के कारण करनाल की जनता नापसंद कर रही थी, इसलिए उन्हें करनाल की बजाय लाडवा से कैंडिडेट घोषित किया गया है। जगमोहन आनंद को लोकल होने के चलते करनाल सीट पर खड़ा किया गया है, लेकिन पार्टी से अलग हुए नेता हरपाल कलामपुरा कह चुके हैं कि सैनी को पार्टी ने ही परेशान कर लाडवा भेजा है। करनाल में राजनीति के जानकार मानते हैं कि जब तक यहां से मनोहर लाल खट्टर विधायक रहे और 2 बार CM बने, तब तक पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक था। क्योंकि यहां के ज्यादातर नेता खट्टर के जरिए ही पार्टी में लाए गए, और उनसे ही इन नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने की आशा थी। खट्टर के दिल्ली की राजनीति में इन्वॉल्व होने से करनाल के नेता टिकट से भी वंचित रह गए। इसका असर यह हुआ कि जिले के 5 बड़े नेता अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं। करनाल में भाजपा के हालात बिगड़ने के 3 प्रमुख कारण… 1. पूर्व सीएम खट्टर की दूरी
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर की करनाल से दूरी बढ़ गई, जबकि खट्टर ही वह धागा थे, जिससे करनाल के नेता एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उनके केंद्र में चले जाने से इन नेताओं को भाजपा का कोई अन्य बड़ा नेता संभाल नहीं पाया, जिससे पार्टी यहां कमजोर हो चली है और नेतृत्व भटकता नजर आ रहा है। 2. टिकट कटने से नाराजगी
खट्टर पंजाबी समाज से आते हैं। लोकसभा में जाने के बाद उपचुनाव में नायब सैनी को यहां से चुनाव लड़वाया गया। उस समय भी बाहरी होने का मुद्दा उठा था, लेकिन खट्टर इसे कंट्रोल कर गए। इसके चलते सैनी को उपचुनाव में जीत मिली। लोकल-बाहरी का मुद्दा इस बार न बने, इसलिए पार्टी ने सैनी को लाडवा विधानसभा भेज दिया और पंजाबी चेहरा जगमोहन आनंद को यहां से उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, कार्यकर्ता यहां विरोध जगमोहन आनंद का भी कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कहना है कि जगमोहन यहां एक्टिव नहीं रहे। इनके लिए पार्टी ने खट्टर के करीबी 4 नेताओं रेणु बाला गुप्ता, मुकेश अरोड़ा, अशोक सुखीजा और जय प्रकाश को दरकिनार कर दिया। 3. बागी नेताओं को नहीं मनाया गया
तीसरा मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है कि टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने के लिए न तो CM नायब सैनी पहुंचे और न ही पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर पहुंच पाए। इस कारण असंध से जिले राम शर्मा, करनाल से पूर्व मंत्री जय प्रकाश, इंद्री से कर्ण देव कंबोज, करनाल से हरपाल कलामपुरा और युवा नेता सुरेंद्र उड़ाना पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। पूर्व मेयर को मना लिया, लेकिन प्रचार से दूरी
करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता भी टिकट न मिलने से नाराज हो गई थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें मना लिया है। मुख्यमंत्री सैनी खुद उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। मनोहर लाल खट्टर ने भी उनके घर जाकर उनसे बात की। इसके बाद रेणु बाला ने भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और शनिवार को हुई प्रधानमंत्री की पब्लिक मीटिंग में भी शामिल हुईं। हालांकि, भाजपा कैंडिडेट जगमोहन आनंद के चुनाव प्रचार से उन्होंने दूरी बनाई हुई है, जबकि रेणु बाला को मनाने और उनका समर्थन मांगने के लिए उनके घर जगमोहन आनंद भी गए थे। करनाल से बाहर भी BJP में घमासान
इंद्री में पूर्व राज्य मंत्री और पूर्व विधायक कर्ण देव कंबोज ने BJP को ‘गद्दारों की पार्टी’ बताते हुए छोड़ दिया। उन्हें मनाने के लिए CM नायब सैनी पहुंचे थे, लेकिन कंबोज इतने नाराज थे कि उन्होंने सैनी से हाथ तक नहीं मिलाया। इसके बाद कंबोज कांग्रेस में शामिल हो गए। इंद्री में ही प्रदेश मीडिया कोआर्डिनेटर सुरेंद्र उड़ाना ने भी BJP को अलविदा कह दिया और BSP-INLD के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर गए। उधर, जिलेराम शर्मा ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने 6 महीने पहले ही पूर्व CM मनोहर लाल के नेतृत्व में BJP जॉइन की थी। 2014 में करनाल की पांचों सीटें जीती भाजपा
2014 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर के दम पर करनाल की पांचों सीटें करनाल, इंद्री, असंध, नीलोखेड़ी और घरौंडा भाजपा ने जीती थीं। इसके बाद 2019 के चुनाव में भी भाजपा ने घरौंडा, करनाल और इंद्री में जीत का सिलसिला जारी रखा, लेकिन असंध और नीलोखेड़ी को भाजपा ने गंवा दिया। दोनों चुनाव खट्टर के नेतृत्व में ही लड़े गए। इस बार पार्टी ने करनाल और असंध सीट पर चेहरे बदले हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष बना हुआ है। इसके बीच पार्टी के लिए पिछले 2 बार जैसे प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती होगी।
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड में नए सचिव की तैनाती:2011 बैच के HCS अधिकारी अजय को जिम्मेदारी, जिला परिषद CEO का काम भी देखेंगे
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड में नए सचिव की तैनाती:2011 बैच के HCS अधिकारी अजय को जिम्मेदारी, जिला परिषद CEO का काम भी देखेंगे सरकार ने हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के नए सचिव की तैनाती कर दी है। यह जिम्मेदारी 2011 बैच के HCS अधिकारी अजय चोपड़ा को दी गई है। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। अभी बोर्ड के सचिव का पद खाली था। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद बोर्ड में सचिव की अजय कुमार के रूप में पहली नियुक्ति है। अजय कुमार बोर्ड सचिव के साथ-साथ CEO जिला परिषद भिवानी का काम भी देखेंगे। HCS अधिकारी अजय चोपड़ा की पहली पोस्टिंग हिसार में बतौर जीएम रोडवेज के तौर पर हुई थी। वे मूल रूप से रोहतक के रहने वाले हैं। इससे पहले वे फतेहाबाद में अतिरिक्त उपायुक्त का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। कुछ समय पहले इनका ट्रांसफर भिवानी हो गया था। अब वह हरियाणा बोर्ड में अपनी सेवाएं देंगे। सरकार की तरफ से जारी आदेश…