पानीपत जिले के समालखा कस्बे में एक पति ने अपनी पत्नी को जिंदा जला दिया। करीब 5 साल पहले दोनों की शादी हुई थी। उत्तर प्रदेश से हरियाणा के पानीपत में काम के लिए आए थे। यहां दोनों के बीच किसी बात पर कहासुनी हुई। जिसको लेकर आरोपी पति ने अपने दोनों बच्चों को झोपड़ी से बाहर निकाला और फिर झोपड़ी में आग लगा दी। जिससे महिला की जलकर मौत हो गई। मामले की शिकायत मृतक के पिता ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। खरबूजे की खेती के लिए आए थे पानीपत
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में अलियास ने बताया कि वह गांव कुंडा कलां, जिला सहारनपुर यूपी की रहने वाली है। उसने अपनी बेटी मोसिना (23) की शादी करीब 5 साल पहले सारून निवासी गांव शाहपुर, जिला सहारनपुर यूपी के साथ की थी। अलियास ने बताया कि वह अपने दामाद सारून के साथ चुलकाना गांव निवासी अशोक कुमार के खेत में खरबूजे की खेती के लिए आए हुए थे। इलाज के दौरान तोड़ा दम दोनों की झोपड़ी साथ-साथ थी। 15-16 अप्रैल की रात को सारून ने अपनी झोपड़ी में आग लगा दी। आग लगाने से पहले उसने अपने दोनों बच्चों को झोपड़ी से बाहर निकाल दिया था और उसकी पत्नी मोसिना को वहीं पर जला दिया। उसकी नजर अचानक झोपड़ी की आग पर गई। तभी उसने अपनी बेटी को आग से बाहर निकाला। इसके बाद उसे समालखा अस्पातल ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पानीपत जिले के समालखा कस्बे में एक पति ने अपनी पत्नी को जिंदा जला दिया। करीब 5 साल पहले दोनों की शादी हुई थी। उत्तर प्रदेश से हरियाणा के पानीपत में काम के लिए आए थे। यहां दोनों के बीच किसी बात पर कहासुनी हुई। जिसको लेकर आरोपी पति ने अपने दोनों बच्चों को झोपड़ी से बाहर निकाला और फिर झोपड़ी में आग लगा दी। जिससे महिला की जलकर मौत हो गई। मामले की शिकायत मृतक के पिता ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। खरबूजे की खेती के लिए आए थे पानीपत
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में अलियास ने बताया कि वह गांव कुंडा कलां, जिला सहारनपुर यूपी की रहने वाली है। उसने अपनी बेटी मोसिना (23) की शादी करीब 5 साल पहले सारून निवासी गांव शाहपुर, जिला सहारनपुर यूपी के साथ की थी। अलियास ने बताया कि वह अपने दामाद सारून के साथ चुलकाना गांव निवासी अशोक कुमार के खेत में खरबूजे की खेती के लिए आए हुए थे। इलाज के दौरान तोड़ा दम दोनों की झोपड़ी साथ-साथ थी। 15-16 अप्रैल की रात को सारून ने अपनी झोपड़ी में आग लगा दी। आग लगाने से पहले उसने अपने दोनों बच्चों को झोपड़ी से बाहर निकाल दिया था और उसकी पत्नी मोसिना को वहीं पर जला दिया। उसकी नजर अचानक झोपड़ी की आग पर गई। तभी उसने अपनी बेटी को आग से बाहर निकाला। इसके बाद उसे समालखा अस्पातल ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
