हरियाणा के पानीपत में पुलिस प्रताड़ना से परेशान एक युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक को 5 दिन पहले जहर खाने के बाद गंभीर हालत में करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करवाने और शव लेने से इनकार कर दिया। परिजन अपनी शिकायत लेकर पानीपत एसपी के कार्यालय पहुंचे। यहां परिजनों ने एसपी को चार पन्नों की लिखित शिकायत देकर हेड कांस्टेबल समेत तीन लोगों पर परेशान करने, रिश्वत मांगने और धमकी देने का आरोप लगाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने परिजनों से कहा कि वह मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह शव नहीं लेंगे। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा घटनाक्रम… गांव के ही व्यक्ति के साथ हुआ था झगड़ा एसपी को दी शिकायत में मामन राम ने बताया कि वह गांव बिंझौल का रहने वाला है। उसका पोता गुरमीत(24) था। जिसका गांव के रहने वाले राजपाल के साथ झगड़ा हो गया था। झगड़े के दौरान राजपाल को चोट लगी थी। जिसकी शिकायत राजपाल ने 8 मरला चौकी पुलिस को दी थी। जिसके बाद राजपाल को 5 हजार रुपए देकर आपसी समझौता कर लिया था। लेकिन बाद में 8 मरला चौकी के जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल अभिमन्यु, राजपाल व सुरेश ने मिलीभगत करके उस पर उसके पोते पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। कहा कि राजपाल के द्वारा दी हुई दरख़्वास्त को दफ्तर दाखिल करवाना है तो 5 हजार रुपए देने होंगे। मृतक ने अपना मोबाइल बेचकर रिश्वत देने का वक्त मांगा था जिस पर गुरमीत ने हेड कॉन्सटेबल अभिमन्यु व सुरेश को कहीं से उधार लेकर 3 हजार रुपए दिए। बाकी 2 हजार रुपए देने के लिए अभिमन्यु से समय मांगा। लेकिन अभिमन्यु ने कहा कि बाद में कहां से पैसे आएंगे, देने अभी भी है और बाद में भी। इसलिए अभी दे दो। तब गुरमीत ने अभिमन्यु को कहा कि वह अपना मोबाइल फोन बेच देगा, जिसके बाद उन्हें पैसे देगा। इसके बाद अभिमन्यु तैश में आ गया। और कहा कि ज्यादा दिन नहीं है तेरे पास, अगर देरी की तो तुझे राजपाल के द्वारा दी हुई दरखास्त पर मुकदमा दर्ज करके जेल के अंदर डाल दूंगा। इसके बाद गुरमीत अपने घर आ गया। इसके बाद अभिमन्यु आए दिन गुरमीत को लगातार फोन करके परेशान व तंग करता रहा और लगातार मुकदमा दर्ज करने की धमकियां देता रहा। गुरमीत इसे नजर अंदाज करता रहा। लेकिन अभिमन्यु ने उसे फोन करना और धमकाना जारी रखा। रिश्वत नहीं देने पर चौकी में बुला कर डंडों से पीटा 25 दिसंबर को गुरमीत को चौकी में बुलाया, जहां अभिमन्यु ने उसकी थप्पड़ों व डंडों से पिटाई की। डराने लगा कि वह अभी उसे हवालात के अंदर कर देगा। सुबह से शाम तक उसे चौकी में बैठाकर रखा। इसके बाद राजपाल ने अभिमन्यु को कॉल किया और इस शर्त पर छोड़ा कि वह सुबह चौकी में पेश होकर 2 हजार रुपए दे देगा। 26 दिसंबर को गुरमीत, राजपाल और सुरेश के साथ चौकी में गया और अभिमन्यु को कहा कि उसके पास पैसे नहीं है, उसे थोड़ा और समय दे दो। राजपाल और सुरेश ने भी समय देने को कहा। गुरमीत वहां से चला गया। लेकिन कुछ ही देर बाद अभिमन्यु ने राजपाल और सुरेश के कहने पर गुरमीत को फोन किया और कहा कि वह उसे अंदर करेगा। अगर अंदर नहीं जाना, तो पैसे लेकर जल्दी आ आए। दुकान से लिया जहर, चौकी के बाहर पिया तंग होकर गुरमीत ने बाहर दुकान से जहर लेकर पैसे न होने के कारण 8 मरला चौकी के सामने अभिमन्यु को कहा कि उसे परेशान मत करो। अभिमन्यु ने कहा कि पैसे तो देने ही होंगे, नहीं तो अभी जेल में डाल दूंगा। जिसके बाद गुरमीत ने 8 मरला चौकी के सामने जहर खा लिया। गुरमीत के भाई नीरज के पास कहीं से फोन आया कि गुरमीत ने जहर खा लिया है और वह 8 मरला चौकी के सामने बिना कपड़ों के पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। गुरमीत को वहां से सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान 31 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत में पुलिस प्रताड़ना से परेशान एक युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक को 5 दिन पहले जहर खाने के बाद गंभीर हालत में करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करवाने और शव लेने से इनकार कर दिया। परिजन अपनी शिकायत लेकर पानीपत एसपी के कार्यालय पहुंचे। यहां परिजनों ने एसपी को चार पन्नों की लिखित शिकायत देकर हेड कांस्टेबल समेत तीन लोगों पर परेशान करने, रिश्वत मांगने और धमकी देने का आरोप लगाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने परिजनों से कहा कि वह मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह शव नहीं लेंगे। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा घटनाक्रम… गांव के ही व्यक्ति के साथ हुआ था झगड़ा एसपी को दी शिकायत में मामन राम ने बताया कि वह गांव बिंझौल का रहने वाला है। उसका पोता गुरमीत(24) था। जिसका गांव के रहने वाले राजपाल के साथ झगड़ा हो गया था। झगड़े के दौरान राजपाल को चोट लगी थी। जिसकी शिकायत राजपाल ने 8 मरला चौकी पुलिस को दी थी। जिसके बाद राजपाल को 5 हजार रुपए देकर आपसी समझौता कर लिया था। लेकिन बाद में 8 मरला चौकी के जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल अभिमन्यु, राजपाल व सुरेश ने मिलीभगत करके उस पर उसके पोते पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। कहा कि राजपाल के द्वारा दी हुई दरख़्वास्त को दफ्तर दाखिल करवाना है तो 5 हजार रुपए देने होंगे। मृतक ने अपना मोबाइल बेचकर रिश्वत देने का वक्त मांगा था जिस पर गुरमीत ने हेड कॉन्सटेबल अभिमन्यु व सुरेश को कहीं से उधार लेकर 3 हजार रुपए दिए। बाकी 2 हजार रुपए देने के लिए अभिमन्यु से समय मांगा। लेकिन अभिमन्यु ने कहा कि बाद में कहां से पैसे आएंगे, देने अभी भी है और बाद में भी। इसलिए अभी दे दो। तब गुरमीत ने अभिमन्यु को कहा कि वह अपना मोबाइल फोन बेच देगा, जिसके बाद उन्हें पैसे देगा। इसके बाद अभिमन्यु तैश में आ गया। और कहा कि ज्यादा दिन नहीं है तेरे पास, अगर देरी की तो तुझे राजपाल के द्वारा दी हुई दरखास्त पर मुकदमा दर्ज करके जेल के अंदर डाल दूंगा। इसके बाद गुरमीत अपने घर आ गया। इसके बाद अभिमन्यु आए दिन गुरमीत को लगातार फोन करके परेशान व तंग करता रहा और लगातार मुकदमा दर्ज करने की धमकियां देता रहा। गुरमीत इसे नजर अंदाज करता रहा। लेकिन अभिमन्यु ने उसे फोन करना और धमकाना जारी रखा। रिश्वत नहीं देने पर चौकी में बुला कर डंडों से पीटा 25 दिसंबर को गुरमीत को चौकी में बुलाया, जहां अभिमन्यु ने उसकी थप्पड़ों व डंडों से पिटाई की। डराने लगा कि वह अभी उसे हवालात के अंदर कर देगा। सुबह से शाम तक उसे चौकी में बैठाकर रखा। इसके बाद राजपाल ने अभिमन्यु को कॉल किया और इस शर्त पर छोड़ा कि वह सुबह चौकी में पेश होकर 2 हजार रुपए दे देगा। 26 दिसंबर को गुरमीत, राजपाल और सुरेश के साथ चौकी में गया और अभिमन्यु को कहा कि उसके पास पैसे नहीं है, उसे थोड़ा और समय दे दो। राजपाल और सुरेश ने भी समय देने को कहा। गुरमीत वहां से चला गया। लेकिन कुछ ही देर बाद अभिमन्यु ने राजपाल और सुरेश के कहने पर गुरमीत को फोन किया और कहा कि वह उसे अंदर करेगा। अगर अंदर नहीं जाना, तो पैसे लेकर जल्दी आ आए। दुकान से लिया जहर, चौकी के बाहर पिया तंग होकर गुरमीत ने बाहर दुकान से जहर लेकर पैसे न होने के कारण 8 मरला चौकी के सामने अभिमन्यु को कहा कि उसे परेशान मत करो। अभिमन्यु ने कहा कि पैसे तो देने ही होंगे, नहीं तो अभी जेल में डाल दूंगा। जिसके बाद गुरमीत ने 8 मरला चौकी के सामने जहर खा लिया। गुरमीत के भाई नीरज के पास कहीं से फोन आया कि गुरमीत ने जहर खा लिया है और वह 8 मरला चौकी के सामने बिना कपड़ों के पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। गुरमीत को वहां से सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान 31 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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