हरियाणा के पानीपत में दो दिन पहले मिले ई-रिक्शा चालक के शव के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। युवक के गले को चाकू से कई बार काटा गया था। मामले में आरोपी और कोई नहीं, बल्कि मृतक की पत्नी और प्रेमी निकला। पत्नी ने ही प्रेमी से मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिलवाया था। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को काबू कर लिया है। शनिवार को आरोपी को कोर्ट में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। दोनों के बीच बन रहा था बाधा, तभी रची साजिश पुलिस प्रारंभिक पूछताछ में महिला के प्रेमी दीपक ने बताया उसका मृतक रविन की पत्नी पिंकी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। रविन शराब पीकर हर रोज पिंकी के साथ मारपीट करता था। वह दोनों रिलेशनशिप में रहना चाहते थे। पति रविन दोनों के बीच बाधा बन रहा था। बीच से हटाने के लिए दोनों ने रविन की हत्या की साजिश रची। पिंकी ने हत्या के लिए उसको एक चाकू दिया। शराब पार्टी के बहाने बुलाया, फिर काटा गला योजना के तहत 27 नवंबर को देर शाम आरोपी दीपक ने रविन को फोन कर शराब पार्टी देने की बात कहकर रिसालू रोड पर हैंड फैब फैक्ट्री के सामने खाली जगह में बुलाया। आरोपी दीपक अंग्रेजी शराब लेकर आया था। रविन ई-रिक्शा लेकर वहा पहुंचा। दोनों नीचे बैठकर शराब पीने लगे। आरोपी दीपक ने खुद कम शराब पी और रविन को ज्यादा पिलाई। रविन को नशा होने पर आरोपी दीपक ने चाकू निकालकर रविन की गर्दन पर तीन चार वार कर उसकी हत्या कर दी और शव को वही छोड़कर फरार हो गया। साथ ही पिंकी को फोन कर हत्या करने की सूचना दी। पिंकी ने कहा वह अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाएगी, ताकि उन दोनों पर किसी को शक न हो। खुद बनी थी शिकायतकर्ता सेक्टर 29 थाना पुलिस को दी शिकायत में पिंकी ने बताया था कि नलवा कॉलोनी की रहने वाली है। उसका पति रविन ई-रिक्शा चलाता है। 27 नवंबर की सुबह रविन काम पर गया था। देर शाम तक वापस घर नही लौटा, तो वह पड़ोसी मोनू के पास गई और उसको रविन के न लौटने के बारे में बताया। मोनू ने उसको बताया रविन का उसके पास फोन आया था और बोल रहा था कि हैंड फैब फैक्ट्री के पास उसके दोस्त की बाइक की चाबी गुम हो गई है, जो मिल नहीं रही। इसके बाद वे उसकी तलाश में निकले। हैंड फैब फैक्ट्री के सामने खाली जगह में रविन की ई-रिक्शा खड़ी दिखाई दी। पास जाकर देखा रवीन जमीन पर पड़ा था और गला कटा हुआ था। हरियाणा के पानीपत में दो दिन पहले मिले ई-रिक्शा चालक के शव के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। युवक के गले को चाकू से कई बार काटा गया था। मामले में आरोपी और कोई नहीं, बल्कि मृतक की पत्नी और प्रेमी निकला। पत्नी ने ही प्रेमी से मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिलवाया था। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को काबू कर लिया है। शनिवार को आरोपी को कोर्ट में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। दोनों के बीच बन रहा था बाधा, तभी रची साजिश पुलिस प्रारंभिक पूछताछ में महिला के प्रेमी दीपक ने बताया उसका मृतक रविन की पत्नी पिंकी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। रविन शराब पीकर हर रोज पिंकी के साथ मारपीट करता था। वह दोनों रिलेशनशिप में रहना चाहते थे। पति रविन दोनों के बीच बाधा बन रहा था। बीच से हटाने के लिए दोनों ने रविन की हत्या की साजिश रची। पिंकी ने हत्या के लिए उसको एक चाकू दिया। शराब पार्टी के बहाने बुलाया, फिर काटा गला योजना के तहत 27 नवंबर को देर शाम आरोपी दीपक ने रविन को फोन कर शराब पार्टी देने की बात कहकर रिसालू रोड पर हैंड फैब फैक्ट्री के सामने खाली जगह में बुलाया। आरोपी दीपक अंग्रेजी शराब लेकर आया था। रविन ई-रिक्शा लेकर वहा पहुंचा। दोनों नीचे बैठकर शराब पीने लगे। आरोपी दीपक ने खुद कम शराब पी और रविन को ज्यादा पिलाई। रविन को नशा होने पर आरोपी दीपक ने चाकू निकालकर रविन की गर्दन पर तीन चार वार कर उसकी हत्या कर दी और शव को वही छोड़कर फरार हो गया। साथ ही पिंकी को फोन कर हत्या करने की सूचना दी। पिंकी ने कहा वह अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाएगी, ताकि उन दोनों पर किसी को शक न हो। खुद बनी थी शिकायतकर्ता सेक्टर 29 थाना पुलिस को दी शिकायत में पिंकी ने बताया था कि नलवा कॉलोनी की रहने वाली है। उसका पति रविन ई-रिक्शा चलाता है। 27 नवंबर की सुबह रविन काम पर गया था। देर शाम तक वापस घर नही लौटा, तो वह पड़ोसी मोनू के पास गई और उसको रविन के न लौटने के बारे में बताया। मोनू ने उसको बताया रविन का उसके पास फोन आया था और बोल रहा था कि हैंड फैब फैक्ट्री के पास उसके दोस्त की बाइक की चाबी गुम हो गई है, जो मिल नहीं रही। इसके बाद वे उसकी तलाश में निकले। हैंड फैब फैक्ट्री के सामने खाली जगह में रविन की ई-रिक्शा खड़ी दिखाई दी। पास जाकर देखा रवीन जमीन पर पड़ा था और गला कटा हुआ था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में 5 बहनों के इकलौते भाई की मौत:कंपनी में काम करते हुए बिगड़ी तबीयत; घर छोड़ गए कर्मी, शव रख हंगामा हरियाणा के फरीदाबाद में एक निजी कंपनी में काम करने वाले 22 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह पांच बहनों का इकलौता भाई था। कंपनी में काम करते हुए उसकी तबीयत बिगड़ी तो साथी कर्मचारी उसे घर छोड़ गए थे। बहन घर पहुंची तो वह उल्टी कर रहा था। कुछ देर बाद ही युवक ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने शव को कंपनी के गेट पर रखकर मालिक पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा भी किया। पुलिस मामले में छानबीन में लगी है। जानकारी अनुसार फरीदाबाद में नगला ऐनक्लेव में रहने वाला योगेश (22) पास ही स्थित जीएम इंजीनियरिंग कंपनी में काम करता था। उसकी बहन नेहा ने बताया की योगेश चुनाव की छुट्टी के चलते 2 दिन से घर पर ही था। भाई पूरी तरह स्वस्थ था। सुबह उसका भाई कंपनी में काम करने के लिए गया तो उसने अपने हाथों से अपने भाई को खाना दिया था। योगेश पांच बहनों में इकलौता भाई था। नेहा के मुताबिक जब उसका भाई कंपनी गया और उसकी तबीयत कंपनी में बिगड़ी तो कंपनी के कर्मचारी उसे घर पर छोड़ गए। उस समय उनके घर का ताला लगा हुआ था। भाई की हालत काफी खराब थी। इसकी सूचना पड़ोसियों ने उसे फोन कर दी। इसके बाद में आनन फानन में वह घर पहुंची। भाई के हाथ पांव की मालिश की। वह उल्टियां कर रहा था। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। नेहा ने कंपनी पर आरोप लगाया कि यदि कंपनी के कर्मचारी उसे घर न लेकर अस्पताल में ले गए होते तो उसके भाई की जान बच गई होती। फिलहाल पुलिस ने मृतक योगेश के शव का आज फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक के परिजन शव को लेकर नगला ऐनक्लेव स्थित जीएम इंजीनियरिंग कंपनी के गेट पर पहुंचे। योगेश यहीं पर काम करता था। परिजनों ने शव को कंपनी गेट के बाहर रखकर जोरदार प्रदर्शन किया। बहन ने कहा कि उनके भाई की मौत के जिम्मेदार कंपनी के मालिक हैं और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उसे जल्द गिरफ्तार किया जाए। वहीं उन्हें 20 लाख रुपए और परिवार को एक नौकरी मुहैया कराई जाए। उसका भाई घर में कमाने वाला इकलौता था। गेट के बाहर शव रखकर प्रदर्शन करने की सूचना मिलने के बाद कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने बुझाने के प्रयास में जुट गई। इस मामले में समाज सेवी संतोष यादव ने बताया कि उनकी पुलिस से मांग है कि कंपनी संचालक के खिलाफ फिर कर उसे जल्द गिरफ्तार किया जाए।
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श्रुति चौधरी की भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं:अनिरुद्ध भी बंसीलाल के नाम पर एक्टिव, जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी; बागी से भी नुकसान
श्रुति चौधरी की भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं:अनिरुद्ध भी बंसीलाल के नाम पर एक्टिव, जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी; बागी से भी नुकसान हरियाणा में भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल का परिवार आमने-सामने है। भाजपा ने यहां राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। श्रुति और अनिरुद्ध चचेरे भाई-बहन हैं। इनके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दलजीत सिंह, इनेलो-बसपा ने ओम सिंह, जजपा-असपा ने राजेश भारद्वाज और भाजपा के बागी शशिरंजन परमार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। तोशाम सीट में कुल 2.20 लाख वोटर हैं। यह सीट बंसीलाल परिवार का गढ़ रही है। अभी तक यहां 15 चुनाव हुए हैं, जिसमें 11 बार बंसीलाल परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव जीता है। लोगों का कहना है कि इस चुनाव में श्रुति और अनिरुद्ध के बीच मुकाबला है। श्रुति को बंसीलाल की विरासत का फायदा तो मिलेगा, लेकिन एकतरफा माहौल नहीं है। जाट वोट ज्यादा कांग्रेस की तरफ जाएंगे। दूसरा भाजपा से बागी शशिरंजन परमार श्रुति का गणित बिगाड़ेंगे। लोगों के मुताबिक अनिरुद्ध चौधरी को कांग्रेस की लहर का फायदा है। वह भी बंसीलाल के नाम पर ही जनता के बीच जा रहे हैं, लेकिन यहां की जनता उन्हें जानती तक नहीं। अगर उन्हें बंसीलाल के नाम का कुछ फायदा मिला तो ही वह श्रुति को टक्कर दे पाएंगे। 4 पॉइंट में समझें तोशाम विधानसभा सीट के समीकरण श्रुति चौधरी बंसीलाल की विरासत पर वोट मांग रही श्रुति चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोती हैं। उनके पिता सुरेंद्र सिंह और मां किरण चौधरी हरियाणा सरकार में मंत्री रहे हैं। श्रुति ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वह लगातार 2 लोकसभा चुनाव हारीं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया। जिसके बाद किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाया और बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। हाल ही में हुए राज्यसभा उपचुनाव में भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया और श्रुति को तोशाम से उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस चुनाव में श्रुति चौधरी बंसीलाल के नाम पर जनता के बीच जा रही हैं। वह जनता से लगातार कह रही हैं कि कांग्रेस में उनकी अनदेखी हुई है। भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भेदभाव किया है। उनकी वजह से लोकसभा में टिकट कटा। अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल की विरासत पर दावा ठोक रहे अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। रणबीर महेंद्रा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रह चुके हैं। अनिरुद्ध भी BCCI के कोषाध्यक्ष रहे हैं। रणबीर महेंद्रा ने 2005 में कांग्रेस के टिकट पर मुंढाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद 2019 में उन्होंने चरखी दादरी जिले की बाढड़ा सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। पिछले 3 चुनाव से किरण चौधरी ही तोशाम सीट से चुनाव लड़ती आ रही थीं। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गईं तो अनिरुद्ध चौधरी ने तोशाम सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया। अनिरुद्ध चौधरी भी फील्ड में दादा बंसीलाल के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वह बंसीलाल की विरासत पर खुद का हक जता रहे हैं। वह लोगों से पानी की समस्या दूर करने का वादा कर रहे हैं। शशिरंजन क्षेत्र में एक्टिव होने के नाम पर वोट मांग रहे शशिरंजन परमार साल 2000 में मुंढाल विधानसभा सीट से इनेलो के टिकट पर विधायक बने थे। करीब 7 साल पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें तोशाम सीट से उम्मीदवार बनाया। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की किरण चौधरी को कड़ी टक्कर दी और करीब 54 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव में भी वह भाजपा से टिकट की मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति को उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद वह भाजपा से बागी हो गए और कैरू गांव में समर्थकों की महापंचायत बुलाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब शशिरंजन जनता के बीच जाकर किरण और श्रुति चौधरी के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। उनका आरोप है कि राजनीतिक लाभ के लिए मां-बेटी भाजपा में शामिल हुई हैं। वह लगातार लोगों से कह रहे हैं कि मैं 5 साल से जनता के बीच आकर सुख-दुख में शामिल हो रहा हूं। बंसीलाल के दोनों बेटे एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके यह पहला मौका नहीं है, जब बंसीलाल परिवार चुनाव में आमने-सामने है। साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बंसीलाल ने अपनी हरियाणा विकास पार्टी से छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह को भिवानी सीट से उम्मीदवार बनाया था। इसी सीट पर कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा को टिकट दे दिया। तभी बंसीलाल परिवार में मतभेद की खबरें सामने आई थीं। हालांकि दोनों भाइयों ने चुनाव के दौरान एक दूसरे पर हमला नहीं बोला। वहीं बंसीलाल के परिवार से 2 कैंडिडेट देख उनके राजनीति विरोधी चौधरी देवीलाल ने अपने पोते अजय चौटाला को इसी सीट से उम्मीदवार बना दिया। ये चुनाव सुरेंद्र सिंह जीत गए। अजय चौटाला दूसरे नंबर और रणबीर महेंद्रा तीसरे नंबर पर रहे। क्या कहते हैं तोशाम के वोटर… राजकपूर बोले- बहन-भाई में टक्कर
जुई बिचली निवासी राजकपूर ने कहा कि यहां तो भाजपा व कांग्रेस बराबर हैं। थोड़ा बहुत अंतर है। मुख्य टक्कर दोनों बहन-भाई में है। शशिरंजन परमार जो वोट लेगा वह भाजपा को नुकसान होगा। इस बार श्रुति के ही जीतने के चांस हैं। यहां उनके परिवार ने काफी काम किए हैं। यहां एक कहावत है, जब बुजुर्ग आदमी मरता है तो वह अपना वारिस बनाता है कि मेरे मरने के बाद यह काम तू संभालेगा। चौधरी बंसीलाल ने श्रुति चौधरी को पगड़ी पहनाई और कहा कि मेरी वारिस तू है। इस हलके को तुमने संभालना है। किरण चौधरी जब दिल्ली की राजनीति में थीं तो बंसीलाल ने उन्हें बुलाकर कहा था कि श्रुति अभी बच्ची है, मैं पगड़ी इसके सिर पर रखता हूं। इसको तुम्हें संभालना है। तोशाम हलके को तुम्हें संभालकर रखना है। उसके बाद से तोशाम हलका किरण के साथ रहता है। सुनील ने कहा- श्रुति को परमार-भारद्वाज नुकसान पहुंचाएंगे जुई के रहने वाले सुनील लांबा ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी के जीतने की संभावना है। निर्दलीय शशिरंजन परमार राजपूतों के वोट लेगा। बंसीलाल के गांव गोलागढ़ के पास पत्थरवाली गांव के सरपंच राजेश भारद्वाज को जजपा ने उम्मीदवार बनाया है। राजेश आसपास के गांव के वोट हासिल करेगा, जिसका श्रुति चौधरी को नुकसान होगा। भाजपा का विरोध तो पहले भी था और अब भी है। जनता नहीं चाहती। इस कारण श्रुति हारेगी। टक्कर अनिरुद्ध चौधरी व श्रुति चौधरी में लग रही है। बीर सिंह बोले- भाजपा ने ओबीसी और जाटों के लिए अच्छे काम किए लेघां गांव के रहने वाले बीर सिंह ने कहा कि चुनाव में भाजपा की जीत होगी। भाजपा ने यहां काम किए हैं। सिर्फ ओबीसी के लिए ही नहीं, जाटों के लिए भी अच्छे काम हुए हैं। मैं खुद जाट हूं, लेकिन आज तक कोई भी काम नहीं रुका। तोशाम हलके की बात करें तो यहां जाटों के वोट ज्यादा हैं, जिनमें से करीब 30 प्रतिशत वोट भाजपा को मिलेंगे और ओबीसी 70 प्रतिशत भाजपा के साथ हैं। अन्य जातियों के वोट शशिरंजन परमार के भी काफी हैं और वह भाजपा के वोट काटेंगे। बंसीलाल की विरासत का फायदा श्रुति चौधरी को होगा। इसका एक कारण यह भी है कि श्रुति का परिवार ही साथ लगा हुआ है। अनिरुद्ध तो अभी आया है। कृष्ण बोले-अनिरुद्ध को कोई नहीं जानता बुजुर्ग कृष्ण ने बताया कि यहां भाजपा की श्रुति चौधरी ही जीतेगी। श्रुति को वोट देने का कारण यह है कि भाजपा ने किरण को राज्यसभा भेजा है। अनिरुद्ध चौधरी को यहां कोई नहीं जानता। कभी इससे वास्ता ही नहीं पड़ा। हमें ये भी नहीं पता था कि वह रणबीर महेंद्रा का बेटा है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा