कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कभी भी गिर सकती है। क्योंकि मोदी सरकार दो बैशाखियों पर टिकी हुई है। जिसमें से एक बैसाखी सबसे बड़े पलटूराम नीतिश कुमार की है, जो गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं। जिस दिन पलटूराम पलट गया उसी दिन मोदी सरकार धरासाई हो जाएंगी। कैप्टन यादव रविवार को समालखा में पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर द्वारा आयोजित ओबीसी सम्मेलन को बतौर मुख्य तिथि संबोधित कर रहे थे। समालखा विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी ठोक रहे पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर के आमंत्रण पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। कार्यक्रम में देरी से पहुंचने पर मांगी मांफी लेकिन कैप्टन अजय यादव करीब दो घंटे देरी से समालखा पहुंचे तब तक आधे से ज्यादा लोग अपने घर जा चुके थे। कैप्टन यादव ने देरी से आने पर लोगों से क्षमायाचना की और भविष्य में समय पर पहुंचने का आश्वासन दिया। इस मौके पर उपस्थित समर्थकों ने भरत सिंह छौक्कर को टिकट देने की बात कही। जिस पर कैप्टन अजय यादव ने कहा कि वह टिकट वितरण समिति के सदस्य हैं। 2005 में भी उन्होंने भारत सिंह छौक्कर को टिकट दिलवाई थी। इस बार भी अगर छौक्कर का नाम सर्वे में सबसे ऊपर आया तो वह टिकट दिलाने का भरसक प्रयास करेंगे। बीेजेपी के पास सिर्फ दो ही मुद्दे कैप्टन अजय यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता न तो शिक्षा और न हीं चिकित्सा की बात करते हैं। इनके सिर्फ दो ही मुद्दे हैं एक पाकिस्तान ओर दूसरा मुसलमान। पूरे प्रदेश वासियों को इस भ्रष्ट सरकार ने पोर्टल के चक्कर में उलझाये हुए है,कहीं प्रॉपर्टी आईडी व कहीं फैमिली आईडी। अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो सभी आईडी खत्म करके सिर्फ राशन कार्ड व आधार कार्ड को मान्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रदेश में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। 500 रूपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम में ये रहे मौजूद इस मौके पर कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सैनी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष करता राम कश्यप,बाबू राम कौशिक,प्रदेश उपाध्यक्ष रितु सैनी, पानीपत जिला प्रधान सुभाष,बीसी प्रकोष्ठ के जिला महासचिव मोनू रावल भी मौजूद रहे। कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कभी भी गिर सकती है। क्योंकि मोदी सरकार दो बैशाखियों पर टिकी हुई है। जिसमें से एक बैसाखी सबसे बड़े पलटूराम नीतिश कुमार की है, जो गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं। जिस दिन पलटूराम पलट गया उसी दिन मोदी सरकार धरासाई हो जाएंगी। कैप्टन यादव रविवार को समालखा में पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर द्वारा आयोजित ओबीसी सम्मेलन को बतौर मुख्य तिथि संबोधित कर रहे थे। समालखा विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी ठोक रहे पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर के आमंत्रण पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। कार्यक्रम में देरी से पहुंचने पर मांगी मांफी लेकिन कैप्टन अजय यादव करीब दो घंटे देरी से समालखा पहुंचे तब तक आधे से ज्यादा लोग अपने घर जा चुके थे। कैप्टन यादव ने देरी से आने पर लोगों से क्षमायाचना की और भविष्य में समय पर पहुंचने का आश्वासन दिया। इस मौके पर उपस्थित समर्थकों ने भरत सिंह छौक्कर को टिकट देने की बात कही। जिस पर कैप्टन अजय यादव ने कहा कि वह टिकट वितरण समिति के सदस्य हैं। 2005 में भी उन्होंने भारत सिंह छौक्कर को टिकट दिलवाई थी। इस बार भी अगर छौक्कर का नाम सर्वे में सबसे ऊपर आया तो वह टिकट दिलाने का भरसक प्रयास करेंगे। बीेजेपी के पास सिर्फ दो ही मुद्दे कैप्टन अजय यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता न तो शिक्षा और न हीं चिकित्सा की बात करते हैं। इनके सिर्फ दो ही मुद्दे हैं एक पाकिस्तान ओर दूसरा मुसलमान। पूरे प्रदेश वासियों को इस भ्रष्ट सरकार ने पोर्टल के चक्कर में उलझाये हुए है,कहीं प्रॉपर्टी आईडी व कहीं फैमिली आईडी। अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो सभी आईडी खत्म करके सिर्फ राशन कार्ड व आधार कार्ड को मान्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रदेश में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। 500 रूपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम में ये रहे मौजूद इस मौके पर कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सैनी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष करता राम कश्यप,बाबू राम कौशिक,प्रदेश उपाध्यक्ष रितु सैनी, पानीपत जिला प्रधान सुभाष,बीसी प्रकोष्ठ के जिला महासचिव मोनू रावल भी मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में सड़क हादसे में ड्राइवर की मौत:ट्रक का टायर फटने पर उतरा नीचे; चेतावनी चिन्ह लगाने पीछे गया, कैंटर ने कुचला हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे में जीटी रोड पर नेशनल हाइवे 44 पर एक बड़ा हादसा हो गया। जहां एक ट्रक का टायर फटने पर ड्राइवर नीचे उतर पीछे की ओर चेतावनी चिन्ह लगाने जा रहा था। इसी दौरान पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार कैंटर ने उसे टक्कर मार दी। जिससे चालक कैंटर और ट्रक के बीच फंस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, हादसे के बाद आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। हादसे की शिकायत मृतक के साले ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। मध्य प्रदेश से करनाल आ रहा था ट्रक चालक समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में धर्मेंद्र ने बताया कि वह जिला धौलपुर, राजस्थान का रहने वाला है। उसका जीजा बंटी बघेल निवासी मध्य प्रदेश ट्रक चालक था। जोकि 7 नवंबर को ट्रक लेकर ग्वालियर सिपुरी से निसिंग करनाल जा रहा था। धर्मेंद्र ने बताया कि उसे पता लगा कि जब बंटी समालखा को क्रॉस कर गांव झट्टीपुर के पास जीटी रोड पर पहुंचा, तो वहां अचानक ट्रक का टायर फट गया। जिसके बाद उसने ट्रक को रोका। नीचे उतर कर वह ट्रक के पीछे चेतावनी चिन्ह् लगाने लगा। इसी दौरान पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार कैंटर ने उसे टक्कर मार दी। जिससे बंटी ट्रक और कैंटर के बीच में फंस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद आरोपी मौके पर कैंटर छोड़कर फरार हो गया।
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं हरियाणा के भिवानी जिले की पंचायत गुजरानी ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा पहन के सरेआम घुमने पर रोक लगा दी है। अगर कोई युवा कच्छा पहन कर घुमता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। गांव गुजरानी की जिस ग्राम पंचायत ने यह आदेश दिया है, उसकी सरपंच महिला है। महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा काम काज देखते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा पहन कर घूमते हैं, जिससे बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है।
गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश की अवहेलना करता है तो पहले उसके घर जाकर उसके माता-पिता से बात की जाएगी। अगर फिर भी कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी और उसे जुर्माना लगाएगी। गांव में सरपंच के आदेश की मुनादी चौकीदार से करवा दी गई है। मुनादी में कहा गया है कि कोई भी नौजवान लड़का जो कच्छे में घूमेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गुजरानी गांव में युवाओं ने कच्छा पहनकर घूमना बंद कर दिया है। पानी के नल और बैंक में जाकर खड़े हो जाते थे युवा
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में नौजवान युवक जैसे भी रहे मगर जब वह दूसरों के घर या मोहल्ले में जाए तो अदब के साथ जाएं। अगर कोई सार्वजनिक जगह यानी गांव के नल और बैंक में कच्छा पहनकर घूमता तो वह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता। ऐसे में महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है। इसलिए पंचायत को यह आदेश पारित करना पड़ा। इस आदेश के बाद दूसरी पंचायतों को भी फोन आने लगे हैं और वह अपने यहां भी इस आदेश को लागू करने की बात कह रहे हैं। महिला सरपंच के घर कच्छे में आ जाते थे लोग
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश ने बताया कि उनको तब ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी जब लोग कच्छे में ही कागज पर मोहर लगवाने आ जाते थे। सरपंच मेरी पुत्रवधू हैं और वह 35 साल की है। ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए। घर में बहन-बेटियां सबके है। इसलिए यह आदेश सुनाना पड़ा। इसमें हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि गांव में कच्छा ही नहीं घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक है। युवाओं को अगर निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहननी होगी। सरपंच के आदेश की पूरे गांव ही नहीं आसपास के गांवों में भी चर्चा बनी हुई है। सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि इस आदेश को पूरी तरह से लागू तभी किया जा पाएगा जब लोग साथ देंगे। इससे गांव दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। कच्छा पहनकर घूमना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। गांव गुजरानी की 7 हजार आबादी
आपको बता दें कि गांव गुजरानी की आबादी करीब 7 हजार है। यहां करीब 1300 घर हैं। गांव में बैंक से लेकर स्कूल तक हैं। सुरेश कुमार का परिवार पहली बार पंचायत चुनाव जीता था। सुरेश कुमार की पुत्रवधु रेणु गांव की सरपंच है। रेणु के पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी पतासो देवी, लड़का विजय कुमार उसकी पत्नी सरिता, 3 पोते और 2 पोतियां हैं।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द शुरू हो सकता है। हालांकि अभी इसकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है मगर 25 नवंबर से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले इसे करवाया जा सकता है। सरकार की ओर से राज्यपाल को इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। बताया जा रहा है नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं और राज्यपाल का पत्र लिख दिया है। इससे पहले एक दिवसीय सत्र लगाया गया जिसमें सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया गया।
वहीं हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर सत्र बुलाया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा जब सदन की मुख्य कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के होगी। विधायकों के एजेंडों पर रहेगी नजर
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अपने एजेंडे रखेंगे। इस बार कई विधायक पहली बार निर्वाचित हुए हैं ऐसे में वह अपने क्षेत्र की मांगों व बातों को सदन में रखेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र दो दिन तक चल सकता है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शीतकालीन सत्र होने जा रहा है, लेकिन विधानसभा को पहली बार नेता प्रतिपक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। 20 साल में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुनने में इतना लंबा समय
हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम जारी हुए थे और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। 2009 में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई थी। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव परिणाम के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। नेता चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्तूबर को चार पर्यवेक्षक भेजे थे, लेकिन विधायक दल की बैठक में हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया गया। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान 2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।