पानीपत में बुजुर्ग को डिजिटली अरेस्ट कर ठगे 1 करोड़:पीड़ित रिटायर्ड बैंककर्मी; ठग बोले- तुम्हारे कागजात पर बने क्रेडिट कार्ड से हुआ 2 करोड़ का घपला

पानीपत में बुजुर्ग को डिजिटली अरेस्ट कर ठगे 1 करोड़:पीड़ित रिटायर्ड बैंककर्मी; ठग बोले- तुम्हारे कागजात पर बने क्रेडिट कार्ड से हुआ 2 करोड़ का घपला

हरियाणा के पानीपत शहर के सलारगंज बाजार के रहने वाले बैंक से रिटायर्ड 71 वर्षीय बैंक कर्मी को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया। बुजुर्ग को 11 घंटे तक डिजिटली अरेस्ट किया। उसके कागजात पर बने क्रेडिट कार्ड से 2 करोड़ का घपला होने की बात कही। जान से मारने की धमकी देते हुए उससे 1 करोड़ रुपए हड़प लिए। जब बुजुर्ग ने अपने जानकारों से इस बारे में बात की, तो उसे धोखाधड़ी का एहसास हुआ। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 61(2), 308(2), 318(2), 318(4), 336(2), 336(3), 351(4) के तहत केस दर्ज कर लिया है। डिजिटल अरेस्ट कर परिवार को खत्म करने की दी धमकी
साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में मुकेश कुमार गर्ग ने बताया कि वह सलारगंज बाजार का रहने वाला है। 7 दिसंबर को उसके फोन पर दोपहर करीब सवा 12 बजे एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह RBI से बोल रहा है। साथ ही कहा कि तुम्हारे नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड बना है। जिसमें तुम्हारे कागजात प्रयोग किए गए है। इससे 2 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है। 8 दिसंबर को उसे वॉट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह मुंबई पुलिस से बोल रहा है। तुम्हारे नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड बना है। जिसमें तुम्हारे कागजात प्रयोग हुए है। जिसके लिए तुम्हें डिजिटली अरेस्ट किया जाता है। उसने करीब 11 घंटे 37 मिनट तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा। कहा कि यदि इससे बचना चाहते हो तो एक करोड़ रुपए दे दो। तीन बार में आरटीजीएस से भेजे 1 करोड़ इस दौरान उसने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। इतना ही नहीं, उन्होंने एक पत्र भी भेजा, जिस पर नेशनल ऐंब्लम का चित्र छपा था और पत्र के अंत में मुंबई पुलिस का जिक्र था। डर की वजह उसने हामी भर दी। उनके बताए खातों में उसने RTGS के जरिए 65 लाख रुपए भेज दिए। 9 और 10 दिसंबर को फिर वीडियो कॉल आई। उसे फिर कॉल पर बंधक बनाकर रखा। 12 दिसंबर को फिर उसने आरटीजीएस के माध्यम से 23 लाख रुपए उनके खाते में भेज दिए। 16 दिसंबर को फिर 12 लाख रुपए जमा करवाए। इसी दौरान 7 दिसबंर से 16 दिसंबर तक उसके वॉट्सऐप नंबर पर वीडियो कॉल आती रही। उसने खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताया। कहा कि अरेस्ट से बचना चाहते हो तो बताये गए रुपए जमा करवा दो। मुकेश ने कहा कि जब उसने इसका जिक्र अपने आस-पास किया तो उसे खुद के साथ हुई धोखाधड़ी का एहसास हुआ। हरियाणा के पानीपत शहर के सलारगंज बाजार के रहने वाले बैंक से रिटायर्ड 71 वर्षीय बैंक कर्मी को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया। बुजुर्ग को 11 घंटे तक डिजिटली अरेस्ट किया। उसके कागजात पर बने क्रेडिट कार्ड से 2 करोड़ का घपला होने की बात कही। जान से मारने की धमकी देते हुए उससे 1 करोड़ रुपए हड़प लिए। जब बुजुर्ग ने अपने जानकारों से इस बारे में बात की, तो उसे धोखाधड़ी का एहसास हुआ। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 61(2), 308(2), 318(2), 318(4), 336(2), 336(3), 351(4) के तहत केस दर्ज कर लिया है। डिजिटल अरेस्ट कर परिवार को खत्म करने की दी धमकी
साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में मुकेश कुमार गर्ग ने बताया कि वह सलारगंज बाजार का रहने वाला है। 7 दिसंबर को उसके फोन पर दोपहर करीब सवा 12 बजे एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह RBI से बोल रहा है। साथ ही कहा कि तुम्हारे नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड बना है। जिसमें तुम्हारे कागजात प्रयोग किए गए है। इससे 2 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है। 8 दिसंबर को उसे वॉट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह मुंबई पुलिस से बोल रहा है। तुम्हारे नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड बना है। जिसमें तुम्हारे कागजात प्रयोग हुए है। जिसके लिए तुम्हें डिजिटली अरेस्ट किया जाता है। उसने करीब 11 घंटे 37 मिनट तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा। कहा कि यदि इससे बचना चाहते हो तो एक करोड़ रुपए दे दो। तीन बार में आरटीजीएस से भेजे 1 करोड़ इस दौरान उसने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। इतना ही नहीं, उन्होंने एक पत्र भी भेजा, जिस पर नेशनल ऐंब्लम का चित्र छपा था और पत्र के अंत में मुंबई पुलिस का जिक्र था। डर की वजह उसने हामी भर दी। उनके बताए खातों में उसने RTGS के जरिए 65 लाख रुपए भेज दिए। 9 और 10 दिसंबर को फिर वीडियो कॉल आई। उसे फिर कॉल पर बंधक बनाकर रखा। 12 दिसंबर को फिर उसने आरटीजीएस के माध्यम से 23 लाख रुपए उनके खाते में भेज दिए। 16 दिसंबर को फिर 12 लाख रुपए जमा करवाए। इसी दौरान 7 दिसबंर से 16 दिसंबर तक उसके वॉट्सऐप नंबर पर वीडियो कॉल आती रही। उसने खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताया। कहा कि अरेस्ट से बचना चाहते हो तो बताये गए रुपए जमा करवा दो। मुकेश ने कहा कि जब उसने इसका जिक्र अपने आस-पास किया तो उसे खुद के साथ हुई धोखाधड़ी का एहसास हुआ।   हरियाणा | दैनिक भास्कर