हरियाणा के पानीपत जिला के मतलौडा क्षेत्र में अज्ञात कारणों के चलते युवक द्वारा फंदा लगाकर सुसाइड करने का मामला प्रकाश में आया है। वहीं मामले की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भिजवाया। वहीं परिजनों से भी पूछताछ की। 2 लड़की व एक लड़का छोड़ गया पीछे जानकारी अनुसार गांव जोंधन कला निवासी 37 वर्षीय संदीप ने अपने गले में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को फंदे से नीचे उतारा और पोस्टमॉर्टम हेतु पानीपत सिविल अस्पताल में भिजवा दिया। मृतक अपने पीछे दो लड़की व एक लड़का छोड़ गया है। परिजनों को भी नहीं बताया परेशानी का कारण मृतक के भाई सोमपाल की सूचना पर पुलिस ने 174 के तहत कार्रवाई की बताया जाता है कि मृतक कई दिनों से परेशान चल रहा था। वह गुमसुम रहता था। मृतक ने अपनी परेशानी का कारण परिजनों को भी नहीं बताया था और फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। हरियाणा के पानीपत जिला के मतलौडा क्षेत्र में अज्ञात कारणों के चलते युवक द्वारा फंदा लगाकर सुसाइड करने का मामला प्रकाश में आया है। वहीं मामले की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भिजवाया। वहीं परिजनों से भी पूछताछ की। 2 लड़की व एक लड़का छोड़ गया पीछे जानकारी अनुसार गांव जोंधन कला निवासी 37 वर्षीय संदीप ने अपने गले में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को फंदे से नीचे उतारा और पोस्टमॉर्टम हेतु पानीपत सिविल अस्पताल में भिजवा दिया। मृतक अपने पीछे दो लड़की व एक लड़का छोड़ गया है। परिजनों को भी नहीं बताया परेशानी का कारण मृतक के भाई सोमपाल की सूचना पर पुलिस ने 174 के तहत कार्रवाई की बताया जाता है कि मृतक कई दिनों से परेशान चल रहा था। वह गुमसुम रहता था। मृतक ने अपनी परेशानी का कारण परिजनों को भी नहीं बताया था और फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में अफसरों की भर्ती में बनेगी वेटिंग लिस्ट:ग्रुप B की भर्ती में पड़ेगा असर; पहले ग्रुप C-D में ही बनती थी वेटिंग लिस्ट
हरियाणा में अफसरों की भर्ती में बनेगी वेटिंग लिस्ट:ग्रुप B की भर्ती में पड़ेगा असर; पहले ग्रुप C-D में ही बनती थी वेटिंग लिस्ट हरियाणा सरकार ने अफसरों की भर्ती से संबंधित एक बड़ा फैसला किया है। हालांकि यह फैसला लगभग 2 महीने पहले कर लिया गया था। दो महीने पहले हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) को इसकी पालना करने के लिए भेज दिया था। मगर इस फैसले का असर अब आने वाली भर्तियों में दिखाई देगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने ग्रुप बी अफसरों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है। हालांकि आयोग ने 2021 में वेटिंग लिस्ट तैयार करने का आग्रह पत्र हरियाणा सरकार को भेजा था, मगर तब सरकार HPSC के इस आग्रह को ठुकरा दिया था। 3 साल पुराने फैसले को सैनी ने दी मंजूरी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने 3 साल पुराने फैसले पर पुनर्विचार किया और जून 2024 में फैसला किया कि ग्रुप बी पदों के लिए भी HPSC वेटिंग लिस्ट तैयार करेगा। वैसे तो हरियाणा सरकार में HPSC को यह सूचना गत जून में भेज दी थी और यह भी बता दिया था कि 2019 के निर्देशानुसार वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। मगर सरकार स्पष्टता के साथ दोबारा ये निर्देश जारी करेगी। अभी इसका मसौदा तैयार हो रहा है। ग्रुप A की नौकरी में लागू नहीं होगा फैसला मुख्य सचिव कार्यालय ने HPSC सचिव को 7 जून को भेजे पत्र में लिखा है, ‘सरकार ने पुनर्विचार कर फैसला किया है कि ग्रुप बी पदों के लिए भी वेटिंग लिस्ट तैयार की जाए। जैसे 25 जून 2019 के निर्देशों में लिखा हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि ग्रुप ए पदों के लिए कोई भी वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं की जाएगी, चाहे चयन एक ही परीक्षा से हो या न हो। यह निर्णय तुरंत लागू होगा।’ अब ग्रुप बी, सी और डी पदों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। पहले ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होती थी। HPSC ने सरकार से ये की थी रिक्वेस्ट हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 2021 में प्रदेश सरकार को आग्रह पत्र भेजा था। इसमें लिखा था, ‘मुख्य सचिव के 28 अगस्त 1993 और 27 फरवरी1998 निर्देशानुसार, एचपीएससी द्वारा 25 रिक्तियों की संख्या के 25% के बराबर 25 से 50 तक की रिक्तियों के लिए 15 और 50 से अधिक की रिक्तियों के लिए 10 के बराबर, न्यूनतम दो अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार की जानी है। मूल सूची 6 माह तक वैध रहेगी, इस दौरान विभाग रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद मूल सूची वैध नहीं रहेगी। 6 महीने रहेगी मूल सूची की वैधता मूल सूची को वैधता समाप्त होने के बाद प्रतीक्षा सूची 6 माह तक वैध रहेगी प्रतीक्षा सूची तभी संचालित की जाएगी, जब मूल सूची में अनुशासित अभ्यार्थी कार्यभार ग्रहण नहीं करता है या अन्य कारणों से पद रिक्त रह जाता है। ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे। जहां विभिन्न सेवाओं के लिए एक सामान्य परीक्षा के आधार पर भर्ती की जाती है। ऐसे मामलों में कोई प्रतीक्षा सूची तैयार नहीं की जाएगी। ये निर्देश उन मामलों में भी लागू नहीं होंगे जहां नियमों में कोई विशिष्ट प्रावधान है।
हरियाणा की पूर्व IPS भारती अरोड़ा बरी:20 साल बाद मिली राहत, NDPS केस में SC ने किया दोषमुक्त, 10 साल पहले छोड़ी नौकरी
हरियाणा की पूर्व IPS भारती अरोड़ा बरी:20 साल बाद मिली राहत, NDPS केस में SC ने किया दोषमुक्त, 10 साल पहले छोड़ी नौकरी हरियाणा की पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2005 के नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) मामले में बरी कर दिया है। उनकी जांच में पाया गया था कि एनडीपीएस के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति निर्दोष था और उसे कुछ अन्य लोगों ने गलत तरीके से फंसाया था। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों की जांच करते हुए नोटिस और उसके बाद की सभी कार्रवाई को रद्द कर दिया है। अरोड़ा की अपील को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि विशेष न्यायाधीश ने प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा, “विशेष न्यायाधीश द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 58 के तहत अपीलकर्ता (भारती) को 26 फरवरी, 2007 को जारी किया गया नोटिस और विद्वान विशेष न्यायाधीश द्वारा 30 मई, 2008 को लिखे और टाइप किए गए आदेश सहित सभी बाद की कार्यवाही को रद्द और अलग रखा जाएगा।” सिलसिलेवार पढ़िए भारती से जुड़ा पूरा केस 1. जनवरी 2005 में शुरू हुआ विवाद अरोड़ा जब 21 मई 2004 से 18 मार्च 2005 तक कुरुक्षेत्र में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रहीं। इस बीच विवाद 6 जनवरी 2005 को तब पैदा हुआ जब पुलिस टीम ने रण सिंह नामक व्यक्ति को 8.7 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया। अरोड़ा ने जांच का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि रण सिंह को झूठा फंसाया गया था और पुलिस ने कुरुक्षेत्र के विशेष न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर उसे बरी करने की मांग की। हालांकि, कुरुक्षेत्र के विशेष न्यायाधीश ने 22 फरवरी, 2007 को रण सिंह को दोषी ठहराया और उन तीन लोगों (सुरजीत सिंह, अंग्रेज सिंह और मेहर दीन) को बरी कर दिया, जिन्होंने कथित तौर पर उस पर अफीम रखी थी। 2. कोर्ट ने भारती को नोटिस जारी किया विशेष न्यायाधीश ने भारती और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 58 के तहत कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। पानीपत में स्थानांतरित होने के बाद भी, न्यायाधीश ने आदेश लिखवाया, उसे सीलबंद लिफाफे में रखा और मामले को 4 जून 2008 तक के लिए स्थगित कर दिया। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने 14 अक्टूबर, 2010 को निर्देश दिया कि कुरुक्षेत्र की विशेष अदालत 27 अक्टूबर, 2010 को सीलबंद लिफाफा खोलेगी और वहीं आदेश सुनाएगी तथा कानून के अनुसार आगे की कार्यवाही करेगी। इस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई जिसने 14 अक्टूबर, 2010 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। 3. कोर्ट के फैसले पर पीठ ने उठाए सवाल पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति पीके मिश्रा और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भी शामिल थे – ने कहा, “जब हमने 24 अक्टूबर 2024 को सीलबंद लिफाफा खोला और विद्वान विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित 30 मई 2008 के आदेश का अवलोकन किया, तो हमारे लिए यह स्पष्ट हो गया कि विद्वान विशेष न्यायाधीश ने पूर्वनिर्धारित तरीके से काम किया था।” उन्होंने आगे कहा कि यह “पूरी तरह से विवेक का प्रयोग न करने को दर्शाता है।” VRS के बाद कृष्ण भक्ति कर रहीं भारती अंबाला रेंज में तैनात आईजी और वरिष्ठ आईपीएस अफसर भारती अरोड़ा नौकरी के आखिरी दिन भगवा वेशभूषा में अपने दफ्तर पहुंची थीं। जहां उन्होंने तत्कालीन डीजीपी पीके अग्रवाल से मुलाकात कर विदा ली थी। उस दौरान वृंदावन में भक्तिमार्ग पर चलने वाली भारती अरोड़ा ने कहा था कि हरियाणा में आने के बाद ही उनके जीवन में हरि का आना हुआ, एक दिव्य संत के माध्यम से इसकी लो जगी। इस क्रम में उन्होंने संत कबीरदास जी और कईं संतों की वाणी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रेम पियाला जो पिए, सिस दक्षिणा देय, लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का लेय. भारती अरोड़ा वहां से सीधा वृंदावन चली गई थीं। कबूतरबाजों के खिलाफ की थी बड़ी कार्रवाई भारती अरोड़ा ने अपने पुलिसिंग के कार्यकाल के दौरान राज्य में कबूतरबाजी के नाम पर लोगों का जीवन और पैसा हड़पने वाले 550 लोगों को हमने गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पैसे की रिकवरी भी की। उनके काम को देखते हुए पूर्व गृहमंत्री अनिल विज और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कबूतरबाजों द्वारा की जा रही ठगी के मामलों में एक्शन लेने के लिए एसआईटी का मुखिया बनाया था। अंबाला करनाल में रहते हुए भारती अरोड़ा ने बड़े बड़े कबूतरबाजों को गिरफ्तार कर जेल में भेजा। इतना ही नहीं, उनसे रिकवरी कर उन गरीब युवाओं के परिवारों की मदद का बड़ा काम हुआ, जिनका सारा कुछ बर्बाद हो गया था, साथ ही बिना किसी कुसूर के बाहर के देशों में जेलों में रहना पड़ा था। इसी तरह से गौवंश को बचाने के लिए भी भारती अरोड़ा ने गौ तस्करी वाले इलाकों में खास अभियान चलाए। उसमें भी उन्हें काफी सफलता मिली, लोगों का साथ भी मिला।
हरियाणा में यमुना नदी में डूबीं सहेलियां:एक फिसली, दूसरी बचाने के लिए कूदी, दोनों की मौत, पानी पीने गई थी
हरियाणा में यमुना नदी में डूबीं सहेलियां:एक फिसली, दूसरी बचाने के लिए कूदी, दोनों की मौत, पानी पीने गई थी हरियाणा के यमुनानगर में सोमवार (16 दिसंबर) को 2 लड़कियां यमुना नदी में डूब गईं। दोनों पानी पीने गई थीं। एक लड़की का पांव फिसला, जबकि दूसरी अपनी सहेली को बचाने के लिए कूद गई। डूबने से दोनों लड़कियों की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के लोगों और गोताखोरों की मदद से उनके शव यमुना से बाहर निकाले गए। मृतक लड़कियों की पहचान रूमा और आंचल के रूप में हुई है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। परिजनों के अनुसार, दोनों बच्चियां अन्य छोटे बच्चों के साथ सूखी लकड़ियां चुनने गई थीं। प्यास लगने पर वे पानी पीने यमुना नदी किनारे चली गईं। इसी दौरान यह हादसा हुआ। लकड़ियां बीनने गई थी जंगल में
गांव कानलसी निवासी सुनीता ने बताया कि आज उसकी बेटी आंचल और पड़ोस में रहने वाली उसकी सहेली रूमा और दो अन्य छोटी बच्चियां खाना बनाने के लिए लकड़ियां बीनने यमुना नहर के पास जंगल में गई थीं। लकड़ियां बीनते समय प्यास लगने पर आंचल और रूमा पानी पीने यमुना नदी में चली गईं। लोगों ने बचाने का प्रयास किया
लड़की की चाची दिव्या ने बताया कि यमुना में पानी पीते समय आंचल का पैर फिसल गया। वह यमुना में गिर गई और पानी में बहने लगी। रूमा ने उसे बचाने का प्रयास किया तो वह भी यमुना में डूब गई। आसपास के लोगों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया यमुना नदी में एक बड़ा गड्ढा है, जहां दोनों बच्चियां डूब गईं। आस पास के लोगों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। डूबने से दोनों बच्चियों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों के शवों को बाहर निकाला
दिव्या ने बताया कि छोटी बच्चियों ने घर आकर आंचल और रूमा के परिजनों को घटना की जानकारी दी। परिजन मौके पर पहुंचे, जिसके बाद दोनों के शवों को बाहर निकाला गया। मृतका आंचल की उम्र 17 साल है। उसके पिता का नाम सोनी कुमार और मां का नाम सुनीता है। दोनों मजदूर हैं। आंचल ने 9वीं क्लास से ही स्कूल छोड़ दिया था, क्योंकि उसे कम्पार्टमेंट आया था। दूसरी लड़की रूमा की उम्र 21 साल थी। उसके पिता सुरजीत कुमार हैं। हादसे को लेकर जांच जारी
बुड़िया थाना प्रभारी नरसिंह ने बताया कि फोन पर सूचना मिली थी कि गांव कानलसी की 2 लड़कियां यमुना नहर में डूब गई हैं। दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस हादसे की जांच कर रही है।