हरियाणा के पानीपत शहर में जीटी रोड पर एक अज्ञात वाहन ने बाइक चालक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार व्यक्ति नीचे गिर गया और घायल हो गया। जिसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से रोहतक पीजीआई ले जाया गया। वहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसे की शिकायत मृतक के भांजे ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात वाहन ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हादसे के बाद से कुछ भी बोल नहीं पाया था कृष्णपुरा चौकी पुलिस को दी शिकायत में राहिल फारूकी ने बताया कि वह शाहबाद रामपुर, यूपी का रहने वाला है। 2 सितंबर को उसे सूचना मिली थी कि उसके मामा मोहम्मद अखलाक निवासी मोहल्ला राईवाला, जिला सगरूर पंजाब का बाइक से रामपुर यूपी से अपने घर मलेरकोटला पंजाब जाते हुए जीटी रोड पानीपत में किसी अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट हो गया है। जिससे उसके मामा को काफी चोट आई है। जिसे पानीपत के सिविल अस्पताल से इलाज के लिए रोहतक पीजीआई ले जाया गया। सूचना मिलने पर वह रोहतक पीजीआई पहुंचा। जहां देखा कि मामा की हालत बहुत नाजुक है। वह कुछ भी बोल नहीं पा रहा था। मामा से मिल कर वह अपने काम गुरुग्राम चला गया। जहां पहुंचने पर उसे पता लगा कि उसके मामा की इलाज के दौरान मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत शहर में जीटी रोड पर एक अज्ञात वाहन ने बाइक चालक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार व्यक्ति नीचे गिर गया और घायल हो गया। जिसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से रोहतक पीजीआई ले जाया गया। वहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसे की शिकायत मृतक के भांजे ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात वाहन ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हादसे के बाद से कुछ भी बोल नहीं पाया था कृष्णपुरा चौकी पुलिस को दी शिकायत में राहिल फारूकी ने बताया कि वह शाहबाद रामपुर, यूपी का रहने वाला है। 2 सितंबर को उसे सूचना मिली थी कि उसके मामा मोहम्मद अखलाक निवासी मोहल्ला राईवाला, जिला सगरूर पंजाब का बाइक से रामपुर यूपी से अपने घर मलेरकोटला पंजाब जाते हुए जीटी रोड पानीपत में किसी अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट हो गया है। जिससे उसके मामा को काफी चोट आई है। जिसे पानीपत के सिविल अस्पताल से इलाज के लिए रोहतक पीजीआई ले जाया गया। सूचना मिलने पर वह रोहतक पीजीआई पहुंचा। जहां देखा कि मामा की हालत बहुत नाजुक है। वह कुछ भी बोल नहीं पा रहा था। मामा से मिल कर वह अपने काम गुरुग्राम चला गया। जहां पहुंचने पर उसे पता लगा कि उसके मामा की इलाज के दौरान मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर BJP सीरियस:कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे, खराब होने पर टिकट कटेगा; माइक्रो मैनेजमेंट के तहत रूठों को मनाएंगे
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर BJP सीरियस:कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे, खराब होने पर टिकट कटेगा; माइक्रो मैनेजमेंट के तहत रूठों को मनाएंगे लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 5 सीट हारने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का रुख सख्त हो गया है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री सहित मंत्री, विधायकों को पार्टी नेतृत्व के मंसूबों को साफ कर दिया। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें विधानसभा में दूर कर लिया जाए। जिन विधानसभाओं में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां बड़े बदलाव किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा 44 विधानसभाओं में ही जीत दर्ज कर पाई थी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सूबे के कुछ शहरी क्षेत्र ऐसे भी रहे, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इनमें अंबाला सिटी, जगाधरी, रोहतक, आदमपुर, सिरसा शहर जैसी सीटें शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में पुराने फॉर्मूले पर लौटेगी BJP… माइक्रो मैनेजमेंट पर करेगी फोकस विधानसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा ‘माइक्रो मैनेजमेंट’ के फॉर्मूले पर चलेगी और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के घर तक पहुंचेगी। यानी इस बार भाजपा हरियाणा जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। विपक्ष के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा, जिसे भेदना आसान नहीं होगा। भाजपा ने अपने पहले कार्यक्रम में ही संकेत दिए हैं कि इस बार किसी भी दूसरे दल के लिए भाजपा को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा। जिस तरह केंद्रीय नेताओं ने हर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री कहा है, उससे साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में हर कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो रविवार को हरियाणा दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नेता में जो भी कमी हो, वह कमी कार्यकर्ता बताएंगे। कार्यकर्ता के कहने पर फीडबैक लेने के बाद उस कमी को ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा बदलाव करने से भी भाजपा पीछे नही हटेगी। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा लंगर-लंगोट कसकर मैदान में उतर चुकी है। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिले फीडबैक के बाद हरियाणा भाजपा में बड़े बदलाव होने तय माने जा रहे हैं। रूठों को मनाएंगे धर्मेंद्र प्रधान हरियाणा लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद रिव्यू मीटिगों में यह भी बात सामने आई है कि सूबे में पार्टी की हार में रूठे नेताओं की भी अहम भूमिका रही। जिसके बाद अब केंद्रीय नेतृत्व ने रोहतक में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी के हर नाराज नेता को मनाया जाएगा। धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से ही नाराज अनिल विज की आवाज लगा दी, जिसके बाद उन्होंने विज को मंच पर बुलाकर उन्हें अपने साथ बिठाया। इस संकेत के बाद कार्यकर्ताओं में यह मैसेज जरूर गया है कि पार्टी में किसी भी नेता की अनदेखी नहीं की जाएगी। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
गधौली के धर्मवीर को वर्क वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर भेजा किर्गिस्तान, एजेंट के खिलाफ केस
गधौली के धर्मवीर को वर्क वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर भेजा किर्गिस्तान, एजेंट के खिलाफ केस भास्कर न्यूज | जठलाना विदेश भेजने के नाम पर युवक के साथ धोखाधड़ी हो गई। एजेंट ने वर्क वीजा की जगह जाली कागजात तैयार कर युवक को टूरिस्ट वीजा पर किर्गिस्तान भेज दिया। युवक विदेश में फंसा हुआ है, क्योंकि उसका टूरिस्ट वीजा खत्म हो गया है। वहां पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से युवक कमरे में बंद है और डर के साये में जी रहा है। परिजनों ने एजेंट से मदद मांगी तो वह गाली-गलौज व जान से मारने की धमकियां दे रहा है। परिजनों ने एजेंट की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दी है। शिकायत पर पुलिस ने गांव गुमथला निवासी एजेंट कृपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में गांव गधौली निवासी जिलावती ने बताया कि वह गरीब परिवार से संबंध रखती है। उसके पास तीन बेटियां व एक बेटा है। बेटा धर्मवीर 12वीं कक्षा तक पढ़ा है। काम की तलाश में बेटा अपने चाचा रामेश्वर के साथ गांव खजूरी निवासी सुखदर्शन सिंह के पास गया। सुखदर्शन सिंह ने उसे गांव गुमथला निवासी एजेंट कृपाल सिंह से मिलवाया। कृपाल सिंह ने कहा कि वह कम पैसों में वर्क वीजा पर उसे विदेश भेज देगा। वहां कंपनी में नौकरी भी दिलाएगा। कंपनी में आठ घंटे काम करना होगा और प्रतिमाह 65 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। इस काम के लिए साढ़े 4 लाख रुपए लगेंगे। फाइल शुरू करने की एवज में 10 हजार रुपए मांगे। जिस पर उक्त राशि कृपाल सिंह के खाते में ट्रांसफर कर दी। कुछ दिन बाद कृपाल सिंह का फोन आया और कहने लगा कि तुम्हारा वीजा आ गया बकाया राशि जल्द दे दो। उन्होंने ब्याज पर पैसे उठा कर कृपाल सिंह को नकद दे दिए। उसके बेटे को 8 दिसंबर 2023 को विदेश भेज दिया। वहां जाकर बेटे को पता चला कि उसे वर्क वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर किर्गिस्तान भेजा गया है। न ही वहां पर वो कंपनी मिली जिसमें नौकरी की बात करने की बात कृपाल सिंह ने कही। जिलावती का कहना है कि बेटा एक लाख रुपए की राशि भी लेकर गया था। वह राशि भी खत्म हो गई। बेटा एक कमरे में बंद है। बाहर निकलने पर पुलिस पकड़ती है। बेटे को रोटी भी नसीब नहीं हो रही। जब इस बारे उन्होंने कृपाल सिंह से बात की तो वह टालमटोल करने लगा। फोन उठाना बंद कर दिया। जब वह कृपाल सिंह से मिलने उसके ऑफिस गए, तो वहां उनके साथ गाली-गलौज की गई। धक्के मार ऑफिस से बाहर निकाल दिया। आरोप है कि वह जान से मारने की धमकियां दे रहा है। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा
हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा हरियाणा की 5 में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। यह सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के पास थी। दीपेंद्र ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जल्द ही इस पर उपचुनाव होगा। खास बात यह है कि हरियाणा में राज्यसभा सीट के उपचुनाव में विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार का बहुमत भी साबित हो जाएगा। जिसे विरोधी दल अल्पमत में बता रहे हैं। बता दें कि देशभर में राज्यसभा की कुल 10 सीटें लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं। इनमें एक सीट हरियाणा की है। दीपेंद्र हुड्डा का अभी 2 साल का कार्यकाल बचा हुआ था। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी सीट खाली हो गई। दीपेंद्र हुड्डा इस सीट पर मार्च 2020 में छह साल के लिए राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2026 तक था दीपेंद्र का कार्यकाल
राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए आगामी कुछ सप्ताह में भारतीय निर्वाचन आयोग देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई बाकी सीटों के साथ इस पर भी उपचुनाव कराएगा। इसलिए सांसद बनते ही रिक्त हो गई सीट
कानूनी विश्लेषक हेमंत का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। विपक्षी एकजुट हुए तो BJP के लिए मुश्किल
राज्यसभा के चुनाव में अगर विपक्षी एकजुट हुए तो भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। भाजपा के पास इस वक्त 41 BJP, हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के 29, जजपा के 10, इनेलो 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 44 विधायक हैं। अगर ये एकजुट होकर विपक्षी उम्मीदवार के हक में गए तो फिर भाजपा राज्यसभा चुनाव हार सकती है। हालांकि अगर जजपा या किसी अन्य पार्टी से क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा सीट आसानी से जीत जाएगी। क्रॉस वोटिंग से जीत सकती है भाजपा
मौजूदा समय में अगर भाजपा और उसके 2 समर्थक विधायक अलग पड़े तो भाजपा के लिए यह राज्यसभा सीट जीतनी मुश्किल होगी। हालांकि अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा यह सीट निकाल सकती है। हरियाणा में जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने खुलकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की। चुनाव के बाद वे सीएम नायब सैनी से भी मिले। राज्यसभा चुनाव में भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा।