पानीपत जिले के समालखा कस्बे के रहने वाले एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया। पीड़ित का नंबर बार-बार बंद हो रहा था, इसके लिए उसे ठगों ने कस्टमर केयर कर्मी बनकर कॉल किया। नंबर चालू करवाने के लिए उसे एक दबाने को कहा। जैसे ही उसने एक दबाया, तो उसका फोन कहीं दूसरी जगह ऑपरेट होने लगा। जिसके बाद उसके खाते से 99 हजार 500 रुपए डेबिट हो गए। मामले की शिकायत पीड़ित ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बार-बार हो रहा था नंबर बंद समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में विनोद कुमार ने बताया कि वह गांव नरायाणा का रहने वाला है। उसका फोन नंबर 26 दिसंबर को दो बार बंद हो गया था। जिसके लिए उसने कस्टमर केयर में फोन कर सुचारू करवाया था। 4 जनवरी को फिर बंद हो गया, जिसे उसने फिर से चालू करवा लिया। इसके बाद उसे एक कॉल आई। 1 दबाते ही खाते से 99 हजार 500 रुपए डेबिट कॉल करने वाले ने कहा कि आपका नंबर बार-बार बंद नहीं होगा। इसके लिए आपके पास कस्टमर केयर से फोन आएगा और आपको एक दबाना होगा। उक्त कॉल के बाद दूसरी कॉल आई और कंम्प्यूटर की आवाज में उससे से पूछा कि अपनी सिम को चालू करवाने के लिए (1) दबाए और बंद करवाने के लिए (8) दबाए। उसने (1) दबा दिया। जिसके बाद उसका नंबर पता नहीं किस जगह चालू हो गया। इसके बाद वह बैंक गया, जहां उसे पता लगा कि उसके खाते से 99 हजार 500 रुपए डेबिट हो गए है। पानीपत जिले के समालखा कस्बे के रहने वाले एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया। पीड़ित का नंबर बार-बार बंद हो रहा था, इसके लिए उसे ठगों ने कस्टमर केयर कर्मी बनकर कॉल किया। नंबर चालू करवाने के लिए उसे एक दबाने को कहा। जैसे ही उसने एक दबाया, तो उसका फोन कहीं दूसरी जगह ऑपरेट होने लगा। जिसके बाद उसके खाते से 99 हजार 500 रुपए डेबिट हो गए। मामले की शिकायत पीड़ित ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बार-बार हो रहा था नंबर बंद समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में विनोद कुमार ने बताया कि वह गांव नरायाणा का रहने वाला है। उसका फोन नंबर 26 दिसंबर को दो बार बंद हो गया था। जिसके लिए उसने कस्टमर केयर में फोन कर सुचारू करवाया था। 4 जनवरी को फिर बंद हो गया, जिसे उसने फिर से चालू करवा लिया। इसके बाद उसे एक कॉल आई। 1 दबाते ही खाते से 99 हजार 500 रुपए डेबिट कॉल करने वाले ने कहा कि आपका नंबर बार-बार बंद नहीं होगा। इसके लिए आपके पास कस्टमर केयर से फोन आएगा और आपको एक दबाना होगा। उक्त कॉल के बाद दूसरी कॉल आई और कंम्प्यूटर की आवाज में उससे से पूछा कि अपनी सिम को चालू करवाने के लिए (1) दबाए और बंद करवाने के लिए (8) दबाए। उसने (1) दबा दिया। जिसके बाद उसका नंबर पता नहीं किस जगह चालू हो गया। इसके बाद वह बैंक गया, जहां उसे पता लगा कि उसके खाते से 99 हजार 500 रुपए डेबिट हो गए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा दक्षिण हरियाणा की राजनीति का सेंटर पॉइंट कहे जाने वाले रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस के वारिस और गुरुग्राम के BJP सांसद राव इंद्रजीत सिंह रविवार को लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बन गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी अगुवाई वाली NDA सरकार में तीसरी बार जगह दी है। 73 साल की उम्र में छठी बार सांसद बने राव इंद्रजीत सिंह को सियासत विरासत में मिली। उनके पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी अलग स्थान रखते थे। राव बीरेंद्र सिंह के सियासी रुतबे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इमरजेंसी का दौर खत्म होने के बाद, 1978 के चुनाव में उनका समर्थन पाने के लिए पूर्व पीएम इंदिरा गांधी हवाई चप्पल पहनकर रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस पहुंच गई थीं। राव बीरेंद्र सिंह ने अपनी राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी अपने सबसे बड़े बेटे राव इंद्रजीत सिंह को बनाया। अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए राव इंद्रजीत ने कई दशकों से हरियाणा में अपनी अलग पहचान बना रखी है। राव इंद्रजीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ BJP के अन्य केंद्रीय नेताओं के भी करीबी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके करीबी दोस्तों में शामिल है। मोदी ने प्रभारी रहते देखा रामपुरा हाउस का जलवा वर्ष 1995 से 1999 तक नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में भाजपा के प्रदेश प्रभारी के तौर पर काम किया। उस समय प्रदेश की सियासत में रामपुरा हाउस काफी ताकतवर था। राव इंद्रजीत के पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह की दक्षिण हरियाणा के कई इलाकों में गहरी पैठ थी। दक्षिण हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर आज भी रामपुरा हाउस का दबदबा है। हरियाणा प्रभारी रहते हुए नरेंद्र मोदी ने रामपुरा हाउस की राजनीति को करीब से देखा। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, 13 सितंबर 2013 को BJP ने नरेंद्र मोदी को पार्टी का PM फेस घोषित किया। इसके ठीक 10 दिन बाद, 23 सितंबर 2013 को उस समय के कांग्रेसी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। 2014 के चुनाव में भाजपा ने राव इंद्रजीत को गुरुग्राम से टिकट दिया जहां से वह विजयी रही। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत को शामिल कर लिया। 2019 में वह लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बने। मोदी ने इस बार प्रमोट करते हुए उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का जिम्मा दिया। फरवरी 2024 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेवाड़ी में AIIMS का शिलान्यास करने पहुंचे तो उन्होंने मंच से राव इंद्रजीत को अपना दोस्त बताते हुए उनकी खुलकर तारीफ की। 6 बार के सांसद, 4 बार के केंद्रीय मंत्री और 4 बार के MLA राव इंद्रजीत ने अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस से शुरू की। वर्ष 1977 में वह रेवाड़ी जिले की तत्कालीन जाटूसाना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद इसी सीट से लगातार 4 बार- 1977, 1982, 1986 और 2000- में विधायक बनकर वह चंडीगढ़ पहुंचे। वर्ष 1986 और 1991 में वह 2 बार प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बने। महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लंबे समय तक सांसद रहे उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह ने 1998 में अपनी जगह उन्हें महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट का टिकट दिलवाया। राव इस चुनाव में विजयी रहे। हालांकि एक साल 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उन्होंने 2014, 2019 और 2024 में गुरुग्राम सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज की और तीनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बने। 2 बेटियां, बड़ी बेटी आरती राजनीतिक उत्तराधिकारी राव इंद्रजीत सिंह का जन्म रेवाड़ी के रामपुरा गांव में हुआ। उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई दिल्ली में की। उनकी पत्नी का नाम मनिता सिंह है और वह कभी राजनीति में सक्रिय नजर नहीं आईं। राव इंद्रजीत सिंह की दो बेटियां- आरती और भारती हैं। दोनों ही शादियां हो चुकी है। बड़ी बेटी आरती को राव इंद्रजीत सिंह का सियासी उत्तराधिकारी माना जाता है। आरती एक दशक से पॉलिटिक्स में एक्टिव है लेकिन अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ऐलान कर चुके हैं कि वह इसी साल आरती को विधानसभा चुनाव लड़वाएंगे। देश के लिए शूटिंग में जीत चुके मेडल राव इंद्रजीत सिंह शूटिंग के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। वर्ष 1990 से 2003 तक वह भारतीय शूटिंग टीम के मेंबर रहे और कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वह लगातार 3 साल तक स्किट में नेशनल चैंपियन रहे और SAF गेम्स में 3 गोल्ड मेडल जीते। मिनिस्टर रहते हुए, 2 साल पहले राव इंद्रजीत ने 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में सीनियर कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पिता के नक्शेकदम पर चल रही उनकी बड़ी बेटी आरती भी शूटिंग की नेशनल प्लेयर है। राजनीति के साथ-साथ आरती ने शूटिंग में कई मेडल जीते हैं। हुड्डा से खटपट के चलते छोड़ी कांग्रेस राव इंद्रजीत सिंह 37 साल कांग्रेस में रहे। वर्ष 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हरियाणा का सीएम बनने के बाद उनकी और राव इंद्रजीत सिंह की तनातनी शुरू हो गई। 2009 में हुड्डा के दूसरे कार्यकाल में अनबन बढ़ गई। राव इंद्रजीत उस दौरान हर मंच से दक्षिण हरियाणा के साथ भेदभाव की आवाज उठाते रहे और कई बार कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी बात रखी। उस समय राव इंद्रजीत तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार में राज्यमंत्री थे। जब राव इंद्रजीत की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने 2013 में अपनी बेटी आरती राव की अगुवाई में इंसाफ मंच बनाया। उसके कुछ महीने बाद, 23 सितंबर 2013 को कांग्रेस छोड़ दी और फिर भाजपा जॉइन कर ली। राव बीरेंद्र सिंह से जुड़ी पुरानी PHOTOS… ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा 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पानीपत में दुष्कर्म आरोपी ने निकाह कर मांगा तलाक:3 बच्चों की मां चार माह की गर्भवती, तलाक न देने पर हत्या की धमकी हरियाणा के पानीपत शहर की एक कॉलोनी में रहने वाली महिला से दुष्कर्म के आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए उससे शादी कर ली। अब आरोपी उस पर तलाक देने का दबाव बना रहा है। उसने महिला को कई दिनों तक बंधक भी बनाकर रखा। उसने उसके साथ बुरी तरह मारपीट की। 3 बच्चों की मां इस समय 4 महीने की गर्भवती है। पति ने उसे बुरी तरह पीटा है। उसने कहा कि अगर उसने तलाक नहीं दिया तो वह उसे जान से मार देगा। महिला ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी पति और उसका साथ देने वाले उसके दोस्त के खिलाफ धारा 85, 115(2), 351(2) और 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया है। रात को घर में घुसकर किया रेप, फिर कहा- कर लूंगा शादी एसपी को दी शिकायत में एक महिला ने बताया कि वह नूरवाला की धमीजा कॉलोनी की रहने वाली है। वह 3 छोटे बच्चों की मां है। जिनमें दो लड़कियां व एक लड़का है। महिला ने बताया कि वह पहले हरि नगर में रहती थी। जहां उसके पड़ोस में नाजीम नाम का युवक भी रहता था। एक रात नाजीम उसके कमरे में घुस गया और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। साथ ही उस पर दवाब बनाया कि वह इस बारे में किसी को न बताएं, वह उससे शादी कर लेगा। इसके बाद वह उसके साथ लगातार संबंध बनाता रहा और फिर शादी से इनकार कर दिया। जिसके बाद उसके खिलाफ रेप केस दर्ज करवाया था। इसके बाद आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए उससे शादी कर ली। गले पर चाकू रखकर तलाक के कागजों पर साइन करवा लिए शादी के कुछ दिन बाद ही पति उसे अपने गांव भोजपुर, जिला मुरादाबाद, यूपी ले गया। जहां पति ने उसे 9 दिन तक बांधकर रखा। गले पर चाकू रखकर तलाक के कागजों पर साइन करवा लिए। कहा कि उसे दहेज चाहिए था, लेकिन वह दहेज लेकर नहीं आई। इसके बाद उसने वहां आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। जहां फिर से उसने अपनी गलती मान ली और उसे अपने साथ वापस पानीपत नूरवाला ले आया। यहां लाने के बाद पति उसके साथ रोजाना मारपीट करता है। जिसमें पति का दोस्त इमरान भी उसका साथ दे रहा है। महिला इस समय 4 महीने की गर्भवती है। 13 जुलाई को उसने महिला के साथ बुरी तरह मारपीट की। अब वह उस पर दबाव बना रहा है कि वह उसे तलाक दे दें, नहीं तो वह उसे जान से मार देगा। महिला ने बताया कि उसके पति का किसी दूसरी महिला से भी अवैध संबंध है। पति नशे का भी आदी है, जो अपने दोस्तों के साथ घर में नशा करता है।
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